Posted On:
09 NOV 2020 5:56PM by PIB Delhi
(पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से संबंधित जारी प्रेस विज्ञप्तियां, पीआईबी फील्ड कार्यालयों से मिली जानकारियां और पीआईबी का फैक्ट चेक शामिल)
· भारत में 37वें दिन भी कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या नये मामलों से अधिक
· पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 45,903 नए मामले सामने आए, जबकि 48,405 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए
· भारत में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 5.09 लाख से कम
· राष्ट्रीय रिकवरी दर बढ़कर 92.56 प्रतिशत पहुंची
· भारत में संक्रमित पाए जाने की दर गिरकर 7.19 प्रतिशत
· स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के तहत 7 लाख टेली परामर्श सेवाएं दी गईं
#Unite2FightCorona
#IndiaFightsCorona
भारत में 37वें दिन भी कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या नये मामलों से अधिक, संक्रमण के मामले और संक्रमण से मृत्यु दर में कमी का सिलसिला जारी
पिछले 24 घंटों में देश में कोविड के नए मामले 50,000 से कम पाए गए हैं, बीते 24 घंटों के दौरान 45,903 लोग पॉजिटिव पाए गए। कोविड से बचने के लिए उचित व्यवहार को बढ़ावा देने वाले जनआंदोलन की सफलता के साथ दैनिक मामले लगातार कम हो रहे है। 37वें दिन भी कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या नये मामलों से अधिक रही और पिछले 24 घंटों में कोविड के 48,405 मरीज संक्रमण से मुक्त हुए। भारत में सक्रिय मामलों में लगातार कमी जारी है, जो वर्तमान में 5.09 लाख हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या देश में अब तक के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या का केवल 5.95 प्रतिशत है। देश में कुल 5,09,673 मामले सक्रिय हैं। रिकवरी दर आने वाले नए मामलों की तुलना में अधिक बनी हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण मुक्ति दर बढ़कर 92.56 प्रतिशत हो गई है। अब तक कुल 79,17,373 मरीज संक्रमण से मुक्त हुए हैं। संक्रमण से मुक्त मरीजों की संख्या़ और संक्रमित मरीजों की संख्या में लगभग 74.07 लाख (74,07,700) का अंतर है। भारत में कोरोना पॉजिटिव मामलों की दर अब 7.19 प्रतिशत है। 10 राज्यों /केन्द्र शासित प्रदेशों में 79 प्रतिशत मरीज संक्रमण से मुक्त हुए हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में 8,232 से अधिक मरीज संक्रमण से मुक्त हुए हैं, जो अधिकतम है। केरल में 6,853 मरीज संक्रमण से मुक्त हुए हैं जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 6,069 है। 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से संक्रमण के 79 प्रतिशत नए मामलों का पता चला है। दिल्ली में सर्वाधिक 7,745 नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं। जबकि महाराष्ट्र में 5,585 मामले और केरल में 5,440 मामले सामने आए है। पिछले 24 घंटों में 490 मरीजों की मौत हुई है। संक्रमण से मृत्यु दर में कमी का सिलसिला जारी है पिछले 24 घंटों में 500 से कम मरीजों की मौत हुई है। इनमें से 490 मौतें, 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 81 प्रतिशत मामले हैं।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1671365
डॉ. हर्षवर्धन ने 9 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े उपायों की समीक्षा की
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज 9 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रधान सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ बातचीत की। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा और केरल शामिल थे। इन राज्यों/इन राज्यों के कुछ जिलों में मामलों की संख्या में वृद्धि, सात दिनों के औसत के लिहाज से दैनिक मामलों के उच्च औसत, जांच में गिरावट, अस्पताल में भर्ती होने के पहले 24/48/72 घंटों के भीतर मृत्यु की उच्च दर, मामलों के दोगुने होने की उच्च दर, आबादी के कमजोर तबकों के बीच अपेक्षाकृत अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने सभी को इस बात की याद दिलाते हुए अपनी बात की शुरुआत की कि 8 जनवरी को कोविड के बारे में पहली बैठक होने के बाद देश ने इस महामारी के 11वें महीने में कदम रखा है। आने वाले सर्दी और त्योहारों के लंबे मौसम में इस बीमारी के बढ़ने के जोखिमों, जोकि कोविड-19 के खिलाफ अब तक सामूहिक रूप से हासिल की गई बढ़त को खतरे में डाल सकते हैं, से जुड़ी चिंताओं को दोहराते हुए उन्होंने कहा, “हम सभी को दशहरे के साथ शुरू होने वाले त्योहारों के संपूर्ण मौसम के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है और यह सतर्कता दिवाली, छठ पूजा, क्रिसमस और फिर अगले साल मकर संक्रांति पर भी जारी रहेगी। श्वांस संबंधी वायरस भी सर्दियों के महीनों में तेजी से फैलता है।”
