प्रधानमंत्री कार्यालय
भारत-बांग्लादेश आभासी शिखर बैठक पर संयुक्त वक्तव्य
Posted On:
17 DEC 2020 4:07PM by PIB Delhi
-
महामहिम श्री नरेन्द्र मोदी, भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री और महामहिम शेख हसीना, बांग्लादेश लोक गणराज्य की प्रधानमंत्री ने 17 दिसंबर 2020 को आभासी प्रारूप में एक शिखर बैठक की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की, और विभिन्न क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारत-बांग्लादेश साझेदारी
-
दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच की साझेदारी को परिभाषित करने वाले इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं अन्य अनोखी समानताओं के साझे बंधनों पर आधारित द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश और भारत के बीच का संबंध बंधुत्व पर आधारित तथा संप्रभुता, समानता, विश्वास एवं आपसी समझ पर आधारित एक व्यापक साझेदारी का प्रतिबिम्ब है, जो आगे बढ़कर एक रणनीतिक साझेदारी तक जाता है। उन्होंने 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के शहीदों, मुक्तिजोद्धाओं और भारतीय सैनिकों, को उनके महान बलिदानों के लिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दो मित्र देशों के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप लोकतंत्र और समानता के पोषित मूल्यों को बनाए रखने और उनकी रक्षा करने का प्रण किया।
-
दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की दिल्ली के आधिकारिक दौरे के दौरान लिए गए विभिन्न फैसलों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने सितंबर 2020 में संपन्न संयुक्त सलाहकार आयोग की छठी बैठक के सफल आयोजन को भी याद किया।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग- वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य की चुनौतियों से निपटना
-
दोनों पक्षों ने अपने-अपने देशों में जारी कोविड-19 महामारी की स्थिति के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया और इस वर्तमान संकट के दौरान दोनों देशों के बीच निरंतर जुड़ाव बनाए रखने के तरीकों पर संतोष व्यक्त किया। भारत की पड़ोस पहले की नीति (नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी) के तहत भारत द्वारा बांग्लादेश को सर्वोच्च प्राथमिकता को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आश्वस्त किया कि भारत में टीकों का उत्पादन शुरू होते ही उसे बांग्लादेश को उपलब्ध कराया जाएगा। दोनों नेताओं ने इस मामले में निजी क्षेत्र के बीच चल रहे द्विपक्षीय सहयोग पर भी गौर किया।
-
भारत ने चिकित्सीय सहयोग और टीके के उत्पादन में साझेदारी की भी पेशकश की। बांग्लादेश ने भारत द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण के पाठ्यक्रमों का बंगला भाषा में संचालन करने की सराहना की।
सांस्कृतिक सहयोग - ऐतिहासिक जुड़ावों का संयुक्त उत्सव
-
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ‘मुजीब बोर्षो’ के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन में भारत की गर्मजोशी की सराहना की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी के अवसर पर भारत सरकार द्वारा जारी एक स्मृति डाक टिकट का संयुक्त रूप से अनावरण किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर 2020 में गांधीजी की 150वीं जयंती समारोह के अवसर पर महात्मा गांधी के सम्मान में एक डाक टिकट जारी करने के लिए बांग्लादेश सरकार का धन्यवाद किया।
-
इस अवसर पर 20वीं सदी के दो महान नेताओं, महात्मा गांधी और बंगबंधु, की स्मृति में डिजिटल प्रदर्शनी के बारे में एक परिचयात्मक वीडियो भी प्रदर्शित किया गया। दोनों नेताओं ने उम्मीद जताई कि यह प्रदर्शनी, जिसका आयोजन बांग्लादेश एवं भारत के विभिन्न शहरों और दुनिया भर के चयनित शहरों के साथ - साथ संयुक्त राष्ट्र में किया जाना है, विशेषकर युवाओं में न्याय, समानता और अहिंसा के मूल्यों को प्रेरित करेगी।
-
दोनों पक्षों ने इस बात को रेखांकित किया कि भारतीय फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के निर्देशन में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान पर बनने वाले वृत्तचित्र का फिल्मांकन जनवरी 2021 में शुरू होगा।
-
