प्रधानमंत्री कार्यालय

संसद के बजट सत्र से पूर्व प्रधानमंत्री के सम्‍बोधन का मूल पाठ

Posted On: 29 JAN 2021 11:12AM by PIB Delhi

नमस्‍कार साथियों ,

इस दशक का आज ये पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है। भारत के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए ये दशक बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। और इसलिए प्रारंभ से ही आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को, उन संकल्‍पों को तेज गति से सिद्ध करने का ये स्‍वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्‍यान में रखते हुए चर्चाएं हों, सभी प्रकार के विचारों की प्रस्‍तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्‍त हो, ये देश की अपेक्षाएं हैं।

मुझे विश्‍वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश के कोटि-कोटि जनों ने ह‍म सबको संसद में भेजा है, हम संसद के इस पवित्र स्‍थान का भरपूर उपयोग करते हुए, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए, जन-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे, ये मुझे पूरा विश्‍वास है। सभी सांसद इस सत्र को और अधिक उत्तम बनाएंगे, ये मेरा पूरा विश्‍वास है।

ये बजट का भी सत्र है। वैसे शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं हमें, वित्‍तमंत्री जी को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। यानी 2020, एक प्रकार से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। और इसलिए ये बजट भी उन चार-पांच बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा, ये मुझे पूरा विश्‍वास है।

मैं फिर एक बार आज आदरणीय राष्‍ट्रपति जी के मार्गदर्शन में दोनों सदन के सभी सांसद मिल करके उनके संदेश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, प्रयासरत हैं ।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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DS/AKJ



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