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डॉ. हर्षवर्धन ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी. एस. सिंह देव के साथ प्रधानमंत्री के जन आंदोलन के कार्यान्वयन पर चर्चा की
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन सिंह ने आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री त्रिभुनेश्वर सरण सिंह देव के साथ बातचीत की। आने वाले सर्दियों और लंबे त्योहारी सीजन में कोविड-19 से निपटने के लिए अब तक उठाए गए कदमों के लिए पैदा होने वाले जोखिम को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "हम सभी को अगले तीन महीनों के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री का मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और लगातार हाथ धोने का संदेश अंतिम नागरिक तक पहुंचना चाहिए।” देश के साथ छत्तीसगढ़ के कोविड प्रक्षेपवक्र की तुलना करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “राष्ट्रीय स्तर 92 प्रतिशत के मुकाबले छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 87 प्रतिशत है। राज्य में कोरोना से मरने वालों की दर 1.19 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 1.49 प्रतिशत पर ठहरता है।” उन्होंने राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ और बलौदा-बजर जैसे जिलों में पॉजिटिव मामलों के बढ़ने पर चिंता जाहिर की, जबकि आदिवासी क्षेत्रों में भी मामले बढ़ रहे हैं।
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डॉ. हर्षवर्धन ने एक वर्चुअल बैठक में एसटीआईपी-2020 के बारे में भारतीय वैज्ञानिक प्रवासियों के साथ अपनी तरह के पहले नीतिगत परामर्श का आयोजन किया
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भारत की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (एसटीआईपी)-2020 में योगदान करने के लिए चैनल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अत्यधिक कुशल भारतीय प्रवासियों के साथ कल शाम नई दिल्ली में आयोजित अपनी तरह के पहले नीतिगत परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। इस परामर्श बैठक में भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर के. विजयराघवन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, हेल्थकेयर-बायोटेक सलाहकार, डॉ. विजय चौथईवाले, विदेश मंत्रालय में अपर सचिव सुश्री रेणु पॉल और दुनिया भर के भारतीय वैज्ञानिक प्रवासी तथा गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस ऐतिहासिक नीति की इसलिए शुरुआत की गई क्योंकि भारत और विश्व ने कोविड-19 संकट के वर्तमान संदर्भ में पुनर्स्थापना शुरू की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस परामर्श का उद्देश्य एसटीआईपी- 2020 के निर्माण में प्रमुख विचारों का सृजन करना और उन्हें सुगम बनाने के साथ-साथ नीतिगत निरूपण प्रक्रिया में प्रवासी भारतीयों को प्रमुख हितधारकों के रूप में शामिल करना है। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिक प्रवासियों को इस नीति के बारे में अपने सुझाव साझा करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ये सुझाव एसटीआई नीति के मसौदे में शामिल किए जाएंगे और इनके बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।
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स्वास्थ्य मंत्रालय की टेली-मेडिसिन सेवा ई-संजीवनी ने 7 लाख परामर्श पूरे किये
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी ने 7 लाख परामर्श को पूरा कर लिया है। अंतिम एक लाख परामर्श पिछले 11 दिनों में पूरे किये गए। वर्चुअल ओपीडी सेवाएं उपलब्ध कराने का यह नवीन डिजिटल साधन तेजी से लोकप्रिय हो रहा हैI प्रति दिन 10,000 से अधिक परामर्श ई-संजीवनी पर रिकॉर्ड किए जाने के साथ, यह देश में स्थापित सबसे बड़ी ओपीडी सेवाओं का आकार ले रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के नवीन उपाय, ई-संजीवनी ने छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव बनाना शुरू कर दिया है। टेलीमेडिसिन रोगियों के लिए तो फायदेमंद है ही साथ ही साथ टेलीमेडिसिन का अभ्यास करने वाले डॉक्टरों के लिए भी हितकारी है क्योंकि यह रोगियों के साथ संपर्क को सीमित करता है जो वर्चुअली उपस्थित हैं। ई-संजीवनी ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए डॉक्टर को एक विशिष्ट स्थान पर उपस्थित होने कि आवश्यकता को ख़त्म कर दिया है। मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में ई-संजीवनी का उपयोग पिछले कुछ समय से काफी बढ़ा है। पहले से ही तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, केरल और उत्तराखंड में ई-संजीवनी का उपयोग पिछले कुछ महीनों से अधिक और नियमित हो रहा है। जिन दस राज्यों ने ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी प्लेटफॉर्म के माध्यम से उच्चतम परामर्श पंजीकृत किया है, वे राज्य तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और महाराष्ट्र हैं। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटिंग (मोहाली) के साथ मिलकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय राज्य प्रशासनों के परामर्श से लगातार ई-संजीवनी की क्षमताओं को बढ़ा रहा है और नई कार्यक्षमता जोड़ रहा है।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1671095
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने आज 220 करोड़ रुपये की लागत वाली 16 योजनाओं का शुभारंभ किया। वाराणसी में 400 करोड़ रुपये लागत की 14 योजनाओं पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, उनमें सारनाथ लाइट एंड साउंड शो, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, रामनगर का उन्नयन, सीवर से संबंधित कार्य, गायों की सुरक्षा और संरक्षण, बुनियादी ढांचा सुविधाएं, बहुउद्देशीय बीज भंडार गृह, 100 मीट्रिक टन के कृषि उपज वेयरहाउस, आईपीडीएस चरण 2, सम्पूर्णानंद स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए आवास परिसर, वाराणसी शहर में स्मार्ट लाइटिंग कार्य के साथ-साथ 105 आंगनवाड़ी केंद्रों और 102 गौ आश्रय केंद्र शामिल हैं।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1671430
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, संबोधन का मूल पाठ
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https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1671394
प्रधानमंत्री ने आईआईटी दिल्ली के 51वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नए आईआईटी स्नातकों से देश की आवश्यकताओं को पहचानने और जमीनी स्तर पर हो रहे बदलावों के साथ जुड़ने को कहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में आम लोगों की आकांक्षाओं को भी पहचाने की अपील की। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी दिल्ली के 51वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को आज मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। 2000 से अधिक आईआईटी छात्रों को उनके दीक्षांत समारोह पर बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान एक मिशन है जो देश के युवाओं, टेक्नोक्रेट्स और तकनीकी-उद्यम अधिनायकों को अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज टेक्नोक्रेट्स के विचारों और नवाचारों को स्वतंत्र रूप से लागू करने और उन्हें आसानी से बाजार में लाने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने युवाओं को 'कारोबार करने में आसानी' प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे अपने नवाचार के माध्यम से देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया काफी अलग होने जा रही है और प्रौद्योगिकी इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि वर्चुअल वस्तु-स्थिति के बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था, लेकिन अब वर्चुअल वस्तु-स्थिति और संवद्धित वस्तु-स्थिति कार्य यथार्थ बन गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों के वर्तमान बैच को सीखने और कार्यस्थल में सामने आने वाले नए मानदंडों के अनुकूल होने का लाभ है और उन्होंने छात्रों से इसका अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने सिखाया है कि वैश्वीकरण महत्वपूर्ण है लेकिन आत्म-निर्भरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1670964
आईआईटी, दिल्ली के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1671088
