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कोविड 19 पर पीआईबी दैनिक बुलेटिन

Posted On: 26 OCT 2020 6:54PM by PIB Delhi

        

(पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से संबंधित जारी प्रेस विज्ञप्तियां, पीआईबी फील्ड कार्यालयों से मिली जानकारियां और पीआईबी की ओर से फैक्ट चेक शामिल)

 

  • भारत में 22 मार्च के बाद से सबसे कम मृत्यु दर
  • पिछले 24 घंटों में 500 से भी कम मुत्यु
  • 14 राज्यों/ केंद्र शाषित प्रदेशों में मृत्यु दर 1 फीसदी से भी कम
  • पिछले 24 घंटों में 59,105 मरीज ठीक हुए जबकि 45,148 नए केस सामने आए हैं.
  • मौजूदा वक्त में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 90.23 फीसदी है

 

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भारत में कोरोना मृत्‍यु दर 22 मार्च के बाद से सबसे कम, पिछले 24 घंटों में 500 से कम मौतें दर्ज की गईं, 14 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में केस मृत्‍यु दर 1 प्रतिशत से कम

 

देश के विभिन्‍न अस्‍पतालों में भर्ती कोरोना के मरीजों के प्रभावी चिकित्‍सकीय प्रबंधन को लेकर केन्‍द्र और राज्‍य/संघ शासित प्रदेशों के केन्द्रित प्रयासों से भारत में कोरोना से होने वाली मृत्‍यु दर 1.5 प्रतिशत हो गई है। कोरोना के नए मामलों की रोकथाम (कंटेनमेंट) की प्रभावी रणनीति, व्‍यापक पैमाने पर टेस्टिंग और सभी सरकारी एवं निजी अस्‍पतालों में मानकीकृत चिकित्‍सकीय प्रबंधन प्रोटोकॉल के कारण मौतों की संख्‍या में काफी गिरावट आई है। देश में पिछले 24 घंटों में 500 से कम मौतें (480) दर्ज की गईं हैं।

विश्‍व में भारत में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा सबसे कम है और यह 22 मार्च के बाद कम दर्ज किया गया है तथा इसमें लगातार गिरावट आ रही है। कोविड प्रबंधन और प्रतिक्रिया नीति के एक

हिस्‍से के रूप में केन्‍द्र सरकार ने कोविड की रोकथाम पर अधिक ध्‍यान केन्द्रित किया है और कोविड के गंभीर मरीजों को गुणवत्ता युक्‍त चिकित्‍सकीय देखभाल सेवा उपलब्‍ध कराई है जिससे मौतों में काफी

कमी आई है और लोगों का जीवन बचाने में मदद मिली है। केन्‍द्र और राज्‍य/संघ शासित प्रदेशों की सरकारों के समन्वित प्रयासों से देश भर में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिली है और इस समय 2218 कोविड समर्पित अस्‍पताल गुणवत्तापूर्ण चिकित्‍सा सेवा उपलब्‍ध करा रहे हैं।

जमीनीस्‍तर पर अग्रिम पंक्ति के स्‍वास्‍थ्‍यकर्ताओं जैसे आशा और एएनएम ने प्रवासी आबादी के प्रबंधन तथा समुदाय स्‍तर पर इनमें जागरूकता बढ़ाने की दिशा में सराहनीय काम किया है। इसके परिणामस्‍वरूप 14 राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में कोरोना मृत्‍यु दर 1 प्रतिशत से कम है।

पिछले 24 घंटों में 59,105 मरीज ठीक हुए हैं इसके साथ ही देश में कोरोना को मात देने वाले मरीजों की संख्‍या 71 लाख से अधिक 71,37,228) हो गई है। एक दिन में कोरोना से ठीक होने वाले सबसे अधिक मरीजों की वजह से भी राष्‍ट्रीय रिकवरी दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यह इस समय 90.23 प्रतिशत है। भारत में लगातार कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी आ रही है और इस समय कोरोना के सक्रिय मामले कुल पॉजिटिव मामलों का 8.26 प्रतिशत है और इनकी संख्‍या 6,53,717 है। यह आंकड़ा 13 अगस्‍त के बाद सबसे कम है जब कोरोना के सक्रिय मामले 653622 थे।

