वित्त मंत्रालय
मजबूत डिजिटल भुगतान अवसंरचना ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ के तहत नकद भुगतान के तत्काल हस्तांंतरण में मददगार
Posted On:
12 APR 2020 7:05PM by PIB Delhi
जन-धन खातों के साथ-साथ अन्य खातों को भी खाताधारकों के मोबाइल नंबरों और आधार नंबरों [जन धन-आधार-मोबाइल (जैम)] के साथ जोड़ (लिंक) कर एक डिजिटल पाइपलाइन की व्यवस्था की गई है। यह बुनियादी ढांचागत या अवसंरचना पाइपलाइन दरअसल डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के प्रवाह, सामाजिक सुरक्षा/पेंशन योजनाओं को अपनाने, इत्यादि के लिए आवश्यक रीढ़ अथवा मजबूत आधार प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को अगस्त 2014 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य बैंकिंग सुविधाओं से वंचित व्यक्तियों को ‘अपना बैंक खाता होने’ की सुविधा प्रदान करना है। 20 मार्च, 2020 तक लगभग 126 करोड़ ‘कासा (करंट अकाउंट एंड सेविंग अकाउंट यानी चालू खाता एवं बचत खाता)’ का संचालन हो रहा था जिनमें से 38 करोड़ से अधिक खाते ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के तहत खोले गए हैं।
- अंतर-संचालन, त्वरित और सटीक लेन-देन संभव होना:
- बैंक खातों को दरअसल बैंक शाखाओं में, बिजनेस कॉरस्पोंडेंट (बीसी) प्वाइंट्स, व्यावसायिक स्थलों यानी दुकानों और इंटरनेट पर नकद एवं डिजिटल लेन-देन दोनों ही करने में सक्षम बना दिया गया है। बायोमीट्रिक आईडी का उपयोग करके बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने और खुदरा भुगतान करने दोनों ही के लिए एईपीएस / भीम आधार पे जैसे अत्यधिक किफायती भुगतान तरीके (सॉल्यूशंस) तैयार किए गए हैं।
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- डिजिटल भुगतान व्यवस्था में निम्नलिखित मोड शामिल हैं:
- एईपीएस: शाखा/बीसी प्वाइंट्स पर आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके नकदी की निकासी में मदद करता है।
- भीम आधार पे: आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके कारोबारियों को भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
- रुपे डेबिट कार्ड: 31 मार्च 2020 तक कुल मिलाकर 60.4 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं जिनमें पीएमजेडीवाई खातों के तहत जारी किए गए 29 करोड़ रुपे कार्ड भी शामिल हैं। ये कार्ड नकदी की निकासी के लिए एटीएम पर और डिजिटल भुगतान के लिए प्वाइंट्स ऑफ सेल (पीओएस) पर तथा ई-कॉमर्स में उपयोग किए जा सकते हैं।
- यूपीआई: यह वास्तविक समय वाली तत्काल भुगतान प्रणाली है जो व्यक्ति से व्यक्ति के बीच (पी2पी) और व्यक्ति से कारोबारी के बीच (पी2एम) दोनों ही तरह के लेन-देन में मददगार है।
- बीबीपीएस: यह नकद एवं डिजिटल मोड दोनों का ही उपयोग करके इंटरनेट और बीसी प्वाइंट्स के माध्यम से उपयोगिता (यूटिलिटी) बिलों के भुगतान में मददगार है।
ऊपर उल्लिखित डिजिटल भुगतान अवसंरचना का उपयोग करते हुए 30 करोड़ से भी अधिक गरीब लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 28,256 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई है, जिसकी घोषणा 26 मार्च को केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने की थी, ताकि कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों से उन्हें बचाया जा सके।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 10 अप्रैल 2020 तक लाभार्थियों को निम्नलिखित धनराशियां जारी की गई हैं:
योजना
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लाभार्थियों की संख्या
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अनुमानित धनराशि
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पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को सहायता
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19.86 करोड़ (97%)
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9930 करोड़ रुपये
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‘पीएम-किसान’ के तहत किसानों के खातों में डाली गई धनराशि
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6.93 करोड़ (8 करोड़ में से)
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13,855 करोड़ रुपये
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एनएसएपी लाभार्थियों (विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों) को सहायता
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2.82 करोड़
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1405 करोड़ रुपये
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भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों को सहायता
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2.16 करोड़
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3066 करोड़ रुपये
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कुल
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31.77 करोड़
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28,256 करोड़ रुपये
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एएम/आरआरएस- 6482
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