मंत्रिमण्डल
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थलों पर 2जी मोबाइल साइटों को 4जी में अपग्रेड करने को मंजूरी दी
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इन क्षेत्रों में बेहतर इंटरनेट और डेटा सेवाओं को संभव बनाना
इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य पूरा होगा
इस परियोजना की कुल लागत 2,426.39 करोड़ रुपये है
Posted On:
27 APR 2022 4:43PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थलों पर 2जी मोबाइल सेवाओं को 4जी में अपग्रेड करने के लिए एक सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) परियोजना को मंजूरी दी है।
इस परियोजना के पहले चरण में 1,884.59 करोड़ रुपये (करों और शुल्कों को छोड़कर) की अनुमानित लागत पर 2,343 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित स्थानों को 2जी से 4जी मोबाइल सेवाओं में अपग्रेड करने की परिकल्पना की गई है। इसमें पांच साल के लिए संचालन और रख-रखाव (ओएंडएम) शामिल है। हालांकि, बीएसएनएल अपनी लागत पर अगले पांच वर्षों के लिए इन साइटों का रख-रखाव करेगा। यह काम बीएसएनएल को सौंपा जाएगा क्योंकि ये साइट बीएसएनएल की हैं।
मंत्रिमंडल ने दूसरे चरण में 541.80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर पांच साल की अनुबंध अवधि से अधिक विस्तारित अवधि के लिए बीएसएनएल द्वारा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित स्थानों पर 2जी साइटों के संचालन और रख-रखाव की लागत को लेकर वित्तपोषण को भी मंजूरी दी। इसका विस्तार मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन या 4जी साइटों के चालू होने की तारीख से 12 महीने तक होगा, जो भी पहले हो।
सरकार ने अन्य बाजारों में निर्यात के अलावा घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए दूरसंचार क्षेत्र पर जोर देते हुए आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए स्वदेशी 4जी दूरसंचार उपकरणों के लिए एक प्रतिष्ठित परियोजना के लिए बीएसएनएल को चुना। इस 4जी उपकरण को इस प्रोजेक्ट में भी लगाया जाएगा।
इस उन्नयन से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इन क्षेत्रों में बेहतर इंटरनेट और डेटा सेवाएं संभव होंगी। इससे गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों की आवश्यकताएं पूरी होती हैं। यह इन क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा कर्मियों की संचार संबंधी जरूरतों को भी पूरा करेगा। यह प्रस्ताव ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लक्ष्य के अनुरूप है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में मोबाइल ब्रॉडबैंड के माध्यम से विभिन्न ई-गवर्नेंस सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं, टेली-मेडिसिन सेवाएं, टेली-एजुकेशन आदि सेवाएं संभव हो पाएंगी।
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