यह देखते हुए कि भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से 2021 का वर्ष ऐतिहासिक होगा क्योंकि दोनों देश मुक्ति युद्ध तथा भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की पचासवीं वर्षगांठ मनायेंगे, इन दोनों महत्वपूर्ण घटनाओं की याद में भारत, बांग्लादेश और तीसरे देशों में संयुक्त रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की गई।
-
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारतीय पक्ष से बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध के दौरान मुजीब नगर से बांग्लादेश-भारत सीमा पर स्थित नदिया तक जाने वाली सड़क के ऐतिहासिक महत्व को याद करते हुए इस ऐतिहासिक सड़क का नाम "शधिनोता शोरोक" रखने के बांग्लादेश के प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया।
-
दोनों पक्षों ने संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, युवा एवं खेल तथा जन मीडिया को बढ़ावा देने के लिए समूहों के नियमित आदान-प्रदान को जारी रखने की बात को दोहराया।
सीमा प्रबंधन और सुरक्षा सहयोग
-
दोनों पक्षों ने निर्धारित सीमा के सीमांकन को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से इच्छामती, कालिंदी, रायमंगोल और हरियाभंगा नदियों से लगे मुख्य स्तंभ 1 से लेकर भूमि सीमा टर्मिनस तक की पट्टी के नक्शे का एक नया सेट तैयार करने के लिए संयुक्त सीमा सम्मेलन की एक बैठक जल्द आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। कुहसियारा नदी से लगे अंतर्राष्ट्रीय सीमा को एक निर्धारित सीमा में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक कार्य करने पर सहमति हुई।
-
बांग्लादेश देश पक्ष ने राजशाही जिले के पास पदमा नदी से लगे नदी मार्ग के जरिये 1.3 किलोमीटर की निर्बाध आवाजाही का अनुरोध दोहराया। भारतीय पक्ष ने इस अनुरोध पर विचार करने का आश्वासन दिया।
-
दोनों नेताओं ने त्रिपुरा (भारत)- बांग्लादेश खंड से जल्दी शुरु कर दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाकी बचे सभी खंडों में बाड़ लगाने के लंबित काम को आसानी से पूरा किये जाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि सीमा पर असैनिक लोगों के जीवन की क्षति एक चिंता का विषय है और उन्होंने सीमा पर तैनात संबद्ध सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि वे सीमा पर घटित होने वाली ऐसी घटनाओं को शून्य पर लाने की दिशा में काम करने के लिए समन्वय के उपायों को बढ़ाएं। दोनों नेताओं ने जारी समन्वित सीमा प्रबंधन योजना के पूर्ण कार्यान्वयन पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने हथियारों, नशीले पदार्थों और नकली मुद्रा की तस्करी के खिलाफ और मानव तस्करी, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए दोनों ओर के सीमा सुरक्षा बलों के हाल के सशक्त प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।
-
बांग्लादेश और भारत के लगातार प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त रहने को देखते हुए, दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया।
-
आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक खतरा मानते हुए, दोनों पक्षों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को खत्म करने के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराया।
-
दोनों पक्षों ने एक – दूसरे के यहां लोगों के आवागमन को सरल बनाने पर जोर दिया। बांग्लादेश पक्ष की ओर से अखौरा (त्रिपुरा) और घोझडांगा (पश्चिम बंगाल) स्थित जांच चौकियों से शुरु कर वैध दस्तावेजों के साथ यात्रा करने वाले बांग्लादेशियों के लिए भारत में भू- बंदरगाहों से प्रवेश / निकास पर बाकी बचे प्रतिबंधों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की भारत की प्रतिबद्धता को जल्द लागू करने का अनुरोध किया गया।
विकास के लिए व्यापार में साझेदारी
-
