प्रधानमंत्री कार्यालय
azadi ka amrit mahotsav

भारत गणराज्य सरकार और फिलीपींस गणराज्य सरकार के बीच रणनीतिक साझेदारी की स्थापना पर घोषणा

Posted On: 05 AUG 2025 5:23PM by PIB Delhi

भारत के प्रधानमंत्री महामहिम श्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर, फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 4-8 अगस्त 2025 को भारत की राजकीय यात्रा पर आए। राष्ट्रपति मार्कोस के साथ उनकी पत्नी, मैडम लुईस अरनेटा मार्कोस और फिलीपींस के कई कैबिनेट मंत्रियों व एक उच्च-स्तरीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल सहित एक उच्च-स्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी आया।

2. 5 अगस्त 2025 को, राष्ट्रपति मार्कोस का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया और वे महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए राजघाट गये। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसके बाद, दोनों राजनेताओं ने द्विपक्षीय दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति मार्कोस ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आयोजित दोपहर के भोज में भाग लिया। राष्ट्रपति मार्कोस के कार्यक्रमों में भारत की राष्ट्रपति, महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से भेंट और उसके बाद उनके सम्मान में आयोजित भोज में भाग लेना शामिल है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति मार्कोस से भेंट की। राष्ट्रपति मार्कोस बेंगलुरु भी जाएँगे।

3. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस ने,

(क) भारत-फिलीपींस राजनयिक संबंधों की स्थापना की पचहत्तरवीं वर्षगांठ का जश्न मनाते हुए;

(ख) भारत और फिलीपींस के बीच पारस्परिक सम्मान, विश्वास, सभ्यतागत संपर्कों, साझा मूल्यों और संस्कृति पर आधारित दीर्घकालिक मित्रता को स्वीकार करते हुए;

(ग) 1949 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की अपनी समृद्ध और फलदायी परंपरा पर खुशी जाहिर करते हुए;

(घ) दोनों देशों के बीच 11 जुलाई 1952 को हस्ताक्षरित मैत्री संधि, 28 नवंबर 2000 को हस्ताक्षरित नीति परामर्श वार्ता पर समझौता ज्ञापन, 5 अक्टूबर 2007 को हस्ताक्षरित द्विपक्षीय सहयोग पर संयुक्त आयोग की स्थापना पर समझौता और 5 अक्टूबर 2007 को हस्ताक्षरित द्विपक्षीय सहयोग की रूपरेखा पर घोषणा के मूलभूत महत्व पर बल देते हुए;

(ङ) दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और सुदृढ़ करने की इच्छा से आगे बढ़ते हुए;

(च) यह विश्वास व्यक्त किया कि उनके द्विपक्षीय संबंधों का और व्यापक विकास दोनों देशों तथा समग्र रूप से क्षेत्र में प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देते हुए;

(छ) द्विपक्षीय साझेदारी को एक गुणात्मक और रणनीतिक नया आयाम और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता प्रदान करने तथा आने वाले वर्षों में राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, अंतरिक्ष सहयोग, व्यापार और निवेश, उद्योग सहयोग, परिवहन संपर्क, स्वास्थ्य और औषधि, कृषि, डिजिटल प्रौद्योगिकी, उभरती प्रौद्योगिकी, विकास सहयोग, संस्कृति, रचनात्मक उद्योग, पर्यटन, लोगों के बीच आपसी संपर्क और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय रूप से सहयोग विकसित करने की इच्छा व्यक्त करते हुए;

(ज) एक स्वतंत्र, खुले, पारदर्शी, नियम-आधारित, समावेशी, समृद्ध और सुदृढ़ भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने साझा हितों की पुष्टि करते हुए और आसियान केंद्रीयता के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराते हुए;

एतद्द्वारा घोषणा करते हैं:

4. भारत और फिलीपींस के बीच रणनीतिक साझेदारी की स्थापना;

5. यह रणनीतिक साझेदारी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की पूर्ण क्षमता को साकार करने की दिशा में एक नये अध्याय को रेखांकित करती है;

6. यह रणनीतिक साझेदारी दोनों देशों और व्यापक क्षेत्र की निरंतर शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की पारस्परिक प्रतिबद्धता पर आधारित है और दोनों देशों के लिए भविष्योन्मुखी पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग की रूपरेखा तैयार करने हेतु एक आधार के रूप में कार्य करती है;

