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कोविड-19 पर पीआईबी का दैनिक बुलेटिन

Posted On: 21 SEP 2020 6:28PM by PIB Delhi

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(पिछले 24 घंटों में जारी कोविड-19 से संबंधित प्रेस विज्ञप्तियां, पीआईबी केक्षेत्रीय कार्यालयों से मिली जानकारियां और पीआईबी द्वारा जांचे गए तथ्य शामिल हैं)

 

  • भारत में महत्वपूर्ण पड़ाव पार करते हुए राष्ट्रीय रिकवरी दर 80% के पार पहुंचा
  • भारत में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के 90,000 से अधिक रोगी ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में 93,356 मरीजों को छुट्टी दी गई
  • कुल रिकवरी के ​वैश्विक आंकड़े में भारत शीर्ष पर है। वैश्विक रिकवरी दर में भारत का योगदान 19% से अधिक
  • पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 86,961 नए मामले सामने आए हैं। पुष्टि वाले नए मामलों में से 76 प्रतिशत मामले 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से सामने आए
  • टाटा समूह एवं सीएसआईआर–आईजीआईबी द्वारा विकसित भारत का पहले सीआरआईएसपीआर कोविड–19 जांच को उपयोग की मंजूरी
  • पीएमजीकेवाई के अंतर्गत पीएमयूवाई लाभार्थियो को अब तक 13.57 करोड़ रिफिल वितरित किए गए

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भारत में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के 90,000 से अधि​क रोगी हुए ठीक, अब तक करीब 43 लाख मरीज ठीक हुए हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, भारत का रिकवरी रेट 80% के पार पहुंचा

भारत का राष्ट्रीय रिकवरी दर 80% के पार पहुंच गया है। तेजी से मरीजों के रिकवरी होने के कारण भारत में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के 90,000 से अधिक रोगी ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में 93,356 मरीजों को छुट्टी दी गई है।12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से अधिक दर्ज किया गया है।10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में नये रिकवरी के 79% मामले सामने आए हैं।

आज कुल रिकवरी के मामले करीब 44 लाख (43,96,399) दर्ज किए गए। कुल रिकवरी के ​वैश्विक आंकड़े में भारत शीर्ष पर है। वैश्विक रिकवरी दर में भारत का योगदान 19% से अधिक है।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1657227

 

नए मामलों में से 76 प्रतिशत मामले 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में

देश में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 86,961 नए मामले सामने आए हैं। पुष्टि वाले नए मामलों में से 76 प्रतिशत मामले 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से सामने आए हैं। अकेले महाराष्ट्र में 20,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और आंध्र प्रदेश में 8,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। कोविड-19 के कारण पिछले 24 घंटों में 1,130 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटों में कोविड के कारण 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 86 प्रतिशत मौतें हुई हैं। महाराष्ट्र में 455 लोगों की मौत हुई है जबकि कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 101 और 94 लोगों की मौत हुई हैं।

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प्रधानमंत्री ने बिहार में 14,000 करोड़ रुपए की लागत वाली 9 राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री ने बिहार में 9 राजमार्ग परियोजनाओं का आज शिलान्यास किया। उन्होंने बिहार के प्रत्येक गाँव को तेज़ रफ़्तार वाले इंटरनेट से जोड़ने के लिएहर गाँव ऑप्टिकल फाइबर केबलयोजना का भी शिलान्यास किया।इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में आर्थिक गतिविधियों और बुनियादी ढांचा विकास को तेज़ करने के लिए आज विशेष दिन है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि वही देश प्रगति कर पाये हैं जिन्होंने बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर बड़ा निवेश किया है। आज पहले की तुलना में दोगुनी रफ्तार से राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है। सड़क निर्माण में भी निवेश पांच गुना बड़ा है। उन्होंने कहा कि बिहार इस बुनियादी ढांचा विकास का सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य है। आज जिन परियोजनों की शुरुआत हो रही है उससे राज्य के सभी बड़े शहर जुड़ेंगे।

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बिहार में विभिन्‍न विकास परियोजनाओं के शुभारम्‍भ अवसर पर प्रधानमंत्री के सम्‍बोधन का मूल पाठ

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कोविड-19 महामारी के दौरान एलपीजी सिलेंडर का वितरण

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के एक भाग के रूप में पीएमयूवाई लाभार्थियो को 1 अप्रैल, 2020 से तीन माह के लिए मुफ्त एलपीजी रिफिल की योजना क्रियान्वयित की गई। ऐसे लाभार्थी जिन्हें रिफिल भरने के लिए अग्रिम राशि दी गई थी लेकिन जो 30 जून, 2020 तक रिफिल नहीं खरीद सके थे। ऐसे लाभार्थियों के लिए योजना को 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत पीएमयूवाई लाभार्थियों को 16 सितंबर, 2020 तक 13.57 करोड़ रिफिल वितरित किए गए। ओएमसी द्वारा खरीदे गए एलपीजी सिलेंडर का निर्माण भारत में किया जाता है और कोई आयात नहीं होता। देश में एलपीजी का उत्पादन मांग से कम होने के कारण ओएमसी देश में एलपीजी का वितरण सुचारू रखने के लिए एलपीजी का आयात करते हैं। यह जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर मे दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1657206

 

