राष्ट्रपति सचिवालय
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संसद के समक्ष अभिभाषण
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31 JAN 2025 12:31PM by PIB Delhi
माननीय सदस्यगण,
संसद की इस बैठक को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है।
अभी दो माह पहले हमने संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई है, और कुछ दिन पहले ही भारतीय गणतंत्र ने 75 वर्षों की यात्रा भी पूरी की है। ये अवसर लोकतन्त्र की जननी के रूप में भारत के गौरव को नयी ऊंचाई देगा। मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबासाहेब आंबेडकर समेत सभी संविधान निर्माताओं को नमन करती हूं।
माननीय सदस्यगण,
इस समय देश में महाकुंभ का ऐतिहासिक पर्व भी चल रहा है। महाकुंभ, भारत की सांस्कृतिक परंपरा का, भारत की सामाजिक चेतना का पर्व है। देश और दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज में पुण्य स्नान कर चुके हैं। मैं मौनी अमावस्या के दिन हुए हादसे पर अपना दुख व्यक्त करती हूं, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
कुछ दिन पहले ही हमने देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी को खोया है। मनमोहन सिंह जी ने 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। वो लंबे समय तक संसद के सदस्य भी रहे। मैं मनमोहन सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि देती हूं।
माननीय सदस्यगण,
भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज गति से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है। और इन निर्णयों में देश के गरीब, मध्यम वर्ग, युवा, महिलाओं, किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता मिली है।
मेरी सरकार ने तीसरे कार्यकाल में सभी के लिए आवास के उद्देश्य की पूर्ति के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार करते हुए तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पांच लाख छत्तीस हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है।
मेरी सरकार गांव में गरीबों को उनकी आवासीय भूमि का हक़ देने और वित्तीय समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक दो करोड़ पच्चीस लाख सम्पत्ति कार्ड जारी किए हैं। इनमें से करीब 70 लाख स्वामित्व कार्ड पिछले 6 महीने में जारी हुए हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करोड़ों किसानों को पिछले महीनों में इक्तालीस हज़ार करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हुआ है।
जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष” अभियान प्रारंभ हुआ है। इसके लिए अस्सी हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सत्तर वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है। इन्हें हर वर्ष पांच लाख रुपये का हेल्थ कवर मिलेगा।
छोटे उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा दस लाख रुपए से बढ़ाकर बीस लाख रुपए कर दी गई है।
मेरी सरकार ने युवाओं की शिक्षा और उनके लिए रोज़गार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस किया है। मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता देने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की गई है। एक करोड़ युवाओं को शीर्ष पांच सौ कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर भी दिये जाएंगे। पेपर लीक की घटनाओं को रोकने और भर्ती में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नया कानून लागू किया गया है।
सहकार से समृद्धि की भावना पर चलते हुए सरकार ने ‘त्रिभुवन’ सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण में पच्चीस हज़ार बस्तियों को जोड़ने के लिए सत्तर हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। आज जब हमारा देश अटल जी की जन्म शताब्दी का वर्ष मना रहा है, तब प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना उनके विजन का पर्याय बनी हुई है।
देश में अब इकहत्तर वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेन चल रही हैं, जिनमें पिछले छह माह में ही सत्रह नई वंदे भारत और एक नमो भारत ट्रेन को जोड़ा गया है।
“वन नेशन-वन इलेक्शन” और “वक़्फ़ अधिनियम संशोधन” जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी सरकार ने तेज गति से कदम आगे बढ़ाए हैं।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार के एक दशक के कार्यकाल ने विकसित भारत की यात्रा को नई ऊर्जा दी है।
विकसित भारत के विजन में...
जनभागीदारी का सामूहिक सामर्थ्य है...
