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पीआईबी का कोविड-19 पर दैनिक बुलेटिन
Posted On:
30 DEC 2020 6:06PM by PIB Delhi
(पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से संबंधित जारी प्रेस विज्ञप्तियां, पीआईबी फील्ड कार्यालयों से मिली जानकारियां और पीआईबी का फैक्ट चेक शामिल)
- ब्रिटेन में पाए गए कोरोनावायरस के नए स्वरूप सार्स सीईओवी-2 से देश में 20 लोग संक्रमित पाए गए
- बीते 33 दिनों से नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते देश में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या में निरंतर कमी
- पिछले 24 घंटों में 20,549 लोग कोविड-19 से पॉज़िटिव पाए गए जबकि इस दौरान 26,572 लोग स्वस्थ हुए
- भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड-19 के मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या विश्व स्तर की तुलना में न्यूनतम
- गृह मंत्रालय ने पूर्व में जारी निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देशों को 31 जनवरी, 2021 तक लागू रखने के लिए सोमवार को आदेश जारी किया
- चार राज्यों में कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न
#Unite2FightCorona
#IndiaFightsCorona
ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्वरूप सार्स सीईओवी-2 से 20 लोग संक्रमित, देश में पिछले 33 दिनों से लगातार हर दिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन आने वाले नए मामलों से ज्यादा जिससे सक्रिय कोरोनावायरस मामलों की संख्या में निरंतर कमी, भारत में प्रति 10 लाख आबादी कोरोनावायरस से संक्रमितों और इससे होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे कम
ब्रिटेन में पाए गए कोरोनावायरस के नए स्वरूप सार्स सीईओवी-2 से 20 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें पहले संक्रमित पाए गए छः लोग भी शामिल हैं,जिन्हें देश की विशिष्ट प्रयोगशालाओं (निम्हान्स बेंगलुरु में 3, सीसीएमबी हैदराबाद में 2 और एनआईवी पुणे में 1) में जांच और उपचार हेतु भर्ती कराया गया है। 107 नमूनों की 10 प्रयोगशाला में जांच की गई है। नए वायरस को देखते हुए भारत सरकार ने इसके जिनोम सीक्वेंसिंग हेतु इंसाकॉग(भारतीय सार्स सीओवी-2 जिनोमिक्स कंसोर्टीयम) का गठन किया है जिसमें विशिष्ट प्रयोगशालाएं(एनआईबीएमजी कोलकाता, आईएलएस भुवनेश्वर, एनआईवी पुणे, सीसीएस पुणे, सीसीएमबी हैदराबाद, सीडीएफडी हैदराबाद, इनस्टेम बेंगलुरु,निम्हान्स बेंगलुरु, आईजीआईबी दिल्ली और एनसीडीसी दिल्ली शामिल हैं। स्थिति पर गंभीरता से निगरानी रखी जा रही है और नए वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान करने, कंटेनमेंट और संभावित नए वायरस से संक्रमित के सैंपल इकट्ठा करने तथा उसे इंसाकॉगके लिए चिन्हित प्रयोगशालाओं को भेजने के लिए राज्यों को नियमित रूप से परामर्श जारी किए जा रहे हैं। इस बीच भारत में बीते 33 दिनों से हर दिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या नए सामने आने वाले मामलों से ज्यादा है। पिछले 24 घंटों में 20,549 लोग कोविड-19से पॉज़िटिव पाए गए जबकि इस दौरान 26,572 लोग स्वस्थ हुए। नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या अधिक होने के चलते देश में सक्रिय कोविड-19मरीजों की संख्या निरंतर कम हो रही है। आज तक भारत में कुल 98,34,141 कोरोनावायरस रोगी स्वस्थ हो चुके हैं जोकि विश्व में सबसे अधिक है। स्वस्थ होने की दर भी बढ़ते हुए लगभग 96 प्रतिशत (95.99 प्रतिशत) के स्तर पर पहुंच गई है। इसके चलते सक्रिय मामलों और स्वस्थ होने वालों की संख्या में अंतर(95,71,869) लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में इस समय सक्रिय कोविड-19 की संख्या 2,62,272 है जो कि भारत में कुल संक्रमित हुए मरीजों का मात्र 2.56 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों के दौरान स्वस्थ हुए लोगों की संख्या नए मामलों की संख्या से 6,309अधिक है। विश्व स्तर पर तुलना करने से यह पता चलता है कि प्रति दस लाख आबादी पर कोविड-19 की संख्या भारत में न्यूनतम स्तर (7,423) पर है। स्वस्थ हुए कुल नए लोगों में 78.44 प्रतिशत लोग 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। इसमें महाराष्ट्र सबसे ऊपर है, जहां पिछले 24 घंटों में 5,572 लोग स्वस्थ हुए। दूसरे स्थान पर केरल है, जहां 5,029 लोग स्वस्थ हुए जबकि तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ है जहां 1607 लोग स्वस्थ हुए। इसी तरह से बीते 24 घंटों में आए कुल नए मामलों में 79.24 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। केरल में सबसे अधिक 5,887 नए मामले सामने आए। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र रहा, जहां पर 3,018 नए मामले आए और तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल में 1,244 नए मामले सामने आए। बीते 24 घंटों में 286 कोविड मरीजों की मृत्यु हुई। 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 79.37 प्रतिशत नई मौत के मामले हैं। महाराष्ट्र इसमें सबसे ऊपर रहा जहां 68 लोगों की मौत हुई। पश्चिम बंगाल में 30 और दिल्ली में 28 मौतें दर्ज की गईं। भारत में हर दिन होने वाली मौतों में निरंतर कमी आ रही है। भारत में प्रति दस लाख आबादी 107 लोगों की मौत हुई है जोकि दुनिया के देशों की तुलना में सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन से भारत आने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर 7 जनवरी, 2021 तक अस्थायी पाबंदी को जारी रखने की सिफारिश की
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से सिफारिश की है कि ब्रिटेन से भारत में आने वाली उड़ानों के अस्थायी निलंबन को 7 जनवरी (गुरुवार), 2021 तक और बढ़ाया जाए। यह सिफारिश स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) के नेतृत्व में संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) और महानिदेशक, आईसीएमआर और सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग के संयुक्त नेतृत्व वाले नेशनल टास्क फोर्स से प्राप्त इनपुट के आधार पर की गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय को यह भी सुझाव दिया गया है कि 7 जनवरी 2021 के बाद ब्रिटेन से भारत आने वाली उड़ानों को सीमित संख्या में नियमित बहाली पर विचार किया जाए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ परामर्श कर ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए मिल कर काम किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को लिखा है कि वे ऐसे सभी कार्यक्रमों पर कड़ी निगरानी रखी जाए जहाँ से संभावित "सुपर स्प्रेडर" यानि तेजी से संक्रमण का खतरा हो सकता है। साथ ही नए साल के जश्न और इसके साथ-साथ सर्दियों के मौसम में होने वाली विभिन्न कार्यक्रमों के मद्देनजर भीड़ पर अंकुश लगाने के लिए कहा गया है। गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों के लिए हाल ही में जारी की गई सलाह और मार्गदर्शन को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दोहराया गया है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को अंतरराष्ट्रीय टीका और प्रतिरक्षा गठबंधन (गावी) के बोर्ड में नामित किया गया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को अंतरराष्ट्रीय टीका और प्रतिरक्षा गठबंधन, गावी के बोर्ड में नामित किया गया है। डॉ. हर्षवर्धन इस बोर्ड में दक्षिण-पूर्व क्षेत्र क्षेत्रीय कार्यालय (एसईएआरओ)/ पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रीय कार्यालय (डब्ल्यूपीआरओ) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनका कार्यकाल एक जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2023 तक रहेगा। वर्तमान में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व म्यांमार के श्री मिंत ह्टवे कर रहे हैं। इस बोर्ड की साल में दो बार जून और नवंबर/दिसंबर में बैठकें होती हैं। इसके अलावा मार्च या अप्रैल में एक वार्षिक रिट्रीट का आयोजन होता है। गावी बोर्ड रणनीतिक दिशा एवं नीति-निर्माण के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा यह टीका गठबंधन के संचालनों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की निगरानी भी करता है। वहीं कई साझेदार संगठनों और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बोर्ड संतुलित रणनीतिक निर्णय लेने, नवाचार और सहयोगात्मक साझेदारी के लिए भी एक मंच उपलब्ध कराता है।
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चार राज्यों में कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने चार राज्यों - असम, आंध्र प्रदेश, पंजाब और गुजरात में कोविड-19 टीकाकरण संबंधित गतिविधियों के लिए 28 और 29 दिसंबर, 2020 को दो दिवसीय पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) का आयोजन किया गया। वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) को शुरू करने तथा खसरा-रूबेला (एमआर) और वयस्क जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) जैसे राष्ट्रव्यापी मल्टीपल वाइड-रेंज इंजेक्टेबल टीकाकरण अभियान को आयोजित करने के अनुभव के साथ, कोविड -19 के लिए स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं, फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और 50 वर्ष