प्रधानमंत्री ने हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का उद्घाटन किया और हजीरा तथा घोघा के बीच रो-पैक्स नौका सेवा को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने स्थानीय उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत भी की। उन्होंने शिपिंग मंत्रालय का नाम बदलकर पोत, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय रखा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आज कहा, गुजरात के लोगों को दीवाली का उपहार मिला है। इस बेहतर कनेक्टिविटी से सभी को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हजीरा और घोघा के बीच रो-पैक्स सेवा ने सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के लोगों के सपनों को सच कर दिया है, क्योंकि इससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा में लगने वाला समय 10-12 घंटे से घटकर 3-4 घंटे तक हो जाता है। उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत होगी और खर्च भी कम होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 80,000 यात्री ट्रेनें और 30,000 ट्रक एक वर्ष में इस नई सेवा का लाभ ले सकेंगे। श्री मोदी ने यह भी कहा कि सौराष्ट्र और सूरत के बीच बेहतर संपर्क इन क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि फल, सब्जियां और दूध अब आसानी से ले जाया जा सकता है और इस सेवा के कारण प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने उन सभी इंजीनियरों, श्रमिकों को धन्यवाद दिया, जो बहुत सारी चुनौतियों के बीच सुविधा विकसित करने के लिए साहसी बने रहे। उन्होंने भावनगर और सूरत के बीच स्थापित इस नए समुद्री संपर्क के लिए लोगों को शुभकामनाएं दीं।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1671226
हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
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13वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन "शहरी गतिशीलता के उभरते रुझान" का उद्घाटन किया
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “भविष्य की गतिशीलता पर्यावरण के अनुकूल, एकीकृत, स्वचालित और व्यक्तिगत सुगम परिवहन की मांग के प्रति एक प्रयास है। प्रमुख शहरों में गतिशीलता के लिए हो रही नई- नई उपलब्धियां जैसे अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली और यातायात प्रबंधन अनुप्रयोग अभी पाइपलाइन में हैं। श्री हरदीप सिंह पुरी 13वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन "शहरी गतिशीलता के उभरते रुझान" के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। मेसर्स गेल आर्केटेक्ट्स के संस्थापक और वरिष्ठ सलाहकार प्रोफेसर यान गेहल, फ्रांस सरकार में परिवहन मंत्री और पारिस्थितिकी अंतरण के लिए संबद्ध मंत्री प्रतिनिधि जो बापटिस्ट जेबारी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन सोसाइटी की महानिदेशक डॉ. क्लाउडिया वार्निंग तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इसके अलावा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा कोविड-19 महामारी के बाद आने वाले समय में भारत की शहरी गतिशीलता में एक व्यावहारिक परिवर्तन के सामने आने की संभावना है। यह कोविड संकट दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शहरी परिवहन को ज़्यादा बेहतर बनाने का एक अवसर भी प्रस्तुत करता है। जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यह आह्वान किया गया है कि वर्तमान कोरोना संकट को 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के एक अवसर के रूप में बदलना चाहिए और यह समय साहसिक निर्णय लेने तथा निवेश करने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि, विदेश के सभी मित्रों के लिए आत्मनिर्भर भारत का अर्थ सही मायनों में "स्वयं पर भरोसा करने वाला भारत" है। बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करने से लोगों और वस्तुओं के अधिक प्रभावी क्रियान्वयन एवं संचालन होने से आर्थिक स्तर पर गुणात्मक प्रभाव होगा तथा ये दोनों ही मिलकर वर्तमान में रोजगार सृजन और भविष्य में वृद्धि एवं उत्पादकता को बढ़ाते हैं। इस सम्मेलन के दौरान कोविड-19 के दौरान शहरी परिवहन में नवाचारों के लिए पुरस्कार भी घोषित किए गए और संलग्न किये गए हैं।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1671461
अरुणाचल प्रदेश के स्कूल जाने वाले बच्चे खादी के मास्क पहनेंगे
अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 लॉकडाउन के बाद पहली बार अपने स्कूल जाते समय हजारों स्कूली बच्चे तिरंगे वाले खादी के फेस मास्क पहनेंगे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने स्कूली बच्चों के लिए 60,000 उच्च गुणवत्ता वाले खादी कॉटन फेस मास्क की आपूर्ति की है क्योंकि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। यह खरीद आदेश बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह पहली बार है जब पूर्वोत्तर भारत के एक राज्य सरकार ने इतनी बड़ी मात्रा में अपने छात्रों के लिए खादी फेस मास्क की खरीद की है। खरीद आदेश तीन नवंबर को जारी किया गया था और केवीआईसी ने केवल 6 दिनों में सरकार को तत्काल आवश्यक मास्क की आपूर्ति की है। मास्क का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए, केवीआईसी ने विमान से खेप भेजी है।
