प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ करते हुए कौशल दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
भारत ज्ञान और कौशल का देश है, यह बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी शक्ति है: श्री नरेन्द्र मोदी
आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएं भी हैं: प्रधानमंत्री
पीएम-सेतु योजना भारत के युवाओं को दुनिया की कौशल मांगों से जोड़ेगी: श्री नरेन्द्र मोदी
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जी ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा और शिक्षा के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया, उनके नाम पर स्थापित किया जा रहा कौशल विश्वविद्यालय उस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा: प्रधानमंत्री
युवाओं की ताकत बढ़ने से राष्ट्र की मजबूती होती है: प्रधानमंत्री
Posted On:
04 OCT 2025 1:42PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में कौशल दीक्षांत समारोह के दौरान 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। देश भर के आईटीआई से जुड़े लाखों छात्रों और बिहार के छात्रों एवं शिक्षकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि कुछ वर्ष पहले सरकार ने आईटीआई छात्रों के लिए बड़े पैमाने पर दीक्षांत समारोह आयोजित करने की एक नई परंपरा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि आज का दिन उस परंपरा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का समारोह भारत द्वारा कौशल विकास को दी जाने वाली प्राथमिकता का प्रतीक है। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में देश भर के युवाओं के लिए दो प्रमुख पहलों की शुरुआत की घोषणा की। श्री मोदी ने इस बात का उल्लेख किया कि 60,000 करोड़ रुपये की पीएम सेतु योजना के तहत आईटीआई अब उद्योगों के साथ और अधिक मज़बूती से एकीकृत होंगे। उन्होंने कहा कि आज देश भर के नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों में 1,200 कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया गया है।
श्री मोदी ने कहा कि इस आयोजन की प्रारंभिक योजना विज्ञान भवन में एक दीक्षांत समारोह आयोजित करने की थी। उन्होंने कहा श्री नीतीश कुमार द्वारा इस अवसर को एक विशाल उत्सव में बदलने के प्रस्ताव के साथ यह एक भव्य समारोह - "सुनहरे आभूषणों से सुसज्जित एक “पिटारे” - में बदल गया। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि इसी मंच से बिहार के युवाओं के लिए कई योजनाओं और परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। इनमें बिहार में एक नए कौशल प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना, अन्य विश्वविद्यालयों में सुविधाओं का विस्तार, एक नए युवा आयोग का गठन और हज़ारों युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करना शामिल है। उन्होंने कहा कि ये पहल बिहार के युवाओं के उज्जवल भविष्य की गारंटी हैं।
श्री मोदी ने बिहार की महिलाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता पर केन्द्रित लाखों बहनों के लिये हाल ही में आयोजित बड़े कार्यक्रम को याद करते हुए कहा कि बिहार में युवा सशक्तीकरण के लिए आज का यह विशाल कार्यक्रम राज्य के युवाओं और महिलाओं के प्रति उनकी सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ज्ञान और कौशल का देश है और यह बौद्धिक शक्ति इसकी सबसे बड़ी संपत्ति है। जब कौशल और ज्ञान राष्ट्रीय आवश्यकताओं के साथ जुड़ते हैं और उन्हें पूरा करने में योगदान देते हैं तो उनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की माँग देश की आवश्यकताओं के अनुसार स्थानीय प्रतिभा, स्थानीय संसाधनों, स्थानीय कौशल और स्थानीय ज्ञान को तेज़ी से आगे बढ़ाने की है। इस मिशन में हज़ारों आईटीआई की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान में आईटीआई लगभग 170 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। पिछले 11 वर्षों में, 1.5 करोड़ से ज़्यादा युवाओं ने इन विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है और विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी योग्यताएँ प्राप्त की हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि ये कौशल स्थानीय भाषाओं में प्रदान किए जाते हैं, जिससे बेहतर समझ और सुगमता संभव होती है। इस वर्ष अखिल भारतीय ट्रेड टेस्ट में 10 लाख से ज़्यादा छात्रों ने भाग लिया और प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम के दौरान उनमें से 45 से ज़्यादा को सम्मानित करने का अवसर मिला।