से ऊपर के लोगों, जैसे टीकाकरण प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों को टीका लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इस पूर्वाभ्यास क्रिया का उद्देश्य एक सिरे से दूसरे सिरे तक कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया का परीक्षण करना है। इसमें परिचालन दिशा-निर्देशों के अनुसार योजना बनाना और तैयारियां करना, सीओ-विन एप्लिकेशन पर सुविधाओं और उपयोगकर्ताओं का सृजन, सत्र स्थल का निर्माण और स्थलों की मैपिंग, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं (एचसीडब्लू) का डेटा अपलोड करना, जिले में वैक्सीन की प्राप्ति और आवंटन, सत्र की योजना बनाना, टीकाकरण टीम की तैनाती, सत्र स्थल पर लॉजिस्टिक प्रबंधन और ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर टीकाकरण आयोजित करने के लिए मॉक ड्रिल और समीक्षा बैठकों का आयोजन करना शामिल हैं। इस पूर्वाभ्यास का उद्देश्य आईटी प्लेटफॉर्म को-विन के क्षेत्र में कार्यान्वयन और वास्तविक कार्यान्वयन से पूर्व आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में मार्गदर्शन करना शामिल है।
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डॉ. हर्षवर्धन ने टीआईएफएसी द्वारा तैयार की गई आत्म निर्भर भारत (एएएएन) के लिए कार्य सूची रिपोर्ट जारी की
केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (टीआईएफएसी) द्वारा तैयार की गई आत्म निर्भर भारत के लिए कार्य सूची रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, टीआईएफएसी के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर प्रदीप श्रीवास्तव और वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
टीआईएफएसी के जुलाई 2020 में जारी किए गए कोविड-19 के बाद के मेक-इन-इंडिया के लिए केन्द्रित हस्तक्षेप पर श्वेत पत्र के फॉलोअप के रूप में आत्म निर्भर भारत के लिए कार्य सूची रिपोर्ट जारी की गई है। श्वेत पत्र में पांच क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। ये हैं- स्वास्थ्य सेवाओं की मशीनरी, आईसीटी, कृषि, विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स जो कि कोविड-19 के काल के बाद की भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे। डॉ. हर्ष वर्धन ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री की सोच कोविड महामारी के दौरान हम सबको प्रेरित करती रही है। इसने देश के लोगों को विश्वास दिया है और हम वायरस को हराने में कामयाब रहे हैं। हमने विश्व के पेशेवर कौशल को पीछे छोड़ दिया है। हमने दिखा दिया है कि भारत कुछ तय करता है तो कर के दिखा देता है।
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भारतीय सार्स कोविड-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) प्रयोगशालाओं ने सार्स कोविड-2 के उत्परिवर्ती (म्यूटेंट) रूप के जीनोम अनुक्रमण जांच के आरंभिक परिणाम जारी किए
भारत सरकार ने ब्रिटेन में कोविड-19 विषाणु की नई प्रजाति सार्स कोविड-2 के पाए जाने की खबरों का संज्ञान लेते हुए इसके जीनोमअनुक्रमण का पता लगाने और तथा इसके नियंत्रण और बचाव के लिए समय से पहले ही एक सक्रिय रणनीति तैयार कर ली है। इस रणनीति में निम्नलिखित बातें शामिल हैं, लेकिन यह इतने तक ही सीमित नहीं है - 23 दिसंबर, 2020 की मध्यरात्रि से 31 दिसंबर, 2020 तक ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर अस्थायी रोक, ब्रिटेन से आने वाले सभी विमान यात्रियों का अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर परीक्षण, आरटी-पीसीआर परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए सभी नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने के लिए इन्हें इस काम के लिए चिन्हित दस सरकारी प्रयोगशालाओं अर्थात आईएनएसएसीओजी में भेजा जाना, परीक्षण, उपचार, निगरानी और नियंत्रण रणनीति पर विचार करने और सुझाव देने के लिए कोविड-19 के संबंध में 26 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की बैठक का आयोजन, ब्रिटेन में पाए गए सार्स कोविड-2 के म्यूटेंट रूप से निपटने के लिए 22 दिसंबर, 2020 को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जारी मानक संचालन प्रोटोकॉल। 26 दिसंबर, 2020 की बैठक में राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) की ओर से इस पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा की गई और यह निष्कर्ष निकाला गया कि सार्स कोविड-2 के नए म्यूटेंट रूप को देखते हुए मौजूदा राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल या मौजूदा परीक्षण प्रोटोकॉल में किसी तरह के बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। एनटीएफ ने यह भी सुझाव दिया कि मौजूदा निगरानी रणनीति के अतिरिक्त यदि कुछ करना है तो कोविड के नए रूप के जीनोम अनुक्रमण की निगरानी बढ़ाने पर ज्यादा जोर देना बेहतर होगा।