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने साफ्टा के तहत भारत को किये जाने वाले बांग्लादेशी निर्यात को 2011 से शुल्क मुक्त और कोटा मुक्त पहुंच प्रदान करने की सराहना की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने बंदरगाह संबंधी रोक, प्रक्रियात्मक अड़चनों और क्वारंटीन संबंधी प्रतिबंधों समेत गैर – प्रशुल्क बाधाओं और व्यापार सुगमता के मसलों को हल करने पर जोर दिया ताकि दोनों देश साफ्टा प्रावधानों के लचीलेपन का पूरा लाभ उठा सकें। बांग्लादेश पक्ष ने अनुरोध किया कि चूंकि भारत द्वारा बांग्लादेश को आवश्यक वस्तुओं का निर्यात उसके घरेलू बाजार को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है, इसलिए भारत सरकार के निर्यात-आयात नीति में किसी भी संशोधन को अग्रिम रूप से सूचित किया जाये। भारतीय पक्ष ने इस अनुरोध का संज्ञान लिया।
-
दोनों नेताओं ने साइड-डोर कंटेनर और पार्सल ट्रेनों का उपयोग करके मौजूदा रेल मार्गों के जरिए द्विपक्षीय व्यापार को संभव बनाने समेत कोविड-19 के दौरान निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में दिखाए गए सहयोग के लिए व्यापार और रेलवे अधिकारियों की सराहना की।
-
द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों की अपार संभावनाओं को स्वीकार करते हुए, दोनों प्रधानमंत्रियों ने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) में प्रवेश करने की संभावनाओं के बारे में चल रहे संयुक्त अध्ययन को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया।
-
इस वर्ष की शुरुआत में, भारत-बांग्लादेश वस्त्र उद्योग मंच (टेक्स्टाईल इंडस्ट्री फोरम) की पहली बैठक का स्वागत करते हुए, दोनों नेताओं ने कपड़ा उद्योग के क्षेत्र में बेहतर संपर्क और सहयोग के महत्व पर जोर दिया और अधिकारियों को कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार और कपड़ा एवं जूट मंत्रालय, बांग्लादेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर चल रही बातचीत को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने हाल ही में आयोजित बांग्लादेश से भारत को जूट उत्पादों के निर्यात पर लगाए गए डंपिंग रोधी / प्रपंच रोधी शुल्कों पर परामर्श का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि एडीडी से संबंधित मुद्दों का समाधान शीघ्र कर लिया जाएगा।
समृद्धि के लिए संपर्क
-
दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच 1965 से पहले के रेल संपर्क को फिर से बहाल करने की दिशा में की गई निरंतर प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से हल्दीबाड़ी (भारत) और चिल्हाटी (बांग्लादेश) के बीच ताजा बहाल किये गये रेल संपर्क का उद्घाटन किया और कहा कि यह रेल संपर्क दोनों देशों के व्यापार और लोगों के बीच के संबंधों को और मजबूत करेगा।
-
दोनों नेताओं ने जारी द्विपक्षीय संपर्क उपायों का जायजा लिया और हाल ही में प्रोटोकॉल ऑन इनलैंड वाटर ट्रांजिट एंड ट्रेड (पीआईडब्ल्यूटीटी) पर में दूसरे परिशिष्ट पर हस्ताक्षर, चट्टोग्राम के रास्ते कोलकाता से अगरतला तक भारतीय सामानों के ट्रांस-शिपमेंट का पूर्व परीक्षण, और पीआईडब्ल्यूटीटी के तहत सोनमुरा-दाउदकंडी प्रोटोकॉल मार्ग का परिचालन करने समेत हाल में किये गये विभिन्न पहलों का स्वागत किया। दोनों नेता चट्टोग्राम और मोंगला बंदरगाह के जरिए भारतीय सामानों के ट्रांस-शिपमेंट को जल्दी से शुरू करने पर सहमत हुए।
-
दोनों देशों के बीच बेहतर संपर्क और यात्रियों एवं सामानों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए, दोनों नेताओं ने सामानों और यात्रियों की आवाजाही शुरू करने के लिए बांग्लादेश, भारत और नेपाल के लिए सक्षम समझौता ज्ञापन पर शीघ्र हस्ताक्षर के जरिए बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते, जिसमें भूटान के लिए बाद की तारीख में इसमें शामिल होने का प्रावधान है, को जल्दी से लागू करने पर सहमति व्यक्त की।
-
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत म्यांमार थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना में गहरी रुचि दिखाई और दक्षिण एवं दक्षिण - पूर्व एशिया के इलाकों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए इस परियोजना के साथ जुड़ने में बांग्लादेश को सक्षम होने के लिए भारत का समर्थन मांगा। इसी भावना के साथ, भारतीय पक्ष ने बांग्लादेश के रास्ते पश्चिम बंगाल (हिल्ली) से मेघालय (महेंद्रगंज) तक संपर्क की अनुमति देने का अनुरोध किया।
-
