श्रम और रोजगार मंत्रालय
ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान 36.02 लाख दावों का निपटारा किया
इनमें 74 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी कम वेतन पाने वाले हैं
Posted On:
09 JUN 2020 4:33PM by PIB Delhi
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कोविड लॉकडाउन के कठिन समय में अपने सदस्यों का जीवन सुगम बनाए रखने के लिए उन्हें समय पर और प्रभावी तरीके से सेवाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ईपीएफओ केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है। लॉकडाउन के प्रतिबंधों के बावजूद ईपीएफओ ने अप्रैल और मई 2020 के दौरान 11,540 करोड़ रूपए के 36.02 लाख दावों का निपटारा किया इसमें से 4580 करोड़ रुपए के 15.54 लाख दावे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत कोविड-19 संकट के दौरान किए गए विशेष प्रावधान के तहत निपटाए गए।
कोविड-19 के कठिन समय में भविष्य निधि से अग्रिम निकासी की सुविधा से ईपीएफओ के सदस्यों, विशेष रूप से 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले सदस्यों को काफी मदद मिली।इसके तहत सदस्य अपने तीन महीने का मूल वेतन और मंहगाई भत्ता या ईपीएफ खाते में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक में से जो भी कम हो निकाल सकते हैं।इससे कई कामगारों को समय पर बहुत राहत मिली है और वे कर्ज के जाल में फंसने से बच गए हैं।
लॉकडाउन अवधि के दौरान जिन सदस्यों के दावे निपटाए गए उनके वेतन श्रेणी के आकंड़ों पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि ऐसे कुल दावेदारों में से 74 प्रतिशत से अधिक 15,000 रुपये से कम वेतन पाने वाले लोग थे, जबकि 50000 रूपए से अधिक वेतन पाने वाले केवल 2 प्रतिशत लोगों ने अपने खातों से पैसे निकालने के लिए आवेदन किया। कुल निपटाए गए दावों में से 24 प्रतिशत ऐसे लोगों के थे, जिनका मासिक वेनत 15000 रुपए से 50000 रुपए के बीच है।
कार्यस्थल पर आवश्यक शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करते हुए ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान 50 फीसदी से भी कम कर्मचारियों के साथ कामकाज किया। कर्मचारियों की कमी के बावजूद ईपीएफओ की ओर से कोविड-19 अग्रिम भुगतान के दावे निपटाने में करीब तीन दिन का समय लिया, जबकि इसके पहले इस काम के लिए दस दिन का समय लगता था।
ईपीएफओ ने 50 फीसदी से कम कर्मचारियों के साथ काम करने के बावजूद अप्रैल-मई 2019 में निपटाए गए कुल 33.5 लाख दावों की तुलना में अप्रैल-मई 2020 में कुल 36.02 लाख दावों का निपटारा किया गया जो कि कार्यबल की उत्पादकता के लिहाज से 100 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। ईपीएफओ के कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के अलावा, दावों को निपटाने के मामले में नए मानक स्थापित करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल ने भी बड़ी भूमिका निभाई।
चूंकि ईपीएफओ के कार्यालय कम कर्मचारियों के साथ काम करते रहे ऐसे में सदस्यों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कुछ नए तरीके से काम करने की आवश्यकता महसूस की गई। प्रतिकूल परिस्थितियों को अवसर में बदलकर, ईपीएफओ ने अपनी पहली पूर्णत: स्वचालित दावा निपटान प्रणाली सिर्फ पांच दिनों के रिकॉर्ड समय में शुरु कर दी। इस प्रणाली के माध्यम से कोविड-19 अग्रिम निकासी के लगभग 54 प्रतिशत दावों का निपटारा स्वचालित तरीके से किया जा रहा है। इस प्रणाली से भविष्य में ईपीएफओं द्वारा दावों को काफी कम समय में निपटाए जाने की उम्मीद है।
कामकाज की स्वचालित प्रणाली और समर्पित कर्मचारियों के साथ ईपीएफओ प्रत्येक कार्यदिवस में करीब 270 करोड़ रुपए के 80,000 से अधिक दावों का निपटारा करते हुए संकट के इस समय में अपने सदस्यों के लिए बड़ी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।
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