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काशी में बज रही है प्रगति की घंटी


आधुनिक भारत का निर्माण

Posted On: 16 APR 2025 2:28PM by PIB Delhi

 “ काशी आज केवल पुरातनता ही नहीं, प्रगति का भी प्रतीक है।

~प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रस्तावना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अप्रैल को काशी में 3,880 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस प्राचीन शहर को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। सड़कें चौड़ी की जा रही हैं; स्कूलों को उन्नत बनाया जा रहा है और नए बिजलीघर स्थापित किए जा रहे हैं। काशी अपनी जड़ें जीवित रखते हुए विकास के पथ पर अग्रसर है। वर्ष 2014 से मार्च 2025 तक काशी में विकास के तहत कुल 48,459 करोड़ रुपय की लागत से 580 परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया। इसका उद्देश्य वाराणसी में आधारभूत ढांचे में सुधार, विरासत को संरक्षित रखना और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देना है।

काशी की विकास यात्रा: उल्लेखनीय उपलब्धियां

  • 7 नवंबर, 2014 : पावरलूम (विद्युत शक्ति से चलने वाला करघा) सेवा केंद्र का उद्घाटन किया गया और जिला सहकारी बैंकों के लिए 2,375 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज की घोषणा की गई।
  • 18 सितंबर, 2015: काशी नगरी के उन्नयन के लिए 572 करोड़ रुपए की घोषणा की गई, साथ ही निकटवर्ती जिलों को जोड़ने वाली सड़कों के लिए 11,000 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया।
  • 22 दिसंबर, 2016: विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखे जाने सहित 2,100 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
  • 22 सितंबर, 2017: प्रधानमंत्री मोदी ने हस्तशिल्प वस्तुओं के लिए व्यापार सुविधा केंद्र, दीनदयाल हस्तकला संकुल का लोकार्पण किया।
  • 14 जुलाई, 2018: 900 करोड़ रुपये से अधिक की प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई।
  • 8 मार्च, 2019 : प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ गलियारे का शिलान्यास किया।
  • 30 नवंबर, 2020: प्रयागराज और वाराणसी के बीच यात्रा सुगमता के लिए 2,447 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित छह लेन वाले 73 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 का उद्घाटन किया गया । भारत की पहली रातभर में यात्रा पूरी करने वाली निजी तौर पर संचालित रेल सेवा महाकाल एक्सप्रेस आरंभ की गई।
  • 13-14 दिसंबर, 2021: लगभग 339 करोड़ रुपये के परिव्यय से निर्मित श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण का उद्घाटन।
  • 7 जुलाई, 2022: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें वाराणसी स्मार्ट सिटी और 590 करोड़ रुपये लागत की शहरी परियोजनाएं शामिल हैं।
  • 13 जनवरी, 2023 : प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज सेवा 'एमवी गंगा विलास' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
  • 18 दिसंबर, 2023: प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 19,150 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया
  • 10 अक्टूबर, 2024: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6,100 करोड़ रुपये लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।

तीर्थयात्रा से लेकर विशिष्ट अनुभव तक

वाराणसी में पर्यटन यात्रा से कहीं बढ़कर है।  यह इतिहास, आस्था और जीवंत संस्कृति से गुजरने का अनुभव है। निम्नलिखित कुछ पहल द्वारा वाराणसी में पर्यटन को नया आकार दिया जा रहा है:

1. एमवी गंगा विलास: विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज़

13 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरंभ किया गया एमवी गंगा विलास विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज वाराणसी से चलकर 28 फरवरी 2023 को डिब्रूगढ़ में पूर्ण हुआ।

 

2. टेंट सिटी: नदी तट पर आरामदायक अनुभव

शहर में गंगा नदी के तट पर स्थापित टेंट सिटी का 13 जनवरी, 2023 को उद्घाटन किया गया। वार्षिक तौर पर अक्टूबर से जून तक संचालित ये टेंट शहर में सैलानियों की बढ़ती संख्या को निवास सुविधा और नदी के किनारे रहने का अनूठा और शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं।

