रेल मंत्रालय

लॉकडाउन के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में इस बार निजी खाद्यान्न ढुलाई में बड़ी वृद्धि


25 मार्च से 28 अप्रैल, 2020 तक लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेल द्वारा निजी खाद्यान्न के 7.75 लाख टन (303 रेक) से अधिक की ढुलाई की गई जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में लगभग 6.62 लाख टन (243 रेक) की ढुलाई की गई थी

भारतीय रेल  खाद्यान्न जैसे कृषि उत्पादों के समय पर उठाव और उनकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए  सभी प्रयास कर रही है

Posted On: 29 APR 2020 5:51PM by PIB Delhi

भारतीय रेल कोविड-19 के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान अपनी माल और पार्सल सेवाओं के माध्यम से देश भर में खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास जारी रखे हुए है।

 सभी घरों तक जरुरी खाने पीने की चीजों की आपूर्ति जारी रखने के लिए 25 मार्च से 28 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, भारतीय रेल ने देश भर में निजी खाद्यान्नों के 7.75 लाख टन (303 रेक) से अधिक माल की ढुलाई की जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में लगभग 6.62 लाख टन (243 रेक) माल की ढुलाई की गई थी। निजी खाद्यान्नों के लदान के मामले में आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु अग्रणी राज्य रहे।

 भारतीय रेल देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न जैसे कृषि उत्पादों का  समय पर उठाव और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। लॉकडाउन अवधि के दौरान भारतीय रेल द्वारा इन आवश्यक वस्तुओं का लदान, परिवहन और उतारे जाने का काम पूरे जोर शोर से किया जा रहा है।

भारतीय रेल ने फलों, सब्जियों, दूध और डेयरी उत्पादों जैसी जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं तथा कृषि के लिए बीज भेजने के लिए पार्सल स्पेशल रेलगाड़ियों के लिए अलग मार्ग चिन्हित किए हैं। उन मार्गों पर भी ऐसी रेल गाड़िया चलाई जा रही हैं जहाँ माँग कम है, ताकि देश का कोई भी हिस्सा इनसे बिना जुड़े नहीं रह सके। सभी संभावित स्थानों पर ऐसी रेलगाड़ियों का ठहराव सुनिश्चित किया गया है ताकि पार्सल की अधिकतम संभव निकासी हो सके।

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एएम/ एमएस/ डीसी


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