7. भारत-फिलीपींस रणनीतिक साझेदारी को 5 अगस्त 2025 को दोनों देशों द्वारा अपनाई गई कार्य योजना (2025-2029) से मार्गदर्शन प्राप्त होता है;

8. भारत-फिलीपींस साझेदारी को और अधिक गतिशीलता प्रदान करने के उद्देश्य से, दोनों राजनेताओं ने निम्नलिखित पर सहमति व्यक्त की:

9. (क) राजनीतिक सहयोग

आपसी हित के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान और संवाद के माध्यम से राजनीतिक जुड़ाव को मज़बूत करना, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग पर संयुक्त आयोग (जेसीबीसी) की बैठक, नीति परामर्श वार्ता और रणनीतिक संवाद शामिल हैं;

मौजूदा समझौतों और समझौता ज्ञापनों के प्रभावी संचालन के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों और स्तरों पर अधिक सहयोग को बढ़ावा देना तथा बातचीत के अधीन समझौतों और समझौता ज्ञापनों को शीघ्र अंतिम रूप देना;

व्यापार और निवेश, आतंकवाद-निरोध, पर्यटन, स्वास्थ्य और चिकित्सा, कृषि और वित्तीय प्रौद्योगिकी पर संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) सहित विभिन्न द्विपक्षीय संस्थागत व्यवस्था के माध्यम से संवाद में गति लाना;

आपसी समझ को और मज़बूत करने के लिए दोनों देशों की विधायिकाओं के बीच बातचीत, विशेष रूप से दोनों देशों के युवा नेताओं के बीच आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना;

(ख) रक्षा, सुरक्षा और समुद्री सहयोग

4 फ़रवरी 2006 को भारत और फिलीपींस के बीच हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग समझौते के अंतर्गत हुई प्रगति को स्वीकार करते हुए;

रक्षा सहयोग पर संवाद के लिए संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) और संयुक्त रक्षा उद्योग एवं लॉजिस्टिक्स समिति (जेडीआईएलसी) सहित संस्थागत व्यवस्था के नियमित आयोजन को सुगम बनाना, जिसमें रक्षा औद्योगिक सहयोग, रक्षा प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, प्रशिक्षण, आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण पर ज़ोर दिया जाए;

दोनों देशों के बीच सैन्य प्रशिक्षण गतिविधियों और सेना-से-सेना के संपर्कों को संस्थागत बनाना, जिसमें तीनों सेनाओं के बीच सहयोग पर अधिक ध्यान दिया जाए;

दोनों देशों की विकास आवश्यकताओं, तटीय राज्यों, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समुद्री राष्ट्रों के रूप में अधिकारों और स्वतंत्रताओं को प्राप्त करने में समुद्रों और महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देना;

समुद्री मुद्दों पर सहयोग व संवाद को संस्थागत बनाना और भारत तथा फिलीपींस के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग की सराहना करना, जिसमें भारत-फिलीपींस वार्षिक समुद्री वार्ता भी शामिल है, जिसका आयोजन पहली बार 11-13 दिसंबर 2024 को मनीला में हुआ था, और समुद्री सहयोग की सकारात्मक गति को बनाए रखने के लिए भारत द्वारा अगली वार्ता की मेजबानी की आशा करना;

वैश्विक और क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करना, समुद्री सहयोग को गहरा करने के लिए सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करना तथा महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के शांतिपूर्ण, सतत और न्यायसंगत उपयोग पर समुद्री प्राधिकरणों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा समुद्री विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थानों के बीच समन्वय और विशेषज्ञता को बढ़ावा देना;

दोनों सरकारों की उपयुक्त एजेंसियों के माध्यम से और उनके बीच सर्वोत्तम तौर-तरीकों, खुफिया जानकारी, तकनीकी सहायता, विषय वस्तु विशेषज्ञ (एसएमई) आदान-प्रदान, कार्यशालाओं और औद्योगिक सहायता का आदान-प्रदान करना;

नौसेनाओं और तटरक्षकों के बीच संवर्धित समुद्री क्षेत्र जागरूकता (एमडीए), जहाज निर्माण, समुद्री संपर्क, तटीय निगरानी, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर), प्रदूषण नियंत्रण और खोज एवं बचाव (एसएआर) में सहयोग के लिए सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना;

रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास तथा आपूर्ति श्रृंखला इकोसिस्टम की स्थापना में निवेश और संयुक्त पहल को प्रोत्साहित करना;

क्षेत्र की समग्र समुद्री सुरक्षा में योगदान देने वाले सुरक्षित और कुशल नौवहन को सुनिश्चित करने के लिए जलविज्ञान अवसंरचना में सुधार और संयुक्त समुद्र विज्ञान अनुसंधान सर्वेक्षण सहित जलविज्ञान के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करना;

आसियान-भारत समुद्री अभ्यास और अभ्यास मिलन और फिलीपींस की समुद्री सहकारी गतिविधियों (एमसीए) सहित बहुपक्षीय अभ्यासों में भागीदारी के लिए प्रयास करना;

संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों (पीकेओ), आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, सैन्य चिकित्सा, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण, पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चिंताएं जैसे समुद्री सुरक्षा, और साइबर सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी मुद्दे, साथ ही महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा, और आर्थिक मामलों पर सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर नियमित संवाद, सहभागिता और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से अधिक सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना;

आतंकवाद-निरोध पर संयुक्त कार्य समूह की नियमित बैठकों सहित संयुक्त प्रयासों को सुदृढ़ करना, जिसमें (i) आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, कट्टरपंथ, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी सहित अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, मानव तस्करी, साइबर अपराध, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों से साइबर खतरे, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग, आतंकवाद के वित्तपोषण, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक अपराध, प्रसार वित्तपोषण, धन शोधन शामिल हैं; (ii) आतंकवाद-निरोध पर सूचना और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाना, क्षमता निर्माण करना, बहुपक्षीय मंचों में सहयोग करना और (iii) आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को बढ़ावा देना;

नीतिगत वार्ता, क्षमता निर्माण, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, वित्तीय प्रौद्योगिकी, डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल फोरेंसिक और कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी) सहयोग, महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा और डिजिटल कौशल पर क्षमता निर्माण पर विशेषज्ञता का आदान-प्रदान सहित साइबर डोमेन में सहयोग को प्रगाढ़ करना;

(ग) आर्थिक, व्यापार और निवेश सहयोग

भारत-फिलीपींस साझेदारी के प्रमुख प्रेरक के रूप में व्यावसायिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देना और इस उद्देश्य के लिए द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग को सुदृढ़ करने तथा अधिक आर्थिक अवसरों को खोलने की दिशा में कार्य करना;

द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि का स्वागत करना, जो 2024-25 में लगभग 3.3 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है और इस वृद्धि को बनाए रखना, पूरकताओं का लाभ उठाना और व्यापार की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की श्रेणी का विस्तार करना;

पारस्परिक व्यापार को और बढ़ावा देने के लिए भारत और फिलीपींस के बीच प्राथमिकता आधारित व्यापार समझौते (पीटीए) पर वार्ता को शीघ्र पूरा करने का प्रयास करना। दोनों पक्ष द्विपक्षीय निवेश को सुगम बनाने के लिए और अधिक सहयोग को बढ़ावा देंगे;

व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, बाज़ार पहुँच संबंधी मुद्दों के शीघ्र समाधान को सुगम बनाने, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ बेहतर एकीकरण को बढ़ावा देने और सहयोग के नए क्षेत्रों, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, इलेक्ट्रिक वाहनों, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, आईसीटी, जैव प्रौद्योगिकी, रचनात्मक उद्योग और स्टार्टअप, निर्माण और अवसंरचना, लोहा और इस्पात, जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत, कृषि और पर्यटन के लिए एक मज़बूत आधार तैयार करने हेतु, दोनों पक्षों के संबंधित समकक्ष मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच, मौजूदा व्यवस्थाओं सहित, नियमित बैठकें और आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करना;

अवसंरचना के विकास और परिवहन संपर्क एवं परिवहन परियोजनाओं के कार्यान्वयन में साझेदारी को बढ़ावा देना;

सरलीकृत सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के माध्यम से बेहतर व्यापार सुगमता के लिए संयुक्त सीमा शुल्क सहयोग समिति की बैठकों को सुविधाजनक बनाना;

