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आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क की मध्यावधि समीक्षा (2030-2015)


संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के पूर्ण सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डॉ. पी.के. मिश्रा का भाषण

Posted On: 18 MAY 2023 10:30PM by PIB Delhi

महामहिम,

भारत में, हम आपदा जोखिम न्यूनीकरण के मुद्दे को अत्यधिक महत्व देते हैं, यह एक प्रमुख सार्वजनिक नीति मुद्दा है।

हमने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए निर्धारित निधियों के आवंटन में काफी वृद्धि की है। हमने सभी आपदा राहत जरूरतों - आपदा न्यूनीकरण, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति के लिए अपनी फंडिंग प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। पांच साल की अवधि (2021-2025) में, आपदा राहत कोष में लगभग 6 बिलियन डॉलर हमारे राज्य और स्थानीय सरकारों को उपलब्ध कराए गए हैं। यह प्रावधान तैयारियों, प्रतिक्रिया और रिकवरी के लिए 23 बिलियन डॉलर के प्रावधान के अतिरिक्त है।

केवल एक दशक से अधिक समय में, हम तूफ़ान से मरने वालों की संख्या को 2 प्रतिशत से भी कम करने में सक्षम हुए हैं। अब हम सभी आपदाओं से नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए महत्वाकांक्षी शमन कार्यक्रम विकसित कर रहे हैं। इनमें भूस्खलन, ग्लेशियल फटने से आने वाली बाढ़, भूकंप, जंगल की आग, हीटवेव और बिजली गिरना शामिल हैं।

हम पूर्व चेतावनी प्रणाली तक पहुंच को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हम सामान्य चेतावनी मानकों को लागू कर रहे हैं जो आपदा प्रबंधन और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ चेतावनी एजेंसियों को एकीकृत करते हैं। यह हमारे देश के 1.3 बिलियन नागरिकों में से प्रत्येक तक स्थानीय भाषाओं में क्षेत्रीय रूप से लक्षित चेतावनियों का प्रसार सुनिश्चित करेगा। हम संयुक्त राष्ट्र महासचिव की पहल ‘अर्ली वार्निंग फॉर आल बाई 2027’ की सराहना करते हैं। हम निर्धारित समय सीमा के भीतर इस वैश्विक पहल द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

महामहिम,

जी 20 के सदस्य देश भारतीय नेतृत्व में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एक टास्क फोर्स बनाने पर सहमत हुए हैं। जी 20 वर्किंग ग्रुप ने 5 प्राथमिकताओं की पहचान की है: सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी, लचीला बुनियादी ढांचा, आपदा जोखिम में कमी के लिए बेहतर वित्त पोषण, प्रतिक्रिया के लिए सिस्टम और क्षमताएं एवं 'बिल्ड बैक बेटर' और आपदा जोखिम में कमी के लिए पर्यावरण आधारित दृष्टिकोण। ये पाँच प्राथमिकताएँ विश्व स्तर पर सेंडाई लक्ष्यों की उपलब्धि को और बढ़ावा देंगी।

साथ ही, डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एलायंस, वर्तमान में भारत और अमेरिका के सह-नेतृत्व में, 21वीं सदी में इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम की योजना, डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के तरीके को बदल रहा है। अवसंरचना विकास परियोजनाएं दीर्घकालिक निवेश हैं। उचित आपदा जोखिम आकलन और बेहतर जोखिम प्रबंधन के साथ, ये अवसंरचना विकास निवेश दीर्घकालिक लचीलापन बना सकते हैं जो आपदाओं का सामना कर सकते हैं।

महामहिम, आज सुबह हमने तुर्की में हाल ही में आए भूकंप में जीवित बचे एक व्यक्ति की दुखद कहानी सुनी।

इस संदर्भ में और पूरी दुनिया को एक बड़ा परिवार मानने वाली 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना के साथ भारत सरकार ने तुर्किये और सीरिया के हमारे भाइयों और बहनों को फील्ड अस्पताल और खोज एवं बचाव दलों के साथ-साथ चिकित्सा राहत सामग्री भेजकर तत्काल मदद की। यह मानव-केंद्रित वैश्विक विकास दृष्टिकोण का एक सच्चा उदाहरण है।

महामहिम, अंत में, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हम सतत विकास लक्ष्यों की भावना से अपने देश के साथ-साथ पृथ्वी पर कहीं भी आपदा जोखिम कम करने के प्रयासों में शामिल होने के लिए तैयार हैं - लीव नो वन बिहाइंड, लीव नो प्लेस बिहाइंड एंड लीव नो इकोसिस्टम बिहाइंड।

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