आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय

‘स्‍वच्‍छता के 6 साल, बेमिसाल’ –आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय गांधी जयंती के अवसर पर स्‍वच्‍छ भारत मिशन-शहरी के 6 साल पूरे होने का उत्‍सव मना रहा है

Posted On: 01 OCT 2020 11:13AM by PIB Delhi

श्री हरदीप पुरी प्रभावी स्‍वच्‍छ भारत मिशन के लिए नवाचारी प्रक्रियाओं को दर्शाने वाला सार-संग्रह तथा गतिशील जीआईएस पोर्टल जारी करेंगे

कोविड-19 के बारे में भारतीय शहरों की प्रतिक्रि‍या पर दस्‍तावेज: स्‍वच्‍छता परिप्रेक्ष्‍य जारी किया जाएगा

राज्‍यों/शहरों द्वारा पिछले 6 वर्षों के अनुभव साझा करने और ‘स्‍वच्‍छतम भारत’ के बारे में नए उपायों की रूपरेखा तैयार करने के संबंध में सत्र

एसबीएम-यू के तहत अभी तक 4,327 शहरी स्‍थानीय निकायों (यूएलबीएस) को ओडीएफ घोषित किया गया है   

66 लाख व्‍यक्तिगत घरेलू शौचालय और 6 लाख से अधिक सामुदाय/सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण पूरा किया गया

अभी तक 1,319 शहर ओडीएफ + और 489 शहर ओडीएफ ++ प्रमाणित किए गए हैं

2900 से अधिक शहरों में 59,900 शौचालयों के बारे में जानकारी गूगल मैप पर उपलब्‍ध है

एसडब्‍ल्‍यूएम के तहत 97% वार्डों में डोर-टू-डोर कलेक्‍शन पूरा हो चुका है

77% वार्डों में कचरे का स्रोत पृथक्करण किया गया है, जबकि कुल 67% कचरे की प्रोसेसिंग की जा रही है-  2014 में प्रोसेसिंग का स्‍तर 18% था जो अब इसमे लगभग 4 गुना बढ़ोतरी हो चुकी है

कचरा मुक्त शहरों के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार इंदौर, अंबिकापुर, नवी मुंबई, सूरत, राजकोट और मैसूरु को 5-स्टार सिटी, 86 शहरों को 3-स्टार सिटी और 64 शहरों को 1-स्टार सिटी के रूप में दर्जा दिया गया है

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में 12 करोड़ नागरिकों ने भाग लिया

समाज के सभी वर्गों के लिए समानता और समग्रता सुनिश्चित करने के महात्मा गांधी के विजन के अनुरूप सभी स्‍वच्‍छता कामगारों और अनौपचारिक कचरा बीनने वालों की गरिमामयी आजीविका पर जोर दिया गया

84,000 से अधिक अनौपचारिक कचरा बीनने वालों को मुख्यधारा में एकीकृत किया गया, जबकि 5.5 लाख से अधिक स्वच्छता कामगारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में शामिल किया गया

3,200 से अधिक यूएलबी से 6,000 से अधिक पदाधिकारियों की भागीदारी के साथ क्षमता निर्माण के लिए 150 से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन किया गया

 

आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय 2 अक्टूबर 2020 को 'स्वच्छता के 6 साल, बेमिसाल' शीर्षक वाले एक वेबिनार के आयोजन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) की छठी वर्षगांठ मना रहा है। इस दिन महात्मा गांधी की 151वीं जयंती है इसलिए राज्यों और शहरों तथा भागीदार संगठनों के अनुभव साझा करने के साथ-साथ इस मिशन के तहत पिछले 6 वर्षों के दौरान अर्जित उपलब्धियों का जश्‍न मनाने पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा। आवास और शहरी मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी, आवास और शहरी मामलों मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा और अपर सचिव श्री कामरान रिजवी के साथ इस वेबिनार की अध्‍यक्षता करेंगे।

श्री हरदीप पुरी पूरे देश में प्रभावी ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन (एसडब्‍ल्‍यूएम) के लिए नवाचारी प्रक्रियाओं को दर्शाने वाले सार-संग्रह तथा गतिशील जीआईएस पोर्टल को जारी करेंगे। इसके अलावा, कोविड-19 के बारे में भारतीय शहरों की प्रतिक्रि‍या के बारे में दस्‍तावेज, एनआईयूए द्वारा तैयार स्‍वच्‍छता परिप्रेक्ष्‍य, शहरी प्रबंधन केन्‍द्र (यूएमसी) द्वारा स्‍वच्‍छता कामगारों की सुरक्षा के लिए नेशनल फीकल स्‍लज एंड सीपेज मैनेजमेंट (एनएफएसएसएम) द्वारा संकलित स्‍वच्‍छता कामगारों की प्रेरणा दायक कहानियों का संग्रह 'फ्रंटलाइन स्टोरीज ऑफ रेजिलिएंस: इंडियाज सैनिटेशन चैंपियंस' भी मंत्रालय द्वारा जारी किए जाएंगे।

