स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

कर्नाटक की आशाकर्मी : सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मूल भावना का प्रतीक


42 हजार आशाकर्मी कोविड संक्रमण के जाखिम वाले लगभग 1.59 करोड़ परिवारों के सर्वेक्षण में शामिल

Posted On: 03 JUL 2020 2:08PM by PIB Delhi

      अन्‍नपूर्णा कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तुंगानगर में काम करने वाली एक आशा कार्यकर्ता है। वह सरकार द़वारा शुरू किए गए राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में आशा कार्यकताओं को काम पर लगाने के बाद से तुंगानगर के 3 हजार आबादी वाले झुग्‍गी-बस्‍ती इलाके में 2015 से काम कर रही है। उसका मुख्‍य कार्य कोविड से जुड़ी गतिविधियों के तहत घर-घर जाकर सर्वे करना है। 

      कर्नाटक की 42,000 आशा कार्यकर्ता कोविड-19 का मुकाबला करने में राज्य के सफल प्रयासों की एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरी हैं। ये कार्यकर्ता दूसरे राज्‍यों से आने वाले यात्रियों, प्रवासी श्रमिकों और समुदाय के अन्य लोगों में कोविड-19 के लक्षणों का पता लगाने के लिए सक्रिय रूप से घरेलू सर्वेक्षण और स्क्रीनिंग के कार्यों में भाग ले रहे हैं। इन्‍होंने आबादी के कुछ विशेष समूहों में कोविड संक्रमण के खतरे की ज्‍यादा संभावना का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर वहां रहने वाले बुजुर्गों, पहले से कई बीमारियों से पीडि़त लोगों और इम्‍यूनो वाले व्‍यक्तियों की पहचान करने के लिए करीब 1 करोड़ 59 लाख परिवारों का सर्वेक्षण किया।

      आशा कार्यकर्ता नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में ऐसे उच्च जोखिम वाले समूहों की निगरानी करते हैं और इसके तहत कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों में प्रति दिन एक बार और गैर कंटेनमेंट जोन वाले इलाकों में पन्‍द्रह दिन में एक बार हालात का जायजा लेने जाते हैं। इस दौरान वे आईएलआई/एसएआरआई लक्षणों और उच्च-जोखिम वाले ऐसे व्यक्तियों की स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानियों का पता लगाने के लिए भी उनके घर जाते हैं जिन्‍होंने राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को फोन कर मदद मांगी हो।

      आशा कार्यकर्ता कोविड-19 और गैर कोविड-19 से संबंधित जनता की शिकायतों के समाधान के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत विकास अधिकारी (पीओडी) की अध्यक्षता वाले ग्रामीण कार्य बल का हिस्सा हैं। शहरी क्षेत्रों में काम करने वाली आशाकर्मी बुखार जांच क्लीनिक और स्वाब संग्रह केंद्रों से जुड़ी विभिन्न जागरूकता गतिविधियों के प्रसार में सबसे आगे रही हैं। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आईएलआई और एसएआरआईके मामलों की भी सक्रिय रूप से जांच की हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय चेक-पोस्ट पर तैनात स्क्रीनिंग दल का भी हिस्‍सा हैं।

कर्नाटक से झलक: कोविड से निपटने के अभियान में लगी आशाकर्मी

 

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