ग्रामीण विकास मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्तर के जन संपर्क अभियान "वाटरशेड यात्रा" का शुभारंभ किया


श्री चौहान ने लोगों की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए मृदा और जल संरक्षण के महत्व पर बल दिया तथा डब्ल्यूडीसी पीएमकेएसवाई परियोजनाओं के प्रभावी और सफल कार्यान्वयन में सामुदायिक भागीदारी परजोर दिया।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने लोगों से पूरे मन से यात्रा में भाग लेने और डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई की सफलता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

श्री चौहान ने वर्ष 2025 और 2026 के लिए डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 के अंतर्गत 'वाटरशेड - जनभागीदारी प्रतियोगिता' की घोषणा की।

Posted On: 05 FEB 2025 6:50PM by PIB Delhi

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज परियोजना क्षेत्रों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) के वाटरशेड विकास घटक के अंतर्गत किए गए वाटरशेड विकास गतिविधियों के बारे में लोगों की भागीदारी बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने के लिए हाइब्रिड मोड में राष्ट्रीय स्तर के जन संपर्क अभियान “वाटरशेड यात्रा” का शुभारंभ किया। केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और श्री कमलेश पासवान भी इस अवसर पर उपस्थित थे और उन्होंने वाटरशेड यात्रा के शुभारंभ समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित किया। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के संबंधित मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन से जुड़े अधिकारियों ने अपने-अपने  राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ यात्रा का शुभारंभ किया। वाटरशेड यात्रा शुभारंभ कार्यक्रम में लगभग 800 ग्राम पंचायतों और एक लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए मृदा और जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और देश भर में डब्ल्यूडीसी पीएमकेएसवाई परियोजनाओं के प्रभावी और सफल कार्यान्वयन में सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लोगों से यात्रा में पूरे मन से भाग लेने और डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई की सफलता सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा “समुदाय संचालित दृष्टिकोण” को प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी, क्षेत्रीय स्तर पर कार्यान्वयन मशीनरी को प्रेरित करेगी और कृषि उत्पादकता, आजीविका और पर्यावरण में सुधार के लिए प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालेगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वाटरशेड यात्रा के दौरान की जाने वाली गतिविधियाँ जैसे नए कार्यों का भूमि पूजन, पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण, वाटरशेड महोत्सव, वाटरशेड की पंचायत, परियोजना क्षेत्रों में वाटरशेड मार्गदर्शकों को पुरस्कार और मान्यता, भूमि-जल पिच और श्रमदान आदि आम लोगों तक सतत संसाधन प्रबंधन का संदेश पहुँचाएँगे।

यात्रा के शुभारंभ के इस अवसर पर श्री चौहान ने वर्ष 2025 एवं 2026 के लिए डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 के अंतर्गत ' वाटरशेड-जनभागीदारी प्रतियोगिता' की भी घोषणा की । उन्होंने यह भी बताया कि यह समुदाय-नेतृत्व वाले वाटरशेड प्रबंधन के सिद्धांतों पर आधारित एक अनूठा मॉडल है जिसमें 'पब्लिक-प्राइवेट-पीपल पार्टनरशिप (4पी)' को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत परियोजना क्षेत्रों में सरकारी फंडिंग एवं जनभागीदारी से किए गए कार्यों का राज्य स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा तथा उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाली परियोजनाओं को प्रति परियोजना 20 लाख रुपये का अतिरिक्त पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए कुल 70.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिससे हर वर्ष 177 परियोजनाएं लाभान्वित होंगी। इस वर्ष की प्रतियोगिता के लिए परियोजनाओं का मूल्यांकन अप्रैल माह में किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस प्रतियोगिता से न केवल विभागीय कार्यों में तेजी आएगी बल्कि आम जनता भी अपनी क्षमता के अनुसार श्रमदान आदि के माध्यम से जल संचयन संरचनाओं के निर्माण एवं रख-रखाव में योगदान देगी। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य मृदा एवं जल संरक्षण के लिए आम जनता में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, जन जागरूकता, जनभागीदारी एवं अपनेपन की भावना पैदा करना है, ताकि भविष्य में भी ग्रामीण इन संरचनाओं की देखभाल एवं उनका उचित प्रबंधन करें।

वाटरशेड यात्रा में 805 परियोजनाओं में लगभग 60-90 दिनों तक वैन आंदोलन शामिल होगा, जो 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6673 जीपी (13587 गांव) को कवर करता है। वाटरशेड की पंचायत की गतिविधि के तहत, टिकाऊ मिट्टी और जल प्रबंधन प्रथाओं के बारे में विशेषज्ञों द्वारा चर्चा आयोजित की जाएगी और विभिन्न परियोजना क्षेत्रों में डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई कार्यों के कार्यान्वयन में योगदान देने वाले लगभग 8,000 व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा जो वाटरशेड समुदायों को और अधिक प्रेरित करेगा।

विभाग ने वाटरशेड विकास पर एक लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) विकसित किया है और इसे डीओएलआर की वेबसाइट पर डाला भी गया है, जिसे युवाओं की और अधिक सहभागिता के लिए माई भारत पोर्टल से भी जोड़ा गया है। इसमें भाग लेने वाले युवाओं को एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जो उन्हें श्रमदान गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा।

देश भर के युवाओं से जुड़ने और उन्हें शामिल करने के लिए 'माई भारत पोर्टल' पर "वाटरशेड यात्रा" के लिए एक मेगा इवेंट बनाया गया है। इससे श्रमदान जैसी गतिविधियों के लिए युवा स्वयंसेवकों को जुटाने, वाटरशेड परियोजनाओं में सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने और डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 योजना के बेहतर कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। इससे वाटरशेड कार्यकर्ताओं और नेताओं का एक सामुदायिक कैडर बनाने में भी मदद मिलेगी।

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एमजी/केसी/एनकेएस


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