व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान, बेहतर बी2बी संपर्कों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक सम्मेलनों आदि के माध्यम से दोनों देशों द्वारा प्रस्तुत अवसरों का पता लगाने के लिए व्यवसायों और उद्योग प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करना;

अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ाने के लिए दोनों देशों की सरकारों के साथ-साथ उनके अंतर्राष्ट्रीय और वित्तीय निकायों के बीच अधिक सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना;

आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) की समीक्षा में तेज़ी लाना ताकि इसे व्यवसायों के लिए अधिक प्रभावी, उपयोगकर्ता-अनुकूल, सरल और व्यापार-सुविधाजनक बनाया जा सके;

बेहतर स्वास्थ्य परिणामों को समर्थन देने और क्षमता निर्माण, ज्ञान साझाकरण और संयुक्त अनुसंधान पहलों के माध्यम से स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बनाने के लिए, प्रत्येक देश के प्रासंगिक कानूनों और विनियमों के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा और औषधि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना;

आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना, जिसमें विशेषज्ञों के प्रशिक्षण और आदान-प्रदान के माध्यम से सहयोग शामिल हैं;

भारतीय अनुदान सहायता के तहत त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्यूआईपी) के कार्यान्वयन के माध्यम से, फिलीपींस की स्थानीय विकास प्राथमिकताओं का समर्थन करना।

(घ) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग

संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना एवं वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान, तथा पारस्परिक रूप से सहमत प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (एसटीआई) सहयोग को बढ़ाना, जिसमें भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और फिलीपींस के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के बीच 2025-28 की अवधि के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम भी शामिल है;

अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों सहित बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग को बढ़ावा देना तथा शिक्षा जगत, अनुसंधान एवं विकास, उद्योग एवं नवाचार की भूमिका का स्वागत करना;

परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग को आगे बढ़ाना;

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करना, जिसमें सूचना साझा करना और शिक्षा-प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा-प्रौद्योगिकी पर सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान शामिल हैं;

चावल उत्पादन, कृषि-अनुसंधान सहित कृषि के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करना और सतत मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि के विकास में साझेदारी को सुदृढ़ करना;

(ङ) संपर्क

भारत और फिलीपींस के बीच भौतिक, डिजिटल और वित्तीय संपर्कों सहित संपर्क के सभी माध्यमों को बढ़ाना;

साइबर सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को सुनिश्चित करते हुए ई-शासन, वित्तीय समावेश और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में सहयोग को मज़बूत करना;

पत्तन-से-पत्तन संपर्कों को बेहतर बनाने सहित क्षेत्रीय समुद्री संपर्क को बढ़ाना;

सीधी हवाई सेवा संपर्क स्थापित करके दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क बढ़ाने की दिशा में कार्य करना। इस संबंध में, दोनों राजनेताओं ने आने वाले महीनों में दोनों राजधानियों के बीच निर्धारित सीधी उड़ानों का स्वागत किया;

(च) वाणिज्य दूतावास सहयोग

लोगों के आवागमन को सुगम बनाना। इस संबंध में, दोनों नेताओं ने फिलीपींस द्वारा भारतीय पर्यटकों को वीज़ा-मुक्त विशेषाधिकार प्रदान करने और भारत द्वारा फिलिपिनो नागरिकों के लिए निःशुल्क ई-पर्यटक वीज़ा के विस्तार का स्वागत किया;

संयुक्त वाणिज्य दूतावास परामर्श बैठक का नियमित आयोजन;

(छ) पारस्परिक कानूनी और न्यायिक सहयोग

आपराधिक मामलों पर पारस्परिक कानूनी सहायता संधि और सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर संधि के समापन का स्वागत किया;

(ज) संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान

विस्तारित सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत, बेहतर बातचीत के माध्यम से दोनों देशों के बीच लोगों के आपसी संबंधों, सांस्कृतिक जुड़ाव, आदान-प्रदान और सहयोग को और मज़बूत करना;

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा संचालित छात्रवृत्ति पाठ्यक्रमों में भागीदारी के माध्यम से व्यापक सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना;

पर्यटन पर संयुक्त कार्य समूह की नियमित बैठकों के अलावा, दोनों देशों के पर्यटन संगठनों, पर्यटन पेशेवरों और आतिथ्य क्षेत्र के बीच आदान-प्रदान और संवाद को प्रोत्साहित करना;

