आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डलीय समिति (सीसीईए)

मंत्रिमंडल ने एथनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा एथनॉल खरीद प्रक्रिया एवं एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को आपूर्ति के लिए एथनॉल के मूल्यों में संशोधन को मंजूरी दी

Posted On: 29 OCT 2020 3:43PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने एथनॉल मिश्रि‍त पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत गन्ना आधारित प्राकृतिक सामग्री से उत्पन्न‍ होने वाले एथनॉल की उच्च कीमतों को तय करने के अलावा विभिन्न निर्णय लिए हैं। यह 1 दिसम्बर, 2020 से 30 नवम्बर, 2021 की एथनॉल आपूर्ति वर्ष के चीनी सीजन 2020-21 के लिए है।

(i)        सी श्रेणी के भारी शीरे से उत्पन्न एथनॉल की कीमतें 43.75 रुपये से बढ़ाकर 45.69 रुपये प्रति लीटर तय की गई है।

(ii)       बी श्रेणी के भारी शीरे से उत्पन्न एथनॉल की कीमतें 54.27 रुपये से बढ़ाकर 57.61 रुपये प्रति लीटर तय की गई है। 

(iii)      गन्ने के रस/चीनी/चाशनी से उत्पन्न होने वाले एथनॉल की कीमतें 59.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 62.65 रुपये प्रति लीटर की गई है।

(iv)       इसके अतिरिक्त जीएसटी एवं माल ढुलाई प्रभार भी अतिरिक्त रूप से देय होगा। तेल विपणन कंपनियों को वास्तविक आधार पर माल ढुलाई प्रभार तय करने की सलाह दी गई है ताकि एथनॉल को लंबी दूरी तक ले जाने पर अतिरिक्त अनावश्यक खर्च से बचा जा सके।

(v)        राज्य के भीतर स्थानीय उद्योगों को उचित अवसर प्रदान करने और एथनॉल की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचाने के लिए तेल विपणन कंपनियां विभिन्न स्रोतों से आने वाले एथनॉल का प्राथमिकता आधार तय करेंगी। इसमें माल ढुलाई पर आने वाला खर्च और उपलब्धता इत्यादि कारक शामिल हैं। यह प्राथमिकता उस राज्य  अथवा संघ शासित प्रदेश में एथनॉल के उत्पादन की लाभकारी सीमा तक होगी। इसके अलावा, जहां भी जरूरत होगी, उसी आधार पर विभिन्न राज्यों से एथनॉल के आयात में इसी प्रकार की वरीयता दी जाएगी।

इस योजना का फायदा सभी डिस्टिलरियों को मिलेगा और ईबीपी कार्यक्रम के तहत उनसे एथनॉल की आपूर्ति की उम्मीद है। एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं को दिए जाने वाले भुगतान से गन्ना किसानों की बकाया राशि में कमी आने में मदद मिलेगी और अंतत: इसका फायदा गन्ना किसानों को ही मिलेगा।

सरकार ईबीपी कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है जहां तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक एथनॉल मिलाकर बेचती हैं। इस कार्यक्रम को 1 अप्रैल 2019 से अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप के अलावा पूरे भारत में विस्तारित किया गया है और इसका उद्देश्य वैकल्पिक एवं पर्यावरण ईंधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।

सरकार ने 2014 से ही एथनॉल की प्रशासित कीमतों की अधिसूचना जारी की है और 2018 में पहली बार विभिन्न प्रकार की कच्ची सामग्री पर आधारित एथनॉल की विभिन्न कीमतों की सरकार ने घोषणा की थी और सरकार के इन फैसलों से एथनॉल की आपूर्ति में काफी सुधार आया है। इसी के चलते सरकारी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर एथनॉल की खरीद की थी जो एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2019-20 में बढ़कर 195 करोड़ लीटर हो गई है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने विभिन्ऩ हितधारकों के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ईबीपी कार्यक्रम के तहत एथनॉल खरीद पॉलिसीको प्रकाशित किया है। इसी के अनुरूप तेल विपणन कंपनियों ने एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं की एक बार की जाने वाली पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली है और सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि 5 प्रतिशत से कम करते हुए 1 प्रतिशत कर दी है जिससे एथनॉल आपूर्तिकताओं को 400 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इसके अलावा, गैर-आपूर्ति मात्रा पर लागू पेनल्टी को भी पहले के 5 प्रतिशत से कम करते हुए 1 प्रतिशत कर दिया गया है जिससे एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं को 35 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। सरकार के इन सभी कदमों से कारोबार करने में काफी आसानी होगी और यह आत्मनिर्भर भारत प्रयास के उद्देश्यों को हासिल करने में मदद करेगा।

गन्ना उत्पादन में लगातार हो रही बढ़ोतरी से चीनी की कीमतों पर असर पड़ा है और चीनी उद्योगों की ओर से गन्ना उत्पादक किसानों को समय पर भुगतान नहीं किए जाने से किसानों की बकाया राशि में बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए उनकी बकाया राशि को कम करने के लिए कई निर्णय लिए हैं। देश में चीनी उत्पादन को सीमित करने और एथनॉल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनमें बी श्रेणी के भारी शीरे में बदलाव किया गया है और गन्ने के रस, चीनी और चाशनी से एथनॉल उत्पादन की अनुमति है।

गन्ने के उचित एवं पारिश्रमिक कीमतों और चीनी मिलों से बाहर चीनी की कीमतों में काफी बदलाव आए हैं जिसे देखते हुए गन्ना आधारित विभिन्न प्रकार के कच्चे माले से उत्पन्न एथनॉल की मिलों से बाहर की कीमतों में सुधार करने की जरूरत है। 

***

वीआरआरके/एमजी/एएम/जेके/वीके/एसके



(Release ID: 1668495) Visitor Counter : 496