कोरोना से जितने नए मरीज ठीक हुए हैं उनमें से 78 प्रतिशत 10 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में है। एक दिन में सबसे ज्‍यादा ठीक होने वाले कोरोना के मरीजों कर्नाटक से हैं जहां 10,000 से ज्‍यादा लोग ठीक हुए हैं और इसके बाद केरल का स्‍थान है जहां 7000 से ज्‍यादा लोग ठीक हुए हैं। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 45,148 नए पुष्‍ट मामले दर्ज किए गए हैं। नए पुष्‍ट मामलों में 82 प्रतिशत 10 राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों से हैं। केरल और महाराष्‍ट्र का नए मामलों में सबसे अधिक योगदान है जहां 6,000 से अधिक (प्रत्‍येक राज्‍य) मामले देखे गए हैं। इसके बाद कर्नाटक, दिल्‍ली और पश्चिम बंगाल में 4,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना से 480 मौतें हुईं हैं जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत 10 राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों से है। मौत के नए मामलों में 23 प्रतिशत से अधिक महाराष्‍ट्र (112 मौतें) से हैं।

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मन की बात 2.0’ की 17वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ (25.10.2020)

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प्रधानमंत्री 27 अक्‍टूबर को प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजनाके उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों के साथ संवाद करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 27 अक्‍टूबर को प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजनाके उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 10:30 बजे संवाद करेंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।

प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेंडर्स आत्‍मनिर्भर निधि (पीएम स्‍वनिधि) योजना की शुरुआतसड़कों और पटरियों पर सामान बेचने वाले उन गरीब लोगों के लिए 1 जून, 2020 को की गई थी जो कोविड-19 के चलते प्रभावित हुए थे। इन लोगों ने अपनी आजीविका पुन: शुरू कर दी है और अब तक इस योजना के अंतर्गत 24 लाख से अधिक आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। इनमें से 12 लाख आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है

और लगभग 5.35 लाख के ऋण वितरित किये जा चुके है.

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http://https//www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1667280

प्रधानमंत्री ने गुजरात में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। श्री मोदी ने किसानों को 16 घंटे बिजली की आपूर्ति करने के लिए किसान सूर्योदय योजना शुरू की। उन्होंने यू. एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर से सम्बद्ध पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल का भी उद्घाटन किया और अहमदाबाद के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गिरनार में रोपवे का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि गुजरात हमेशा आम आदमी के दृढ़ संकल्प और समर्पण का एक अनुकरणीय मॉडल रहा है। उन्होंने कहा कि सुजलम-सुफलाम और सौनी योजना के बाद किसान सूर्योदय योजना गुजरात ने गुजरात के किसानों की जरूरतों को पूरा करने में एक मील का पत्थर स्थापित किया हैं. प्रधानमंत्री ने अन्य मौजूदा प्रणालियों को प्रभावित किए बिना, ट्रांसमिशन की पूरी तरह से नई क्षमता तैयार करके यह काम करने के लिए गुजरात सरकार के प्रयासों की सराहना की। इस योजना के तहत, अगले दो-तीन वर्षों में लगभग 3500 सर्किट किलोमीटर नई ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जाएंगी और आने वाले दिनों में एक हजार से अधिक गांवों में इसे लागू किया जाएगा और इनमें से ज्यादातर गांव आदिवासी बहुल क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि यह लाखों किसानों के जीवन को बदल देगा, जब पूरे गुजरात को इस योजना के माध्यम से बिजली की आपूर्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने किसानों के निवेश को कम करते और उनकी कठिनाइयों से पार पाते हुए उनकी आय दोगुनी करने में मदद करने के लिए बदलते समय के अनुरूप लगातार काम करने की अपील की। उन्होंने हजारों एफपीओ, नीम कोटिंग यूरिया, मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने और कई नई पहल शुरू करने जैसी किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार द्वार की गयी पहलों की जानकारी दी।

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में तीन प्रमुख परियोजनाओं के उद्घाटन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

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2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न और समाधान-विवरण दाखिल करने की निर्धारित तिथि बढ़ाई गई

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कोविड-19 महामारी और इससे संबंधित लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों को देखते हुए 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न (फॉर्म-जीएसटीआर-9) और समाधान-विवरण (फॉर्म जीएसटीआर-9सी) दाखिल करने की निर्धारित तिथि बढ़ाई गई। इसके लिए बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की थी। इसके तहत ये अनुरोध किया गया था कि व्यवसायों और लेखा परीक्षकों को और अधिक समय देने के लिए तय तारीख को 31 अक्टूबर से आगे बढ़ाया जाए। देश के कई हिस्सों में अब तक कारोबार करने के लिए सामान्य स्थिति नहीं बन पाई है।