देश की आर्थिक उन्नति का रोडमैप है,
डिजिटल क्रांति के रूप में टेक्नॉलाजी की ताकत है,
और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधार है।
मेरी सरकार के प्रयासों के बल पर भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
विकसित भारत की उड़ान को हमारे संविधान के आदर्शों का सतत मार्गदर्शन मिलता रहे, इसके लिए सरकार ने सेवा, सुशासन, समृद्धि और स्वाभिमान, इन प्रमुख सिद्धांतों को गवर्नेंस के केंद्र में रखा है।
सरकार reform, perform और transform के अपने संकल्प को तेज गति से आगे बढ़ा रही है।
मेरी सरकार का मंत्र है - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। ...और इस मंत्र का एक ही लक्ष्य है - विकसित भारत का निर्माण।
माननीय सदस्यगण,
जब देश के विकास का लाभ अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी मिलने लगता है तभी विकास सार्थक होता है। यही अंत्योदय की वो भावना है जिसके प्रति मेरी सरकार संकल्पित रही है।
गरीब को गरिमापूर्ण जीवन मिलने से उसमें जो सशक्तिकरण का भाव पैदा होता है, वो गरीबी से लड़ने में उसकी मदद करता है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने 12 करोड़ शौचालय, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निशुल्क दिए गए 10 करोड़ गैस कनेक्शन, 80 करोड़ जरूरतमंदों को राशन, सौभाग्य योजना, जल जीवन मिशन जैसी अनेक योजनाओं ने गरीब को ये भरोसा दिया है कि वो सम्मान के साथ जी सकते हैं। ऐसे ही प्रयासों की वजह से देश के 25 करोड़ लोग गरीबी को परास्त करके आज अपने जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। इन्होंने नियो मिडिल क्लास का एक ऐसा समूह तैयार किया है, जो भारत की ग्रोथ को नई ऊर्जा से भर रहा है।
माननीय सदस्यगण,
भारत जैसे देश की आर्थिक उन्नति मध्यम वर्ग, मिडिल क्लास की आकांक्षाओं और उनकी पूर्ति से परिभाषित होती है। मध्यम वर्ग जितने बड़े सपने देखेगा देश उतनी ही ऊंची उड़ान भरेगा। मेरी सरकार ने मुक्त स्वर से मध्यम वर्ग के योगदान को न केवल स्वीकारा है बल्कि हर मौके पर उसे सराहा भी है।
सरकारी कर्मचारी भी मिडिल क्लास के अहम प्रतिनिधि हैं। हाल ही में मेरी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के कल्याण के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया है। ये निर्णय, आने वाले वर्षों में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ी वृद्धि का आधार बनेगा।केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत पचास प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन देने का निर्णय भी लिया गया है, जिसका व्यापक स्वागत हुआ है।
मध्यम वर्ग का अपने घर का सपना पूरा करने के लिए भी मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। रेरा जैसा कानून बनाकर मध्यम वर्ग के सपने को सुरक्षा दी गई है। घर के लिए लोन पर सब्सिडी दी जा रही है।
उड़ान योजना ने लगभग डेढ़ करोड़ लोगों का हवाई जहाज में उड़ने का सपना पूरा किया है। जन औषधि केंद्र में 80 प्रतिशत रियायती दरों पर मिल रही दवाओं से, देशवासियों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बचे हैं। हर विषय की पढ़ाई के लिए सीटों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी का बहुत लाभ मध्यम वर्ग को मिला है।
राष्ट्र निर्माण में करदाता के योगदान को मेरी सरकार ने सम्मान देते हुए टैक्स से जुड़े मसलों को आसान किया है। टैक्स विवादों को कम करने के लिए फेसलेस मूल्यांकन की शुरुआत कर पारदर्शिता बढ़ाई गई है।
अब देश में पचहत्तर वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को, जिन्हें सिर्फ पेंशन मिलती है, आयकर रिटर्न दाखिल करने के संबंध में स्वयं निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने में, यानी women led development में विश्वास करती है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इक्यानवे लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। देश की दस करोड़ से भी अधिक महिलाओं को इसके साथ जोड़ा गया है। इन्हें कुल नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि बैंक लिंकेज के माध्यम से वितरित की गई है।
मेरी सरकार का लक्ष्य देश में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। आज एक करोड़ पंद्रह लाख से भी अधिक लखपति दीदी एक गरिमामय जीवन जी रही हैं। इनमें से लगभग 50 लाख लखपति दीदी, बीते 6 महीने में बनी हैं। ये महिलाएं एक उद्यमी के रूप में अपने परिवार की आय में योगदान दे रही हैं।
