प्रधानमंत्री कार्यालय
हंसलपुर, गुजरात में हरित गतिशीलता पहल के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
Posted On:
26 AUG 2025 2:21PM by PIB Delhi
गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, भारत में जापान के राजदूत श्रीमान केइची ओनो सान, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के प्रेसिडेंट तोशीहिरो सुज़ुकी सान, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी हिसाशी ताकेउची सान, चेयरमैन आर. सी. भार्गव, हंसलपुर प्लांट के सभी कर्मचारी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!
गणेशोत्सव के इस उल्लास में आज भारत की ‘मेक इन इंडिया’ इस यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। ये Make in India, Make for the World हमारे इस लक्ष्य की तरफ एक बड़ी छलांग है। आज से भारत में बने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स 100 देशों को एक्सपोर्ट किए जाएंगे। साथ ही, आज Hybrid Battery Electrode Manufacturing भी स्टार्ट हो रही है। आज का ये दिन भारत और जापान की फ्रेंडशिप को भी नया आयाम दे रहा है। मैं सभी देशवासियों को, जापान को, सुजुकी कंपनी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। एक प्रकार से thirteen, teen age का आरंभ होता है, और teen age पंख फैलाने का कालखंड होता है, सपनों की उड़ान भरने का कालखंड होता है। और teen age में ढेर सारे ख्वाब उभरते हैं। एक प्रकार से पैर जमीन पर नहीं होते हैं teen age में। मुझे खुशी है कि आज मारुति teen age में enter कर रहा है। गुजरात का मारुति का teen age में प्रवेश, यानी आने वाले दिनों में मारुति एक नए पंख फैलाएगा, नई उमंग और उत्साह के साथ आगे बढ़ेगा, ऐसा मेरा पूरा विश्वास है।
Friends,
भारत की इस सक्सेस स्टोरी के बीज करीब-करीब 13 साल पहले बोये गए थे। 2012 में, जब मैं यहाँ का मुख्यमंत्री था, तब हमने मारुति सुज़ुकी को हंसलपुर में जमीन अलॉट की थी। विजन उस समय भी आत्मनिर्भर भारत का था, मेक इन इंडिया का था। हमारे तब के प्रयास आज देश के संकल्पों को पूर्ण करने में इतनी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
साथियों,
मैं इस अवसर पर, स्वर्गीय ओसामू सुजुकी सान को ह्दय से याद करना चाहूँगा। हमारी सरकार को उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला था। मुझे खुशी है उन्होंने मारुति-सुज़ुकी इंडिया का जो विज़न देखा था, वो आज हम उसके इतने बड़े विस्तार के गवाह बन रहे हैं।
साथियों,
भारत के पास democracy की शक्ति है, और भारत के पास demography का advantage है। हमारे पास Skilled Workforce का बहुत बड़ा Pool है। इसलिए ये हमारे हर पार्टनर के लिए विन-विन सिचुएशन बनाता है। आज आप देखिए, Suzuki Japan, भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रही है, और जो गाड़ियां बन रही हैं, वो वापस जापान को एक्सपोर्ट की जा रही हैं। ये जापान और भारत के रिश्तों की मजबूती तो है ही, भारत को लेकर ग्लोबल कंपनियों के भरोसे को भी ये आपके सामने प्रस्तुत करता है। एक तरह से, मारुति सुज़ुकी जैसी कंपनियाँ मेक इन इंडिया की ब्रैंड एंबेसडर बन चुकी हैं। लगातार 4 साल से Maruti भारत की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर है। अब आज से EV एक्सपोर्ट को भी उसी स्केल पर ले जाने की शुरुआत हो रही है। अब दुनिया के दर्जनों देशों में जो EV चलेगी, उसमें लिखा होगा- Made in India!