भारत ने बंगलादेश सरकार के समक्ष अगरतला-अखौरा से शुरु कर भारत और बांग्लादेश के प्रत्येक पड़ोसी राज्यों के बीच न्यूनतम नकारात्मक सूची वाला कम से कम एक भू- बंदरगाह होने के अनुरोध को दोहराया। बांग्लादेश पक्ष ने यह प्रस्ताव किया कि चट्टोग्राम बंदरगाह से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सामानों के परिवहन के लिए बांग्लादेशी ट्रक फेनी ब्रिज का निर्माण पूरा हो जाने पर उसका लाभ उठा सकते हैं।
-
दोनों देशों के बीच विकास की जीवंत साझेदारी को स्वीकार करते हुए, दोनों पक्षों ने एलओसी परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के उद्देश्य से उन परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा करने के लिए बांग्लादेश की ओर से सचिव, आर्थिक संबंध विभाग और भारत की ओर से ढाका में भारत के उच्चायुक्त की अध्यक्षता में हाल ही में गठित उच्चस्तरीय निगरानी समिति के सक्रिय संचालन पर जोर दिया।
-
दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों ओर के यात्रियों की अत्यंत महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों पक्षों के बीच एक अस्थायी हवाई यात्रा बुलबुला (एयर ट्रेवल बबल) शुरू करने पर संतोष व्यक्त किया। बांग्लादेश पक्ष ने भारतीय पक्ष से जल्द से जल्द भू- बंदरगाहों के जरिए नियमित यात्रा फिर से शुरू करने का अनुरोध किया।
जल संसाधन, बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग:
-
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के लिए अंतरिम समझौते पर जल्द हस्ताक्षर करने की जरुरत पर प्रकाश डाला, जैसा कि 2011 में दोनों सरकारों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में भारत की ईमानदार प्रतिबद्धता और भारत सरकार के निरंतर प्रयासों को दोहराया।
-
दोनों नेताओं ने मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला और दुधकुमार नाम की छह संयुक्त नदियों के पानी के बंटवारे पर अंतरिम समझौते की रूपरेखा के जल्द पूरा करने की जरुरत को रेखांकित किया।
-
बांग्लादेश पक्ष ने भारतीय पक्ष से सिंचाई के उद्देश्य से कुशियारा नदी के पानी के उपयोग के लिए रहीमपुर खल के शेष हिस्से की खुदाई के काम की अनुमति देने के लिए अपने संबंधित सीमा अधिकारियों को सूचित करने का अनुरोध किया। भारतीय पक्ष से कुशियारा नदी के पानी के बंटवारे के संबंध में संधि / समझौते पर हस्ताक्षर होने तक दोनों पक्षों द्वारा कुशियारा नदी से पानी निकालने की निगरानी के लिए दोनों देशों के बीच प्रस्तावित समझौता ज्ञापन पर शीघ्र सहमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया गया। दोनों नेताओं ने संयुक्त नदी आयोग के सकारात्मक योगदान को याद किया और संयुक्त नदी आयोग के सचिव स्तर के अगले दौर की बैठक के जल्द से जल्द होने की उम्मीद जतायी।
-
दोनों पक्षों ने बिजली और ऊर्जा के मामले में, निजी क्षेत्र समेत, मजबूत सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन, मैत्री सुपर थर्मल पावर परियोजना के साथ – साथ अन्य परियोजनाओं समेत विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर सहमति हुई। दोनों पक्षों ने हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग से जुड़े फ्रेमवर्क ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया, जो कि निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अध्ययन, प्रशिक्षण और हाइड्रोकार्बन कनेक्टिविटी को प्रोत्साहन देने के जरिए ऊर्जा संपर्क को और बढ़ाएगा। जैव ईंधन के क्षेत्र समेत ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा के मामले में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति हुई। ऊर्जा के हरित, स्वच्छ, नवीकरणीय स्रोतों की ओर बढ़ने की दोनों देशों की प्रतिबद्धता के अनुरूप, नेपाल और भूटान समेत उप-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति हुई। दोनों पक्ष बिजली और ऊर्जा संपर्क के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमत हुए।
म्यांमार के राखीन राज्य से जबरन विस्थापित लोग
-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार के राखीन राज्य से जबरन विस्थापित 1.1 मिलियन लोगों को आश्रय देने और मानवीय सहायता प्रदान करने में बांग्लादेश की उदारता की सराहना की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने उन विस्थापित लोगों की सुरक्षित, शीघ्र और स्थायी वापसी के महत्व को दोहराया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने जबरन विस्थापित रोहिंग्या लोगों को वापस म्यांमार भेजने में भारत की सहायता की बांग्लादेश की अपेक्षा को व्यक्त किया।