 

3. श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

5.5 एकड़ क्षेत्र में फैली 355 करोड़ रुपये की परिवर्तनकारी परियोजना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन 13 दिसंबर, 2021 को किया गया। यह गलियारा काशी विश्वनाथ मंदिर को चार लेन मार्ग द्वारा सीधे गंगा नदी से जोड़ता है और मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को सुगमता प्रदान करता है।

 

4. स्मारक प्रकाशमान करने की परियोजनाएं

वाराणसी के ऐतिहासिक स्मारकों की दृश्यात्मक सुंदरता बढ़ाने के लिए कई प्रकाश परियोजनाएं आरंभ की गई हैं: वर्ष 2015 में, धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप, लालकन का मकबरा और मान महल जैसे स्मारकों को प्रकाशमान करने के लिए 5.12 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। वर्ष 2017 में, दशाश्वमेध से दरभंगा घाट, तुलसी मानस मंदिर और सारनाथ संग्रहालय को प्रकाशमान करने के लिए 2.93 करोड़ रुपए मंजूर किए गए।

काशी के आधारभूत ढांचे का विकास

काशी के आधारभूत ढांचे के विकास में वर्ष 2021 से 2025 तक व्यापक प्रगति हुई है। 25 अक्टूबर, 2021 को 72.16 किलोमीटर लंबी सड़क वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-20 (पैकेज-दो) का उद्घाटन किया गया। इस परियोजना में 3,509 करोड़ रुपए की लागत आई। नमो घाट (खिड़किया घाट) का पुनर्विकास कार्य 95.2 करोड़ रुपए के परिव्यय से 15 नवंबर, 2024 को पूर्ण हुआ। घाट अब एक कैफेटेरिया, दृश्य अवलोकन मंच और विरासत भित्ति चित्र से युक्त हैं। राजघाट पर नौकाओं से उतर कर बाहर आने के लिए जेटी के निर्माण पर लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत आई। क्रूज बोट के बेड़े में प्रत्येक वोट की कीमत 20 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, रिवरफ्रंट के साथ पर्यटन क्षेत्र में वॉकवे, दृश्य अवलोकन डेक और फूड कोर्ट है। क्रूज नौकाओं का मार्च, 2023 में परिचालन आरंभ हुआ। इसके अतिरिक्त, अप्रैल, 2025 तक फ्लाईओवर, सड़क पुल और एक हवाई अड्डे के अंडरपास के लिए 980 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित की गई है।

काशी में शहरी क्षेत्र परिवर्तन

वाराणसी संधारनीयता और नागरिक सेवा उन्नयन पर केंद्रित ध्यान के अनुरूप एक व्यापक शहरी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। गंगा नदी में प्रदूषण कम करने के लिए डीजल/पेट्रोल चालित नौकाओं को सीएनजी चालित में बदला गया है29.7 करोड़ रुपये की इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 7 जुलाई, 2022 को किया था। इसे वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड और गेल द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रतिदिन 120 मिलियन लीटर (एमएलडी) की क्षमता वाले गोइथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन 19 फरवरी, 2019 को किया गया। 217.57 करोड़ रुपये के परिव्यय से निर्मित यह ट्रीटमेंट प्लांट सीवेज को उपचारित कर गंगा नदी में प्रदूषण में कमी लाता है। नमामि गंगे योजना के तहत 300 करोड़ रुपये की लागत से प्रतिदिन 55 मिलियन लीटर (एमएलडी) क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी स्थापित किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिए 11 अप्रैल, 2025 को 345 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। मार्च 2017 तक 105 करोड़ रुपये के व्यय से वाराणसी में अमृत मिशन (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) के तहत 55,000 घरों को सीवर लाइनों से जोड़ा गया। बेहतर पार्किंग और यातायात आवागमन के लिए गोदौलिया मल्टीलेवल टू-व्हीलर पार्किंग, 375 वाहनों के लिए चार मंजिला पार्किंग सुविधा 19.55 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की गई जो हर दिन चौबीसों घंटे पूर्ण सुरक्षा के साथ संचालित होती हैं।