Friends,
हम सब जानते हैं, EV ecosystem का सबसे क्रिटिकल पार्ट बैटरी है। कुछ साल पहले तक भारत में बैटरीज़ पूरी तरह इंपोर्ट होती थी। EV manufacturing को मजबूती देने के लिए ये जरूरी था, भारत बैटरीज़ का भी निर्माण करे। इसी विज़न को लेकर 2017 में हमने यहां TDSG बैटरी प्लांट की नींव रखी थी। TDSG की ही नई पहल पर, इस फैक्ट्री में तीन जापानी कंपनियां मिलकर भारत में पहली बार सेल मैन्युफैक्चर करेंगी। भारत में बैटरी सेल के इलेक्ट्रोड भी लोकल लेवल पर तैयार होंगे। ये लोकलाइजेशन भारत की आत्मनिर्भरता को नई शक्ति देगा। इससे हाईब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कारोबार में और तेज गति आएगी। मैं आपको इस ऐतिहासिक शुरुआत के लिए अपनी अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
साथियों,
कुछ साल पहले, उस समय तक EV को केवल एक नए alternate के तौर पर देखा जाता था। लेकिन, मेरा मानना रहा है, EV कई समस्याओं का ठोस समाधान है। इसलिए, पिछले साल मैंने अपनी सिंगापुर विजिट के दौरान कहा था, हम अपनी पुरानी गाड़ियों को, पुरानी एम्बुलेंसेस को हाइब्रिड EV में बदल सकते हैं। Maruti Suzuki ने इस चुनौती को स्वीकार किया और केवल 6 महीनों में एक working prototype तैयार कर दिया। अभी मैंने वो Hybrid Ambulance का प्रोटोटाइप देखा भी है। ये हाइब्रिड एंबुलेंस PM E-DRIVE स्कीम में पूरी तरह फिट बैठती हैं। लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की इस योजना में ई-एंबुलेंस के लिए भी बजट निर्धारित किया गया है। हाइब्रिड EV से Pollution भी घटेगा, और पुराने vehicles को transform करने का विकल्प भी मिलेगा।
साथियों,
क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी, ये हमारा future है। ऐसे ही प्रयासों से भारत तेजी के साथ क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी का एक reliable सेंटर बनेगा।
साथियों,
आज जब दुनिया supply chain disruptions से जूझ रही है, ऐसे समय में लगता है कि भारत ने पिछले दशक में जो नीतियां बनाईं, वो देश के कितने काम आ रही हैं। 2014 में जब मुझे देश ने सेवा का अवसर दिया, उसके बाद से ही हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। हमने Make in India अभियान शुरू किया, global और domestic manufacturers, दोनों के लिए देश में अनुकूल वातावरण बनाया। भारत में manufacturing, efficient और globally competitive हो, इसके लिए हम industrial corridors बना रहे हैं। हम Plug-and-play infrastructure बना रहे हैं। Logistics parks बना रहे हैं। भारत कई सेक्टर्स में manufactures को Production Linked Incentive का benefit भी दे रहा है।
साथियों,
हमने कई बड़े reforms के ज़रिए इन्वेस्टर्स की पुरानी कठिनाइयों को भी दूर किया। इससे Investors के लिए Indian manufacturing में invest करना आसान हुआ है। इसके परिणाम हमारे सामने हैं, इसी दशक में Electronics production लगभग 500 प्रतिशत बढ़ा है। Mobile phone production 2014 की तुलना में 2,700 परसेंट तक बढ़ गया है। Defence production में भी, पिछले दशक में 200 परसेंट से भी ज़्यादा की वृद्धि हुई है। ये सक्सेस आज भारत के सभी राज्यों को और हर एक राज्य को भी motivate कर रही है। उनके बीच reforms को लेकर, इन्वेस्टमेंट को लेकर, एक healthy competition शुरू हुआ है, जिसका लाभ पूरे देश को मिल रहा है। और मैं हर मीटिंग में, व्यक्तिगत बातचीत में, बहुत सार्वजनिक रूप से सभी राज्यों को कहता रहा हूं कि हमें प्रोएक्टिव होना होगा। हमें प्रो-डेवलपमेंट पोलिसीज बनानी होंगी। हमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस पर बल देना होगा। कानूनों में रिफॉर्म्स पर बल देना होगा और यह competition का जमाना है, जो राज्य जितनी तेजी से अपनी पोलिसीज को नीट एंड क्लीन रखता है, ifs and