श्री मोदी ने इस अवसर पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि पुरस्कार विजेताओं में से काफी लोग भारत के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों से हैं। उन्होंने इनमें बेटियों और दिव्यांग साथियों की उपस्थिति का जिक्र करते हुए समर्पण एवं दृढ़ता से अर्जित उनकी सफलता की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा "भारत के आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के लिए प्रमुख संस्थान हैं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु कार्यशालाओं के रूप में भी काम करते हैं।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सरकार आईटीआई की संख्या बढ़ाने और उन्हें निरंतर उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वर्ष 2014 तक देश में केवल 10,000 आईटीआई थे लेकिन पिछले एक दशक में लगभग 5,000 नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं। श्री मोदी ने इस बात का उल्लेख किया कि आईटीआई नेटवर्क को वर्तमान उद्योग कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने और अगले दस वर्षों में भविष्य की मांगों का अनुमान लगाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस दिशा में उद्योग और आईटीआई के बीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने पीएम सेतु योजना शुरू करने की घोषणा की जिससे पूरे भारत में 1,000 से अधिक आईटीआई संस्थान लाभान्वित होंगे। इस पहल के माध्यम से आईटीआई को नई मशीनरी, उद्योग प्रशिक्षण विशेषज्ञों और वर्तमान एवं भविष्य की कौशल मांगों के अनुरूप पाठ्यक्रम के साथ उन्नत किया जाएगा। श्री मोदी ने कहा "पीएम सेतु योजना भारतीय युवाओं को वैश्विक कौशल आवश्यकताओं से भी जोड़ेगी।"
श्री मोदी ने आज के कार्यक्रम में बिहार के हज़ारों युवाओं के शामिल होने का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी शायद पूरी तरह से समझ नहीं पाएगी कि दो-ढाई दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था कितनी बदहाल थी। न तो स्कूल ईमानदारी से खोले गए और न ही भर्तियाँ की गईं। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा यहीं पढ़े और आगे बढ़े। लेकिन, मजबूरी में लाखों बच्चों को बिहार छोड़कर बनारस, दिल्ली और मुंबई जैसी जगहों पर पलायन करना पड़ा।
श्री मोदी ने कहा कि जिस पेड़ की जड़ें सड़ चुकी हों, उसे पुनर्जीवित करना एक कठिन काम है, उन्होंने विपक्ष के कुशासन में बिहार की स्थिति की तुलना ऐसे ही एक पेड़ करते हुए कहा कि सौभाग्य से बिहार की जनता ने श्री नीतीश कुमार को शासन की ज़िम्मेदारी सौंपी और गठबंधन सरकार की पूरी टीम ने पटरी से उतरी व्यवस्थाओं को बहाल करने के लिए मिलकर काम किया। आज का कार्यक्रम उस बदलाव की एक झलक पेश करता है।
प्रधानमंत्री ने आज के कौशल दीक्षांत समारोह में बिहार को एक नए कौशल विश्वविद्यालय की सौगात मिलने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने इस विश्वविद्यालय का नाम भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखा है। श्री मोदी ने इस बात का उल्लेख किया भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर ने अपना पूरा जीवन जनसेवा और शिक्षा के विस्तार के लिए समर्पित कर दिया और समाज के सबसे वंचित वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। उन्होंने कहा कि उनके सम्मान में नामित कौशल विश्वविद्यालय इसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य की उनकी सरकारें बिहार के शैक्षणिक संस्थानों के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। आईआईटी पटना में बुनियादी ढाँचे का विस्तार शुरू हो चुका है और बिहार के कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों का आधुनिकीकरण भी शुरू हो गया है। श्री मोदी ने घोषणा की कि एनआईटी पटना का बिहटा परिसर अब प्रतिभाशाली छात्रों के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र मंडल विश्वविद्यालय, छपरा स्थित जय प्रकाश विश्वविद्यालय और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक बुनियादी ढाँचे की नींव रखी गई है।
श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शैक्षणिक संस्थानों को मज़बूत करने के साथ-साथ श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार बिहार के युवाओं पर शिक्षा का आर्थिक बोझ कम करने के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को उच्च शिक्षा की फीस भरने में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से छात्रों की मदद कर रही है और अब इस योजना के तहत शिक्षा ऋण को ब्याज मुक्त बनाने का एक बड़ा फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि छात्रों की छात्रवृत्ति राशि 1,800 रुपये से बढ़ाकर 3,600 रुपये कर दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है और बिहार युवाओं के उच्चतम अनुपात वाले राज्यों में से एक है।