Insurance for All की भावना के साथ कुछ महीने पूर्व ही बीमा सखी अभियान भी शुरू किया गया है। हमारी बैंकिंग और डिजी पेमेंट सखियाँ दूर दराज के इलाक़ों में लोगों को वित्तीय व्यवस्था से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कृषि सखियाँ नेचुरल फ़ार्मिंग को बढ़ावा दे रही हैं और पशु सखियों के माध्यम से हमारा पशुधन मज़बूत हो रहा है।
ड्रोन दीदी योजना महिलाओं के आर्थिक और तकनीकी सशक्तिकरण का माध्यम बनी है।
यह इस संसद के लिए गौरव का विषय है कि बड़ी संख्या में भारत की बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, पुलिस में भर्ती हो रही हैं और कॉरपोरेट कंपनियों का नेतृत्व भी कर रही हैं। मेरी सरकार के निर्णय के बाद बालिकाओं की भर्ती राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूलों में प्रारंभ हो गई है। नेशनल डिफेंस अकैडमी में भी महिला कैडेट्स की भर्ती शुरू हो गई है।
हमारी बेटियाँ आज ओलंपिक में मेडल लाकर देश को भी गौरवान्वित कर रही हैं।
मैं भारत की संसद के माध्यम से देश की नारी-शक्ति को विशेष बधाई देती हूं।
माननीय सदस्यगण,
पिछले एक दशक में देश के हर बड़े प्रयास का दायित्व आगे बढ़कर भारत के युवाओं ने उठाया है। आज हमारा युवा स्टार्टअप्स, स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर फ़ील्ड में देश का नाम रोशन कर रहा है। MY Bharat पोर्टल के ज़रिये लाखों युवा राष्ट्र निर्माण के कार्यों से जुड़ रहे हैं।
पिछले एक दशक में मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल ने युवाओं को रोज़गार के अनेक अवसर प्रदान किए हैं। पिछले दो वर्षों में सरकार ने, रिकॉर्ड संख्या में दस लाख स्थायी सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं।
मेरी सरकार ने युवाओं के बेहतर कौशल और नए अवसरों के सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज स्वीकृत किया है।
एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था से युवाओं को ग्राउंड पर काम करने का अनुभव प्राप्त होगा।
आज देश में डेढ़ लाख से अधिक स्टार्टअप हैं जो इनोवेशन के स्तंभ के रूप में उभर रहे हैं।
एक हज़ार करोड़ रुपए की लागत से स्पेस सेक्टर में वेंचर कैपिटल फंड की शुरुआत की गई है।
क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। यानी फ्यूचर ऑफ वर्क श्रेणी में AI और डिजिटल तकनीक अपनाने में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी भारत की रैंकिंग छिहत्तर से सुधर कर उनचालीस हो गई है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है।
कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे, इसीलिए मातृ भाषा में शिक्षा के अवसर दिये जा रहे हैं। विभिन्न भर्ती परीक्षाएं तेरह भारतीय भाषाओं में आयोजित कर, भाषा संबंधी बाधाओं को भी दूर किया गया है।
बच्चों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए दस हज़ार से अधिक स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स खोली गई हैं।
“ईज ऑफ डूइंग रिसर्च” के लिए हाल ही में वन नेशन-वन सब्सक्रिप्शन स्कीम लायी गई है। इससे अंतरराष्ट्रीय शोध की सामग्री निशुल्क उपलब्ध हो सकेगी।
पिछले एक दशक में उच्च शिक्षण संस्थाओं की संख्या बढ़ी है। इनकी गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार हुआ है। क्यूएस विश्व यूनिवर्सिटी - एशिया रैंकिंग में हमारे एक सौ तिरसठ विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय के नये कैंपस का शुभारंभ कर शिक्षा में, भारत का पुराना गौरव वापस लाया गया है।
वह दिन भी दूर नहीं जब भारत में निर्मित गगनयान में एक भारतीय नागरिक अंतरिक्ष में जाएगा। कुछ दिन पहले स्पेस डॉकिंग में सफलता ने भारत के अपने स्पेस स्टेशन का मार्ग और आसान कर दिया है।
कुछ ही दिन पहले इसरो ने अपना सौवां लॉन्च करते हुये सैटेलाइट को सफलतापूर्वक स्थापित किया है। मैं इस उपलब्धि के लिए भी इसरो को, और सभी देशवासियों को बधाई देती हूं।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार ने देश में विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स वातावरण बनाने की दिशा में खेलो इंडिया स्कीम; टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम यानि TOPS; राष्ट्रीय स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित करने जैसे कई कदम उठाए हैं।
दिव्यांगों के लिए ग्वालियर में विशेष खेल केंद्र खोला गया है।
भारत की टीमों ने चाहे ओलंपिक हो, या फिर पैरालंपिक, हर जगह बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हाल ही में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में भी भारत ने अपना परचम लहराया है।