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लिए 600 करोड़ रूपए के प्रारुप को अनुमति 10,000 रुपये तक के बिना गांरटी के वर्किंग कैपिटल लोन की सुविधा

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 01 जून, 2020 को स्ट्रीट वेंडरों को सस्ते वर्किंग कैपिटल लोन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना (पीएम स्वनिधि) की शुरूआत की गई थी। इस योजना का लक्ष्य 50 लाख से ज्यादा शहरी क्षेत्रों और उसके आसपास के शहरी/ग्रामीण इलाकों के स्ट्रीट वेंडरों को लाभ पहुंचाना है। इस योजना के अंतर्गत, वेंडर 10,000 रुपये तक का वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त कर सकते हैं, जो एक साल की अवधि में मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है। ऋण को समय पर/ जल्दी चुकाने पर, प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में तिमाही आधार पर जमा किया जाएगा। यह योजना 100 रुपये प्रतिमाह तक की राशि के कैश बैक प्रोत्साहन के साथ डिजिटल लेन देन को बढ़ावा देती है। समय पर और समय से पहले ऋण चुकाने पर वेंडर अगले चक्र में बड़ी हुए सीमा के साथ वर्किंग कैपिटल लोन के लिए योग्य होगा। पीएम स्वनिधि योजना के लिए 600 करोड़ रूपए की राशि को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी आवास और शहरी मामलो के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप पुरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े- https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1657259

संसद में कृषि संबंधित विधेयकों के पारित होने पर प्रधानमंत्री ने किसानों को बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में कृषि संबंधित विधेयकों के पारित होने को भारतीय कृषि के इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए किसानों को बधाई दी है। इस सबंध में कई ट्वीट करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा, "भारतीय कृषि के इतिहास का यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। संसद में कृषि संबंधित विधेयकों के पारित होने पर हमारे मेहनती किसानों को बधाई! इससे न केवल कृषि क्षेत्र का कायाकल्प होगा बल्कि करोड़ों किसानों का सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा।दशकों से भारतीय किसान कई तरह की कठिनाइयों का सामना करने के लिए विवश रहे और बिचौलियों के हाथों परेशान होते रहे। संसद द्वारा पारित विधेयक किसानों को ऐसी विपत्तियों से मुक्त कराएंगे। ये विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों में तेजी लाएंगे और उनके लिए अधिक समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। हमारे कृषि क्षेत्र में ऐसे नवीनतम तकनीक की सख्त जरूरत है जो मेहनती किसानों की सहायता कर सके। इन विधेयकों के पारित होने के साथ ही हमारे किसानों के लिए भविष्य की आधुनिक तकनीक तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा जिसके बेहतर परिणाम होंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।मैं पहले भी कह चुका हूं और आज फिर से कह रहा हूं,न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम उनकी मदद करने और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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कोविड-19 अस्पतालो में अन्य बीमारियो के लिए उपचार की सुविधा

कोविड-19 मामलों के उचित प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को विशेष रूप से त्रिस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रबंध करने की सलाह दी है। इसमें हल्के या बिना लक्षण वाले मामलो के लिए आइसोलेशन बेड, मध्यम स्तर के मामलो के लिए ऑक्सीजन की सुविधा युक्त निर्धारित कोविड स्वास्थ्य केंद्र (डीसीएचसी) और गंभीर मामलो के लिए आईसीयू बेड की सुविधा सहित निर्धारित कोविड अस्पताल (डीसीएच) शामिल है। कोविड मामलो से अन्य रोगों के उपचार के लिए भर्ती हुए रोगियों में संक्रमण रोकने के लिए इन बेड का प्रयोग कोविड रोगियों के अतिरिक्त किसी अन्य रोगी के लिए नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में श्रेणीबद्ध दृष्टिकोण का पालन किया है और राज्यों को विशेष कोविड-19 अस्पताल आधारभूत ढांचे के विस्तार पर सलाह दी है। राज्यों को ताजा और भविष्य में मामलो की वृद्धि दर को देखते हुए आइसोलेशन, ऑक्सीजन वाले और आईसीयू बेड की आवश्यक संख्या की योजना पर सलाह दी गई है। स्थिति को निरंतर बदलते स्वरूप को देखते हुए बेड की प्रयोग की स्थिति में प्रतिदिन बदलाव होता है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कल राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े- https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1657259

 

कोविड महामारी का शिशु टीकाकरण कार्यक्रम पर प्रभाव

अप्रैल 2020 में कोविड-19 महामाही के प्रारंभ होने के कारण टीकाकरण सेवा धीमी हुई लेकिन कई प्रयासों के बाद इसमें सुधार हुआ है। कोविड-19 महामारी के बीच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण सेवाओं जैसे प्रजनन, मातृक, नवजात, शिशु, किशोर स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रम जारी रखने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए। स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली( एचएमईएस) के अनुसार अप्रैल-जून 2020 की अवधि में ग्रामीण क्षेत्र में 37,49,939 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया जबकि गत वर्ष की समान अवधि में 46,75,437 बच्चों का टीकाकरण किया गया था। प्रत्येक टीकाकरण सत्र के बाद लाभार्थी की सूची बनाई जाती है। इससे नियमित टीकाकरण में छूटने वाले लाभार्थी और कोविड-19 महामारी के कारण टीकाकरण न कर पाने वाले लाभार्थी सम्मिलित हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कल राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1657055