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब बिहार के युवाओं की क्षमता बढ़ती है, तो राष्ट्र की शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बिहार के युवाओं को और सशक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि पिछली विपक्षी सरकारों की तुलना में बिहार के शिक्षा बजट में कई गुना वृद्धि की गई है। आज बिहार के लगभग हर गाँव और बस्ती में एक स्कूल है और इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में बिहार के 19 जिलों में केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब बिहार में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल बुनियादी ढांचे का अभाव था, लेकिन आज राज्य में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन हो रहे हैं।
श्री मोदी ने पिछले दो दशकों में बिहार सरकार द्वारा 50 लाख युवाओं को राज्य में ही रोज़गार के अवसरों से जोड़ने का ज़िक्र करते हुए, कहा कि हाल के वर्षों में ही बिहार के युवाओं को लगभग 10 लाख स्थायी सरकारी नौकरियाँ प्रदान की गई हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया, जहाँ बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में बिहार में 2.5 लाख से ज़्यादा शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिससे युवाओं को रोज़गार के अवसर तो मिले ही हैं, साथ ही शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
श्री मोदी ने कहा कि बिहार सरकार अब नए लक्ष्यों के साथ काम कर रही है, और राज्य का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में रोज़गार के दोगुने अवसर पैदा करना है। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि उनका संकल्प स्पष्ट है- बिहार के युवाओं को बिहार में ही रोज़गार और काम मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं के लिए यह दोहरे बोनस का समय है। उन्होंने देश भर में चल रहे जीएसटी बचत उत्सव का ज़िक्र किया और बताया कि उन्हें बाइक और स्कूटर पर जीएसटी कम होने से बिहार के युवाओं में खुशी की खबर मिली है। कई युवाओं ने तो धनतेरस पर ये खरीदारी करने की योजना भी बना ली है। श्री मोदी ने बिहार और देश के युवाओं को उनकी ज़्यादातर ज़रूरी चीज़ों पर जीएसटी कम होने पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, "जैसे-जैसे कौशल बढ़ता है, राष्ट्र आत्मनिर्भर बनता है, निर्यात बढ़ता है और रोज़गार के अवसर बढ़ते हैं।" उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, भारत को "कमजोर पाँच" अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था जहाँ विकास दर कम थी और रोज़गार सृजन सीमित था। आज भारत विनिर्माण और रोज़गार में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ, शीर्ष तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की ओर अग्रसर है। श्री मोदी ने मोबाइल फ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण और निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से बड़े उद्योगों और एमएसएमई में उल्लेखनीय रोज़गार सृजन हुआ है, जिससे आईटीआई में प्रशिक्षित युवाओं सहित युवाओं को काफ़ी लाभ हुआ है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मुद्रा योजना ने करोड़ों युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने में मदद की है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने 1 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना के कार्यान्वयन की घोषणा की जिससे लगभग 3.5 करोड़ युवाओं को निजी क्षेत्र में रोज़गार हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि देश के हर युवा के लिए यह समय अवसरों से भरा है और कई चीज़ों के विकल्प मौजूद हो सकते हैं लेकिन कौशल, नवाचार और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। प्रधानमंत्री ने पूरे विश्वास के साथ कहा कि ये सभी गुण भारत के युवाओं में निहित हैं और उनकी ताकत ही विकसित भारत की ताकत बनेगी। उन्होंने सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री जयंत चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम, श्री राजीव रंजन सिंह, श्री सुकांत मजूमदार और अन्य गणमान्य व्यक्ति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने युवा विकास की एक ऐतिहासिक पहल के तहत नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों की शुरूआत की, जिससे देश भर में शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को एक निर्णायक बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह के चौथे संस्करण, कौशल दीक्षांत समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसमें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 46 अखिल भारतीय टॉपरों को सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री ने 60,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ केंद्र प्रायोजित योजना पीएम-सेतु (अपग्रेडेड आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन) का शुभारंभ किया। इस योजना में देश भर में 1,000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में अपग्रेड करने की परिकल्पना की गई है, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल हैं। प्रत्येक हब औसतन चार स्पोक से जुड़ा होगा, जिससे उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक ट्रेडों, डिजिटल लर्निंग सिस्टम और इनक्यूबेशन सुविधाओं से लैस क्लस्टर बनेंगे। एंकर इंडस्ट्री पार्टनर्स इन क्लस्टरों का प्रबंधन करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि बाजार की मांग के अनुरूप परिणाम-आधारित कौशल विकास हो, हब में नवाचार केंद्र, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण की सुविधाएं, उत्पादन इकाइयां और प्लेसमेंट सेवाएं भी होंगी। योजना के कार्यान्वयन के प्रथम चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया। ये प्रयोगशालाएँ दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों सहित, आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे 12 उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप, इस परियोजना में उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए प्रारंभिक आधार तैयार करने हेतु 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी शामिल है।
कार्यक्रम का विशेष जोर बिहार में परिवर्तनकारी परियोजनाओं पर होगा, जो राज्य की समृद्ध विरासत और युवा जनसांख्यिकी को प्रतिबिंबित करेगा। प्रधानमंत्री ने बिहार की पुनर्निर्मित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत हर साल लगभग पांच लाख स्नातक युवाओं को दो साल के लिए 1,000 रुपये का मासिक भत्ता और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने पुनः डिजाइन की गई बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी शुभारंभ किया, जो 4 लाख रुपये तक के पूरी तरह से ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण प्रदान करेगी, जिससे उच्च शिक्षा का वित्तीय बोझ काफी कम हो जाएगा। इस योजना के तहत 3.92 लाख से अधिक छात्रों ने पहले ही 7,880 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण प्राप्त किए हैं। राज्य में युवा सशक्तीकरण को और मजबूत करने के लिए, 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए एक वैधानिक आयोग एवं बिहार युवा आयोग का औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया ताकि राज्य की युवा आबादी की ऊर्जा को दिशा दी जा सके
प्रधानमंत्री ने बिहार में जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करने के लिए उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना है।
उच्च शिक्षा के अवसरों को बेहतर बनाने के दृष्टिकोण के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के अंतर्गत बिहार के चार विश्वविद्यालयों, पटना विश्वविद्यालय, मधेपुरा स्थित भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, छपरा स्थित जय प्रकाश विश्वविद्यालय और पटना स्थित नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखी। कुल 160 करोड़ रुपये के आवंटन वाली ये परियोजनाएँ आधुनिक शैक्षणिक अवसंरचना, उन्नत प्रयोगशालाओं, छात्रावासों और बहु-विषयक शिक्षण को सक्षम बनाकर 27,000 से अधिक छात्रों को लाभान्वित करेंगी।
प्रधानमंत्री ने एनआईटी पटना के बिहटा परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। 6,500 छात्रों की क्षमता वाले इस परिसर में 5G यूज़ केस लैब, इसरो के सहयोग से स्थापित एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष शैक्षणिक केंद्र, और एक नवाचार एवं इनक्यूबेशन केंद्र सहित उन्नत सुविधाएँ मौजूद हैं, जो पहले ही नौ स्टार्ट-अप्स को सहायता प्रदान कर चुका है।
प्रधानमंत्री ने बिहार सरकार में 4,000 से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए तथा मुख्यमंत्री बालक/बालिका छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कक्षा 9 और 10 के 25 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति जारी की।
इन पहलों की शुरूआत से भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद है। शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता और बेहतर बुनियादी ढाँचे को एकीकृत करके, इनका उद्देश्य देश की प्रगति के लिए एक ठोस आधार प्रदान करना है। बिहार पर विशेष ध्यान देने के साथ, यह राज्य कुशल जनशक्ति के केंद्र के रूप में विकसित होगा और क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विकास में योगदान देगा।