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केंद्रीय मंत्री और प्रख्यात मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा – उचित आहार तरीके मधुमेह के नियंत्रण में अहम भूमिका निभाते है
केंद्रीय मंत्री और प्रख्यात मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा कि मधुमेह के मरीजों के लिए जो उपयुक्त भोजन व्यवस्था निर्धारित की जाती हैं वही तरीके स्वस्थ लोगों के लिए भी अपनाए जा सकते हैं, ताकि वे इस बीमारी की चपेट में न आए। डॉ. सिंह ने मुख्य अतिथि के तौर पर एक कार्यक्रम, ‘’डिजिटल आउटरिच फॉर नॉलेज अपग्रेडेशन डाइबिटीज स्पेसिफिक न्यूट्रिशन’’ के उद्घाटन भाषण में कहा कि कोरोना ने हमें आपदा के समय नए मानकों को खोजने के लिए प्रेरित किया है। इस कार्यक्रम का आयोजन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया ने किया था और उन्होंने इसमें भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणाली के महत्व को भी रेखांकित किया। डॉ. सिंह ने कहा कि जब से श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला है तब से उन्होंने चिकित्सा प्रबंधन की स्वेदशी प्रणाली के गुणों को अहम स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने ही संयुक्त राष्ट्र में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव दिया था कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाया जाए और इसी का परिणाम है कि अब विश्व में हर घर में योग प्रणाली पहुंच चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि श्री मोदी ने ही एक अलग आयुष मंत्रालय का गठन किया था और वह स्वदेशी चिकित्सा प्रबंधन प्रणाली के महत्व को अच्छी तरह जानते है। इसके अलावा समग्रात्मक चिकित्सा को भी बढ़ावा दिया गया। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना ने हमें नए मानकों के साथ रहना सिखाया है और चिकित्सकों को गैर फार्मा प्रबंधन विधियों : जिसमें साफ-सफाई भी शामिल है, के बारे में भी संकेत दिया है। क्योंकि हाल ही के वर्षों में इसकी अहमियत कम हो गई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समाप्त हो जाने के बाद भी एक दूसरे से दूरी बनाए रखने का अनुशासन और खांसते एवं छीकतें वक्त सावधानी बरतना अन्य संक्रामक रोगों से भी हमें बचाएगा।
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कर्मचारी राज्य बीमा निगम की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) के तहत दावों हेतु शपथपत्र (एफिडेविट) फार्म की अब से आवश्यकता का न होना
क.रा.बी. निगम ने अपनी 20.08.2020 की बैठक में अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना दिनांक 01.07.2020 से 30.06.2021 तक विस्तारित की है। यह भी निर्णय लिया गया कि योजना के तहत राहत को वर्तमान औसत दैनिक अर्जन (अर्निंग) को 25% से बढ़ाते हुए औसत दैनिक अर्जन के 50% तक बढ़ा दिया जाए तथा कोविड-19 महामारी के दौरान बेरोजगार हुए कामगारों को राहत प्रदान करते हुए दिनांक 24.03.2020 से 31.12.2020 की अवधि के दौरान पात्रता शर्तों में शिथिलता प्रदान की जाए। शर्तों में दी गई छूट के तहत योजना के हितलाभार्थियों की प्रतिक्रिया का विश्लेषण करते समय यह पाया गया कि शपथपत्र प्रपत्र में दावा प्रस्तुत करने की शर्त से दावेदारों को असुविधा हो रही है। हितलाभार्थियों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर विचार करते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि अब से दावेदार जिसने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत ऑनलाइन दावा प्रस्तुत किया है और आवश्यक दस्तावेजों अर्थात् आधार एवं बैंक विवरणों की प्रतिलिपियों की स्कैन प्रतिलिपियां अपलोड की हैं, को प्रत्यक्ष दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। यदि दावे के समय दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड नहीं किए गए हैं तो दावेदार अपेक्षित दस्तावेजों के साथ विधिवत् हस्ताक्षरित दावे का प्रिंट-आउट प्रस्तुत करेगा। शपथ-पत्र प्रपत्र में दावा प्रस्तुत करने की शर्त को हटाया गया है।
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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा हज 2021 की घोषणा
