सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अस्पतालों में कोविड -19 के परीक्षण एवं क्वारंटीन सुविधाओं तथा उपचार के लिए बने केंद्रों में दिव्यांगजनों के पहुंचने के लिए बुनियादी भौतिक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा
Posted On:
29 APR 2020 5:00PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे दिव्यांगजन के लिए कोविड-19 के परीक्षण एवं क्वारंटीन सुविधाओं वाले केन्द्रों के साथ–साथ अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए उचित आवासन के अनुरूप बुनियादी भौतिक सुविधाएं सुनिश्चित करें। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) की सचिव श्रीमती शकुंतला डी. गामलिन ने कहा है कि इस महामारी के प्रभाव को कम करने और आवश्यकतानुसार चिकित्सीय उद्देश्यों से धारण क्षमता बढ़ाने के लिए कई कोविड–19 केंद्रों को रोकथाम इकाइयों (कन्टेनमेंट यूनिट्स), अलगाव उपचार केंद्रों (आइसोलेशन ट्रीटमेंट सेंटर्स) एवं जांच प्रयोगशालाओं (टेस्टिंग लैब) के रूप में चिन्हित किया गया है। वर्तमान संकट दिव्यांगजनों के लिए न केवल उनकी अपेक्षाकृत कम / सीमित प्रतिरोधी क्षमता की वजह से बल्कि कोविड से जुड़े इंतजामों के तहत मुहैया कराये जाने वाले भौतिक वातावरण और परिवेश में उनके लिए पहुंच-योग्य सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण भी अधिक बड़ा खतरा उपस्थित करता है।
डीईपीडब्ल्यूडी ने पहले से ही वैकल्पिक सुलभ स्वरूपों में सूचना प्रसार, दिव्यांगजनों के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपचार तथा दिव्यांगजनों, उनके परिचारकों, उनकी देखभाल करने वालों और संकेत की भाषा से लैस दुभाषिए जैसे सुलभ सेवा प्रदाताओं की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी प्रावधानों के बारे में दिशा-निर्देश प्रकाशित किये हैं।
राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सुलभता की इन बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू करें ताकि दिव्यांगजनों, सीमित गतिशीलता वाले व्यक्तियों एवं परिचारक / देखभाल करने वालों पर आश्रित रहने वाले लोगों को खासकर इस महामारी के समय और अधिक असुविधा न हो। पहुंच की बुनियादी विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- संचालन (ऑपरेटिंग) एवं नियंत्रण की प्रणाली (कंट्रोल मैकेनिज्म) तथा सैनिटाइजर डिस्पेंसर, ग्लव केस, साबुन, वॉश बेसिन जैसे स्वयं – संचालित उपकरण (सेल्फ-ऑपरेटेड डिवाइसेस) दिव्यांगजनों, खासकर व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं, के आसान पहुंच के भीतर रखे जाते हैं।
- रंग और कंट्रास्ट की मानक आवश्यकताओं के अनुसार चित्रमय एवं सरल, प्रमुख संकेतकों की व्यवस्था की जाती है।
- रेलिंग के साथ (ढाल 1:12 वाले) रैंप प्रदान किये जाते हैं।
- रिसेप्शन, परीक्षण क्षेत्रों (टेस्टिंग एरिया) और फार्मेसियों में कम से कम एक (01) कम ऊंचाई का सुलभ काउंटर।
- महत्वपूर्ण समाचारों की सार्वजनिक घोषणा के लिए सुनी जा सकने वाली (ऑडियो) घोषणाएं और कैप्शन से लैस वीडियो का निर्माण।
- दिव्यांगजनों की मदद के लिए लिफ्टों में पहुंच सुनिश्चित करना या कम से कम एक लिफ्ट में लिफ्टमैन को नियुक्त करना।
- दिव्यांगजनों के लिए ऐसी जगहों / कमरों / वार्डों को रिज़र्व करना जहां आसानी से पहुंच सकने लायक शौचालय प्रदान किये जा सकें।
- कोविड–19 के रोगियों, विशेष रूप से बौद्धिक विकलांगता और मानसिक बीमारी के शिकार, के परिचारकों के लिए वेस्टिबुलर केबिन का प्रावधान।
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एएम/ वीएस/ डीसी
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