प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने ‘एकीकृत बुनियादी पाठ्यक्रम, आरंभ’ के दूसरे संस्करण में भारतीय सिविल सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ संवाद किया


युवा अधिकारियों से राष्ट्र के हितों के अनुरूप निर्णय लेने का आह्वान किया

‘एकीकृत बुनियादी पाठ्यक्रम, आरंभ’ केवल एक शुरुआत नहीं है, बल्कि एक नई परम्परा का भी प्रतीक है - प्रधानमंत्री

लोक सेवकों से देश को आत्म निर्भर बनाने के प्रयासों में ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र अपनाने का आग्रह

Posted On: 31 OCT 2020 1:40PM by PIB Delhi

     प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एलबीएसएनएए, मसूरी में भारतीय लोक सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ संवाद किया। यह 2019 में पहली बार शुरू किए गए एकीकृत बुनियादी पाठ्यक्रम, आरंभ का हिस्सा है।

      प्रशिक्षु अधिकारियों की ओर से दिए गए प्रस्तुतिकरण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में प्रशिक्षु अधिकारियों से सरदार वल्लभभाई पटेल के सिद्धांत देश के नागरिकों की सेवा ही एक लोक सेवक का सर्वोपरि कर्तव्य है को अपनाने का आग्रह किया।

      श्री मोदी ने युवा अधिकारियों से देश के हितों के अनुरूप निर्णय लेने और देश की एकता और अस्मिता को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोक सेवकों की ओर से लिए जाने वाले निर्णय आम आदमी के हितों के अनुरूप होने चाहिए, भले ही अधिकारी किसी भी क्षेत्र अथवा विभाग में कार्यरत हों।

      प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि देश के इस्पाती ढांचे का ध्यान दिन-प्रतिदिन के कार्यों के संचालन का होने के बजाए राष्ट्र की प्रगति के लिए कार्य करना होना चाहिए और संकट की स्थितियों में यही सबसे अधिक अहम हो जाता है।

      श्री नरेन्द्र मोदी ने नये उद्देश्यों को हासिल करने, नये दृष्टिकोण को अपनाने की दिशा में प्रशिक्षण की आवश्यकता और कौशल विकास के लिए उसकी वृह्त भूमिका पर भी जोर दिया।

      प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने समय के बजाए अब देश में मानव संसाधन के प्रशिक्षण में आधुनिक विधियों पर जोर दिया जा रहा है और पिछले दो-तीन वर्षों में लोक सेवकों के प्रशिक्षण पैटर्न में बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एकीकृत बुनियादी पाठ्यक्रम आरंभ केवल एक शुरुआत ही नहीं है, बल्कि यह एक नई परम्परा का प्रतीक है।

      श्री मोदी ने लोक सेवाओं में हाल ही में किए गए सुधारों में से एक मिशन कर्मयोगी का जिक्र किया और कहा कि यह लोक सेवकों की क्षमता निर्माण का एक प्रयास है, ताकि वे और अधिक सृजनात्मक और आत्म विश्वासी बन सकें।

      प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार शीर्ष से निम्न दृष्टिकोण पर काम नहीं करेगी और जिन लोगों के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें जनता का समावेश किया जाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पीछे वास्तविक प्रेरक बल देश के लोग ही हैं।

      उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश की कार्य प्रणाली में सभी नौकरशाहों की भूमिका न्यूनतम सरकार और अधिकतम सुशासन को सुनिश्चित करने की है। श्री मोदी ने लोक सेवकों से यह सुनिश्चित करने को कहा ताकि नागरिकों की परेशानियां कम की जा सके और आम आदमी को अधिक से अधिक सशक्त बनाया जा सके।

      प्रधानमंत्री ने देश को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में लोक सेवक प्रशिक्षु अधिकारियों से वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाने का आग्रह किया।

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