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डॉ. हर्षवर्धन ने देश के पहले न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन का उद्घाटन किया
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज भारत के पहले न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) का उद्घाटन किया। इस 'न्यूमोसिल' टीके का विकास सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईआईपीएल) ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे भागीदारों के सहयोग से किया है। टीके की खुराक की संख्या के लिहाज से एसआईआईपीएल को दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माता और भारत की अर्थव्यवस्था में इसके योगदान का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट के टीके का उपयोग 170 देशों में किया जाता है और दुनिया में हर तीसरे बच्चे को इस विनिर्माता के टीके से प्रतिरक्षित किया जाता है। उन्होंने याद दिलाया कि एसआईआईपीएल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत सरकार से पहली स्वदेशी न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) विकसित करने के लिए लाइसेंस मिला था। उन्होंने पीसीवी में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के इस प्रयास में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के असाधारण प्रयासों का भी उल्लेख किया। डॉ. हर्षवर्धन ने भारत की जरूरत के लिए टीका विकसित करने में एसआईआईपीएल की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा,'सीरम इंस्टीट्यूट का पहला स्वदेशी न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका एकल खुराक (शीशी और सिरिंज) में और कई खुराक वाली शीशी में न्यूमोसिल ब्रांड नाम के तहत बाजार में सस्ती कीमत के साथ उपलब्ध होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता और मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड के उनके दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए कहा,'न्यूमोसिल अनुसंधान एवं विकास और उच्च गुणवत्ता वाले टीके के विनिर्माण में भारत की क्षमता का एक उदाहरण है। वास्तव में कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान यह ऐतिहासिक उपलब्धि हमारे देश के लिए गर्व की बात है क्योंकि अब तक हम पूरी तरह से विदेशी विनिर्माताओं द्वारा तैयार न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन पर निर्भर रहे हैं जो बाजार में बहुत अधिक कीमत पर उपलब्ध हैं।'
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डॉ. हर्ष वर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से अच्छे, अनुकरणीय व्यवहारों पर 7वें एनएचएम राष्ट्रीय सम्मेलन का डिजिटल रूप में उद्धघाटन किया
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से अच्छे और अनुकरणीय व्यवहारों पर 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन का डिजिटल रूप में उद्घाटन किया। डॉ. हर्ष वर्धन ने एबी-एचडब्ल्यूसी में टीबी सेवाओं के लिए संचालन दिशा निर्देशों तथा सक्रिय पहचान तथा कुष्ठ रोग के लिए नियमित निगरानी पर संचालन दिशा निर्देश 2020 के साथ नई स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) भी लॉन्च की। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अच्छे, अनुकरणीय व्यवहारों तथा भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में नवाचार पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करता है। डॉ. वर्धन ने सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और महामारी की स्थिति में सम्मेलन आयोजित करने के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नवाचारी कनवरजेंस रणनीति पर फोकस आवश्यक है। यह भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को नई ऊंचाई तक ले जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा नावाचार पोर्टल पर 2020 में 210 नए कदमों को अपलोड किया गया। इन नवाचारों का अंतिम उद्देश्य एक ओर लोगों की स्वास्थ्य स्थिति को सुधारना है तो दूसरी ओर स्थायी रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा इको सिस्टम में नवाचार पर चिंतन के लिए जमीनी स्तर के स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को शामिल और एकीकृत किया जाना चाहिए तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य डिलीवरी प्रणाली में काम कर रहे लोगों के वर्षों के अनुभव और विशेषज्ञता से प्राप्त सामूहिक समझ का लाभ उठाया जाना चाहिए। डॉ. हर्ष वर्धन ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में पोलियो उन्नमूलन अभियान के अपने अनुभव को साझा किया और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लोगों तथा समुदाय की भागीदारी की शक्ति के बारे में बताया।
