सहकारिता मंत्रालय
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में सहकारी समितियों को जीवंत और सफल व्यावसायिक इकाइयों के रूप में परिवर्तित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय प्रतिबद्ध है
2 लाख बहुउद्देशीय सहकारी समितियों की स्थापना के लक्ष्य के तहत अब तक 35,395 नई सहकारी समितियाँ बनाई जा चुकी हैं
भूमिहीन और पूंजीहीन व्यक्ति के लिए सहकारिता क्षेत्र से ही समृद्धि का रास्ता खुल रहा है
श्वेत क्रांति 2.0 के माध्यम से अगले 5 वर्षों में सहकारिता समितियों द्वारा 50% दुग्ध कलेक्शन के लक्ष्य की ओर भी तेजी से बढ़ा जा रहा है
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार परंपरागत बीजों के लिए छोटे किसानों के साथ भी अनुबंध करेगी जिससे उन्हें भी इसका फायदा मिल सके
सहकारिता मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में पैक्स, डेयरी, मत्स्य, सहकारी बैंक, चीनी सहकारी समितियों और शासन प्रणालियों को मजबूत करने के लिए 100 से अधिक पहल की
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने समिति के सभी सदस्यों से अपने-अपने राज्यों में डेयरी क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए कहा जिससे सहकारिता को बल मिले
Posted On:
05 AUG 2025 9:15PM by PIB Delhi
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु मंत्रालय की पहलों पर सहकारिता मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल और श्री मुरलीधर मोहोल, समिति के सदस्य, सहकारिता मंत्रालय के सचिव और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
7O8W.JPG)
बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारी समितियों को जीवंत और सफल व्यावसायिक इकाइयों के रूप में परिवर्तित करने के लिए सहकारिता मंत्रालय प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 5 साल में देश में 2 लाख बहुउद्देशीय सहकारी समितियों की स्थापना के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के तहत अब तक 35,395 नई सहकारी समितियाँ बनाई जा चुकी हैं, जिनमें 6,182 बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (MPACS), 27,562 डेयरी और 1,651 मत्स्य सहकारी समितियाँ शामिल हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि भूमिहीन और पूंजीहीन व्यक्ति के लिए सहकारिता क्षेत्र से ही समृद्धि का रास्ता खुल रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र, कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) किसानों के ऑर्गेनिक उत्पादों की प्रमाणिकता, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और उनकी मार्केटिंग सुनिश्चित करती है जिससे किसानों को उनके उत्पादों का अच्छा मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) किसानों के उत्पादों को अतंर्राष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात करने से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराती है जिसका पूरा मुनाफा किसानों को मिलता है। श्री शाह ने कहा कि भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) भारत के परंपरागत बीजों के संरक्षण, संग्रहण और उत्पादन की दिशा में काम करती है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार परंपरागत बीजों के लिए छोटे किसानों के साथ भी अनुबंध करेगी जिससे उन्हें भी इसका फायदा मिल सके।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने समिति के सभी सदस्यों से अपने-अपने राज्यों में डेयरी क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए कहा जिससे सहकारिता को बल मिले। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी, मत्स्य, सहकारी बैंक, चीनी सहकारी समितियों और शासन प्रणालियों को मजबूत करने के लिए 100 से अधिक पहल की हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी नीति-2025 देश में सतत सहकारी विकास के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करती है। इस रोडमैप में भारत सरकार की योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) और अन्य के साथ समन्वय भी शामिल है ताकि जमीनी स्तर पर सहकारी इकोसिस्टम को मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के नेतृत्व में श्वेत क्रांति 2.0 के तहत अगले पांच वर्षों में दूध की खरीद को 50% बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बैठक के दौरान सहकारिता मंत्रालय द्वारा समिति को पिछले चार वर्षों में की गई विभिन्न पहलों पर प्रस्तुति दी गई। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी के लिए संस्थागत तंत्र जैसे अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC), राष्ट्रीय स्तर समन्वय समिति (NLCC), राज्य सहकारी विकास समितियाँ (SCDC), और जिला सहकारी विकास समितियाँ (DCDC) गठित की गई हैं। सहकारिता मंत्रालय द्वारा पिछले चार वर्षों में पैक्स, डेयरी, मत्स्य, सहकारी बैंक, चीनी सहकारी समितियों और शासन प्रणालियों को मजबूत करने के लिए की गईं 100 से अधिक पहलों में डिजिटल सुधार, नीतिगत परिवर्तन, वित्तीय सहायता और संस्थागत क्षमता निर्माण शामिल हैं।
मंत्रालय द्वारा बताया गया कि संसदीय अधिनियम के माध्यम से स्थापित त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। यह यूनिवर्सिटी भारत में सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण को एकीकृत और मानकीकृत करेगी तथा सहकारी क्षेत्र के लिए कुशल मानव संसाधन प्रदान करेगी। सहकारी समितियों के नेतृत्व में श्वेत क्रांति 2.0 के माध्यम से अगले 5 वर्षों में सहकारिता समितियों द्वारा 50% दुग्ध कलेक्शन के लक्ष्य की ओर भी तेजी से बढ़ा जा रहा है। इसके तहत अब तक 15,691 नई डेयरी सहकारी समितियाँ पंजीकृत की गई हैं और 11,871 मौजूदा डेयरी सहकारी समितियों को मजबूत किया गया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और 15 राज्यों में 25 मिल्क यूनियनों ने डेयरी सहकारी समितियों में बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने बताया कि जैविक उत्पादों, निर्यात और बीज क्षेत्रों में तीन नई बहु-राज्य सहकारी समितियाँ स्थापित की गई हैं, जिनका उद्देश्य सहकारी मूल्य श्रृंखला में पैमाने, गुणवत्ता और ब्रांडिंग को बढ़ाना है।
परामर्शदात्री समिति ने सहकारी क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए अपने सुझाव साझा किए। मंत्रालय ने ग्रामीण भारत में विकास, समानता और आत्मनिर्भरता के इंजन के रूप में सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
*****
RK/VV/RR/HS/PR
(Release ID: 2152796)