विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
लॉकडाउन के बीच एससीटीआईएमएसटी कोविड-19 महामारी का मुकाबला अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के साथ करने की तैयारी में
Posted On:
29 APR 2020 12:30PM by PIB Delhi
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाला राष्ट्रीय महत्व का संस्थान श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमएसटी) कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में इस समय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपने अनुसंधान, प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के साथ सबसे हटकर खड़ा हुआहै।
देशव्यापी लॉकडाउन से काफी पहले विदेश से लौटे एक डॉक्टर में कोविड-19 का पता चलने के बाद इस संस्थान के कई कर्मचारियों को क्वारंटीन में रखना पड़ा, बावजूद इसके एससीटीआईएमएसटी इस अवसर पर उठ खड़ा हुआ ताकि कई प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को लाया जा सके जो इन बीमारियों से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। अगर तीन हफ्तों में कोविड-19 के लिए एक कदम में पुष्टि करने वाले निदान किट का विकास कर लिया जाए तो भारत की रैपिड परीक्षण की तत्काल आवश्यकता का हल मिल सकता है। इस मुद्दे पर जो अन्य अनुसंधान और विकास कार्य हुए हैं उनमें ये शामिल हैं - एक यूवी आधारित फेसमास्क डिस्पोजल बिन जिसका उपयोग अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा उपयोग में लाए गए फेसमास्क, सिर ढकने वाले कवर और फेस शील्ड के कीटाणुशोधन के लिए किया जा सके; तरल श्वसन और अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के जमाव और कीटाणुशोधन के लिए एक अति अवशोषक सामग्री ताकि संक्रमित श्वसन स्त्रावों का सुरक्षित प्रबंधन किया जा सके और कोविड-19 रोगियों की जांच के लिए एक कीटाणुरहित अवरोधक जांच बूथ।
ये पुष्टि करने वाला नैदानिक परीक्षण 10 मिनट में कोविड-19 का पता लगा सकता है और नमूने से लेकर परिणाम तक का समय (पट्टी में आरएनए निष्कर्षण से लेकर आरटी-एलएएमपी पता लगाने के समय तक) 2 घंटे से भी कम है, ये दुनिया के सबसे पहले कुछेक में से एक होगा। एक ही मशीन में एक ही बैच में कुल 30 नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है, जिससे कम लागत पर नमूनों के तेजी से परीक्षण की अनुमति मिलेगी।
चित्रा यूवी आधारित फेसमास्क डिस्पोजल बिन, दरअसल फेसमास्क के जैसी इस्तेमाल की गई सामग्रियों को कीटाणुशोधित कर सकता है और संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, विशेष रूप से अस्पतालों में। इसके काम करने की विधि को केरल के एर्नाकुलम के एचएमटी मशीन टूल्स में स्थानांतरित किया गया है। ये अत्यधिक अवशोषण वाली सामग्री 'चित्रा एक्रिलोसॉर्ब सेक्रेशन सोलिडिफिकेशन सिस्टम' अस्पताल के कर्मचारियों के लिए जोखिम को कम करता है और बोतलों व कनस्तरों को फिर से उपयोग करने और उन्हें साफ करने और उनके निपटान को सुरक्षित और आसान बनाने के लिए कर्मियों की आवश्यकता को भी। कीटाणुरहित जांच बूथ एक टेलीफोन बूथ की तरह बंद होता है और डॉक्टर बिना सीधे संपर्क में आए रोगी की जांच कर सकता है ताकि किसी भी तरह के संक्रमण के प्रसारण को रोका जा सके।
कोविड-19 को लेकर देश की प्रतिक्रिया में अपने योगदान को तेज करने के लिए, एससीटीआईएमएसटी ने विनिर्माताओं / स्टार्टअप्स / सामाजिक समूहों से उनकी रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की है, जो एएमबीयू बैग आधारित वेंटीलेटर, वेंटिलेटर शेयरिंग किट, बैटरी ऑपरेटेड असिस्टेंट ब्रीदिंग यूनिट, आइसोलेशन पॉड्स, डिस्पोजेबल सेफ्टी फेस शील्ड और डिप्लॉयेबल फील्ड यूनिट्स के विकास के लिए एक फास्ट ट्रैक मोड पर चिकित्सा उपकरणों के सह-विकास और निर्माण के लिए इच्छुक हैं ताकि कोविड-19 महामारी ने जो संकटग्रस्त स्थिति पैदा की है उससे लड़ाई के लिए समर्थन किया जा सके। एससीटीआईएमएसटी ने अपने नैदानिक परीक्षण और निर्माण के बाद एससीटीआईएमएसटी द्वारा विकसित कृत्रिम मैनुअल ब्रीदिंग यूनिट (एएमबीयू) पर आधारित एक आपातकालीन वेंटिलेटर प्रणाली के प्रोटोटाइप पर संयुक्त रूप से निर्माण करने के लिए विप्रो 3डी, बेंगलुरु के साथ समझौता किया है।
ये संस्थान तीन भागों से युक्त है: एक तृतीयक रेफरल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल परिसर, एक बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी विंग और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए एक शैक्षणिक केंद्र (अच्युत मेनन सेंटर फॉर हेल्थ साइंस स्टडीज़) और जैव चिकित्सा उपकरणों के लिए एक तकनीकी अनुसंधान केंद्र। यह हृदय और तंत्रिका संबंधी विकारों के उन्नत और उच्च गुणवत्ता के उपचार, जैव चिकित्सा उपकरणों और सामग्रियों की प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण और अनुसंधान पर केंद्रित है। एससीटीआईएमएसटी को एक विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है और ये उत्कृष्ट अनुसंधान और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करता है, जिसके पास इस क्षेत्र के कुछ सबसे बेहतरीन पेशेवरों के समूह मौजूद हैं। देश को जिन बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है उसके बावजूद इस संकट की स्थिति का इसने जिस प्रकार से जवाब दिया है उससे पूरी दक्षता के साथ अपनी काबिलियत साबित की है।
[अधिक जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें: सुश्री स्वप्ना वामदेवन, पीआरओ, एससीटीआईएमएसटी, मोबाइल: 9656815943, ईमेल: pro@sctimst.ac.in]
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एएम/जीबी
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