 

कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सीय अपशिष्ट का प्रबंधन

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार कोविड-19 महामाही के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पहने जाने वाली निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट सहित आम लोगों के जैव-चिकित्सीय अपशिष्ट का निपटारा करना चुनौती बना हुआ है। सीपीसीबी ने बीएमडब्लएम नियम,2016 के प्रावधानों के अंतर्गत दिशानिर्देश जारी किए हैं जो जैव-चिकित्सीय अपशिष्ट को संभालने, उपचार और निस्तारण में सलाह देते हैं। सीपीसीबी ने इसके साथ ही कोविड-19 रोगियों के उपचार/निदान/पृथकवास में चिकित्सीय अपशिष्ट को संभालने, उपचार और निस्तारण के लिए अलग दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह प्रयोग किए गए मास्क और ग्लव्स सहित कोविड-19 संबंधी चिकित्सीय अपशिष्ट के प्रबंधन पर दिशानिर्देश देता है। इसके साथ ही सीपीसीबी ने कोविड-19 अपशिष्ट खोज के लिए एक ऐप कोविड-19 बीडब्ल्यूएम विकसित किया। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कल राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली योजना के तहत आवश्यक वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया है। इसमें राज्यों को उनकी प्राथमिकता और परिस्थिति के आधार पर संसाधन का प्रयोग करने की सुविधा होती है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 10 सितंबर, 2020 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 4256.81 करोड़ रुपए जारी किए गए। जन स्वास्थ्य और अस्पताल के राज्य विषय होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य की है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की चुनौतियो से निपटने के लिए वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की शुरूआत की गई। इसके अंतर्गत जन स्वास्थ्य सुविधा तक पंहुच वाले सभी लोगों को सुगम, वहनीय और गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासो को सहयोग दिया गया। वर्तमान में एनआरएचएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना की उपयोजना है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कल राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1657054

 

महामारी से संबंधित मानसिक बीमारियों में वृद्धि

केंद्र सरकार ने कोविड-19 के दौरान मनोसामाजिक सहयोग प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा पूर्ण प्रभावित जनसंख्या को विभिन्न लक्षित समूहों जैसे बच्चों, व्यस्क, वरिष्ठ नागरिक, महिला और स्वास्थ्यकर्मियों में वर्गीकृत कर मनोसामाजिक सहयोग देने के लिए सातो दिन चौबीसों घंटे संचालित होने वाली हेल्पलाइन, मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के प्रबंधन के लिए समाज के सभी वर्गों के लिए सलाह जारी करना,तनाव और चिंता को दूर करने के लिए दृश्य-श्राव्य माध्यम द्वारा विभिन्न मीडिया मंच का प्रयोग,राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहांस) द्वारा कोविड-19 महामारी के समय मानसिक स्वास्थ्य-सामान्य चिकित्सा और विशेष मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए दिशानिर्देशजारी किए गए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कल राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1657053

 

डॉ. हर्ष वर्धन ने रविवार संवाद-2 के दौरान सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से बातचीत की

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्ष वर्धन ने कल दूसरी बार रविवार संवाद मंच के माध्यम से सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। इन प्रश्नों में न केवल कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के बारे मे बल्कि इसके प्रति सरकार के दृष्टिकोण को भी शामिल किया गया, साथ ही संबंधित विषयों जैसे विज्ञान के क्षेत्र में भारत के विकास को भी शामिल किया गया।भविष्य में ऐसी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति का सामना करने के लिए जो ठोस कदम उठाने की योजना बनाई गई है, उस पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 'आत्म-निर्भर भारत अभियान' राष्ट्र को इतनी मजबूती प्रदान करेगा कि हम एक और महामारी सहित किसी भी परिस्थिति से निपटने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि व्यय वित्त समिति के स्तर पर विचाराधीन एक प्रमुख प्रस्ताव में निम्नलिखित घटक शामिल किए गए हैं। संक्रामक रोगों की निगरानी को मजबूत करना और कठोर प्रतिक्रिया देना जिसमें प्रविष्‍टि बिंदु शामिल हैं। जिला अस्पतालों में समर्पित संक्रामक रोग प्रबंधन ब्लॉकों की स्थापना।एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना आदि। उन्होंने कहा कि अतीत में संक्रामक रोगों जैसे सार्स, इबोला और प्लेग को नियंत्रित करने में भारत का अनुभव कोविड को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य श्रोता को आश्वासन दिया कि भारत में सार्स-सीओवी-2 (जीआईएसएआईडी में उपलब्ध, वैश्विक डाटाबेस) के उपभेदों में अब तक कोई महत्वपूर्ण या कठोर परिवर्तन नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर द्वारा पिछले कई महीनों में विभिन्न समय-बिंदुओं में एकत्रित किए गए सार्स-सीओवी-2 वायरस के राष्ट्रीय प्रतिनिधि उपभेदों का बड़े पैमाने पर श्रेणीबद्ध किया जा रहा है और वायरस के परिवर्तन और विकास के विस्तृत परिणाम अक्टूबर के शुरुआत में उपलब्ध होंगे।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1657147

