प्रधानमंत्री कार्यालय

राजकोट, गुजरात में विभिन्न विकासात्मक कार्यों के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

Posted On: 27 JUL 2023 8:08PM by PIB Delhi

कैसे हैं सभी? सुख में?

गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान भूपेंद्र भाई पटेल, मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, पूर्व मुख्यमंत्री भाई विजय रूपाणी जी, सी आर पाटील जी।

साथियों,

अभी विजय भी मेरे कान में बता रहे थे और मैं भी नोटिस कर रहा हूं कि राजकोट में कार्यक्रम हो, छुट्टी का दिन न हो, छुट्टी ना हो और दोपहर का समय हो, राजकोट में कोई इस समय में सभा करने का ना सोचे, वहां इतनी बडी संख्या में विशाल जनसभा, आज राजकोट ने राजकोट के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। नहीं तो सालों से हम देख रहे है कि  शाम को 8 बजे के बाद ठीक रहेगा भाई, और राजकोट को तो दोपहर को सोने के लिए समय चाहिए वैसे तो।

आज राजकोट के साथ-साथ पूरे सौराष्ट्र और गुजरात के लिए बड़ा दिन है। लेकिन प्रारंभ में मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कुछ दिन पहले ही साइक्लोन आया था और फिर बाढ़ ने भी बहुत तबाही मचाई। संकट के इस समय में एक बार फिर जनता और सरकार ने साथ मिलकर इसका मुकाबला किया है। सभी प्रभावित परिवारों का जीवन जल्द से जल्द सामान्य हो, इसके लिए भूपेंद्र भाई की सरकार हर संभव प्रयास कर ही रही है। केंद्र सरकार भी, राज्य सरकार को जिस भी सहयोग की जरूरत है, उसे पूरा कर रही है।

भाइयों और बहनों,

बीते वर्षों में राजकोट को हमने हर प्रकार से आगे बढ़ते देखा है। अब राजकोट की पहचान, सौराष्ट्र के ग्रोथ इंजन की तरह भी हो रही है। यहां इतना कुछ है। उद्योग-धंधे हैं, बिजनेस हैं, संस्कृति है, खान-पान है। लेकिन एक कमी महसूस होती थी, और आप सभी भी बार-बार मुझे बताते रहते थे। और वो कमी भी आज पूरी हो गई है।

अभी कुछ देर पहले जब मैं नए बने एयरपोर्ट पर था, तो आपके इस सपने के पूरे होने की खुशी मैंने भी महसूस की। और मैं हमेशा कहता हूं, राजकोट है, जिसने मुझे बहुत कुछ सिखाया। मुझे पहली बार विधायक बनाया। मेरी राजनीतिक यात्रा की शुरूआत, उसको हरी झंडी दिखाने का काम राजकोट ने किया। और इसलिए राजकोट का मुझ पर कर्ज हमेशा बना रहता है। और मेरी भी कोशिश है कि उस कर्ज को कम करता चलूं।

आज राजकोट को नया और बड़ा, इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिल चुका है। अब राजकोट से देश के साथ-साथ दुनिया के अनेक शहरों के लिए भी सीधी फ्लाइट्स संभव हो पाएंगी। इस एयरपोर्ट से यात्रा में तो आसानी होगी ही, इस पूरे क्षेत्र के उद्योगों को भी बहुत लाभ होगा। और जब मैं मुख्‍यमंत्री था, शुरूआती दिन थे, ज्‍यादा अनुभव तो नहीं था और एक बार मैंने कहा था ये तो मेरा मिनी जापान बन रहा है, तब बहुत लोगों ने मजाक उड़ाया था मेरा। लेकिन आज वो शब्‍द आपने सच करके दिखा दिए हैं।

साथियों,

यहां के किसानों के लिए भी अब फल-सब्जियों को देश-विदेश की मंडियों तक भेजना आसान हो जाएगा। यानी राजकोट को सिर्फ एक एय़रपोर्ट नहीं, बल्कि इस पूरे क्षेत्र के विकास को नई ऊर्जा देने वाला, नई उड़ान देने वाला एक पावरहाउस मिला है।

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आज यहां सौनी योजना के तहत अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण भी हुआ है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से सौराष्ट्र के दर्जनों गांवों के किसानों को सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध हो पाएगा। इसके अलावा भी राजकोट के विकास से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण आज यहां करने का अवसर मिला है। मैं इन सभी परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

