आयुष
11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025, दुनियाभर में ऐतिहासिक भागीदारी और व्यापक जुड़ाव के साथ आयोजित
191 देशों में 2 हजार वैश्विक कार्यक्रम आयोजित
देशभर में योग कार्यक्रमों के लिए 13 लाख पूर्व पंजीकरण
विशाखापत्तनम में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित
Posted On:
23 JUN 2025 5:47PM by PIB Delhi
21 जून, 2025 को 11 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025, अभूतपूर्व वैश्विक भागीदारी के साथ सफलता पूर्वक मनाया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजनों ने योग के प्रति बढ़ते वैश्विक रूझान और समग्र स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की है।
देशभर में इसके आयोजन के सिलसिले में योग पोर्टल पर , 20 जून तक 13 लाख चार हजार योग संगम कार्यक्रम पंजीकृत किए गए। यह इससे व्यापक जमीनी जुड़ाव को दर्शाता है। विश्व के 191 देशों में लगभग 1,300 स्थानों पर 2,000 योग कार्यक्रम आयोजित हुए। योग के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक लोकप्रियता ने वैश्विक स्वास्थ्य, सद्भाव और कल्याण को बढ़ावा देने में योग की सार्वभौमिक प्रासंगिकता की पुष्टि की है।
भारत में विशाखापत्तनम में दो महत्वपूर्ण गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए गए, जो योग की गहरी पैठ और व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाते हैं। पहला रिकॉर्ड एक ही स्थान पर योगाभ्यास के लिए सबसे बड़े जनसमूह का एकत्रित होना है: 21 जून, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर वहां तीन लाख 2 हजार लोगों ने योगाभ्यास किया। दूसरा रिकॉर्ड सबसे बड़े सामूहिक सूर्य नमस्कार का है, जब 20 जून, 2025 को 22,122 आदिवासी छात्र सूर्य नमस्कार आयोजन में शामिल हुए।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों में भारत की समृद्ध भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित करने के लिए, आयुष मंत्रालय ने सरकार की ओर से उल्लेखनीय कदम उठाए। इसके अंतर्गत देश भर में महत्वपूर्ण और सांस्कृतिक रूप से विविध स्थानों पर पंद्रह योग कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसका उद्देश्य योग के माध्यम से स्वास्थ्य और एकता का संदेश देकर भारत के प्राकृतिक सौंदर्य, राष्ट्रीय भावना और सभ्यतागत लोकाचार को दर्शाना था।
शारीरिक प्रत्यास्था और राष्ट्रीय सेवा पर जोर के साथ यह देश के कुछ बेहद चुनौतीपूर्ण इलाकों में आयोजित किया गया। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के जवानों ने योगाभ्यास किया। 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित गलवान घाटी में योग सत्र आयोजित किए गए, जो भारत के शांति और आंतरिक शक्ति का प्रतीक है। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, सेला सुरंग और पैंगोंग झील के पास सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने विकट मौसम में योगाभ्यास किया, जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब रेल ब्रिज के ऊपर योग किया गया, जिसमें आध्यात्मिक सद्भाव के साथ इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का मेल दिखा। भारत के पश्चिमी क्षेत्र में, गुजरात के कच्छ के रण और क्रीक में भारतीय सेना के कोणार्क कोर ने योग सत्र आयोजित किया। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में भारत के सुदूर दक्षिणी छोर पर इंदिरा प्वाइंट पर अंडमान एवं निकोबार कमान ने योगदिवस मनाया, अरब सागर में मुम्बई अपतटीय तेल रिग पर ओएनजीसी कर्मियों ने योगाभ्यास में भाग लिया, तमिलनाडु में न्यू पम्बन ब्रिज पर रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों, स्काउट एवं गाइड्स और छात्रों ने सामूहिक रूप से योग दिवस मनाया।
ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष योग सत्रों के आयोजन से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत परिलक्षित हुई। जैसे वाराणसी के नमो घाट पर एनसीसी की 91 यूपी बटालियन ने गंगा के तट पर जीवंत योग सत्र आयोजित किया, इसमें आध्यात्मिक जीवंतता के साथ ही युवा ऊर्जा दिखी, जैसलमेर में किशनगढ़ किला में बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर की सुश्री सीमा प्रहरी के नेतृत्व में इस रेगिस्तानी किले में सांस्कृतिक रूप से समृद्ध योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जम्मू कश्मीर के पहलगाम और सोनमर्ग में जम्मू कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल के एथलीटों ने प्राकृतिक सौंदर्य और सुंदर घास के मैदानों में योग सत्र आयोजित किए, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बैनंग काउंटी में नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर जा रहे यात्रियों ने योगाभ्यास में भाग लिया, जो सीमा पार आध्यात्मिक प्रतिध्वनि का प्रतीक है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के सहयोग से वैज्ञानिक, पारिस्थितिक और सांस्कृतिक महत्व के बारह भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों पर योग सत्र आयोजित किए गए। इनमें राहियोली डायनासोर जीवाश्म पार्क (गुजरात), भीमबेटका रॉक शेल्टर (मध्य प्रदेश), निघोज नेचुरल पोथोल्स (महाराष्ट्र), गंगानी नदी घाटी (पश्चिम बंगाल), शिवालिक जीवाश्म पार्क (हिमाचल प्रदेश), अरवाह-लुमशिन्ना गुफा (मेघालय), सेंट थॉमस माउंट चार्नोकाइट (तमिलनाडु), लालबाग (कर्नाटक) में प्रायद्वीपीय शैल, मंगम्पेटा बैराइट्स डिपॉजिट (आंध्र प्रदेश) आदि शामिल हैं।
इन आयोजनों ने सामूहिक रूप से भारत के प्राचीन योग ज्ञान और इसकी अद्वितीय भूवैज्ञानिक विरासत के बीच गहन संबंधों को रेखांकित किया, जो ‘सभी के लिए योग, हर जगह योग’ की भावना को मूर्त रूप देता है। इससे प्रदर्शित हुआ कि यह प्राचीन योग अभ्यास एक जीवंत परंपरा के रूप में किस तरह फल-फूल रहा है, जो देश भर में विभिन्न इलाकों और समुदायों में स्वास्थ्य शारीरिक चपलता और एकता को प्रेरित कर रहा है।
आयुष मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 को एकता, स्वास्थ्य और शांति के ऐतिहासिक उत्सव के रूप में मनाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, भारतीय सशस्त्र बलों, योग संस्थानों और संघों, शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और दुनिया भर के लाखों योग उत्साहियों का हृदय से आभार व्यक्त करता है।
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(Release ID: 2139008)