Posted On:
20 APR 2020 7:23PM by PIB Delhi
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज राष्ट्रीय ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ‘स्वयं’ और डीटीएच के माध्यम से प्रसारित किए जाने वाले शिक्षा चैनल ‘स्वयं प्रभा’ की विस्तृत समीक्षा की। ‘स्वयं प्रभा’ डीटीएच के 32 चैनलों पर उपलब्ध है।
बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष श्री डी पी सिंह, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्,एआईसीटीई के अध्यक्ष श्री अनिल सहस्रबुद्धे, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अध्यक्ष श्री ह्शिकेष सेनापति , राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, (एनआईओएस) के अध्यक्ष तथा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों समेत दिल्ली,मद्रास,बेंगलूरु और हैदराबाद के अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के राष्ट्रीय संयोजको तथा प्रोफेसरों ने भाग लिया।
बैठक में इन योजनाओं की प्रगति पर एक संक्षिप्त प्रस्तुती दी गई । लॉकडाउन के दौरान स्वयंम और स्वयंम प्रभा पर प्रसारित होने वाले पाठ्यक्रमों की मांग और उपयोग में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
स्वयं
‘स्वयं’ पर वर्तमान में 1902 पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इसकी शुरुआत के बाद से अबतक देशभर में 1.56 करोड़ छात्रों के लिए इसे उपलब्ध कराया जा चुका है। वर्तमान में, 26 लाख से अधिक छात्र इसके जरिए 574 पाठ्यक्रम का लाभ ले रहे हैं। इनमें से , 1509 पाठ्यक्रम स्व-अध्ययन के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। ‘स्वयं’- दो के तहत ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम की सुविधा उपलब्ध कराने की भी तैयारी है। एआईसीटीई मॉडल के पाठ्यक्रम जैसे पाठ्यक्रम स्वयंम पर भी शुरु करने का इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए उन कमियों की पहचान की गई है जिन्हें दूर किया जाना
है। यूजीसी की एक समिति द्वारा गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए भी ऐसी ही तैयारी की जा रही है।
सभी 1900 स्वयं पाठ्यक्रमों और 60000 स्वंय प्रभा वीडियो का दस क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने का फैसला किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इसका लाभ मिल सके। इस क्रम में अधिक लोकप्रिय पाठ्य सामग्रियों तथा पहले वर्ष में पढ़ाए जाने वाले इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुवाद का काम राष्ट्रीय संयोजकों (एनसी) के बीच बांटने का निर्णय लिया गया है ताकि वे इसके लिए अपने हिसाब से छात्रों, सरकारी या निजी एजेंसियों तथा अनुवाद के लिए उपलब्ध तकनीकि सेवाओं का उपयोग कर सकें।
इस परियोजना को तुरंत शुरू किया जाएगा और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। लोकप्रिय पाठ्यक्रमों और वीडियो का पहले अनुवाद किया जाएगा। इस अभ्यास को कम से कम समय में पूरा करने के लिए देश भर के कई शिक्षण संस्थानों को योगदान देने के लिए कहा जाएगा।इसके लिए प्रत्येक राष्ट्रीय संयोजक को 23 अप्रैल तक एमएचआरडी (ई। -मेल: NMEICT@nmeict.ac.in) पर एक कार्य योजना प्रस्तुत करनी होगी।
सामग्री के अनुवाद, अनुबलब्ध क्षेत्रों में नई सामग्री तैयार करने आदि जैसे कार्यों की स्वीकृति में संयोजकों की मदद करने के लिए लिए सभी आईआईटी के निदेशकों को एक परामर्श जारी किया जाएगा।
यह भी निर्णय लिया गया कि यूजीसी और एआईसीटीई विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ मिलकर उन्हें अपने पाठ्यक्रमों में स्वयंम को समाहित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। यह छात्रों को अपने पाठ्यक्रम का कुछ हिस्सा व्यापक रूप से उपलब्ध कराए गए आनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से करने तथा कुछ हिस्सा विभिन्न कालेजों के जरिए करने की सुविधा प्रदान करेगा।
साथ ही, संकायों को स्वयं के तहत अधिक से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि छात्रों को आगे उनके करियर के लिए उपयुक्त प्रोत्साहन मिल सकेगा। इसके अलावा यूजीसी को स्वयंम और स्वयंप्रभा पर अधिक से अधिक छात्रों के पंजीकरण का अनुपात बढ़ाने के लिए ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा के बारे में दिशानिर्देश तैयार करने के लिए कहा गया है।
स्वयं प्रभा
स्वयं प्रभा डीटीएच के 32 चैनलों का एक समूह है जो संचार उपग्रह जीसैट -15 के माध्यम से 24X7 आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए समर्पित है। इस पर प्रत्येक दिन , कम से कम चार घंटे के लिए नई सामग्री होगी जो एक दिन में 5 बार दोहराई जाएगी, जिससे छात्र अपनी सुविधा के अनुरूप इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए:
उपलब्ध सामग्री से मिलान करने के लिए चैनलों पर इनके पुनर्वितरण और इन्हें देखने वाले दर्शकों की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
यह भी तय किया गया कि विद्या दान कार्यक्रम के तहत योगदान देने के इच्छुक लोगों से सामग्री एकत्र करके स्वयं प्रभा को समृद्ध किया जाए। इसे स्वयं प्रभा पर अपलोड करने से पहले इन्हें अनुमोदित करने के लिए प्रत्येक एनसी द्वारा विषय विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जाएगा। डीटीएच पर प्रसारित होने वाले इन कार्यक्रमों को रेडियो और सोशल मीडिया सहित सभी उपलब्ध चैनलों के माध्यम से लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जाएगा।
स्वयं प्रभा के वीडियों में शामिल विषय वस्तु को पाठ्यक्रमों और शैक्षणिक सत्रों के अनुरुप बनाया जाएगा। चार आईआईटी पॉल चैनलों की सामग्री के अनुवाद के लिए, सीबीएसई और एनआईओस, आईआईटी दिल्ली को सभी तरह की सहायता प्रदान करेंगे। इस मामले की निगरानी मानव संसाधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आईईसी) द्वारा की जाएगी।
बैठक के निर्णयों की समीक्षा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
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एएम/एमएस