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तकनीकी विकास को अक्सर 'बाधा' माना जाता है, लेकिन इस साल इसमें हमें एक बड़ी बाधा से काफी हद तक निपटने में मदद की : राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि कोरोना वायरस ने सामाजिक रिश्तों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और जीवन के अन्य विभिन्न आयामों के तौर पर विश्व में काफी बदलाव ला दिया है, लेकिन जीवन की गति रुकी नहीं है और इसका श्रेय मुख्य रूप से सूचना और संचार तकनीकी को जाता है। तकनीकी विकास को आमतौर पर बाधा के रूप में देखा जाता है, लेकिन इस साल उसने हमें एक बड़ी ‘बाधा’ से पार पाने में मदद की। श्री कोविंद ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल इंडिया अवार्ड-2020 प्रदान किये। राष्ट्रपति ने कहा कि सक्रिय डिजिटल हस्तक्षेप के चलते हम लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं के संचालन को जारी रखना सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों से पार पाने में देश की मदद करने के काम में डिजिटल योद्धाओं की भूमिका बहुत प्रशंसनीय रही। आरोग्य सेतु, ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाओं जैसे आईसीटी अवसंरचना समर्थित मंचों के जरिये देश महामारी की परेशानियों को कम करने में सफल रहा।
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प्रधानमंत्री 31 दिसंबर को राजकोट में एम्स की आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 31 दिसंबर, 2020 को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजकोट, गुजरात में एम्स की आधारशिला रखेंगे। गुजरात के राज्यपाल, गुजरात के मुख्यमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस परियोजना के लिए 201 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1195 करोड़ रूपये हैं। इस परियोजना का कार्य 2022 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है। 750 बेड वाले इस अत्याधुनिक अस्पताल में 30 बेड का आयुष ब्लॉक भी होगा। इसमें एमबीबीएस की 125 सीटें और नर्सिंग की 60 सीटें होंगी।
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प्रधानमंत्री ने 100वीं किसान रेल को झंडी दिखाकर रवाना किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच 100वीं किसान रेल को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर और श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान रेल सेवा देश के किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।उन्होंने कोविड-19 महामारी के बीच 4 महीनों में 100वीं किसान रेलचलाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सेवा कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लेकर आएगी और देश की कोल्ड सप्लाई चेन को सशक्त करेगी।
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उपराष्ट्रपति ने दोहराया कि देश के युवाओं का कौशल विकास और प्रशिक्षण बेहतर भविष्य की कुंजी है
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने युवाओं को कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को अवसरों में बदलने की सलाह दी है। सोमवार को विजयवाड़ा में स्वर्ण भारत ट्रस्ट के प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र देने के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने कहा कि महामारी ने जहां कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, वहीं इसने दूसरे क्षेत्रों में लोगों के लिए अवसर का मार्ग भी खोला है। देश की 65 प्रतिशत आबादी के 35 वर्ष से कम आयु का होने का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि हम इस मानव संसाधन का सदुपयोग करें, तो युवा और महिलाएं राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा “इन महत्वपूर्ण मानव संसाधनों के साथ, हम भविष्य में एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं”। इस संबंध में उपराष्ट्रपति ने युवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न प्रयासों को याद किया और इन्हें और गति प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास पर जोर देते हुए इस क्षेत्र में निजी भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