वाराणसी का हथकरघा और हस्तशिल्प निर्माण पुनरुद्धार

वाराणसी अपनी आध्यात्मिक आभा के साथ ही हथकरघा और हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा के लिए भी प्रसिद्ध है। कारीगरों की कई पीढ़ियों ने अपनी कुशलता से रेशमी वस्त्रों की बुनाई, लकड़ी और पत्थरों पर नक्काशी, धातु की वस्तुएं, मिट्टी के बर्तन और आभूषण निर्माण की कला में महारत हासिल की है। उनकी शिल्प कलाएं और निर्माण अनूठे कौशल और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। इनमें बनारसी साड़ियां , पत्थरों पर महीन जालीदारी का काम , बनारस गुलाबी मीनाकारी और लकड़ी पर लाह लेप युक्त वस्तुएं और बर्तन तथा खिलौने आदि को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग मिले हैं, जो उनकी प्रामाणिकता और उत्कृष्टता को दर्शाते हैं।

इन पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने और सहायता के लिए सरकार ने 2014-15 के केंद्रीय बजट में एक व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय की स्थापना की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य बुनकरों, कारीगरों और उद्यमियों को उनके उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करना है। 300 करोड़ रुपये की कुल लागत से 7.93 एकड़ में बना यह परिसर स्थानीय शिल्पकला वस्तुओं के प्रदर्शन, प्रशिक्षण और बिक्री का प्रमुख स्थल है। इस केंद्र का उद्घाटन 22 सितंबर, 2017 को हुआ था और आज यह वाराणसी की कलात्मक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

काशी में शिक्षा और स्वास्थ्य अभियान

काशी में व्यापक निवेश द्वारा अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अंतर-विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केंद्र (आईयूटीईसी) का उद्घाटन 23 दिसंबर, 2021 को किया गया। 107.36 करोड़ रुपए के परिव्यय से निर्मित इस केंद्र का उद्देश्य 1,000 छात्रों के लिए दो वर्षीय एम.एड. पाठ्यक्रम कार्यक्रम प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में बीएचयू में 32.5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 3.3 पेटाफ्लॉप पीक प्रदर्शन वाले परम शिवाय सुपरकंप्यूटिंग सेंटर का उद्घाटन किया। कृषि से संबंधित क्षेत्र में, 11 अप्रैल, 2025 को बनास डेयरी दूध आपूर्तिकर्ताओं को 105 करोड़ रुपए का बोनस प्रदान किया गया। विद्युत क्षेत्र में,  नए विद्युत उपकेंद्रों की स्थापना और ट्रांसमिशन उन्नयन के लिए 1,820 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सिगरा में खेलों के लिए विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में डिजाइन किए गए स्पोर्ट्स स्टेडियम का पुनर्विकास एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका कुल बजट 180.03 करोड़ रुपए (प्रथम चरण में 90.01 करोड़ रुपए और दूसरे चरण में 90.02 करोड़ रुपए का व्यय) है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्टूबर, 2024 को इसका उद्घाटन किया।

सार

काशी आज दीप्तिमान उदाहरण है कि विरासत और आधुनिकता एक साथ फल-फूल सकते हैं। बुनियादी ढांचे, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में परिवर्तनकारी परियोजनाओं के साथ यह शहर अपने आध्यात्मिक सार को संरक्षित रखते हुए एक जीवंत, भविष्य की पहचान भी स्थापित कर रहा है। घाटों से लेकर विकास के प्रवेशद्वारों तक, काशी में निश्चय ही प्रगति की घंटियां बज रही हैं।

संदर्भ

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