फिट इंडिया मूवमेंट चलाकर हम सशक्त युवाशक्ति का निर्माण कर रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान और विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत बड़ा महत्व है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल इनोवेशन पावरहाउस बनाना है।
देश के शिक्षण संस्थाओं में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पचास हज़ार करोड़ रुपए की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउन्डेशन स्थापित किया गया है।
दस हज़ार करोड़ रुपए की लागत से “विज्ञानधारा योजना” के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए “इंडिया एआई मिशन” प्रारम्भ किया गया है।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से भारत, इस फ्रंटियर टेक्नॉलाजी में दुनिया के अग्रणी देशों की पंक्ति में स्थान बना सकेगा।
मेरी सरकार, देश में “बायो - मैन्यूफैक्चरिंग” को बढ़ावा देने के उद्देश्य से BioE3 Policy लायी है।
यह पॉलिसी भविष्य की औद्योगिक क्रांति का सूत्रधार होगी। बायो इकॉनामी का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग करना है जिससे पर्यावरण को संरक्षित करते हुए रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पॉलिसी पैरालिसिस जैसी परिस्थितियों से उबारने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के साथ काम किया है। कोविड और उसके बाद के हालात एवं युद्ध जैसी वैश्विक चिंताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो स्थायित्व एवं resilience दिखाया है, वो उसके सशक्त होने का प्रमाण है।
मेरी सरकार ने Ease of doing business को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
वन नेशन वन टैक्स की भावना के तहत जीएसटी की व्यवस्था लागू की गई, जिसका फायदा सभी राज्यों को मिल रहा है।
मेक इन इंडिया जैसी नीतियों के कारण अब बड़े ग्लोबल ब्रांड्स के प्रॉडक्ट्स पर भी ‘मेड इन इंडिया’ के लेबल्स दिखने लगे हैं।
माननीय सदस्यगण,
भारत के छोटे व्यापारी गाँव से लेकर शहरों तक, हर जगह आर्थिक प्रगति को गति देते हैं। मेरी सरकार छोटे उद्यमियों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हुए उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर दे रही है।
MSME के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम और ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब्स सभी प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं।
तीसरे कार्यकाल में, मेरी सरकार द्वारा मुद्रा ऋण की सीमा को दस लाख रुपए से बढ़ाकर बीस लाख रुपए करने का लाभ करोड़ों छोटे उद्यमियों को हुआ है।
मेरी सरकार ने क्रेडिट एक्सेस को आसान बनाया है। इससे वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाया जा सका है। आज लोन, क्रेडिट कार्ड, बीमा जैसे प्रोडक्ट, सबके लिए आसानी से सुलभ हो रहे हैं।
दशकों तक हमारे देश के रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाकर आजीविका चलाने वाले भाई-बहन बैंकिंग व्यवस्था से बाहर रहे। आज उन्हें पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल रहा है। डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड के आधार पर उनको बिजनेस बढ़ाने के लिए और लोन मिलता है।
ओएनडीसी की व्यवस्था ने डिजिटल कॉमर्स यानी ऑनलाइन शॉपिंग की व्यवस्था को समावेशी बनाया है। आज देश में छोटे बिजनेस को भी आगे बढ़ने का समान अवसर मिल रहा है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार ने दस वर्षों में प्रगति के जो नए अध्याय लिखे हैं, उनमें से एक स्वर्णिम सोपान भारत की डिजिटल क्रांति का भी है। आज भारत डिजिटल टेक्नॉलाजी की फ़ील्ड में एक प्रमुख ग्लोबल प्लेयर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। दुनिया के बड़े देशों के साथ ही भारत में 5G सर्विसेस की शुरुआत इसका एक बड़ा उदाहरण है।
भारत की यूपीआई टेक्नॉलाजी की सफलता से दुनिया के कई विकसित देश भी प्रभावित हैं। आज 50 प्रतिशत से ज्यादा रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन भारत में हो रहा है।
मेरी सरकार ने डिजिटल टेक्नॉलाजी को सामाजिक न्याय और समानता के एक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है। डिजिटल पेमेंट कुछ लोगों या कुछ वर्गों तक सीमित नहीं है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहा है।
गाँव में भी बैंकिंग सेवाएँ और UPI जैसी वर्ल्ड क्लास टेक्नॉलाजी उपलब्ध है। भारत में पिछले 10 साल में बने पांच लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर्स सरकार की दर्जनों सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध करा रहे हैं।