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उपराष्ट्रपति ने एकल उपयोग वाली प्लास्टिक के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर मीडिया अभियान चलाने का आह्वान किया
उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने आज ऐसा मीडिया अभियान चलाने का आह्वान किया, जिससे प्लास्टिक उत्पादों के निपटान के संबंध में लोगों के व्यवहार में बदलाव लाया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समस्या प्लास्टिक के साथ नहीं है, बल्कि समस्या प्लास्टिक केउपयोग के बारे में हमारे दृष्टिकोण में है।
विजयवाड़ा स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी)के छात्रों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को आज यहां संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने प्लास्टिक के स्थायित्व और लंबे समय तक कायम रहने के चलते पैदा होने वाली पर्यावरण चुनौतियों पर चिंता जताई। उन्होंने प्लास्टिककचरे के प्रबंधन की प्रक्रिया को अपनाने और जनता को तीन आर-रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकल (यानी प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना, दोबारा इस्तेमाल करनाऔर दोबारा इस्तेमाल योग्य उत्पाद बनाना) के संबंध में जागरूक बनाने की जरूरत पर जोर दिया। श्री नायडू ने देश में जारी कोविड-19 महामारी के दौरान प्लास्टिक की महत्ता की खासतौर से प्रशंसा की, क्योंकि इस महामारी के प्रसार को रोकने और इससे निपटने के लिए चिकित्सा सुरक्षा उपकरण और पीपीई किट के निर्माण में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया। प्लास्टिक के अलावा पॉलीमर सामग्री का इस्तेमाल भी चिकित्सकीय उपकरण और इन्सुलिन पेन्स, आईवी ट्यूब्स, इम्प्लांट्स और टिश्यू इंजीनियरिंग में किया गया। भारतीय अर्थव्यवस्था में पॉलीमर्स के महत्व को बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि 30,000 से ज्यादा प्लास्टिक प्रसंस्करण इकाइयां देशभर में 40 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया करा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति करीब 12 किलोग्राम की औसत राष्ट्रीय खपत के साथ भारत का स्थान विश्व के पांच सबसे बड़े पॉलीमर उपभोक्ताओं में है।
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गृह मंत्रालय ने निगरानी, रोकथाम और सतर्कता के दिशा-निर्देशों को आगे जारी रखने का निर्णय किया
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पूर्व में जारी निगरानी से संबंधित दिशा-निर्देशों को 31 जनवरी 2021 तक लागू रखने के लिए सोमवार को एक आदेश जारी कर दिया है। भले ही कोविड-19 के नए और सक्रिय मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मामलों में बढ़ोतरी और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में वायरस के नए संस्करण के सामने आने के बाद निगरानी, रोकथाम और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है। इस क्रम में, नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों का सावधानी से सीमांकन; इन क्षेत्रों में सुझाए गए रोकथाम के सख्त उपायों के पालन; कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार को प्रोत्साहन और सख्ती से अनुपालन; और विभिन्न स्वीकृत गतिविधियों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का ईमानदारी से पालन जारी रखा गया है। इस प्रकार 25 नवंबर 2020 को जारी दिशा-निर्देशों में उल्लिखित गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/एसओपी की निगरानी, रोकथाम और सख्ती से पालन पर केंद्रित दृष्टिकोण को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने की जरूरत है।
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खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने कोविड-19 के दौरान जम्मू और कश्मीर में खादी कारीगरों के जीवन यापन के लिए 30 करोड़ रुपये वितरित किये
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने कोविड-19 की अवधि के दौरान जम्मू और कश्मीर में खादी कारीगरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। इस बीच, केवीआईसी ने देश भर में स्थायी रोजगार सृजित करने के लिए अथक प्रयास किये हैं, इतना ही नहीं आयोग ने केवल जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में ही खादी संस्थानों को 29.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिस पर भारत सरकार विशेष तौर पर ध्यान दे रही है। इस राशि को मई 2020 से लेकर सितंबर 2020 तक जम्मू-कश्मीर के 84 खादी संस्थानों में वितरित किया गया है, जिससे इन संस्थानों से जुड़े लगभग 10,800 खादी कारीगरों को लाभ पहुंचा है।