buts के बिना रखना है, तो investor का विश्वास बढ़ता है। Investor आने के लिए हिम्मत के साथ आता है। आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। ऐसे में कोई राज्य पीछे नहीं रहना चाहिए। हर राज्य को अवसर लेना चाहिए। ऐसी competition हो कि हिंदुस्तान में आने वाले investor को सोचने में तकलीफ हो कि मैं इस राज्य में जाऊं कि उस राज्य में जाऊं। इतना क्लियर कट होना चाहिए competition, इससे देश को लाभ होने वाला है और इसलिए मैं सभी राज्यों को निमंत्रण देता हूं कि आइए रिफॉर्म की स्पर्धा करें, good governance की स्पर्धा करें, प्रो डेवलपमेंट पॉलिसी की स्पर्धा करें और हम 2047 विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को तेज गति से पार करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
Friends,
भारत यहीं पर रुकने वाला नहीं है। जिन सेक्टर्स में हमने बेहतर perform किया है, हमें उनमें और बेहतर करना है। इसके लिए हम मिशन manufacturing पर जोर दे रहे हैं। आने वाले समय में हमारा फोकस futuristic इंडस्ट्री पर होगा। Semiconductor sector में भारत take-off कर रहा है। देश में इसके 6 plants तैयार होने वाले हैं। हमें सेमीकंडक्टर manufacturing को और आगे लेकर जाना है।
साथियों,
भारत सरकार ऑटो इंडस्ट्री के लिए rare earth magnets की shortages से जुड़ी कठिनाइयों के प्रति भी सजग है। इस दिशा में देश के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए हमने National Critical Mineral Mission भी लॉंच किया है। इसके तहत देश में अलग-अलग जगहों पर 1,200 से अधिक खोजी अभियान चलाए जाएंगे, क्रिटिकल मिनरल्स को तलाशा जाएगा।
साथियों,
अगले सप्ताह ही मैं जापान जा रहा हूँ। भारत और जापान का रिश्ता केवल diplomatic relations से कहीं ऊपर, सांस्कृतिक और भरोसे का रिश्ता है। हम एक दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखते हैं। मारुति सुज़ुकी के साथ हमने जो जर्नी शुरू की थी, वो अब बुलेट ट्रेन की स्पीड तक पहुँच चुकी है। भारत-जापान पार्टनरशिप की औद्योगिक संभावनाओं को साकार करने की बड़ी पहल यहीं गुजरात से ही हुई थी। मुझे याद है, हमने 20 साल पहले जब Vibrant गुजरात समिट शुरू की थी, तो उसमें जापान एक प्रमुख सहयोगी था। आप विचार कीजिए, एक developing countries का, एक छोटा सा स्टेट, उसका investment summit और जापान जैसा developed country उसका पार्टनर हो, यह दिखाता है कि भारत और जापान की नींव कितनी मजबूत है और मैं आज जब यह Vibrant Gujarat की यात्रा की याद कर रहा हूं, तब मेरे मित्र यहां बैठे हैं, वो पहले भारत में एंबेसडर हुआ करते थे, 2003 में, आज वो भी यहां मौजूद हैं, अब वो रिटायर हो गए हैं, लेकिन उनका भारत प्रेम, गुजरात प्रेम, वैसे का वैसा है, मैं उनका भी स्वागत करता हूं। गुजरात के लोगों ने भी, जापान के लोगों का उतना ही आत्मीयता से ख्याल रखा। हमने इंडस्ट्री से जुड़े rules and regulations जापानी भाषा में प्रिंट करवाकर दिए। जब मैं गुजरात में था, हर छोटी चीज पर मैं ध्यान रखता था, even मेरा जो visiting card होता था न, वो भी मैं जापानी में बनाता था। जो विडियोज बनाते थे हम प्रोमोशनल, उस वीडियो की खूबी होती थी, जापानी भाषा में डबिंग करवाता था। यानी मुझे मालूम था कि मुझे इस रास्ते पर बड़ी मजबूती से आगे बढ़ना है और मैं सभी राज्यों को कहता हूं, आसमान खुला है भैया, आप भी मेहनत करो, आओ मैदान में, बहुत फायदा होगा।