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा कोरोना चुनौतियों के मद्देनजर बड़े बदलावों के साथ हज 2021 की घोषणा के साथ ही आज से हज 2021 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हज हाउस, मुंबई में हज 2021 की घोषणा करते हुए श्री नकवी ने कहा कि हज 2021 में पैंडेमिक पोजीशन के मद्देनजर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल गाइडलाइन्स का मुस्तैदी से पालन किया जायेगा। हज 2021 के लिए आवेदन पत्र जमा किये जाने की अंतिम तिथि 10 दिसंबर 2020 है। हज के लिए आवेदन, ऑनलाइन और मोबाइल एप्प के जरिये एवं ऑफलाइन माध्यम से किये जा सकेंगे। श्री नकवी ने कहा कि हज 2021 जून-जुलाई के महीने में होना है। संपूर्ण हज प्रक्रिया, सऊदी अरब की सरकार एवं भारत सरकार द्वारा कोरोना आपदा के मद्देनजर तय किये जाने वाले पात्रता मानदंड, आयु मानदंड, स्वास्थ्य परिस्थिति एवं अन्य जरुरी दिशानिर्देशों के अनुसार हो रही है। लोगों की सेहत, सुरक्षा और सऊदी अरब सरकार के दिशानिर्देशों को प्राथमिकता देते हुए और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, हज कमेटी, सऊदी अरब में भारतीय एम्बेसी, जेद्दा में भारतीय कॉन्सुल जनरल आदि द्वारा गहन मंत्रणा के बाद हज 2021 की संपूर्ण प्रक्रिया तय की गई है। श्री नकवी ने कहा कि हज 2021 के सम्बन्ध में सऊदी अरब सरकार द्वारा जारी अन्य दिशानिर्देशों का भी पालन किया जायेगा। आयु मानदंडों में कोरोना के कहर को देखते हुए बदलाव हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई सफर प्रोटोकॉल के तहत हज पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हज यात्रा से 72 घंटे पहले कोरोना टेस्ट करवाना जरुरी होगा। नेगेटिव परिणाम आने पर ही हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी। श्री नकवी ने कहा कि कोरोना पैंडेमिक पोजीशन और एयर इंडिया सहित विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त फीडबैक के चलते इम्बार्केशन पॉइंट्स की संख्या जो पहले 21 थी वह हज 2021 के लिए 10 रहेगी।
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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1670962
पीआईबी के स्थानीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारी
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों का अनुपात घट रहा है। नवंबर में अब तक पॉजिटिव मामलों की दर औसत 8.35% रही है। यह अनुपात अक्टूबर में लगभग 15% और सितंबर में 24% था। रविवार को महाराष्ट्र में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की गई। रविवार को महाराष्ट्र में 5,052 नए मामले सामने आए। मुंबई में 998 नए मामले दर्ज किये गए ।
गुजरात: गुजरात में रविवार को कोविड-19 के 1,020 नए मामले आये और सात मौतें हुईं। राज्य में अब तक कोविड-19 के कुल 1,80,980 मामले आ चुके है और 3,788 मौतें हुईं है। हालांकि राज्य में कोरोना के मामले 200 के नीचे आ गए और यहां सूरत में एक ही दिन में 194 मामले दर्ज किये गए है। अहमदाबाद में 195 नए मामले सामने आए।
राजस्थान: राजस्थान में कोविड-19 मामलों की संख्या अक्टूबर के अंतिम सप्ताह की तुलना में नवंबर के पहले सप्ताह में थोड़ा कम रहे है और कोविड-19 मामलों की संख्या और मौतों में मामूली कमी दर्ज की गई है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में राज्य में 12,571 नए मामले और 81 मौतें हुई थीं, लेकिन नवंबर के पहले सप्ताह में, राज्य में 12,445 नए मामले और 72 मौतें दर्ज की गई है। इस तरह अक्टूबर के अंतिम सप्ताह की तुलना में नवंबर के पहले सप्ताह में, राज्य में, 126 मामले और नौ मौतें कम दर्ज हुए है।
मध्य प्रदेश: एक महीने के लंबे अंतराल के बाद, राज्य में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या पिछले दो दिनों से बढ़ने लगी है। प्रति दिन रिपोर्ट किए जाने वाले कोविड-19 मामलों की संख्या भी नवंबर से लगातार बढ़ने लगी है। रविवार को राज्य में 891 नए मामले सामने आए। राज्य में अब तक कुल दर्ज कोविड-19 मामलों की संख्या 1.77 लाख बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में रविवार को कोविड-19 के 1,375 मामले दर्ज हुए, जिससे राज्य में संक्रमित मामलों की कुल संख्या 2,00,937 हो गइ है। विभिन्न अस्पतालों से 153 लोग के साथ स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1.76 लाख हो गई, जबकि 1,940 रोगियों ने दिन के दौरान अपने घर के पृथक वास की अवधि पूरी की।