 

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलो(सीएपीएफ) में कोविड-19 के मामले

केंद्र सरकार ने कोविड-19 से पॉजिटिव होने वाले सीएपीएफ कर्मियो के स्वस्थ होने और उपचार के लिए कोविड-19 अस्पताल, कोविड देखभाल केंद्र और विशेष कोविड देखभाल केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा सीएपीएफ कर्मिय को सामान्य लाभ भी दिए गए हैं। कोविड-19 संबंधी कार्य के दौरान संक्रमण से प्रभावित होने के कारण मृत कर्मियो को भारत के वीर निधि के अंतर्गत निकटतम परिजन को 15 लाख रूपए दिए जाते हैं। इसके साथ ही अंतिम संस्कार के लिए तुरंत सहायता और परिवारिक पेंशन और अन्य देय राशि का तेजी से भुगतान किया जाता है। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने कल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1656968

 

केंद्र सरकार द्वारा भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन देने के लिए उठाए गए कदम

वैश्विक स्तर पर भारतीय चिकित्सा प्रणाली और आयुर्वेद को प्रोत्साहन देने के लिए आयुष मंत्रालय ने विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ आयुष शैक्षणिक चेयर स्थापित करने के लिए 13 सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अध्ययन, प्रशिक्षण और अनुसंधान गतिविधियो के लिए आयुष विशेषज्ञों को तैनात किया जाता है। 23 देशों के साथ परम्परागत चिकित्सा और हौम्योपेथी के क्षेत्र में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें अन्य क्षेत्रो के साथ-साथ अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण आदि में सहयोग किया जाएगा। आयुष मंत्रालय की अध्येतावृत्ति/छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत भारत के प्रमुख संस्थानों में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए 99 देशों के योग्य विदेशी नागरिकों को प्रतिवर्ष 104 छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1656379

 

कोविड-19 के लिए आयुर्वेदिक औषधि और प्रोटोकॉल

सार्स सीओवी-2 संक्रमण और कोविड-19 बीमारी के लिए संशोधित अतिरिक्त भित्तिक (ईएमआर) योजना के अंतर्गत आयुर्वेद मध्यवर्तन के कुल 247 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सार्स/कोविड मामलों के लिए आयुर्वेद पर सक्षम प्राधिकरण द्वारा धन देने हेतु 21 अनुसंधान प्रस्ताव की सिफारिश की गई है। आयुष मंत्रालय ने अंतविर्ष्यक आयुष अनुसंधान और विकास कार्यदल बनाया है। कार्यदल ने रोगनिरोधी अध्ययन और कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में मध्यवर्तन के द्वारा नैदानिक अनुसंधान प्रोटोकॉल तैयार किया है। इसके साथ ही देश भर में विभिन्न संगठनो के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञो को चार विभिन्न मध्यवर्तन जैसे अश्वगंधा, यश्तिमधु, गुडूची और पीपली तथा पॉली हर्बल संविन्यास (आयुष-64) पर विचार-विमर्श प्रक्रिया भी प्रारंभ किया है। आयुष मंत्रालय ने आयुष संजीवनी मोबाइल ऐप विकसित किया है जो आयुष प्रतिपालन के प्रयोग और स्वीकृति पर आंकडे एकत्र करने और 50 लाख की जनसंख्या पर कोविड-19 को रोकने पर प्रभाव के प्रयास में सहायता करेगा।यह सभी अध्ययन विभिन्न चरण में हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1656377

 

कोविड महामारी का कृषि क्षेत्र में प्रभाव

लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र सामान्य रूप से कार्य करता रहा। केंद्र सरकार ने मानसून से पहले और मानसून के दौरान सुचारू रूप से बुवाई के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए। लॉकडाउन अवधि के दौरान कृषि गतिविधियों को सभी आवश्यक छूट प्रदान की गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय(सीएसओ) द्वारा 31 अगस्त, 2020 को जारी राष्ट्रीय आय 2019-20 के अस्थायी अनुमान के अनुसार वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में कृषि और संबंध क्षेत्रों की वास्तविक सकल मूल्य संकलित (जीवीए) 3.4 प्रतिशत रहेगी। मनरेगा और पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत कृषि कामगारो को सहायता प्रदान की गई। पीएम किसान योजना के अंतर्गत योजना की शुरुआत से 15 सितंबर 2020 तक 10.19 करोड़ किसान परिवार को लाभ मिला और 15 सितंबर, 2020 तक 94,1305 करोड़ रुपए जारी किए गए। लॉकडाउन की अवधि में विभिन्न लाभार्थियों को 15 सितंबर, 2020 तक 410,86 करोड़ रूपए जारी किए गए। यह जानकारी केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कल लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े- https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1657224

 

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड प्रबंधन की स्थिति और ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा उपयोग की समीक्षा की