बीते 9 वर्षों में केंद्र सरकार ने समाज के हर वर्ग, हर क्षेत्र के जीवन को आसान बनाने के लिए काम किया है। हम गुड गवर्नेंस की, सुशासन की गारंटी देकर आए हैं। आज हम उस गारंटी को पूरा करके दिखा रहे हैं। हमने गरीब हो, दलित हो, पिछड़े हो, आदिवासी हो, सबके जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर काम किया है।

हमारी सरकार के प्रयासों से, आज देश में गरीबी तेजी से कम हो रही है। अभी हाल में जो रिपोर्ट आई है, वो कहती है कि हमारी सरकार के 5 साल में, साढ़े तेरह करोड़ लोग, गरीबी से बाहर निकले हैं। यानी आज भारत में गरीबी से बाहर निकलकर, एक नियो-मिडिल क्लास, नए मध्यम वर्ग का सृजन हो रहा है। इसलिए हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में मिडिल क्‍लास भी है, नियो-मिडिल क्लास भी है, एक प्रकार से पूरा मध्यम वर्ग है।

साथियों,

आप याद कीजिए, 2014 से पहले मध्यम वर्ग की एक बहुत आम शिकायत क्या होती थी? लोग कहते थे, कनेक्टिविटी कितनी खराब है, हमारा कितना समय आने-जाने में ही बर्बाद हो जाता है। लोग कहीं बाहर देश से आते थे, बाहर की फिल्मों को देखते थे, टीवी पर दुनिया की अपनी नजर जाती थी, तो उनके मन में सवाल उठते थे, सोचते थे कि हमारे देश में कब ऐसा होगा, कब ऐसी सड़कें बनेंगी, कब ऐसे एयरपोर्ट बनेंगे। स्कूल-दफ्तर आने-जाने में परेशानी, व्यापार-कारोबार करने में परेशानी। कनेक्टिविटी का देश में यही हाल था। हमने बीते 9 वर्षों में इस परेशानी को दूर करने का हर संभव प्रयास किया है। 2014 में सिर्फ 4 शहरों में मेट्रो नेटवर्क था। आज देश के 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो नेटवर्क पहुंच चुका है। आज देश के 25 अलग-अलग रूट्स पर वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। 2014 में देश में 70 के आसपास एयरपोर्ट हुआ करते थे। अब इनकी संख्या भी बढ़ करके डबल से भी ज्‍यादा पहुंच चुकी है। 

हवाई सेवा के विस्तार ने भारत के एयरलाइन सेक्टर को दुनिया में नई ऊंचाई दी है। आज भारत की कंपनियां, लाखों करोड़ रुपए के नए विमान खरीद रही हैं। कहीं पर एक साइकिल नई आ जाए, गाड़ी नई आ जाए, स्‍कूटर नया आ जाए तो चर्चा होती है। आज हिन्‍दुस्‍तान में एक हजार नए विमानों का ऑर्डर बुक है। और संभावना है, आने वाले दिनों में दो हजार विमानों के ऑर्डर की। और आपको याद है, मुझे तो याद है, गुजरात चुनाव के समय मैंने आपको कहा था- वो दिन दूर नहीं जब गुजरात एयरो-प्लेन भी बनायेगा। आज गुजरात इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भाइयों और बहनों,

Ease of Living, Quality of Life, हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। पहले देश के लोगों को किस-किस तरह की परेशानी से गुजरना होता था, ये भी हम भूल नहीं सकते। बिजली-पानी का बिल भरना हो, तो लाइन। अस्पताल में इलाज करना है तो लंबी लाइन। बीमा और पेंशन लेना है तो भी भरपूर समस्याएं। टैक्स रिटर्न फाइल करना है तो भी मुसीबतों से गुजरना। हमने डिजिटल इंडिया से इन सभी समस्याओं का समाधान दिया। बैंक जाकर काम कराने में पहले कितना समय और ऊर्जा लग जाती थी। आज आपका बैंक आपके मोबाइल फोन पर है। ये भी कइयों को याद नहीं होगा कि पिछली बार बैंक कब गए थे। जाने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है।

साथियों,

आप वो दिन भी याद करिए जब टैक्स रिटर्न फाइल करना भी बड़ी चुनौती हुआ करता था। इसके लिए किसी को ढूंढो, यहां जाओ वहां दौड़ो। यही सब कुछ हुआ करता था। आज कुछ ही समय में आप आसानी से ऑनलाइन रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर रीफंड होता है तो उसका पैसा भी कुछ ही दिनों में आपके खाते में आ जाता है, वरना पहले कई-कई महीने लग जाते थे।

