स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

कोविड-19 टीकाकरण पर मिथक बनाम तथ्य


कोविशील्ड खुराक के बीच का अंतराल बढ़ाने का निर्णय एडेनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में मूलभूत वैज्ञानिक कारण पर आधारित

कोविड-19 कार्य समूह तथा एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (एसटीएससी) की बैठकों के कार्यवृत्त का रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है कि कोविशील्ड के लिए अनुशंसित 12-16 सप्ताह की खुराक के अंतराल का निर्णय सर्वसहमति से था और किसी सदस्य ने कोई असहमति नहीं जताई थी

Posted On: 16 JUN 2021 1:40PM by PIB Delhi

कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच के अंतराल को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने के संबंध में मीडिया की कुछ रिपोर्टों आई हैं जिनमें संकेत दिया गया है कि इस निर्णय के संबंध में तकनीकी विशेषज्ञों के बीच असहमति थी।

उल्लेखनीय है कि अंतराल बढ़ाने का निर्णय एडेनोवेक्टर टीकों के व्यवहार के संबंध में मूलभूत वैज्ञानिक कारण पर आधारित है और इस पर कोविड-19 कार्य समूह तथा एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (एसटीएससी) की बैठकों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है और किसी सदस्य ने कोई असहमति नहीं जताई।

प्रतिरक्षण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 कार्य समूह की 22वीं बैठक 10 मई 2021 को आयोजित हुई। कोविड-19 कार्य समूह के निम्नलिखित सदस्य हैं:

डॉ. एन के अरोड़ा  

कार्यकारी निदेशक, आईएनसीएलईएन

 

डॉ. राकेश अग्रवाल  

एनटीएजीआई सदस्य, निदेशक, जेआईपीएमईआर, पुदुचेरी

 

डॉ. गगनदीप कांग   

एनटीएजीआई सदस्य, प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर

 

डॉ. अमूल्य पांडा      

एनटीएजीआई सदस्य, निदेशक, एनआईआई

 

डॉ. जे पी मुलीयिल     

एनटीएजीआई सदस्य, सेवानिवृत्त प्रिंसीपल, सीएमसी वेल्लोर

 

डॉ. नवीन खन्ना 

ग्रुप लीडर, आईसीजीईबी

 

डॉ. वी जी सोमानी 

डीसीजीआई, सीडीएससीओ

 

डॉ. प्रदीप हल्दर 

सलाहकार, आरसीएच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

 

कोविड-19 कार्य समूह ने राष्ट्रीय टीकाकरण नीति के तहत प्रयुक्त कोविशील्ड के लिए खुराक अंतराल में परिवर्तन के लिए एक प्रस्ताव पर विचार किया। इसने अनुशंसा की कि ‘विशेष रूप से ब्रिटेन (यूके) के वास्तविक जीवन साक्ष्यों के आधार पर, कोविड-19 कार्य समूह ने कोविशील्ड टीके के लिए दो खुराकों के बीच का खुराक अंतराल 12-16 सप्ताह बढ़ाने पर सहमति जताई।’

कोविड-19 कार्य समूह की इस अनुशंसा को जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सचिव तथा डीएचआर के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक की संयुक्त अध्यक्षता के तहत 13 मई 2021 को आयोजित एनटीएजीआई की स्थायी तकनीकी उप-समिति (एसटीएससी) की 31वीं बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया।

 एसटीएससी के सदस्य निम्नलिखित हैं:

डॉ. रेणु स्वरूप

सचिव, जैवप्रौद्योगिकी विभाग

 

डॉ. बलराम भार्गव 

सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग एवं डीजी-आईसीएमआर

 

डॉ. जे पी मुलिइल 

प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर

 

डॉ. गगनदीप कांग   

प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर

 

डॉ. इंद्राणी गुप्ता

प्रोफेसर, आर्थिक विकास संस्थान, दिल्ली

 

डॉ. राकेश अग्रवाल  

निदेशक, जेआईपीएमईआर, पुदुचेरी

 

डॉ. मैथ्यूज वर्गीस

विभागाध्यक्ष, ॅर्थोपेडिक्स, सेंट स्टीफन अस्पताल, नई दिल्ली

 

डॉ. सतिन्दर अनेजा 

प्रोफेसर, शारदा विश्वविद्यालय, नोएडा

 

डॉ. नीरजा भाटिया 

प्रोफेसर, एम्स, नई दिल्ली

 

डॉ. एम डी गुप्ते 

पूर्व निदेशक, एनआईई, चेन्नई

 

डॉ. वाई के गुप्ता

प्रधान सलाहकार टीएचएसटीआई-डीबीटी

 

डॉ. अरुण अग्रवाल

प्रोफेसर, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़

 

डॉ. ललित धर

प्रोफेसर, विरोलॉजी, एम्स, नई दिल्ली

 

 

एनटीएजीआई की एसटीएससी ने निम्नलिखित अनुशंसा की:-‘कोविड-19 कार्य समूह की अनुशंसा के अनुसार, कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच न्यूनतम तीन महीने के खुराक अंतराल की सिफारिश की गई।’

दोनों ही बैठकों अर्थात कोविड-19 कार्य समूह और एसटीएससी में तीनों सदस्यों अर्थात डॉ. मैथ्यूज वर्गीस, डॉ. एम डी गुप्ते और डॉ. जे पी मुलिइल में से किसी ने भी असहमति नहीं जताई जैसाकि रायटर्स द्वारा न्यूज रिपोर्ट में उद्धृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस बात का रिकॉर्ड है कि डॉ. मैथ्यूज वर्गीस ने रायटर्स के साथ उनकी कथित असहमति के मुद्दे पर बात करने से इंकार किया है।

 

एमजी/एएम/एसकेजे/डीसी



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