कोविड-19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की समन्वित रणनीति के एक हिस्से के रूप में, आज कैबिनेट सचिव द्वारा एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की गई। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के विभाग के सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों ने इस समीक्षा बैठक में भाग लिया। देश में कोविड के लगभग 80 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ही हैं।वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने भी इन राज्यों को संबोधित किया और इन प्रदेशों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से विशेष रूप से अनुरोध किया कि वे जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का विश्लेषण करने पर अपना ध्यान केंद्रित करें और ऑक्सीजन की उपलब्धता से संबंधित तार्किक मुद्दों के लिए प्रभावी रूप से योजना बना कर प्रबंधन करें। उन्होंने राज्यों से उनकी सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने का आग्रह भी किया, जिसका अनुकरण देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जा सके।कैबिनेट सचिव ने राज्यों से परीक्षण संख्या बढ़ाने की बात का ज़िक्र करते हुए, चिंता व्यक्त की कि कई राज्यों की मृत्यु दर अभी भी राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। उन्होंने अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए जिलों और अस्पताल वार मृतकों की संख्या का विश्लेषण करने का आग्रह किया। कैबिनेट सचिव ने आरटी-पीसीआर क्षमता का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भी राज्यों को प्रेरित किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि कोई भी लक्षणात्मक नकारात्मक मामला (रैपिड एंटीजेन टेस्ट द्वारा परीक्षण) छूटा न हो और ऐसे सभी मामलों में अनिवार्य रूप से प्रशासित आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया हो।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1656826

 

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने इस बात पर चिंता जताई है कि जम्मू में कोविड के बाद स्वस्थ होने वालों की संख्या देशभर में सबसे कम, मात्र 43 प्रतिशत रिकार्ड की गई है। उन्होंने घोषणा की कि केंद्र जम्मू की कोविड की स्थिति पर दैनिक आधार पर निगरानी रखेगा और क्षेत्र में महामारी की स्थिति में सुधार होने तक विशेषज्ञों का एक केंद्रीय दल नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से लगातार टेली संपर्क सुविधा के माध्यम से जुड़े रहने के साथ ही जम्मू के चिकित्सकों के साथ लगातार संपर्क में रहेगा। जम्मू क्षेत्र में कोविड की इस चिंताजनक स्थिति की समीक्षा के लिए आहूत एक बैठक के दौरान, डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने डॉ. एस के सिंह और डॉ. विजय हांडा के नेतृत्व में जम्मू के दौरे पर गए केंद्रीय दल से वहां के बारे में जानकारी ली। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में कोविड के बढ़ते मामलों से प्रभावी तौर से निपटा जाएगा और इसके लिए बेहतर अस्पताल प्रबंधन और परिरोधन रणनीति अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी और अस्पतालों में चिकित्सकीय कर्मचारियों की कमी जैसे मुद्दों का जल्दी से जल्दी समाधान कर लिया जाएगा।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़े-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1656900

 

एनसीएल ने 50 एम्बुलेंस खरीदने के लिए उत्तर प्रदेश को दिए 5 करोड़ रुपये

कोविड-19 के खिलाफ जंग में एक उल्लेखनीय मदद करते हुए राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया की इकाई नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने 50 एम्बुलेंस खरीदने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य को पांच करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। एनसीएल के सीएमडी श्री प्रभात कुमार सिन्हा और निदेशक (कार्मिक) श्री बिमलेंदु कुमार ने उक्त राशि का एक चेक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को 18 सितंबर को लखनऊ में सौंपा।

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भारत का पहला सीआरआईएसपीआर कोविड–19 जांच, जिसे टाटा समूह एवं सीएसआईआर – आईजीआईबी द्वारा विकसित किया गया है, को भारत में उपयोग की मंजूरी

टाटा सीआरआईएसपीआर (क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शार्ट पालिंड्रोमिक रिपीट) जांच, जोकि सीएसआईआरआईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी) एफईएलयूडीए द्वारा संचालित है, को नोवेल कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए 96% संवेदनशीलता एवं 98% विशिष्टता के साथ उच्च गुणवत्ता वाले मानदण्डों को पूरा करने केआईसीएमआर के दिशानिर्देश के अनुसार ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) से शनिवार को व्यावसायिक शुरुआत के लिए विनियामक मंजूरी मिल गयी।इस जांच में एसएआरएस–कोव-2 वायरस के जीनोमिक अनुक्रम का पता लगाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एक अत्याधुनिक सीआरआईएसपीआर तकनीक का उपयोग होता है। टाटा सीआरआईएसपीआर जांच कोविड-19 के वायरस का सफलतापूर्वक पता लगाने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित सीएएस9 प्रोटीन को तैनात करने वाला दुनिया का पहला नैदानिक ​​जांच है। यह भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो 100 दिनों से कम समय में अनुसंधान एवं विकास से आगे बढ़ते हुए एक उच्च सटीकता, मापने योग्य एवं विश्वसनीय जांच तक पहुंच गया है।

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भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्रों में खेलो इंडिया-फिर से के नाम से खेल गतिविधि फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित : श्री किरेन रिजिजू

कोविड -19 महामारी के प्रसार के कारण देश भर में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) खेल प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत एसएआई के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम अस्थायी रूप से रद्द कर दिए गए और भारतीय खिलाड़ियों के विदेशी प्रशिक्षण में भी कमी की गई। हालांकि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रशिक्षण की फिर से शुरुआत की गई है। कोविड-19 महामारी को देखते हुए एएसआई केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्रों में खेलो इंडिया-फिर से के नाम से खेल गतिविधियां फिर से शुरू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित की गई है। इन एसओपी के अंतर्गत प्रशिक्षण केंद्र में खिलाडी, तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारी, प्रशासनिक कर्मचारी, छात्रावास और सुविधा प्रबंध कर्मचारी और केंद्र का दौरा करने वाले लोगों को शामिल किया गया है। सभी प्रशिक्षण केंद्र में दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के लिए कोविड कार्यदल समिति गठित की गई है। यह जानकारी केंद्रीय खेल और युवा मामलो के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर मे दी।