मेरी सरकार ने लोगों के जीवन पर सरकार का प्रभाव कम करने के लिए ई-गवर्नेंस को महत्व दिया है। डिजिलॉकर की व्यवस्था ने लोगों को कभी भी, कहीं भी अपने महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट पाने और दिखाने की सुविधा दी है।
तेज़ी से डिजिटाइज़ होते हमारे समाज में आज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण विषय साइबर सिक्योरिटी है। डिजिटल फ्रॉड, साइबर-क्राइम और डीप फेक जैसी टेक्नॉलाजी सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती भी बनी है। इन साइबर-क्राइम को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए गए है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए रोज़गार की संभावनाएं हैं।
मेरी सरकार साइबर सिक्योरिटी में दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। इसके फलस्वरूप भारत ने ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में टियर-1 स्टेटस प्राप्त कर लिया है।
माननीय सदस्यगण,
किसी भी देश का आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर न केवल उसके नागरिकों को एक बेहतर जीवन एवं देश को नई पहचान देता है, बल्कि देश को एक नया आत्मविश्वास भी देता है। बीते दशक में भारत ने वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के कई माइल स्टोन्स तय किए हैं। इस आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से दुनिया में भारत की छवि मजबूत हुई है, इन्वेस्टर्स का भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है, उद्योगों को बल मिला है और नए रोजगार का निर्माण हो रहा है।
मेरी सरकार देश के हर हिस्से को हाइवे, एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के द्वारा परियोजनाओं को पूरा करने की गति तेज हुई है।
दस साल पहले, बुनियादी ढांचे का बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले बजट में बढ़कर ग्यारह लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
पिछले एक दशक के काम को आगे ले जाते हुए, पिछले छह महीनों में मेरी सरकार ने भविष्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्ड निवेश किया है।
वाढवण में भारत के पहले डीप वाटर मेगा पोर्ट की आधारशिला रखी गई है। छिहत्तर हज़ार करोड़ की लागत से बनने वाला ये पोर्ट विश्व के शीर्ष दस पोर्ट्स में से एक होगा।
मुझे बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चेनाब ब्रिज का निर्माण हुआ है जो विश्व का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज है। साथ ही आँजी ब्रिज, देश का पहला रेल केबल ब्रिज बना है।
शिंकुन ला सुरंग पर काम भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। निकट भविष्य में पूरी होने पर ये विश्व की सबसे ऊँची सुरंग होगी। इससे लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के बीच बारहमासी संपर्क बना रहेगा।
भारत का एविएशन सेक्टर तेज़ी से विकास कर रहा है। देश की एयरलाइन कम्पनियों ने सत्रह सौ से अधिक नए विमानों के ऑर्डर दिए हैं। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले विमानों के परिचालन के लिए हम एयरपोर्ट्स का विस्तार कर रहे हैं। पिछले एक दशक में देश में एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई है।
माननीय सदस्यगण,
विकसित भारत को गति देने के लिए हमारे शहरों को फ़्यूचर रेडी बनाना आवश्यक है।
इस दिशा में मेरी सरकार ने शहरी सुविधाओं का आधुनिकीकरण कर उन्हें एनर्जी एफिशिएंट बनाने पर जोर दिया है। साथ ही नए शहरों के विकास की भी नींव रखी जा रही है।
मेरी सरकार ने लगभग अठ्ठाइस हज़ार करोड़ रुपए के निवेश से देश भर में बारह इंडस्ट्रिअल नोड और शहरों के पास सौ औद्योगिक पार्क बनाने का भी निर्णय लिया है।
शहरी यातायात को सुगम बनाने के कार्य लगातार जारी हैं। दिल्ली, पुणे, ठाणे और बेंगलुरु में मेट्रो प्रोजेक्ट्स और अहमदाबाद-भुज रूट पर शुरू हुई नमो भारत रैपिड रेल सर्विसेज़ विकसित भारत के शहरों का स्वरूप हैं। कुछ सप्ताह पूर्व ही दिल्ली में रिठाला–नरेला–कुंडली कॉरिडोर का काम शुरू हुआ है, जो दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के बड़े सेक्शन में से एक होगा। मेरी सरकार के निरंतर प्रयास से दिल्ली में मेट्रो रूट लगातार बढ़ रहा है। 2014 में दिल्ली-NCR में मेट्रो का कुल नेटवर्क 200 किलोमीटर से भी कम था। अब ये बढ़कर दोगुने से भी ज्यादा हो गया है।
