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राष्ट्रीय नियामक ने दो कोविड-19 टीकों कोवैक्सिन और कोविशील्ड को "सशर्त विपणन अधिकार" को मंजूरी दी


लंबे समय के अंतराल पर चल रहे नैदानिक परीक्षण डेटा और वैक्सीन के सुरक्षा डेटा को प्रस्तुत करने के लिए सशर्त है विपणन अधिकार

कोविन प्लेटफॉर्म और एईएफआई, एईएसआई पर दर्ज किए जाने वाले सभी टीकाकरणों की कड़ाई से निगरानी की जाएगी

यह अनुमोदन भारत के सक्रिय और कुशल कोविड-19 प्रबंधन को दर्शाता है

Posted On: 27 JAN 2022 4:17PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय नियामक, भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने आज दो कोविड 19 टीकों कोवैक्सिन और कोविशील्ड को कुछ शर्तों के साथ विपणन अधिकार को मंजूरी दी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 19 जनवरी 2022 को वयस्क लोगों में शर्तों के साथ नई दवा की अनुमति देने के लिए आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग से टीकों की स्थिति के उन्नयन (अपग्रेडेशन) की सिफारिश की थी।

डीसीजीआई द्वारा देश में दो कोविड-19 टीकों, कोवैक्सिन और कोविशील्ड का विपणन अधिकार निम्नलिखित शर्तों के अधीन है :

1. कंपनी छह मासिक आधार पर या जब भी उपलब्ध हो या जो भी पहले हो उत्पाद के विदेशों में चल रहे नैदानिक परीक्षणों का डेटा उचित विश्लेषण के साथ पेश करेगी।

2. वैक्सीन को प्रोग्रामेटिक सेटिंग के लिए आपूर्ति की जाएगी और देश के भीतर किए गए सभी टीकाकरणों को कोविन प्लेटफॉर्म पर दर्ज किया जाएगा और टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना [एईएफआई], विशेष रुचि की प्रतिकूल घटना [एईएसआई] की निगरानी जारी रहेगी। एनडीसीटी नियम 2019 के अनुसार जब भी उपलब्ध हो या जो भी पहले हो के तहत कंपनी छह मासिक आधार पर एईएफआई और एईएसआई सहित सुरक्षा डेटा को उचित विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करेगी।

कोविड-19 के प्रबंधन में भारत सरकार द्वारा अपनाया गया सक्रिय और कुशल दृष्टिकोण उसकी रणनीति की विशिष्टता रही है। देश में दो कोविड-19 टीकों को सशर्त विपणन अधिकार के लिए डीसीजीआई द्वारा दी गई नवीनतम स्वीकृति उस मुस्तैदी और समयबद्धता को दर्शाती है जिसके साथ देश की सार्वजनिक प्रतिक्रिया रणनीति और निर्णय लेने वाले तंत्र ने महामारी के दौरान उभरती जरूरतों का जवाब दिया।

यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि वैश्विक कड़े नियामक प्राधिकरणों में से केवल यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) यूके की मेडिसिन और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने फाइजर और एस्ट्राजेनेका को क्रमशः उनके कोविड-19 टीकों के लिए "सशर्त विपणन अधिकार" प्रदान किया है।

"सशर्त विपणन अधिकार" विपणन अधिकार की एक नई श्रेणी है जो वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान सामने आई है। दवाओं या टीकों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ औषधियों (फार्मास्यूटिकल्स) तक पहुंच बढ़ाने के लिए इस क्रम के माध्यम से अनुमोदन मार्गों को कुछ शर्तों के साथ तेजी से ट्रैक किया जाता है।

भारत का राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। आज तक 160 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड-19 टीकाकरण की गति को तेज करने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। 3 जनवरी 2022 से शुरू हुए राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान में नई श्रेणियों को जोड़ा गया है।

 

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