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कोविड-19 के कारण मंदी से निपटने के लिए वित्तीय और आर्थिक नीतियां

सरकार ने कोविड-19 के अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए वित्तीय और आर्थिक नीतियों का विवेकपूर्ण मिलाजुला क्रियान्वयन किया। 12 मई, 2020 को व्यापार को प्रोत्साहित करने, निवेश आकर्षित करने और मेक इन इंडिया को सशक्त करने के लिए भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत के समान 20 लाख करोड़ रूपए के विशेष आर्थिक और विस्तृत पैकेज आत्मनिर्भर भारत योजना की घोषणा की गयी। मंत्री महोदय ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड-19 के नकारात्मक आर्थिक परिणामों को कम करने के लिए परंपरागत और गैरपंरपरागत आर्थिक और नकदी उपायों की घोषणा की। पॉलिसी दर में महत्वपूर्ण कमी की गई और 9.57 लाख करोड़ या जीडीपी का 4.7 प्रतिशत फरवरी 2020 से शामिल कर अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह बढ़ाया गया। योजना के क्रियान्यवन की समीक्षा और निगरानी नियमित रूप से की जाती है। इस दौरान प्रमुख उपलब्धियों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेपी) के अंतर्गत 7 सितंबर, 2020 तक करीब 42 करोड़ निर्धन लोगों को 68,820 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता, एमएसएमई सहित व्यापार के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रूपए का ऋण,एनबीएफसी के लिए 45 हजार करोड़ रूपए की आंशिक ऋण गारंटी योजना,एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई के लिए 30 हजार करोड़ रूपए की विशेष नकदी योजना और नाबार्ड द्वारा किसानो के लिए 30 हजार करोड़ रूपए की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यकारी पूँजी निधि योजना शामिल है। लॉकडाउन में क्रमबद्ध छूट और सरकारी नीतियों के कारण जुलाई,अगस्त और सिंतबर में अधिक गतिविधि देखी गई। यह जानकारी केंद्रीय वित्त और कार्पोरेट मामलो के मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कल राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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महिला और बाल विकास मंत्रालय ने आईसी़डीएक कार्यक्रम के अंतर्गत जारी पोषण मध्यवर्तन को आयुष प्रणाली के साथ एकीकृत करने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

महिला और बाल विकास मंत्रालय ने आईसी़डीएक कार्यक्रम के अंतर्गत जारी पोषण मध्यवर्तन को आयुष प्रणाली के साथ एकीकृत करने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ कल एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमति स्मृति जुबिन ईरानी ने दोनो मंत्रालयो के बीच समझौते ज्ञापन को कुपोषण समाप्त करने में मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आंगनवाड़ी में पोषणवाटिका के लक्ष्य के साथ-साथ चुने हुए आंगनवाड़ी केंद्रो में औषधीय उद्यान भी विकसित किया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्र में आयोजित योग कक्षा से महिलाओ और बच्चों को लाभ मिलेगा। उन्होंने आशा जताई कि विज्ञान और आयुर्वेद के साथ-साथ प्रयोग से चुने हुए समूहो में उच्चतम पोषण मानक प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। श्री श्रीपद येशो नाईक ने कहा कि आयुष पद्धति भारतीय पंरपरा में रची बसी है। उन्होंने महिला और बाल विकास तथा आयुष मंत्रालय द्वारा कुपोषण को समाप्त करने और लोगों के स्वास्थ्य विशेष रूप से महिलाओ और बच्चो के स्वास्थ्य को बेहतर करने के समान उद्देश्य से साथ आने के लिए सराहना की।

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कोविड-19 के दौरान चुनाव कराने के अनुभवों को साझा करने के लिए दुनियाभर के लोकतंत्र एक साथ आए

भारत के निर्वाचन आयोग ने एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब) की अध्यक्षता का एक वर्ष पूरा होने पर आजकोविड-19 के दौरान चुनाव आयोजित करने के मुद्दे, चुनौतियां और प्रोटोकॉल: देश के अनुभव को साझा करनाके विषय पर हुए एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की मेजबानी की। यह दुनियाभर के लोकतांत्रिक देशों के लिए कोविड-19 के दौरान चुनाव कराने के अनुभवों को साझा करने की दिशा मे एक साथ आने का अवसर था।पूरी दुनिया के 45 देशों के 120 से ज्यादा प्रतिनिधियों और 4 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने आज के वेबिनार में हिस्सा लिया।

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पत्र सूचना कार्यालय के क्षेत्रीय कार्यालयों से मिली जानकारियां

