वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
प्रविष्टि तिथि:
08 APR 2020 7:46PM by PIB Delhi
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कोविड-19 और उसके बाद लॉकडाउन के मद्देनजर जमीनी स्थिति और समस्याओं का आकलन करने के लिए देश की विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज बातचीत की। देश में लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी ऐसी बैठक थी। बैठक में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल, राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन, डीजीएफटी और वाणिज्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निर्यातकों को बड़ी सोच रखने और कोविड के बाद के दौर में अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि अगर हम अपनी गुणवत्ता में सुधार करते हैं, क्षमता का निर्माण करते हैं, उत्पादन बढ़ाकर दक्षता से कार्य करते हैं, मूल्य प्रतिस्पर्धा में सुधार करते हैं, तो हम आगे बढ़ सकते हैं और कोविड के बाद की दुनिया में क्षमता का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "मेरी व्यक्तिगत धारणा है कि जब कोई देश बड़ी प्रतिज्ञा कर लेता है और बाजार का प्रभाव देख लेता है - तो जाहिर है कि आप गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, उत्पादन की लागत कम हो जाती है, उत्पादकता में सुधार होता है, दक्षता में सुधार होता है।" एलईडी-बल्बों को अपनाने, पूरे देश में शौचालय प्रदान करने, सभी को बिजली प्रदान करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना के उदाहरण देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार बड़ा सोच रही है और योजनाओं को आगे बढ़ा रही है।
श्री गोयल ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में भी, हमें निर्यात को खुला रखना अपनी प्राथमिकता रखनी होगी, ताकि हम अपने निर्यात बाजार को स्थायी रूप से न खोएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी कारण से अटके हुए जरूरी और महत्वपूर्ण निर्यात आदेशों को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। मंत्रालय निर्यात को फिर से जीवंत करने के लिए आक्रामक तरीके से काम कर रहा है, ताकि निर्यात के अवसरों का विस्तार हो सके। उन्होंने कहा कि कई भौगोलिक चीजें चिंता का विषय बन रही हैं। श्री गोयल ने कहा, “उनकी सोच में बदलाव लाने के लिए निर्यात और विनिर्माण व्यवसाय के लिए बेहतर समय नहीं हो सकता है। आप अपनी मूल क्षमता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। हमें उन क्षेत्रों को भी देखना चाहिए जहां हम मजबूत हैं लेकिन हमारा वैश्विक हिस्सा बहुत छोटा है। हम ऐसे क्षेत्रों में सुधार जारी रख सकते हैं।”
मंत्री ने कहा कि एक जीवंत और पारदर्शी लोकतंत्र होने के नाते, और मानवीय दृष्टिकोण के साथ, कानून के शासन के साथ काम करने के कारण भारत कोविड के बाद की दुनिया में आगे निकल सकता है। उन्होंने कहा, '' हम विश्व स्तर पर जिम्मेदार नागरिक हैं और हम वैश्विक जरूरतों के लिए अपने फार्मा क्षेत्र को बढ़ाएंगे। हम पूरी दुनिया के साथ एक परिवार हैं। हमारे पास बहुत सारे अतिरिक्त फार्मा उत्पाद हैं, क्या हमें दुनिया की मदद करनी चाहिए या लालची होना चाहिए। मुझे प्रधान मंत्री पर गर्व है जो मानते हैं कि हमारी दुनिया के प्रति एक जिम्मेदारी है।”
मंत्री ने कहा कि हमें लोगों के स्वास्थ्य से समझौता किए बिना अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। अंतिम निर्णय स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा। आईटी उद्योग का उदाहरण देते हुए उन्होंने निर्यातकों से सरकार की बैसाखी का सहारा न लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विजेताओं के पास जबरदस्त दृढ़ता है जो उन्हें दोबारा सर्वश्रेष्ठ होने तक बैठने नहीं देगी। उन्होंने निर्यातकों से आग्रह किया कि वे अपने मोबाइलों पर आरोग्य सेतु ऐप स्थापित करें और दूसरों के बीच भी इसे लोकप्रिय करें, क्योंकि यह हमें तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और संवेदनशील स्थानों की पहचान करके कोविड से मुकाबला करने में मदद करेगा। मंत्री ने प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में तहे दिल से योगदान देने का भी आह्वान किया।
बैठक में एफआईईओ के पदाधिकारी, रत्न और आभूषण, चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर, सिंथेटिक्स और रेयन, हस्तशिल्प, परियोजना निर्यात, दूरसंचार, कपड़ा, काजू, प्लास्टिक, खेल के सामान, ऊनी, तिलहन और उत्पाद, रेशम, इंजीनियरिंग निर्यात, सेवा, फार्मा, रसायन और रंग, वन उपज, कालीन, संबद्ध रसायन के ईपीसी मौजूद थे।
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एएम/केपी