वित्त मंत्रालय
एमएसएमई और एनबीएफसी के लिए सरकारी योजनाओं का उल्लेखनीय असर - आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत मंजूर ऋणों ने 79,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया
Posted On:
23 JUN 2020 2:43PM by PIB Delhi
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों का त्वरित असर देखने को मिल रहा है। सरकारी गारंटी प्राप्त आपातकालीन क्रेडिट लाइन के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 20 जून, 2020 तक 79,000 करोड़ रुपये से भी अधिक के ऋणों को मंजूरी दे दी है जिनमें से 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही वितरित की जा चुकी है।
इस योजना के तहत शीर्ष कर्जदाताओं में एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी और केनरा बैंक शामिल हैं। इससे 19 लाख एमएसएमई और अन्य कारोबारियों को लॉकडाउन के बाद अपने-अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने में मदद मिली है। ‘आत्मनिर्भर’ पैकेज के तहत सरकार ने एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को अतिरिक्त ऋण के रूप में 3 लाख करोड़ रुपये देने की अपनी योजनाओं की घोषणा की थी। इस तरह के उद्यम उन ब्याज दरों पर अतिरिक्त ऋणों के रूप में अपनी मौजूदा कर्जराशि का 20% तक प्राप्त करने के पात्र थे जिनकी सीमा तय कर दी गई थी।
उधर, मार्च-अप्रैल 2020 में घोषित आरबीआई की विशेष तरलता (लिक्विडिटी) सुविधा के तहत सिडबी ने एनबीएफसी, माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (एमएफआई) और बैंकों के लिए 10,220 करोड़ रुपये से भी अधिक मंजूर किए हैं, ताकि वे एमएसएमई और छोटे कर्जदारों या उधारकर्ताओं को ऋण दे सकें। राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने 10,000 करोड़ रुपये की अपनी पूरी सुविधा को मंजूरी आवास वित्त कंपनियों के लिए दी है। सिडबी और एनएचबी की ओर से यह पुनर्वित्त उन चालू योजनाओं के अलावा है, जिनके माध्यम से 30,000 करोड़ रुपये से भी अधिक मंजूर किए गए हैं। एनबीएफसी और एमएफआई को विस्तारित आंशिक गारंटी योजना के तहत भी मदद दी जा रही है, जिसके तहत कुल मंजूरियां 5500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई हैं। 5000 करोड़ रुपये के और लेन-देन के लिए मंजूरी प्रक्रिया जारी है, जबकि कुछ अन्य सौदों के लिए अभी बातचीत चल रही है।
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एसजी/एएम/आरआरएस- 6680
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