पंजाब : केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के अनुरूप पंजाब सरकार ने अनलॉक 4.0 के दिशा निर्देश में आंशिक बदलाव किया है। राज्य सरकार ने कंटेनमेंट क्षेत्र से बाहर के विद्यालयों में नौवीं से बारहवीं के क्षेत्रो को स्वैच्छिक आधार पर अपने शिक्षकों से सलाह लेने के लिए स्कूल आने की अनुमति दे दी है। हालांकि यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 8 सिंतबर, 2020 को जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप 21 सितंबर से अभिभावको के लिखित अनुमति देने पर लागू होगी।

हरियाणा : राज्य में कोविड-19 रोगियों के घर में एकांतवास देखभाल को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें जिला घर एकांतवास निगरानी दल द्वारा हर दूसरे दिन व्यक्तिगत दौरे पर जोर दिया गया है। कोविड-19 रोगियों के घर में एकांतवास में सुधार पर जोर देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना से प्रभावित 60 से 70 प्रतिशत लोग घर में एकांतवास में हैं और रोगियों की उचित देखभाल और उपचार देने के लिए वर्तमान में घर में एकांतवास की नीति को बढ़ाने की जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश : राज्य सरकार ने कंटेनमेंट क्षेत्र से बाहर के विद्यालयों में नौवीं से बारहवीं के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर अपने शिक्षकों से सलाह लेने के लिए स्कूल आने की अनुमति दे दी है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 8 सिंतबर, 2020 को जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप 21 सितंबर से अभिभावको के लिखित अनुमति देने पर लागू होगी।

अरूणाचल प्रदेश : राज्य में बीते चौबीस घंटे में 135 नए पॉजिटिव मामले सामने आए।

असम : राज्य में कल 1,795 रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दी गई जबकि 19,318 जांच में से 1,227 कोविड-19 के मामले सामने आए। राज्य में पॉजिटिविटी दर 6.35 प्रतिशत है। असम में अब तक 1,27,335 रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है और 28,780 सक्रिय रोगी हैं।

मणिपुर : राज्य में कोविड-19 के 170 नए पॉजिटिव मामले सामने आए। मणिपुर में कोरोना के अब कुल 8,894 मामले हैं। 76 प्रतिशत स्वस्थ होने की दर से 2070 सक्रिय मामले हैं। राज्य में दो रोगियों की कोविड-19 से जुड़ी जटिलता के कारण मृत्यु हुई है। मणिपुर में अब तक 57 लोगो की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है।

मेघालय : राज्य में अब 2,111 सक्रिय मामले हैं। इनमें बीएसएफ और सैन्य बलो से जुड़े 345 मामले और अन्य लोगों से जुड़े 1,766 मामले हैं। मेघालय में अब तक 2,513 लोग कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं।

मिजोरम : राज्य में कल कोरोना के 7 नये मामले सामने आए। मिजोरम में अब कोरोना के कुल 1,585 मामले और 583 सक्रिय मामले हैं।

नगालैंड : राज्य में आज से स्कूल स्वैच्छिक आधार पर खुलेंगे। अधिकारी स्कूल खुलने के बाद स्थिति और प्रतिक्रिया पर कड़ी नजर रखेंगे। रविवार को कोविड-19 के 59 पॉजिटिव मामले सामने आए। इनमें 45 दीमापुर से और 14 कोहिमा में मिले।

सिक्किम : राज्य में 6 माह बाद सीमा खोलने की तैयारी की जा रही है। राज्य में 10 अक्टूबर से अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को अनुमति मिलेगी। सिक्किम में रविवार को कोरोना के 49 नए मामले सामने आए। राज्य में अब 469 सक्रिय मामले हैं। राज्य में कोरोना के 2,391 मामले हैं और 1,894 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

केरल : राजधानी में कोविड-19 की स्थिति गंभीर बनी हुई है और प्रतिदिन 800 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। केंटोनमेंट खंड में तैनात एसीपी सहित 20 पुलिसकर्मी आज कोरोना से संक्रमित पाए गए। एसीपी ने सचिवालय में विपक्ष द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में पुलिस बल की अगुवाई की थी और सीएम की भागीदारी वाले कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सिटी पुलिस कमिश्नर अपने सुरक्षा अधिकारी के कोविड पॉजिटिव होने के बाद स्वत:-एंकातवास में चले गए हैं। तिरूवनंतपुरम में एक व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु होने के बाद केरल में कोरोना से अब तक 536 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। राज्य में कोरोना के मामलो के बढ़ने का सिलसिला जारी है और कल 4,696 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए। केरल में 39,415 लोगों का उपचार चल रहा है और ,2,22,179 लोग विभिन्न जिलो में निगरानी में हैं।

तमिलनाडु : पुडुचेरी प्रशासन कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के सामाजिक-आर्थिक रूपरेखा आंकडे़ का प्रयोग कर अतिसंवेदनशील वर्ग को लक्षित करेगा। तमिलनाडु में कोविड-19 के तुरंत और मध्यम अवधि के प्रभाव का आंकलन करने के लिए रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर सी रंगराजन की अध्यक्षता में बना उच्च-स्तरीय दल आज अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। रविवार को राज्य में 5,516 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कुल मामले 5,41,993 हो गए हैं। इसके साथ ही 5,206 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। तमिलनाडु में अब तक 4,86,479 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है और अब तक 8811 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

