विद्युत मंत्रालय

एसजेवीएन ने वर्ष 2020-21 के विस्तृत लक्ष्यों के लिए विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के साथ किया एमओयू


केन्द्रीय पीएसयू का ‘उत्कृष्ट’श्रेणी में वर्ष के दौरान 9680 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन का है लक्ष्य

 ‘उत्कृष्ट’ श्रेणी के अंतर्गत 2880 करोड़ रुपये पूंजी व्यय और 2800 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य भी एमओयू में है शामिल

Posted On: 30 SEP 2020 4:40PM by PIB Delhi

एसजेवीएन लिमिटेड ने 2020-21 के लिए आज भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर सचिव (विद्युत), भारत सरकार श्री एस. एन. सहाय और एसजेवीएन के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक श्री नंदलाल शर्मा ने हस्ताक्षर किए। एमओयू पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हस्ताक्षर हुए।

 

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एमओयू में निर्धारित लक्ष्यों के तहत, एसजेवीएन वर्ष के दौरान उत्कृष्ट श्रेणी के अंतर्गत 9680 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने की दिशा में प्रयास करेगी। इसके अलावा एसजेवीएन का 2,880 करोड़ रुपये पूंजी खर्च (कैपेक्स) का लक्ष्य रहेगा और परिचालन दक्षता व परियोजना निगरानी से संबंधित अन्य लक्ष्यों के साथ ही उत्कृष्ट श्रेणी के अंतर्गत 2,800 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य होगा।

एमओयू के अवसर पर निदेशक (कार्मिक) श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (सिविल) श्री एस. पी. बंसल, निदेशक (वित्त) श्री ए. के. सिंह, निदेशक (इलेक्ट्रिकल) श्री सुशील शर्मा के साथ ही एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

कॉन्फ्रेंस के दौरान श्री नंदलाल शर्मा ने सचिव (विद्युत) को बताया कि 2016 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ एसजेवीएन अपने शेयरधारकों को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 864.56 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान पहले ही कर चुकी है, जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 844.91 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान किया था। उन्होंने बताया कि एसजेवीएन को गुजरात ऊर्जा निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) की तरफ से 100 मेगावाट की धोलेरासौर ऊर्जा परियोजना और 100 मेगावाट की राघानेस्दा सौर बिजली परियोजना क्रमशः 2.80 रुपये प्रति यूनिट और 2.73 रुपये प्रति यूनिट पर हासिल की हैं।

श्री नंदलाल शर्मा ने यह भी बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल और भूटान में 13 पनबिजली परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रही है। इसके अलावा एसजेवीएन बिहार में 1320 मेगावाट की बक्सर तापीय बिजली परियोजना को भी कार्यान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि एसजेवीएन भारत और पड़ोसी देशों में बिजली परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसके अलावा एसजेवीएन नेपाल सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार से भी उनके क्षेत्रों में पनबिजली की संभावनाओं को भुनाने के लिए बातचीत कर रही है।

टीम एसजेवीएन में अपने भरोसे को दोहराते हुए श्री शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमता हासिल करने की दिशा में जोरशोर से आगे बढ़ रही है।

 

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