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पीआईबी के स्थानीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारी
- केरल: केरल सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड -19 के नए स्वरूप के मामलों और ब्रिटेन से लौटे 20 लोगों के पॉजिटिव परीक्षण के बाद बरती जा रही सतर्कता के बीच यूरोप से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए कड़े कदम उठाए हैं। ब्रिटेन से आये 18 यात्रियों के पॉजिटिव परीक्षण के बाद राज्य सरकार सतर्कता बरत रही है। पॉजिटिव नमूने जिनोम सीक्वेंसिंग हेतु एनआईवी, पुणे भेजे गए थे जिससे यह जांचा जा सके कि वे नए स्वरूप के हैं या नहीं। इसके परिणाम की अभी प्रतीक्षा की जा रही है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा है कि वायरस के नए स्वरूप से संक्रमि मामले में, मौजूदा कोविड -19 उपचार ही जारी रहेगा। केरल में हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के बाद, यह आशंका थी कि राज्य में कोविड-19 मामलों में बड़े पैमाने पर उछाल आएगा। हालांकि, पिछले पखवाड़े में दर्ज किए गए नए सकारात्मक मामलों की संख्या कम से कम इस तरह की आशंकाओं को नकारती है। राज्य में मंगलवार को 5,887 नए मामले आए और 5,029 मरीज ठीक हुए। राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 3014 है। वर्तमान परीक्षण पॉजिटिव दर 9.5 है।
- तमिलनाडु: तमिलनाडु में आज तक कुल 8,16,132 मामले दर्ज किए गए हैं और 12,092 मौतें दर्ज की गई है। ऱाज्य मे 8747 सक्रिय मामले है और 7,95,293 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है।
- कर्नाटक: राज्य में आज तक कुल मामले 9,17,571 और सक्रिय मामले की संख्या 11,861 है। संक्रमण से मौतों की संख्या 12074 है जबकि 8,93,617 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है।
- आंध्र प्रदेश: गुजरात, पंजाब और असम के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में भी कोविड -19 प्रतिरक्षण अभियान के लिये निर्धारित तंत्र की व्यवस्था के आकलन के लिए दो दिवसीय पूर्वाभायस का अभियान चलाया गया। यह अभ्यास सोमवार और मंगलवार को कृष्णा जिले में विभिन्न कार्यों के लिए गठित विशिष्ट टीमों द्वारा किया गया था। यह पूर्वाभ्यास योजना, कार्यान्वयन और रिपोर्टिंग तंत्र के अलावा, को - विन की परिचालन व्यवहार्यता की जांच करने के लिए था। अभियान के तहत डमी लाभार्थी डेटा, साइट निर्माण, वैक्सीन आवंटन और टीकाकरण, टीकाकारों के विवरण और लाभार्थियों की जानकारी अपलोड करने, और लाभार्थी एकत्र करने जैसी गतिविधियां की गईं। दिल्ली हवाई अड्डे पर कर्मचारियों को चकमा देने वाली महिला के नए कोविड स्ट्रेन के लिए पॉज़िटिव होने की पुष्टि के बाद राज्य सरकार अलर्ट पर है। राज्य में अब तक ब्रिटेन से आने वाले 1,423 लोगों की पहचान की जा चुकि है साथ ही उनके संपर्क में आने वाले 6,364 लोगों की भी पहचान की गई है। कुछ दिनों में समाप्त होने जा रहा यह साल कोविड माहामारी की वजह से प्रभावित रहा है। बहुत से लोग वायरस के प्रसार के डर से फूलों के गुलदस्ते खरीदने से डरते हैं, फूलों के खरीदार उन्हें विश्वास दिलाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं।
- तेलंगाना: राज्य में आज तक, कुल मामलों की संख्या 2,81,730 तक पहुंच गई है। राज्य में कुल सक्रिय मामले 6590 है और इससे होने वाली मौतों की संख्या 1538 है। साथ ही 2,85,939 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है। तेलंगाना के वारंगल में 49 वर्षीय व्यक्ति के कोविड -19 के नए स्वरूप से संक्रमित होने के बाद राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिये कमर कस ली है। इस बीच सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा ने लोगों से आग्रह किया है कि वे कोविड के प्रति बरती जा रही सावधानियों को कम न होने दें क्योंकि ब्रिटेन से आए वेरिएंट में संक्रमण की दूसरी लहर पैदा करने की क्षमता है। भारत बायोटेक के एमडी डॉ. कृष्णा एला ने आश्वासन दिया है कि को-वाक्सिन जो उत्पादन कर रहा है वह नए स्वरूप के खिलाफ भी करगर होगा।
- असम: असम में, कोविड-19 से 66 और लोग संक्रमित पाए गए और मंगलवार को 87 रोगियों को छुट्टी दी गई। राज्य में कुल मामले 216063 हो गए हैं। राज्य में कुल डिस्चार्ज मरीजों की संख्या 211720 है, जबकि सक्रिय मामले 3300 है और 1040 लोगों की कुल हुई है। राज्य में कल दो मरीजों की मौत हुई।
- सिक्किम: सिक्किम में मंगलवार को 19 और लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ कर 5864 हो गई है और सक्रिय मामले 537 हो गए हैं।
तथ्यों की जांच
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