आज मुझे ये बताते हुए बेहद प्रसन्नता है कि भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हज़ार किलोमीटर के माइलस्टोन को पार कर चुका है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
लगभग आठ हज़ार करोड़ रुपए के खर्च से देश में बावन हज़ार इलेक्ट्रिक बस चलाने का भी निर्णय हुआ है। इससे शहरी इलाकों में सुगम और स्वच्छ यातायात की सुविधा मिलेगी और अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा।
आसान कनेक्टिविटी और अर्बन टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए देश में पंद्रह रोपवे प्रोजेक्ट्स की योजना पर भी काम हो रहा है।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार बहु-आयामी एवं समरस-सर्वस्पर्शी विकास की नीतियों पर काम करती आई है। इसीलिए, मेरी सरकार ने जितना बल फ़िज़िकल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दिया है उतने ही सघन प्रयास सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति के लिए भी किए हैं।
समाज के हर वर्ग तक सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचें, ये मेरी सरकार की प्राथमिकता है। अस्पताल, इलाज और दवा की व्यवस्था के कारण एक सामान्य परिवार में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च निरंतर कम हो रहा है।
देश में नागरिकों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए एक लाख पचहत्तर हज़ार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं।
देश में कैंसर मरीज़ों की बढ़ती संख्या और इलाज में होने वाले खर्च को देखते हुए अनेक कैंसर दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है।
सर्वाइकल कैंसर के लिए अब तक लगभग नौ करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
मेरी सरकार के प्रयासों से दिमागी बुखार से लड़ने में देश को काफी सफलता मिली है। इससे होने वाली मृत्यु दर अब घटकर छह प्रतिशत रह गयी है।
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी के मरीज़ों की संख्या भी घटी है। मेरा सभी देशवासियों और माननीय सांसदों से आग्रह है कि हम सब मिलकर टीबी मुक्त भारत के अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें।
भारत में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में भी व्यापक सुधार हुआ है।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम की सही ट्रैकिंग रखने के लिए U-WIN पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक लगभग तीस करोड़ वैक्सीन खुराक दर्ज हो चुकी है।
टेली मेडिसिन के माध्यम से तीस करोड़ से अधिक ई–टेली-कन्सल्टेशन से नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ मिला है।
सरकार अगले पाँच सालों में देश के मेडिकल कॉलेजों में पचहत्तर हज़ार नई सीटों के सृजन के लिए भी काम कर रही है।
सरकार हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है। देश में नए बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइसेस के पार्क भी बनाए जा रहे हैं। इनमें रोजगार के अनेक नए अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
भारत में आधुनिक और आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था हमारा लक्ष्य है। मेरी सरकार किसानों को फसलों का उचित दाम दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है।
वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड तीन सौ बत्तीस मिलियन टन अनाज उत्पादन हुआ है। और आज भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध, दाल और मसालों का उत्पादक है।
सरकार ने खरीफ़ और रबी फ़सलों के एमएसपी में निरंतर बढ़ोतरी की है।
पिछले एक दशक में धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की खरीद पर 3 गुना ज्यादा राशि खर्च की गई है।
पिछले 6 महीने में फसलों की जलवायु अनुकूल, बायो-फॉर्टिफाइड और अच्छी उपज देने वाली एक सौ नौ उन्नत प्रजातियाँ किसानों को सौंपी गई हैं।
देश में कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के दायरे का विस्तार किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को और बढ़ावा मिलेगा।
देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से नेशनल मिशन ऑन ऑयलसीड्स को स्वीकृति दी गई है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी राष्ट्रीय मिशन चलाया जा रहा है।
इस वर्ष की शुरुआत में ही, किसानों को सस्ती दरों पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष पैकेज की अवधि को बढ़ाया गया है।
मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए ग्यारह एकीकृत एक्वा पार्क की स्थापना की जा रही है।
माननीय सदस्यगण,