छात्रों और मीडिया के आदान-प्रदान को सुगम बनाना और विचार-विमर्श समूहों (थिंक टैंक) तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देना;

भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के अंतर्गत, भारत-फिलीपींस प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहयोग को बढ़ाना;

(झ) क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय

पारस्परिक चिंता और हित के वैश्विक मुद्दों, जैसे वैश्विक साझा संसाधनों में कानून का शासन, आतंकवाद-निरोध, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र और उसकी विशिष्ट एजेंसियों सहित बहुपक्षीय और क्षेत्रीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग करना। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी, दोनों श्रेणियों की सदस्यता में, पाठ-आधारित वार्ताओं के माध्यम से सुधार और विस्तार का सक्रिय समर्थन करना;

मुक्त, खुली, पारदर्शी और नियम-आधारित व्यापार प्रणाली के प्रति साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, दोनों देशों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने, व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने कि व्यापार उनके आर्थिक विकास में योगदान दे, के लिए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों के तहत मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया;

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और पर्यावरण के लिए मिशन-लाइफस्टाइल (लाइफ) जैसी वैश्विक पहलों के माध्यम से, सर्वोत्तम उपलब्ध विज्ञान और सर्वोत्तम उपलब्ध प्रौद्योगिकियों के आधार पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयासों का आह्वान करना;

हानि एवं क्षति प्रत्युत्तर निधि के बोर्ड, जिसका मुख्यालय फिलीपींस में है, के तत्वावधान में सहयोग की संभावनाओं की तलाश करना;

अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस के माध्यम से संरक्षण प्रयासों की सराहना करना;

अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के तहत देशों के अधिकारों और दायित्वों, और इसके विवाद समाधान तंत्रों, जिनमें समुद्री अधिकारों की भौगोलिक और मूल सीमाएँ, समुद्री पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण का कर्तव्य, साथ ही नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता, और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के आधार पर निर्बाध वाणिज्य के महत्व की पुष्टि करना, जैसा कि यूएनसीएलओएस में विशेष रूप से परिलक्षित होता है, के प्रति पूर्ण सम्मान और पालन की पुष्टि करना;

इस बात पर ज़ोर देना कि दक्षिण चीन सागर पर अंतिम और बाध्यकारी 2016 का मध्यस्थता निर्णय एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का आधार है;

दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, विशेष रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर प्रभाव डालने वाली बलपूर्वक और आक्रामक कार्रवाइयों के संबंध में, संबंधित पक्षों से आत्म-संयम बरतने तथा विवादों को सुलझाने और प्रबंधित करने के लिए शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीकों के प्रति प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया;

आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को संयुक्त रूप से मज़बूत करने के लिए, नियमित शिखर-स्तरीय बातचीत सहित, आसियान ढाँचे के अंतर्गत जुड़ाव और सहयोग को गहरा और विस्तारित करने का समर्थन किया। फिलीपींस ने आसियान की केंद्रीयता के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता और विकसित हो रहे क्षेत्रीय ढाँचे में आसियान के नेतृत्व वाले तंत्रों में इसकी सक्रिय भागीदारी और सहयोग की सराहना की;

एओआईपी और भारत-प्रशांत महासागर पहल के बीच संवर्धित सहयोग के माध्यम से, क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत (एओआईपी) पर आसियान दृष्टि पर सहयोग पर आसियान-भारत संयुक्त वक्तव्य के तहत सहयोग की संभावना की तलाश करना;

वैश्विक दक्षिण से संबंधित मामलों पर बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग जारी रखना, जिसमें वैश्विक दक्षिण की आवाज शिखर सम्मलेन (वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट, वीओजीएसएस) भी शामिल है। इस संबंध में, भारत ने अब तक आयोजित तीनों वीओजीएसएस में फिलीपींस की सक्रिय भागीदारी की सराहना की;

10. दोनों देश 11 जुलाई 1952 को भारत सरकार और फिलीपींस सरकार के बीच हुई मैत्री संधि की मूलभूत और स्थायी भावना के अनुरूप, इस रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं।

****

पीके / केसी / जेके  / डीए


(Release ID: 2152802)