कर्नाटक : राज्य सरकार कोरोना से स्वस्थ हुए रोगियो पर दीर्घकालीन प्रभाव का अनुसंधान करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञो की एक विशेष तकनीकी समिति का गठन करेगी। राज्य में 28 सितंबर से न्यायालय चरणबद्ध रूप से खुलेंगे। एक अध्ययन के अनुसार कर्नाटक में लॉकडाउन के दौरान लक्षण वाले रोगी संक्रमण के मुख्य वाहक थे।

आंध्रप्रदेश : एक सकारात्मक संकेत में आंध्रप्रदेश में बीते दो सप्ताह में कोरोना के ताजा मामलों के मुकाबले सबसे अधिक लोग स्वस्थ हुए। रविवार को सक्रिय मामलो की संख्या गिरकर 78,836 रह गई जबकि 5,41,319 लोग अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। आंध्रप्रदेश देश में 50 लाख से अधिक कोविड जांच कराने वाला पांचवां राज्य हो गया है। महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के बाद देश में तीसरी सबसे अधिक रिकवरी दर 12.27 प्रतिशत राज्य में है। राज्य में आज से नौवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल आंशिक रूप से छह महीने बाद और आधे शैक्षणिक सत्र की समाप्ति के बाद खुलेंगे। छात्रों को अपने अभिभावकों या संरक्षक से लिखित अनुमति लेने के बाद स्कूल में अपने शिक्षको से मिलने की अनुमति दी जाएगी।

तेलंगाना : बीते 24 घंटे में 1302 नए मामले सामने आए, 2230 लोग स्वस्थ हुए और 9 लोगों की मृत्यु हुई। 1302 मामलों में 266 मामले जीएचएमसी से मिले। राज्य में अब कोरोना के कुल 1,72,608 मामले 29,636 सक्रिय मामले, 1042 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 1,41,930 लोगों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गयी है। हैदराबाद से कतर और यूएई की विमान सेवा फिर से शुरू हो गई है। सीसीएमबी द्वारा 2 हजार सार्स सीओवी-2 जीनोम के अनुक्रम से ये स्पष्ट हुआ है कि वर्तमान में कोई क्लेड के कोविड-19 के अधिक गंभीर रूप से संबधित होने या मृत्यु के जोखिम के बढ़ने से निर्णायक रूप से संबंध नहीं है।

महाराष्ट्र : अनेक शिक्षकों के संक्रमण से प्रभावित होने के बाद राज्य के शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग से कोविड-19 के उपचार के लिए बीमा कवर देने का अनुरोध किया है। राज्यभर में अप्रैल और अगस्त के बीच लगभग 3.5 लाख शिक्षक कोविड संबंधी कार्य में तैनात थे। इस बीच मुंबई के निकट डोंबिवली में 106 वर्षीय निवासी ने कोरोना को परास्त कर दिया और स्वस्थ होने के बाद रविवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई। राज्य में कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 8.84 लाख है और राज्य में अभी भी 2.91 लाख सक्रिय मामले हैं।

गुजरात : राज्य विधानसभा के पांच दिवसीय मॉनसून सत्र के शुरूआत से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस के एक तीन विधायक और सत्ताधारी बीजेपी का एक विधायक कोरोना से संक्रमित मिले। कोविड-19 महामारी के बीच विधानसभा के सभी कर्मचारियो और विधायको के संक्रमण के लिए जांच की जाएगी। कांग्रेस के 56 विधायक और बीजेपी के 80 विधायक जांच करा चुके हैं।

राजस्थान : कोविड संक्रमण के बढ़ते हुए मामलो को देखते हुए राज्य सरकार ने जयपुर,जोधपुर,उदयपुर और कोटा सहित 11 जिला मुख्यालयों में धारा 144 लगा दी है। अब एक स्थान पर पांच से अधिक लोगो को जमा होने की अनुमति नहीं होगी। राज्य सरकार ने 31 अक्टूबर तक किसी भी प्रकार के सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार ने कोविड रोगियो और उनके परिजनों की शिकायत के समाधान के लिए कल से सातो दिन चौबीसो घंटे हेल्पलाइन 181 शुरू करने का निर्णय लिया है।

छत्तीसगढ़ : राज्य में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बाद दस जिलो में स्थानीय प्रशासन ने लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है। दुर्ग जिले में कल से लॉकडाउन प्रभावी हो गया है जबकि राजधानी रायपुर और सरगुजा में आज से लॉकडाउन लगाया जाएगा। बिलासपुर, बलौदाबाजार, जसपु़र, बालौद, सरगुजापुर और धमतरी जिलो में 22 सितंबर से लॉकडाउन लगाया जाएगा। रायगढ़ जिले में 24 से 30 सितंबर तक लॉकडाउन रहेगा।

गोवा : दक्षिण गोवा जिला अस्पताल ने 150 बेड की सुविधा के साथ कोविड-19 उपचार केंद्र के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। अब तक राज्य में कोविड-19 रोगियो का उपचार मारगांव (दक्षिण गोवा) स्थित ईएसआई अस्पताल, पणजी (उत्तरी गोवा) स्थित गोवा मेडिकल कालेज और अस्पताल (जीएमसीएच) और पोंडा (दक्षिण गोवा) स्थित उप-जिला अस्पताल में हो रहा है।

 

FACT CHECK

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