जनजातीय कार्य मंत्रालय

महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत श्री अर्जुन मुंडा कल जनजातीय उत्पादों 'ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केटप्लेस' का सबसे बड़ा बाजार का शुभारंभ करेंगे


कोलकाता और ऋषिकेश में भी शुरू होंगे 2 नए ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री ट्राइफेड द्वारा बनाए गए पाकुड़ शहद को भी लॉन्च करेंगे

जनजातीय उत्पाद और हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने के लिए नई ट्राइफेड पहल जनजातीय वनवासियों और कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ेगी

Posted On: 01 OCT 2020 3:41PM by PIB Delhi

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा गांधी जयंती (2 अक्तूबर) के अवसर पर जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह और जनजातीय कार्य सचिव श्री दीपक खांडेकर की उपस्थिति में भारत के सबसे बड़े हस्तशिल्प और जैविक उत्पाद बाजार, ट्राइब्स इंडिया के ई-मार्केटप्लेस (market.tribesindia.com) का शुभारंभ करेंगे। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था ट्राइफेड देश भर के जनजातीय उद्यमों के उत्पाद और हस्तशिल्प को प्रदर्शित करेगी और उन्हें अपने उत्पाद/उत्पादों को सीधे बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी, यह प्लेटफॉर्म जनजातीय वाणिज्य का डिजिटलीकरण करने की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि है। इस अवसर पर श्री मुंडा ट्राइफेड की कई अन्य पहलों का भी शुभारंभ करेंगे, जिनका उद्देश्य आदिवासी भाइयों को समर्थन देना है। इनमें ऋषिकेश और कोलकाता में ट्राइब्स इंडिया के 123 वें और 124 वें आउटलेटों का उद्घाटन करना शामिल है; झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों से नए जनजातीय उत्पाद की श्रृंखला को शामिल करना; अमेजन के सेलर फ्लेक्स कार्यक्रम में अमेजन के साथ ट्राइफेड/ट्राइब्स इंडिया की साझेदारी की भी शुरुआत की जाएगी। श्री अर्जुन मुंडा ट्राइफेड एंड ट्राइब्स इंडिया द्वारा बनाए गए पाकुड़ शहद को भी लॉन्च करेंगे। यह 100 प्रतिशत प्राकृतिक शहद है जो कई प्रकार के पुष्पों से निर्मित है, और इस शहद की खासियत यह है कि इसे झारखंड के पाकुड़ से संथाल आदिवासियों द्वारा इकट्ठा किया जाता है।

ट्राइब्स इंडिया ई-मार्केटप्लेस एक ऐसी महत्वाकांक्षी पहल है जिसके माध्यम से ट्राइफेड का लक्ष्य देश भर में विभिन्न हस्तशिल्प, हथकरघा, प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की खरीद करने के लिए 5 लाख आदिवासी उत्पादकों को साथ लेकर काम करना है ताकि आदिवासियों को रोजगार दिया जा सके और देश की आम जनता तक सर्वोत्तम जनजातीय उत्पादों को पहुंचाया जा सके। आपूर्तिकर्ताओं में जनजातीय कारीगर, जनजातीय स्वयं सहायता समूह और जनजातीय लोगों के साथ और इलाके में काम करने वाले संगठनों/एजेंसियां/गैर-सरकारी संगठनों को शामिल किया जाएगा। यह मंच जनजातीय आपूर्तिकर्ताओं को अपने स्वयं के खुदरा विक्रेताओं और वितरकों, ट्राइफेड की दुकानों के नेटवर्क, ई-कॉमर्स साझेदारों और ई-मार्केटप्लेस में अपने स्वयं के खाते के माध्यम से अपना सामान बेचने के लिए बहुव्यापी-चैनल वाली सुविधा प्रदान करता है।

"ई-मार्केटप्लेस हमें बड़ी संख्या में आदिवासियों और कारीगरों को एक साथ एक मंच पर लाने और उन्हें ऑनलाइन व्यापार के जरिए तत्काल लाभ देने में मदद मिलेगी। इससे बड़े खरीदारों/निर्माताओं को लघु वनोपज और औषधीय पौधों पर निर्भर रहने वाले आदिवासियों को जोड़ने वाले बी2 बी व्यापार में भी सुविधा होगी। ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने कहा, "इससे हमारे देश की जनजातीय आबादी के लिए आजीविका सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में काफी मदद मिलेगी।"

 

पूरे भारत के जनजातीय उत्पादों (उत्पाद और हस्तशिल्प) का एक ही स्थान पर प्रदर्शन करते हुए, ई-मार्केटप्लेस एक अत्याधुनिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जिसे ग्राहक एवं आदिवासी विक्रेता दोनों ही वेब और मोबाइल (एंड्रॉइड और आईओएस) पर भी इसे एक्सेस कर सकते हैं।