साथियों,

मिडिल क्लास के लोगों के पास अपना घर हो, इसे लेकर भी पहली सरकारों को कोई चिंता नहीं थी। हमने गरीबों के घर की भी चिंता की और मिडिल क्लास के घर का सपना पूरा करने का भी इंतजाम किया। पीएम आवास योजना के तहत हमने मध्यम वर्ग के परिवारों को घर बनाने के लिए विशेष सब्सिडी दी। इसके तहत 18 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले परिवारों को मदद दी गई। अभी तक देश के मध्यम वर्ग के 6 लाख से ज्यादा परिवार इसका लाभ उठा चुके हैं। यहां गुजरात के भी 60 हजार से ज्यादा परिवारों ने केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाया है।

साथियों,

केंद्र में जब पुरानी सरकार थी, तो अक्सर सुनते थे कि घर के नाम पर ये ठगी हो गई, वो धोखा हो गया। कई-कई सालों तक घर का पज़ेशन नहीं मिलता था। कोई कायदा-कानून नहीं था। कोई पूछने वाला नहीं था। ये हमारी सरकार है जिसने रेरा कानून बनाया, लोगों के हितों को सुरक्षित किया। रेरा कानून की वजह से आज लाखों लोगों के पैसे लुटने से बच रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

आज जब देश में इतना काम हो रहा है, देश आगे बढ़ रहा है तो कुछ लोगों को परेशानी होनी बहुत स्वाभाविक है। जो लोग देश की जनता को हमेशा तरसा कर रखते थे, जिन लोगों को देश की जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं से कोई मतलब नहीं था, वो लोग देश की जनता के सपने पूरे होते देखकर, आज जरा ज्‍यादा चिढ़े हुए हैं।

और इसलिए आप देख रहे हैं, आजकल इन भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों ने अपनी ‘जमात’ का नाम भी बदल लिया है। चेहरे वही पुराने हैं, पाप भी पुराने हैं, तौर तरीके भी पुराने हैं लेकिन ‘जमात’ का नाम बदल गया है। इनके तौर-तरीके भी वही हैं पुराने हैं। इनके इरादे भी वो ही हैं। जब मिडिल क्लास को कुछ सस्ता मिलता है, तो ये कहते हैं कि किसान को सही कीमत नहीं मिल रही। जब किसान को ज्यादा कीमत मिलती है, तो ये कहते हैं कि महंगाई बढ़ रही है। यही दोहरापन, इनकी राजनीति है।

और आप देखिए, महंगाई के मामले में इनका ट्रैक रिकॉर्ड क्या है? जब वो केंद्र में सत्ता में थे, तो इन्होंने महंगाई दर को 10 प्रतिशत तक पहुंचा दिया था। अगर हमारी सरकार ने महंगाई काबू में नहीं की होती तो आज भारत में कीमतें आसमान छू रही होतीं। अगर देश में पहले वाली सरकार होती तो आज, दूध 300 रुपए लीटर, दाल 500 रुपए किलो बिक रही होती। बच्चों की स्कूल फीस से लेकर आने-जाने का किराया तक, सब कुछ कई गुना हो चुका हो चुका होता।

लेकिन साथियों, ये हमारी सरकार है जिसने कोरोना महामारी के बावजूद, रूस-युक्रेन युद्ध के बावजूद महंगाई को काबू में करके रखा है। आज हमारे आस-पड़ोस के देशों में 25-30 परसेंट की दर से महंगाई बढ़ रही है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। हम पूरी संवेदनशीलता के साथ महंगाई कंट्रोल करने के प्रयास करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।

भाइयों और बहनों,

गरीब का खर्च बचाने, मध्यम वर्ग का खर्च बचाने के साथ ही हमारी सरकार ने ये भी कोशिश की है कि मिडिल क्लास की जेब में ज्यादा से ज्यादा बचत हो। आपको याद होगा, 9 वर्ष पहले तक 2 लाख रुपए सालाना कमाई पर टैक्स लग जाता था। आज 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर भी टैक्स कितना है? ज़ीरो, शून्य। सात लाख की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता। इससे शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग परिवारों के हर साल हज़ारों रुपए बच रहे हैं। हमने छोटी बचत पर अधिक ब्याज़ देने का भी कदम उठाया है। इस साल EPFO पर सवा 8 प्रतिशत इंटरेस्ट तय किया गया है।