इन मांगों को देखते हुए और जीएसटी परिषद की सिफारिश पर वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न (फॉर्म जीएसटीआर-9/जीएसटीआर-9ए) और समाधान-विवरण (फॉर्म जीएसटीआर-9सी) दाखिल करने की आखिरी तारीख को 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 करने का फैसला लिया गया है। इस बारे में अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसका पालन करना होगा।

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आयकर रिटर्न और लेखा परीक्षण रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया गया

कोविड-19 महामारी के चलते करदाताओं के समक्ष आने वाली तमाम नियामक और संस्थागत चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कर एवं अन्य कानूनों के संबंध (निश्चित प्रावधानों में छूट) में 31 मार्च, 2020 को एक अध्यादेश जारी किया था जिसके तहत कर अदायगी और आयकर रिटर्न दाखिल करने सहित तमाम समय सीमाओं को आगे बढ़ा दिया गया था। बाद में इस अध्यादेश के स्थान पर कर एवं अन्य कानून (निश्चित प्रावधानों में छूट एवं संशोधन) अधिनियम लाया गया।

उक्त अध्यादेश के अंतर्गत सरकार ने 24 जून,2020 को एक अधिसूचना जारी कर वित्त वर्ष 2019-20 (आंकलन वर्ष 2020-21) के लिए सभी तरह के आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया। अतः जो आयकर रिटर्न 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से पहले दाखिल किए जाने थे अब उन्हें 30 नवंबर, 2020 तक दाखिल किया जा सकता है। परिणामस्वरूप आयकर अधिनियम 1961के अंतर्गत लेखा परीक्षण रिपोर्ट समेत विभिन्न लेखा परीक्षण रिपोर्ट पूरी किए जाने की तिथि को भी बढ़ाकर अब 31 अक्टूबर, 2020 कर दिया गया है।

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नए युग के व्यावहारिक कीटाणुनाशक और सैनिटाइज़र दे सकते हैं साइड इफेक्ट वाले रासायनिक कीटाणुनाशक और सैनिटाइज़र से राहत

कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा के लिए रासायनिक कीटाणुनाशक और साबुन से बार-बार हाथ धोने से हाथ रूखे हो जाते हैं और कई बार उनमें खुजली भी होती है। इस समस्या से बचाने के लिए कई नये उपाय किए जा रहे हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित कई स्टार्ट-अप अब पारंपरिक रासायनिक-आधारित डेकोटेमिनेंट्स के लिए बहुत सारे व्यावहारिक विकल्प लेकर आए हैं जो सतहों और यहां तक कि माइक्रोकैविटी को भी कीटाणु रहित कर सकते हैं।

उनके पास उपलब्ध तकनीकों में अस्पतालों में जमा होने वाले बायोमेडिकल कचरे के कीटाणुशोधन और आवर्तक उपयोग सतहों के स्थायी और सुरक्षित रोगाणुनाशन के लिए नोवल नैनोमैटेरियल और रासायनिक प्रक्रिया नवाचारों के इस्तेमाल से जुड़ी तकनीकें भी शामिल हैं।

ये तकनीकें कुल 10 कंपनियों ने मुहैया करायी हैं जिन्हें सेंटर फोर ऑगेमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) के तहत कीटाणुशोधन और सैनिटाइजेशन के लिए मदद दी गयी थी। यह राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (NSTEDB), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक पहल है जिसका सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एसआईएनई), आईआईटी-मुंबई ने कार्यान्वयन किया है।

मुंबई आधारित स्टार्ट-अप इनफ्लोक्स वाटर सिस्टम्स ने कोविड-19 संदूषण से लड़ने की खातिर सतह और उपकरण कीटाणुशोधन के लिए एक प्रणाली का डिजाइन और विकसित करने के उद्देश्य से अपनी तकनीक में बदलाव किया। इस तकनीक को उन्होंने वज्रनाम दिया है। यह स्टार्ट-अप जटिल प्रदूषित पानी और अपशिष्ट जल के शोधन की विशेषज्ञता रखता है। वज्र केईसीरीज ओजोनपैदा करने वाले एक इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज, और यूवीसीलाइट स्पेक्ट्रम के शक्तिशाली रोगाणुनाशन प्रभावों को शामिल करके कई चरणों वाली एक कीटाणुशोधन प्रक्रिया से युक्त कीटाणुशोधन प्रणाली का इस्तेमाल करता है। वज्र कवच-ई (केई) पीपीई पर मौजूद वायरस, बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोबियल उपभेदों को निष्क्रिय करने के लिए उन्नत ऑक्सीकरण, इलेक्ट्रोस्टैटिक निर्वहन और यूवीसी प्रकाश स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करता है। यह पीपीई, मेडिकल और नॉनमेडिकल गियर को पुन: इस्तेमाल लायक बनाकर लागत बचाता है।