सत्र के दूसरे भाग में चुनिंदा राज्‍यों और शहरों द्वारा पिछले 6 वर्षों के अनुभव साझा करने और स्‍वच्‍छतम भारत की दिशा में नए कदमों के बारे में रूपरेखा बनाने पर ध्‍यान दिया जाएगा। इस आयोजन में सभी हितधारकों को एक-दूसरे से कुछ सीखने और मिशन के अगले चरण के बारे में सोचने का अवसर मिलेगा।

2014 में इसकी शुरुआत के समय से ही एसबीएम-यू ने स्वच्छता एवं ठोस कचरा निष्पादन के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। अभी तक 4,327 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। यह 66 लाख से ज्यादा घरों में निजी शौचालय और 6 लाख से ज्यादा सामुदायिक या सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किए जाने से संभव हुआ है, जो कि इस अभियान के लक्ष्य से कहीं अधिक है। अभियान अब ओडीएफ+ और ओडीएफ++ प्रोटोकॉल के जरिए समग्र स्वच्छता के लक्ष्य पर ध्यान दे रहा है । इसके लिए 1,319 शहरों द्वारा प्रमाणित ओडीएफ+ और 489 शहरों द्वारा प्रमाणित ओडीएफ++ के जरिए काम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 2900 से ज्यादा शहरों में 59,900 शौचालय गूगल मैप के जरिए दर्शाए जा चुके हैं। ठोस कचरा निष्पादन के क्षेत्र में, 97 प्रतिशत से ज्यादा वार्डों में घर घर से कचरा उठाने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है, 77 प्रतिशत में स्रोत पर कचरा अलग करने की और 67 प्रतिशत वार्डों में कुल उत्पादित कचरे का प्रसंस्करण किया जा रहा है-जो कि 2014 के 18 प्रतिशत के स्तर से चार गुना अधिक है। इस संदर्भ में कचरा मुक्त शहरों के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के स्टार रेटिंग प्रोटोकोल के अनुरूप 06 शहरों (इंदौर, अंबिकापुर, नवीं मुंबई, सूरत, राजकोट और मैसूरू) को पांच सितारा शहरों का दर्जा दिया गया है, 86 शहरों को तीन स्टार और 64 शहरों को एक स्टार का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा यह अब एक सरकारी कार्यक्रम की जगह जन आंदोलन बन गया है। एक ऐसा सच्चा जन-आंदोलन’, जिसमें स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत 12 करोड़ से ज्यादा नागरिकों की भागीदारी रिकार्ड की गई है। स्वच्छ सर्वेक्षण आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा कराया जाने वाला वार्षिक सर्वेक्षण है। इस अभियान में सभी सफाई कर्मचारियों और अनौपचारिक रूप से कचरा उठाने वालों को गरिमामय जीवनयापन का अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है जो महात्मा गांधी के समाज के सभी वर्गों को समान समझने और समाज के सभी वर्गों के समावेश के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इसके लिए, अभियान अब तक अनौपचारिक तौर पर कचरा उठाने वाले 84,000 लोगों को मुख्यधारा में जोड़ चुका है और 5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा चुका है।

अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है यूएलबी के कर्मचारियों और अधिकारियों की क्षमता में इज़ाफा करना । इसके तहत, मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) की मदद से भारत भर में 150 से ज्यादा कार्यशालाएं आयोजित कीं जिनमें 3,200 यूएलबी के 6,000 से ज्‍यादा अधिकारियों ने भागीदारी की।

स्‍वच्‍छ भारत अभियान भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने 2 अक्‍टूबर, 2014 को नई दिल्‍ली के राजघाट से शुरू किया था। इसका उद्देश्‍य राष्‍ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्‍टूबर, 2019 तक स्‍वच्‍छ भारतके लक्ष्‍य को प्राप्‍त करना था। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का व्‍यापक लक्ष्‍य भारत के शहरों को खुले में शौच से मुक्‍त कराना था और इसके साथ-साथ आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से कचरा प्रबंधन करना था और इसके जरिए नागरिकों के व्‍य वहवहार में बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाना था।  

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