साथियों,

हमारी सरकार की नीतियों-निर्णयों से कैसे आपके पैसे बच रहे हैं, इसका एक उदाहरण आपका मोबाइल फोन भी है। शायद आपका उधर ध्‍यान नहीं गया होगा। आज अमीर हो या गरीब, अधिकांश लोगों के पास फोन जरूर होता है। आज हर भारतीय, औसतन हर महीने करीब-करीब 20 जीबी डेटा इस्तेमाल करता है। आप जानते हैं, 2014 में 1 GB डेटा की कीमत कितनी थी? 2014 में 1 GB डेटा के लिए आपको 300 रुपए देने पड़ते थे। अगर वही पुरानी सरकार आज होती तो आपको मोबाइल का ही बिल हर महीने कम से कम 6 हजार रुपए देना पड़ता। जबकि आज 20 जीबी डेटा के लिए तीन-चार सौ रुपए का ही बिल आता है। यानी आज लोगों के हर महीने मोबाइल बिल में करीब-करीब 5 हजार रुपए हर महीने बच रहे हैं।

साथियों,

जिन परिवारों में सीनियर सिटीजन हों, वृद्ध माता-पिता हों, दादा-दादी हों और इनको कोई बीमारी हो, तो परिवार में रेगुलर दवाएं लेनी पड़ती है, उन्हें भी हमारी सरकार योजनाओं से बहुत बचत करवा रही है। पहले इन लोगों को मार्केट में अधिक कीमत पर दवा खरीदनी पड़ती थी। उन्हें इस चिंता से उबारने के लिए हमने जनऔषधि केंद्र पर सस्ती दवाई देना शुरु किया। इन स्टोर्स की वजह से गरीबों और मध्यम वर्ग के करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए की बचत हुई है। गरीब के लिए संवेदनशील सरकार, मध्यम वर्ग के लिए संवेदनशील सरकार, एक के बाद एक वो कदम उठाती है ताकि सामान्‍य नागरिक की जेब पर बोझ न पड़े। 

भाइयों और बहनों,

यहां गुजरात के विकास के लिए, सौराष्ट्र के विकास के लिए भी हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। गुजरात से बेहतर, सौराष्ट्र से बेहतर ये कौन जानता है कि पानी की कमी का मतलब क्या होता है? सौनी योजना से पहले क्या स्थिति थी और सौनी योजना के बाद क्या बदलाव आया है, ये हमें सौराष्ट्र में दिखता है। सौराष्ट्र में दर्जनों बांध, हजारों चेकडैम्स, आज पानी के स्रोत बन चुके हैं। हर घर जल योजना के तहत गुजरात के करोड़ों परिवारों, उनको अब नल से जल मिलने लगा है।

साथियों,

यही सुशासन का मॉडल है, जो देश में बीते 9 वर्षों में एक के बाद एक कदम उठा करके, जन सामान्‍य की सेवा करके उसकी आवश्‍यकताओं को पूरा करके हमने इस मॉडल को सिद्ध किया है। ऐसा सुशासन, जिसमें समाज के हर वर्ग, हर परिवार की ज़रूरतों, उसकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखा जा रहा है। यही विकसित भारत के निर्माण का हमारा रास्ता है। इसी रास्ते पर चलते हुए, हमें अमृतकाल के संकल्पों को सिद्ध करना है।

राजकोट से इतनी बड़ी संख्‍या में आपका आना, आप सभी को नया एयरपोर्ट मिलना वो भी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट मिलना और दूसरे भी अनेक प्रोजेक्‍ट्स का आज नजराना, मेरे सौराष्‍ट्र के लोगों को, मेरे गुजरात के राजकोट के लोगों को मिला। मैं इन सभी के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। और भूपेन्‍द्र भाई की सरकार आपकी आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं रहने देगी, ये मेरा पूरा विश्‍वास है।

फिर एक बार इस स्‍वागत सम्‍मान के लिए, इस प्‍यार के लिए मैं आपका हृदय से आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

डिस्क्लेमर: प्रधानमंत्री के भाषण का कुछ अंश गुजराती भाषा में है, जिसका यहाँ भावानुवाद किया गया है।

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DS/ST/NS



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