मुझे याद है, शुरू-शुरू में जब जापान के हमारे साथी आते थे, तो मैं नया-नया उनकी निकटता मेरी बढ़ती चली जाती थी और उनकी हर चीज को मैं समझ पाता था। मैंने देखा है कि जापानी लोगों का एक नेचर है कि उनको अपना जो कल्चरल इकोसिस्टम है, वो उनकी पहली प्राथमिकता होती है। उसमें जापानी फूड चाहिए, ये जैसे गुजरात के लोग हैं न, उनका भी ऐसा ही है। वे गुजरात में कहीं Saturday-Sunday को, कहीं न कहीं restaurant में खाने के आदि हैं, तो वहां जाएंगे, तो मेक्सिकन फूड मांगेंगे, इटेलियन फूड मांगेंगे। लेकिन गुजरात के बाहर कहीं जाएंगे, तो गुजराती फूड खोजते रहते हैं। मैंने देखा जापान के लोगों का भी यह स्वभाव है और इसलिए मैंने यहां जापानीज़ क्विज़ीन् की व्यवस्था कराई, मैंने उसकी एक होटल चेन को बुलाया। मुझे पता है, बाद में मुझे बताया गया कि भई जापान के लोग हैं, गोल्फ के बिना तो नहीं चल सकता, मैंने उसको भी प्राथमिकता दी और अपने जापानी साथियों को ध्यान में रखते हुए हमने जो गुजरात में गोल्फ का नामोनिशान नहीं था, 7-8 नए गोल्फ कोर्स develop किए। देखिए, विकास करना है, इंवेस्टमेंट लाना है, दुनिया को आकर्षित करना है, तो हर बारीकी पर देखना पड़ता है और हमारे देश में कई राज्य हैं, जो करते हैं। जो राज्य पीछे हैं, मेरा उनसे आग्रह है कि आप भी हर बारीकी को अवसर समझिए और विकास की नई दिशा पकड़िए। इतना ही नहीं साथियों, हमारे स्कूल में, हमारे कॉलेजेज़ में और हमारे यूनिवर्सिटीज़ में बहुत बड़ी मात्रा में जापानी भाषा सिखाने को प्राथमिकता दी जा रही है। बहुत सारे जापानी भाषा सिखाने वाले टीचर्स आज गुजरात में भी है। कई स्कूलों में जापानी भाषा सिखाई जा रही है।
साथियों,
हमारे इन प्रयासों से भारत-जापान के बीच people to people connect बहुत बढ़ रहा है। स्किल और ह्यूमन रिसोर्स से जुड़ी एक दूसरे की जरूरतों को भी हम पूरा कर पा रहे हैं। मैं चाहूँगा, मारुति-सुज़ुकी जैसी कंपनियाँ भी इस तरह के प्रयासों का हिस्सा बनें और यूथ एक्स्चेंज जैसे प्रयासों को बढ़ाएं।
साथियों,
हमें इसी तरह आने वाले समय में सभी अहम क्षेत्रों में आगे बढ़ना है। मुझे भरोसा है, हमारे आज के प्रयास 2047 के विकसित भारत की इमारत को नई बुलंदी तक लेकर जाएंगे और मुझे भरोसा है कि जापान इस लक्ष्य की प्राप्ति में हमारा भरोसेमंद पार्टनर बनकर साथ चलता रहेगा, हमारी दोस्ती अटूट रहेगी और मैं तो कभी-कभी कहता था कि जहां तक जापान और भारत का रिश्ता है, यह मेड फॉर ईच अदर वाला रिश्ता है। मैं आज विशेष रूप से मारुति को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और अभी तो यह teen age की शुरुआत है, आपको पंख फैलाने हैं। नए सपने बुनने हैं, आपके संकल्पों के लिए, उसकी पूर्ति के लिए हम पूरी शक्ति से आपके साथ हैं। इसी विश्वास के साथ आत्मनिर्भर भारत के अभियान को हम सब आगे बढ़ाएं। वोकल फॉर लोकल बनें। स्वदेशी, यह हमारा जीवन मंत्र बनना चाहिए दोस्तों, गर्व से, गर्व से स्वदेशी की तरफ चल पड़ों। और यहां जापान के द्वारा जो चीजें बन रही हैं न, यह भी स्वदेशी है। मेरी स्वदेशी की व्याख्या बहुत सिंपल है, पैसा किसका लगता है, उससे कुझे कोई लेना-देना नहीं है। वो डॉलर है, पाउंड है, वो करंसी काली है, गोरी है, मुझे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन जो प्रोडक्शन है, उसमें पसीना मेरे देशवासियों का होगा। पैसा किसी का, पसीना हमारा। जो प्रोडक्शन होगा, उसमें महक मेरे देश की मिट्टी की होगी, मेरे भारत मां की होगी। इस भाव के साथ आप मेरे साथ चलिए दोस्तों, 2047 में हम ऐसा हिंदुस्तान बनाएंगे, आपकी आने वाली अनेक पीढ़ियां, आपके इस त्याग का गर्व करेंगी, आपके इस योगदान का गर्व करेंगी, आपकी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए, आत्मनिर्भर भारत के इस मंत्र के लिए, स्वदेशी के मार्ग के लिए मैं आज मेरे देशवासियों को निमंत्रण दे रहा हूं, मैं आपको निमंत्रण दे रहा हूं, आइए, हम सब चल पड़े, 2047 विकसित भारत बनाकर रहेंगे। दुनिया की इस भलाई में भारत का योगदान बढ़ाते रहेंगे, इसी भावना के साथ आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं! बहुत-बहुत धन्यवाद!
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MJPS/ST/AV/RK
(Release ID: 2160841)