सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय

एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र कोविड-19 से लड़ने में भरपूर योगदान दे रहे हैं

Posted On: 05 APR 2020 2:15PM by PIB Delhi

देश वर्तमान में कई स्तरों पर नोवेल कोरोना वायरस से लड़ रहा है। सूक्ष्म] लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के तहत परिचालनगत 18 प्रौद्योगिकी केंद्र और स्वायत्तशासी निकाय भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं और कोविड-19 से लड़ने में भरपूर योगदान दे रहे हैं।

केंद्रीय फुटवियर प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआई) चेन्नई ने सीलिंग मास्क और मेडिकल गाउन के ठेके के कार्य के लिए हाट सीलिंग मशीन की खरीद की तथा इसे संस्थापित किया। इस मशीन पर ठेके के काम के बाद, श्री हेल्थ केयर] चेन्नई स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमोदित आपूर्तिकर्ता बन गया। सीएफटीआई चेन्नई उत्पादन में बढोतरी के लिए उद्योग से दो और मशीनों की खरीद करेगा जिसका उत्पादन पहले ही 4 अप्रैल 2020 को आरंभ हो चुका है।

एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र] हैदराबाद वेंटिलेटर के एक प्रोटोटाइप का विकास कर रहा है। यह सेंसरों पर आधारित इलेक्ट्रो मैकेनिकल वेंटिलेटर है। पहला प्रोटोटाइप जल्द ही तैयार हो जाएगा। एसएमई टीसी औरंगाबाद ने फेस मास्क का 3डी प्रोटोटाइप वकिसित किया है। यह सत्यापन के लिए स्थानीय अस्पताल के संपर्क में है।

सेंट्रल टूल रूम एवं ट्रेनिंग सेंटर (सीटीटीसी) कोलकाता सागर दत्ता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के परामर्श से एक सरल एवं निम्न लागत वेंटिलेटर प्रणाली का विकास कर रहा है] जो इसका परीक्षण करने एवं अनुप्रयोग परीक्षणों के दौरान आरंभिक सहायता देने पर भी राजी हो गया है। कुछ न्यूमैटिक कंपोनेंट्स को आनलाइन आर्डर दिया जा चुका है और प्रोटोटाइप की अंतिम एसेंबली के लिए उनकी आवक की प्रतीक्षा की जा रही है। इसने फेस शील्ड प्रोटोटाइप का भी विकास किया है। यह 15 से 20 रुपये प्रति नग पर उत्पादन ¼प्रति माह 20000½ आरंभ कर देगा।

 

एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र] कन्नौज ने अल्कोहल आधारित सैनिटाइजरों का निर्माण आरंभ किया एवं इसकी फरूखाबाद के डीएम को आपूर्ति कर दी। यह रेलवे एवं अन्य संगठनों को भी आपूर्ति करेगा।

इंस्टीच्यूट फार डिजाइन आफ इलेक्ट्रिकल मेजरिंग इंस्ट्रूमेंट्स (आईडीईएमआई) आयन आधारित सैनिटाइजरों का निर्माण कर रहा है। यह भी बार्क के शोध पत्र पर है। अगर यह सफल रहा तो इसके विविध अनुप्रयोग होंगे।

एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र] हैदराबाद] भुवनेश्वर एवं जमशेदपुर 650 कोरोना टेस्टिंग किट्स के लिए कंपोनेंट्स का निर्माण करेगा। प्रत्येक किट 20 हार्डवेयर कंपोनेंट्स से बना होगा। पार्ट्स का पहला सेट जल्द ही भुवनेश्वर में तैयार हो जाएगा। सहमति मिल जाने के जाने के बाद विभिन्न टीसी पर उत्पादन आरंभ हो जाएगा।

एएमटीजेड को वेंटिलेटरों के लिए 10000 कंपोनेंट्स की आवश्यकता होगी। प्रेस टूल्स तैयार करने के लिए ड्राईंग्स वितरित कर दिए गए हैं। जीएम] टीसी भुवनेश्वर ने विभिन्न टीसी नामतः सीटीआर] लुधियाना] आईडीईएमआई] इंडो जर्मन टूल रूम (आईजीटीआर)] औरंगाबाद] कोलकाता एवं आईडीटीआर] जमशेदपुर को टूल एवं कंपोनेंट्स बनाने का कार्य आवंटित कर दिया है। टीसी से कार्य में तेजी लाने का भी आग्रह किया गया है।

ईएसटीसी रामनगर ने आईवी स्टैंड की डिजाइन तैयार की। जीईएम पर पंजीकरण के लिएकोविड-19 हेतु 70 एमएफआर को प्रेरित किया। ईएसटीसी छात्रावास को 80 प्रवासी मजदूरों के लिए आश्रय गृह में रूपांतरित कर दिया गया है। एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र] भिवाडी और टीसी] जमशेदपुर ने आईसोलेशन केंद्रों की स्थापना के लिए रिक्त कमरों की पेशकश की है।

 

प्रोसेस एंड प्रोडक्ट डेवलपमेंट सेंटर (पीपीडीसी) आगरा एवं आईजीटीआर इंदौर संयुक्त रूप से अस्पताल फर्नीचर की योजना बना रहे हैं। डिजाइन के विवरण की तैयारी चल रही है। पीपीडीसी मेरठ ने फेस मास्क का निर्माण किया और इसे निशुल्क वितरित किया। सीएफटीआई आगरा ने मेसर्स मेसर्स रामसंस के लिए मेडिकल गाउन का निर्माण किया। यह तीन स्तरीय फेस मास्कों का भी निर्माण करेगा।

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एएम/एसकेजे



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