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श्री गंगवार ने उत्तर प्रदेश के बरेली में 100 बिस्तरों वाले नए ईएसआईसी अस्पताल का भूमि पूजन किया

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने कल बरेली में 100 बिस्तर वाले नए ईएसआईसी अस्पताल का भूमि पूजन किया। बरेली से आठवीं बार सांसद श्री गंगवार ने अपने अपने संबोधन के दौरान, अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की चिकित्सा जरूरतों के सपनों को साकार करने के वास्ते केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्पताल अब आईपी और लाभार्थियों की कठिनाइयों को कम करेगा क्योंकि पहले उन्हें बेहतर चिकित्सा उपचार के लिए एम्स, दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता था। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस ईएसआईसी अस्पताल की सुविधाओं को नाममात्र उपयोगकर्ता शुल्क चार्ज करके आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस अस्पताल को भविष्य में एक मॉडल अस्पताल में बदल दिया जाएगा।

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राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के तहत गोवा में मूल्य निगरानी और संसाधन इकाई (पीएमआरयू) स्थापित

भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के औषधि विभाग के तहत राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की ओर से गोवा में एक मूल्य निगरानी और संसाधन इकाई (पीएमआरयू) की स्थापना की गई है। एनपीपीए ने गोवा राज्य औषधि नियंत्रण विभाग के सहयोग से 22 अक्टूबर, 2020 को एक मूल्य निगरानी और संसाधन इकाई की स्थापना की है। यह पीएमआरयू राज्य स्तर पर एनपीपीए की पहुंच बढ़ाने के लिए राज्य औषधि नियंत्रक की प्रत्यक्ष देखरेख में कार्य करेगा। पीएमआरयू सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत सोसायटी हैं, जिनके पास स्वयं के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन / नियम-कायदे हैं। पीएमआरयू के नियंत्रण बोर्ड में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक शामिल हैं। एनपीपीए ने उपभोक्ता जागरूकता, प्रचार और मूल्य निगरानी (सीएपीपीएम) नामक अपनी केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 15 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों, केरल, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, नगालैंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में पीएमआरयू की स्थापना की है। एनपीपीए की देश के सभी 36 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में पीएमआरयू स्थापित करने की योजना है। योजना के तहत एनपीपीए द्वारा पीएमआरयू के आवर्ती और गैर-आवर्ती दोनों का खर्च वहन किया जाता है।

पीआईबी के श्रेत्रीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारियां

 

