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बेंगलुरु में बॉश स्मार्ट कैंपस के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

Posted On: 30 JUN 2022 12:55PM by PIB Delhi

बॉश इंडिया टीम के सभी सदस्यो,

प्यारे मित्रो, नमस्ते!

बॉश इंडिया के 100 साल पूरे होने पर बधाई। यह भारत और बॉश इंडिया दोनों के लिए एक विशेष वर्ष है। हमारा देश आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है और आप भारत में अपनी उपस्थिति का शताब्दी समारोह मना रहे हैं। बॉश स्मार्ट कैंपस का उद्घाटन कर मुझे भी बेहद खुशी हो रही है। यह परिसर निश्चित रूप से भारत और पूरी दुनिया के लिए भविष्य के उत्पादों और समाधानों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अक्टूबर 2015 में, मुझे चांसलर मर्केल के साथ बेंगलुरु में बॉश फसिलिटी आने का मौका मिला था। मैंने वहां हो रहे नवोन्मेषी कार्यों को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। दोहरी शिक्षा प्रणाली शानदार है, जिससे बॉश युवाओं को कौशल प्रदान करता है।

 

मित्रो,

यह तकनीक का दौर है। हम सभी ने पिछले दो वर्षों में प्रौद्योगिकी के फायदे देखे हैं जब दुनिया पिछले एक सदी में आई सबसे बड़ी महामारी से लड़ रही है। इसलिए, तकनीक और नवाचार में और भी निवेश करना महत्वपूर्ण हो जाता है। मुझे खुशी है कि बॉश इंडिया ने न केवल नवाचार बल्कि इसके स्केल पर भी काम किया है। इसमें एक प्रमुख स्तंभ स्थिरता भी होगा। पिछले 8 वर्षों में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में लगभग 20 गुना वृद्धि के साथ भारत का विकास हरित होता जा रहा है। मुझे बताया गया है कि बॉश ने भारत में और बाहर, दोनों जगह कार्बन तटस्थता हासिल कर ली है। यह बहुत ही प्रेरणादायक है।

मित्रो,

आज, भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पिछले दो वर्षों में निवेश बढ़ा है। हमारे युवाओं को धन्यवाद, हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में सबसे बड़ा है। तकनीकी जगत में ही बहुत अवसर हैं। भारत सरकार हर गांव में हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। डिजिटल इंडिया के हमारे दृष्टिकोण में सरकार के हर पहलू के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना शामिल है। मैं पूरी दुनिया से इन अवसरों का लाभ लेने और हमारे देश में निवेश करने का आग्रह करूंगा।

मित्रो,

मील के पत्थर महत्वपूर्ण होते हैं। वे जश्न मनाने और आगे देखने का अवसर होते हैं। मैं बॉश से भारत में और अधिक करने पर विचार करने का आग्रह करता हूं। अगले 25 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करें, जो आपकी टीम कर सकती है। 100 साल पहले बॉश जर्मनी की कंपनी बनकर भारत आई थी। लेकिन आज यह उतनी ही भारतीय है जितनी जर्मन। यह जर्मन इंजीनियरिंग और भारतीय ऊर्जा का बेजोड़ उदाहरण है। यह रिश्ता और भी मजबूत होता जाएगा। मैं एक बार फिर से बॉश इंडिया के पूरे परिवार को बधाई देता हूं और आपको शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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एमजी/एएम/एएस


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