कुछ सप्ताह पूर्व ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल पूरे हुए हैं। वेदर रेडी और क्लाइमेट स्मार्ट भारत के लिए मेरी सरकार ने दो हज़ार करोड़ रुपये की लागत से “मिशन मौसम” प्रारम्भ किया है, जिसका लाभ हमारे किसानों को भी मिलेगा।
बाबासाहेब आंबेडकर के विजन पर चलते हुए, देश के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए, मेरी सरकार ने दो ऐतिहासिक रिवर इंटरलिंकिंग परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ाया है।
चवालीस हज़ार करोड़ रुपये से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लाखों ग्रामीण भाई-बहनों को लाभ मिलेगा।
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश में सिंचाई और पीने के पानी की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए बारह हज़ार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की गई है।
माननीय सदस्यगण,
हमारी आठ लाख सहकारी संस्थाएं एवं उनके उन्तीस करोड़ हितधारक सदस्य, ग्रामीण भारत के करीब नब्बे प्रतिशत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। बीते वर्षों में शहरी क्षेत्रों में भी सहकारी संस्थाओं का विस्तार हुआ है।
सहकारी सेक्टर के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के फलस्वरुप रोजगार के अनेक अवसर सृजित हो रहे हैं।
वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।
माननीय सदस्यगण,
जब हम राष्ट्र के विकास और उपलब्धियों की चर्चा करते हैं, तो वास्तव में हम राष्ट्र के नागरिकों की क्षमता एवं उपलब्धियों का ही उल्लेख कर रहे होते हैं। आज देश के विकास में सबका साथ है, इसीलिए हम देश के सही सामर्थ्य का अनुभव कर पा रहे हैं।
मेरी सरकार के प्रयासों का सबसे अधिक लाभ देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज को मिल रहा है।
आज़ादी के दशकों बाद भी हमारे जिस जनजातीय एवं आदिवासी समाज की उपेक्षा होती रही, मेरी सरकार ने उसके कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है।
‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘पीएम-जनमन योजना’ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
देश भर में स्थापित चार सौ सत्तर से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से लगभग सवा लाख आदिवासी बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जा रही है।
पिछले दस वर्षों में आदिवासी बहुल इलाकों में तीस नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं।
विशेष राष्ट्रीय मिशन चलाकर आदिवासी समुदाय की सिकल सेल से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत लगभग पाँच करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
जनजातीय विरासत को सहेजने के लिए भी मेरी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की एक सौ पचासवीं जयंती का पर्व पूरे देश में जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
माननीय सदस्यगण,
विकसित भारत की एक महत्वपूर्ण कसौटी, देश का संतुलित विकास है। किसी क्षेत्र में ये भावना नहीं होनी चाहिए कि वो विकास में पीछे छूट रहे हैं।
मेरी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के लोगों की इन्हीं भावनाओं को समझा, उनके दिल से दूरियों का भाव समाप्त किया।
दस से अधिक शांति समझौते कर सरकार ने अनेक गुटों को शांति के मार्ग से जोड़ने का काम किया है।
पूरा देश नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों की संभावनाओं को देख सके, इस दिशा में, पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया गया।
पूर्वोत्तर के विकास के साथ-साथ सरकार ने देश के “पूर्वोदय” यानि पूर्वी राज्यों के सर्वांगीण विकास की कार्य-योजना पर काम शुरू कर दिया है जिससे रोज़गार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
अंडमान निकोबार एवं लक्षद्वीप में विकास की कई परियोजनाएं प्रारम्भ कर उन्हें राष्ट्र की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास का एक नया वातावरण बना है। जम्मू कश्मीर में लोक सभा चुनाव एवं विधान सभा चुनाव अत्यंत शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए। जम्मू कश्मीर के लोग इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
माननीय सदस्यगण,
राष्ट्र या समाज की सफलता समावेशी एवं सर्व-स्पर्शी तभी होती है जब वह सिद्धांतों से प्रेरित हो। इसीलिए, मेरी सरकार ने उन मौलिक सिद्धांतों को हमेशा अपनी कार्यनीति के केंद्र में रखा जिनका निर्देश हमारे संविधान ने दिया है। संविधान के आलोक में मेरी सरकार की प्रमुख सैद्धान्तिक प्रेरणा है - सेवा!