  • असम: असम में पिछले 24 घंटों में हुईं 8753 कोरोना जांचों में 204 नए मामले सामने आए. संक्रमित लोगों की दर 2.33 फीसदी रही।
  • मेघालय: मेघालय में आज 104 मरीज स्वस्थ हुए। राज्य में कुल 1605 एक्टिव मामले हैं जिनमें से 53 बीएसएफ और सशस्त्र बलों से हैं।
  • मिजोरम: मिजोरम में पिछले कल 146 नए कोरोना मामले सामने आए हैं। राज्य 2493 कुल मामले हैं और राज्य सरकार ने आज से 'कोविड-19 के खिलाफ 15 दिन' अभियान चलाया है जिसमें स्थानीय स्तर पर संक्रमण को रोकने के कदम उठाए जा रहे हैं।
  • नागालैंड: नागालैंड के फेक और लोंगलेंग जिले अभी भी कोरोना मुक्त हैं। राज्य के कुल 1865 मामलों में से अकेले दिमापुर में ही 1372 मामले हैं।
  • केरल: स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा है कि केंद्र सरकार के आयुष विभाग के सहयोग से राज्य में कोविड 19 के बाद के उपचार के लिए क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे। राज्य में पॉजिटिव मामलों में आई तेजी के कारणों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य मृत्यु दर कम करने का होगा। केरल में मृत्यु दर 0.34 फीसदी है जबकि अन्य राज्यों में ये दर 1 फीसदी के ऊपर की है। एक और मरीज की मृ्त्यु के बाद राज्य में कुल मृतकों की संख्या 1333 हो गई है। इस बीच इस साल का कोचि बिनाले को महामारी के चलते स्थगित कर दिया गया है। राज्य में लोगो ने विजयदशमी का त्यौहार भी घरों में अपने छोटे बच्चों के साथ बैठकर मनाया। इसी दिन वार्षिक नवरात्रि का त्यौहार भी खत्म होता है। ज्यादातर बच्चों ने कोविड के डर से ये त्यौहार घरों में ही मनाया। कुछ मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम कड़ी पाबंदियों के बीच आयोजित किए गए।
  • तमिलनाडु:  तमिलनाडु के कृषि मंत्री आर. डोराइकन्नू जो 13 अक्तूबर को कोविड पॉजिटिव हुए थे, उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने अस्पताल में उनका हालचाल जाना. गुरूवार को अस्पताल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 72 साल के डोराइकन्नू कई अन्य बीमारियों से होने वाली समस्याओं से भी जूझ रहे हैं. पिछले 24 घंटों में यहां के सबसे बडे अस्पताल राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में कोविड के चलते कोई भी मृत्यु नहीं हुई है.  राज्य में कोरोना मामले तेजी से कम हो रहे हैं. कल 2869 नए मामले आए जिसमें 31 की मौत हुई है इस तरह कुल मामले 7.09 लाख और मृतकों की संख्या 10,924 हो गई है.
  • कर्नाटक: जानकारों ने आगाह किया है कि राज्य में नवंबर महीने के पहले हिस्से में कोरोना मामलों में उछाल आएगा यदि लोगों ने त्यौहारों के इस मौसम में सामाजिक दूरी, मास्क पहनना और सैनिटाइज करने से परहेज किया. राज्योत्सव महोत्सव पर कोविड, बाढ़ और चुनावों  का साया: कन्नड़ राज्योत्सव पुरस्कारों का आयोजन जो 1 नवंबर के लिए तय है, उसके स्थगित होने की आशंका जताई जा रही है. कोविड जानकारों की एक कमेटी की सिफारिशों के आधार पर मैसूर का दशहरा जंबूसवरी भी सादगी और सीमा के साथ आयोजित किया गया.
  • आंध्र प्रदेश: राज्य में ठीक होने वाले मरीजों की दर 95.36 फीसद तक पहुंच गई है जबकि मृत्यु दर अभी भी 0.82 प्रतिशत पर स्थिर है. पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना के नए मामले कम हुए हैं. रविवार को यहां 2997 नए मामले, 3585 ठीक हुए मरीज और 21 मृत्यु दर्ज हुईं. ऐसे में अब यहां कुल 8.07 लाख कोरोना मामले, 7.69 लाख ठीक हुए मरीज और 6587 मृत्यु की संख्या है. राज्य में अभी भी 30,860 मरीज कोरोना से संक्रमित हैं.
  • तेलंगाना: पिछले 24 घंटों में यहां 582 नए मामले, 1432 मरीज ठीक हुए और 4 मृत्यु हई हैं. इन 582 मामलों में से 174 मामले जीएचएमसी के हैं. कुल 231834 मामलों में से 18611 मामले एक्टिव हैं, 1311 लोगों की मृत्यु हई है और 2,11,912 लोग ठीक हो चुके हैं. राज्य में ठीक होने वालों की तादाद 91.40 फीसदी है जबकि देश में यह दर 90.2 फीसदी है. राज्य में ये मृत्यु दर 0.56 प्रतिशत है जबकि देश में ये 1.5 प्रतिशत है.
  • महाराष्ट्र: इस महामारी के बीच धार्मिक स्थलों को न खोलने के अपने फैसले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सही ठहराया है. मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद पहली बार दशहरे की वार्षिक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की कोरोना से सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन्होंने आर्थिक गतिविधियों को भी चरणबद्ध तरीके से खोला है और वे विरोधियों दवारा आलोचना की परवाह किए बिना यही रणनीति अन्य क्षेत्रों में भी अपनाएंगे.
  • गुजरात: गुजरात में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 89.46 फीसदी है और रविवार को 919 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 277 मामले सूरत के और 174 मामले अहमदाबाद के हैं. प्रदेश में कुल 1,67,173 मामले हुए हैं जिनमें 13,936 मामले एक्टिव हैं.
  • मध्य प्रदेश: यहां धीरे धीरे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं. यहां 11,237 एक्टिव मामले हैं जिनमें 951 नए मामले रविवार को सामने आए हैं. 1181 मरीज स्वस्थ हो गए हैं. राज्य सरकार ने प्रभावी तरीके से त्यौहारों के इस मौसम में लोगों के इकट्ठे होने से रोककर संक्रमण के फैलने पर अंकुश लगाया है.
  • छत्तीसगढ़: रविवार को यहां का आंकड़ा 1.75 लाख तक पहुंचा है जब 1368 नए मामले सामने आए जिनमें 25 की मौत हुई और मौत का कुल आंकड़ा 1818 हो गया है. अभी भी राज्य में 23,743 मामले एक्टिव हैं.

FACT CHECK

 

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