केरल: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा है कि कोविड-19 से स्वस्थ हुए रोगीयों को कोविड के बाद आने वाली समस्याओं के लिये ई-संजीवनी सेवा के माध्यम से टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध कराई जाएगी, जो आयुष्मान भारत स्वास्थ्य पहल के तहत टेली-परामर्श के लिए लागू की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद आने वाली समस्याओं का उपचार इसके तहत किया जाएगा। महामारी के प्रकोप के बाद राज्य में लागू रिवर्स क्वारंटीन के प्रभाव का विश्लेषण करने का प्रयास करते हुए, केरल ने अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए समान उपायों की तुलना करने का एक व्यापक अध्ययन शुरू किया है। इस बीच, कोविड-19 से संबंधित परेशानियों की सहायता के लिए के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सहायता की बढ़ती मांग के बीच, राज्य का स्वास्थ्य विभाग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बेंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेन्टल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज की सिफारिशों के तहत अपने हस्तक्षेप कार्यक्रमों को फिर से डिज़ाइन करने पर विचार कर रहा है।
तमिलनाडु: राज्य के स्वास्थ्य अधिकारीयों ने कोविड-19 की पहचान के लिए सीटी स्कैन पर निर्भरता के बारे में चिंता व्यक्त की हैं। अधिकारीयों का कहना है कि मरीज पीसीआर परीक्षणों के स्थान पर स्कैन और रक्त परीक्षणों का चयन कर रहे है जिससे उपचार में देरी हो रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि तमिलनाडु के 3 जिलों में कोविड-19 का उच्च प्रसार हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के वायरस के संपर्क में आने का पता लगाने के लिए हाल ही में किए गए सीरो-सर्वेक्षण में केवल 30 प्रतिशत प्रतिभागियों में एंटीबॉडी पाए गए है। मदुरै के सरकारी अस्पताल के चार डॉक्टर और नर्स कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित। राज्य सरकार के वित्त और सरकार के कर राजस्व ( एसओटीआर) के माध्यम से पटरी पर लौटने के संकेत।
कर्नाटक: चित्रदुर्ग कोविड-19 वैक्सीन के लिए केंद्र; भंडारण केंद्र में एक समय में टीकों की 10 लाख खुराक जमा करने की क्षमता होगी। राज्य में ऑटो रिक्शा और कैब चालक केन्द्र के नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 और राज्य के मोटर वाहन अधिनियम के बीच फंसे; हालांकि, केंद्र सरकार का नया अधिनियम लागू हो गया है, लेकिन राज्य सरकार को इस अधिनियम को पूरे राज्य में लागू करने के लिए गजट अधिसूचना जारी करनी है। कई लोगों ने कोविड के मामलों में कमी के साथ एहतियात के उपाय कम कर दिये है, मांड्या में अधिकारीयों ने कोविड प्रतिबंधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और निगरानी के लिए गांव-स्तरीय टास्क फोर्स टीमों को पुनर्जीवित कर रहे है।
आंध्र प्रदेश: नागरिकों के बीच कोरोनोवायरस की व्यापकता का पता लगाने और स्थिति से निपटने कि रणनीति बनाने के लिए राज्य में दूसरे सीरोलॉजिकल सर्वे की शुरुआत की गई है। पहला सर्वेक्षण दो चरणों में आयोजित किया गया था, राज्य के सभी 13 जिलों में एक बार सर्वेक्षण किया जा रहा है। पहले सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, राज्य में 19.7 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी विकसित हइ थी। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सार्वजनिक उपयोग के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन उपलब्ध होगी और सरकारी और सरकारी मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में अपनी जान जोखिम में डालने वाले कोरोना योद्धाओं के लिए इस पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
तेलंगाना: पिछले 24 घंटों में कोविड के 857 नए मामले आए जबकि 1504 लोग स्वस्थ हुए और 4 लोगों की मौत हुई, 857 मामलों में से, 250 मामले जीएचएमसी से रिपोर्ट किए गए। कुल मामले: 2,51,188; सक्रिय मामले: 19,239; मृत्यु: 1381; स्वस्थ हो के घर लौटे: 2,30,568। राज्य सरकार की प्रतिष्ठित तेलंगाना डायग्नोस्टिक्स पहल का उद्देश्य न केवल हैदराबाद में, बल्कि पूरे राज्य में सरकारी अस्पतालों में नैदानिक परीक्षणों की को सुनिश्चित करना है। सितंबर में अनलॉक शुरू होने के बाद से दिल्ली मेट्रो के बाद, हैदराबाद मेट्रो में यात्री सवारी के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गई।
असम: असम में, कोविड-19 के 152 नए मामले सामने आए। कल 395 रोगियों को छुट्टी दी गइ। कुल मामले 208789, कुल डिस्चार्ज मरीज 201331, सक्रिय मामले 6512 और 943 मौतें।
पीआईबी द्वारा जांचे गए तथ्य
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