क्षेत्र और विश्व में साझेदार
-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए चुने जाने में भारत का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना का धन्यवाद किया। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के शुरुआती सुधारों, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति और प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एजेंडा 2030 में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप एसडीजी के कार्यान्वयन के साधनों को सुनिश्चित करने की वैश्विक भागीदारी के तहत विकसित देशों द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की जरुरत की पुष्टि की।
-
दोनों नेताओं ने कोविड-19 के प्रकोप के बाद के क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक परिदृश्यों को देखते हुए, सार्क और बिम्सटेक जैसे क्षेत्रीय संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मार्च 2020 में कोविड-19 के प्रकोप के दौरान दक्षेस नेताओं का वीडियो सम्मेलन बुलाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में वैश्विक महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए सार्क इमरजेंसी रिस्पांस फण्ड के निर्माण के प्रस्ताव के लिए भी भारतीय प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने सार्क चिकित्सा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान की स्थापना के प्रस्ताव को भी दोहराया और इसके लिए समर्थन मांगा। बांग्लादेश 2021 में आईओआरए की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और उसने व्यापक समुद्री सुरक्षा की दिशा में काम करने के लिए भारत के समर्थन का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री मोदी ने क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम की अध्यक्षता के वर्तमान कार्यकाल के लिए बांग्लादेश की सराहना की।
-
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने न्यू डेवलपमेंट बैंक के काम की सराहना की और इस संस्थान में शामिल होने के लिए बांग्लादेश को आमंत्रित करने के लिए भारत का धन्यवाद किया। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास सहित विविध क्षेत्रों में बैंक के कामकाज की सराहना की और इस पहल का हिस्सा बनने की बांग्लादेश की इच्छा को व्यक्त किया।
द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और परियोजनाओं का उद्घाटन
-
इस अवसर पर, भारत और बांग्लादेश की सरकारों के अधिकारियों द्वारा निम्नलिखित द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया:
-
हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग के संबंध में फ्रेमवर्क ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एफओयू);
-
सीमा–पार हाथी के संरक्षण संबंधी मसविदा (प्रोटोकॉल);
-
स्थानीय निकायों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों के जरिए उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) के कार्यान्वयन के लिए भारतीय अनुदान सहायता के बारे में समझौता ज्ञापन;
-
बरिशाल नगर निगम के लिए उपकरण की आपूर्ति और लमचोरी क्षेत्र में कचरे/ठोस अपशिष्ट निपटान के स्थल में सुधार के लिए समझौता ज्ञापन;
-
भारत-बांग्लादेश सीईओ के फोरम की संदर्भ शर्तें
-
राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान स्मारक संग्रहालय, ढाका, बांग्लादेश और राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली, भारत के बीच समझौता ज्ञापन
-
कृषि के क्षेत्र में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन
निम्नलिखित द्विपक्षीय विकास साझेदारी परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया:
-
दोनों प्रधानमंत्रियों ने नई परिस्थिति के बीच इस व्यवस्था को बनाने के लिए एक-दूसरे का धन्यवाद किया।
-
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मार्च 2021 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ और बांग्लादेश-भारत के राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए बांग्लादेश का दौरा करने के उनके निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया।
***
एमजी / एएम / आर / डीसी
(Release ID: 1681685)
|