इस अवसर पर कई अन्य ट्राइफेड पहलों और साझेदारियों की शुरुआत भी होगी जो जनजातीय कारीगरों और आपूर्तिकर्ताओं के समावेशी विकास और सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होंगी।

 

 

ऋषिकेश और कोलकाता में दो नए ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स: प्रधानमंत्री के "वोकल फॉर लोकल" संदेश को आगे ले जाते हुए और विपणन के माध्यम से जनजातीय कारीगरों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए, ट्राइफेड देश भर में अपने खुदरा संचालन का विस्तार करने के लिए जारी है। ऋषिकेश और कोलकाता में दो नए आउटलेट का उद्घाटन किया जाएगा जो कि ट्राइब्स इंडिया के 123वें और 124वें आउटलेट हैं।

सभी 27 भारतीय राज्यों के उत्पादों-कलाओं और शिल्पों को स्टॉक करने के अलावा, इन आउटलेट्स में वन धन आवश्यक वस्तुओं और प्रतिरक्षा बूस्टर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जायेगा जो वर्तमान महामारी के दौरान आवश्यक उत्पाद बन गए हैं।

झारखंड और छत्तीसगढ़ से होंगे नए उत्पाद : इन पहलों के अलावा झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों से दो नए ट्राइबल प्रोडक्ट रेंज को ट्राइब्स इंडिया प्रोडक्ट लाइन-अप में शामिल किया जाएगा। ट्राइब्स इंडिया में छत्तीसगढ़ के आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाए गए आकर्षक हस्तशिल्प और सजावटी सामानों को भी शामिल किया जाएगा। इनके अलावा सुकना की इमली से बनी इमली चुस्की जैसे पेय प्रदार्थ और धनिया पाउडर, अचार और हल्दी जैसे मसाले हैं|

पाकुड़ शहद: झारखंड के पाकुड़ जिले के संथाल आदिवासी समुदाय ने व्यावसायिक रूप से मधुमक्खी पालन की संभावनाएं तलाशकर एक मिसाल कायम की है। शहद का संग्रह स्थानीय युवाओं द्वारा सतत आधार पर पर्यावरण के अनुकूल तरीके से किया जाता है। शुद्ध मल्टीफ्लोरा शहद विभिन्न प्रकार के फूलों और वनस्पतियों से एकत्र किया जाता है। यह पराग और मधुमक्खियों द्वारा एकत्र अमृत से बना 100 प्रतिशत प्राकृतिक है। प्राकृतिक मल्टीफ्लोरा शहद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक विटामिन, पोषक तत्व, एंजाइम और अन्य हर्बल गुणों का एक अच्छा स्रोत है जो कोई अन्य सुपर-फूड प्रदान नहीं कर सकता है।

यह दो अलग-अलग स्वाद यानी करंज और मल्टीफ्लोरल (वाइल्ड) में उपलब्ध होगा।

ट्राइब्स इंडिया अमेजन सेलर फ्लेक्स प्रोग्राम में शामिल हुआ-अमेजन के साथ अपनी लंबे समय से चली आ रही साझेदारी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, ट्राइफेड (ट्राइब्स इंडिया) अब अमेज़न के सेलर फ्लेक्स कार्यक्रम में शामिल हो जाएगा, क्योंकि अमेजन ने विक्रेताओं और कारीगरों को भारत और दुनिया भर में ट्राइब्स इंडिया के उत्पादों को बेचने और आदिवासी स्वामित्व वाले और संचालित हस्तशिल्प व्यवसायों के विकास में तेजी लाने में सक्षम बनाया है। अमेजन के इस सेलर फ्लेक्स कार्यक्रम का उद्देश्य विक्रेताओं के साथ वेयरहाउसिंग, इन्वेंट्री प्रबंधन और शिपिंग में अमेजन की सर्वोत्तम प्रणालियों को साझा करना है। अब सेलर फ्लेक्स प्रोग्राम में ट्राइब्स इंडिया के शामिल हो जाने से, अब ट्राइब्स इंडिया के सामानों को अमेजन के गोदामों तक पहुंचाने की लागत कमी आएगी जो हमारे कारीगरों और विक्रेताओं को अपनी इन्वेंट्री पर अधिक नियंत्रण की अनुमति देगा। सेलर फ्लेक्स के साथ ट्राइब्स इंडिया अपनी प्रक्रियाओं शुरू से अंत तक पूरा कर सकेगा। अमेजन से मिलने वाले समर्थन और विशेषज्ञता के जरिए उन हजारों कारीगरों और बुनकरों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी जो ट्राइब्स इंडिया का हिस्सा हैं।

ट्राइफेड इन पहलों को सफल बनाने के लिए अपने मिशन में प्रयासरत है, जिससे इन समुदायों का और अधिक बड़े स्तर आर्थिक कल्याण हो सकेगा और उन्हें मुख्यधारा के विकास की ओर करीब लाया जा सकेगा।

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एमजी/एएम/डीजे/एसके



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