मेरी सरकार मानती है कि 140 करोड़ देशवासियों की सेवा ही सरकार का प्रमुख कर्तव्य है। इस दिशा में सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।
समाज के पिछड़े वर्ग और सफ़ाई कर्मचारियों को आसान लोन मुहैया कराने के लिए पीएम सूरज योजना का विस्तार किया गया है।
सरकारी योजनाओं का लाभ दिव्यांग जनों तक पहुंचाने के लिए एक करोड़ से अधिक दिव्यांग पहचान पत्र जारी किये गए हैं।
स्वच्छता सैनिकों के लिए चलायी जा रही “नमस्ते योजना” का विस्तार कर अब स्वच्छता का बीड़ा उठाने वाले भाई-बहनों को भी इसमें शामिल किया गया है।
विकसित भारत की यात्रा में कोई भी छूटने ना पाए, इस ध्येय के अनुरूप मेरी सरकार सेचुरेशन अप्रोच के साथ काम कर रही है।
माननीय सदस्यगण,
बीता दशक भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुन: जागरण का दशक रहा है। हम अपनी विरासत पर गर्व और विकास के प्रति समर्पण के साथ ऐसा भविष्य गढ़ रहे हैं जहां संस्कृति और प्रगति साथ-साथ आगे बढ़ें।
इस वर्ष हम, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की एक सौ पच्चीसवीं जयंती मनाएंगे। उन्होंने कहा था कि "सच्चा राष्ट्रवाद केवल भारत की भौतिक एकता नहीं, बल्कि उसकी सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने में है।"
इसी कड़ी में भगवान महावीर का पच्चीस सौ पचासवाँ निर्वाण महोत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया। देश ने उत्साह से संत मीराबाई की पाँच सौ पच्चीसवीं जयंती भी मनाई।
महाकवि संत तिरुवल्लुवर की स्मृति में कई देशों में सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
मेरी सरकार काशी-तमिल संगमम्, काशी-तेलुगू संगमम्, सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे सांस्कृतिक आयोजन करके देश की एकता को बढ़ावा दे रही है।
माननीय सदस्यगण,
हमारी पांडुलिपियाँ हमारी धरोहर हैं। इनमें विशाल ज्ञान समाहित है जिसका मानव जाति के लाभ के लिए अध्ययन, शोध और उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पांडुलिपियों के डिज़िटाइजेशन और संरक्षण का कार्य मिशन मोड पर प्रारंभ किया जा रहा है।
देश की विरासत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हमारी समृद्ध भाषा-संस्कृति है। मुझे खुशी है कि सरकार ने असमी, मराठी, पाली, प्राकृत और बांग्ला भाषाओं को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया है। भारत की सभी भाषाओं में सरलता से संवाद के लिए AI की सहायता से भाषिणी प्लेटफॉर्म का देशवासी व्यापक उपयोग कर रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार के प्रयासों से आज विश्व के सांस्कृतिक मंच पर भारत ने ग्लोबल लीडर की पहचान बनाई है।
सभी एशियाई बौद्ध देशों को आपस में जोड़ने के लिए, मेरी सरकार ने पहली एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस का आयोजन किया। पिछले वर्ष वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी की बैठक का आयोजन भी भारत में हुआ जिसमें एक सौ चालीस देशों ने भाग लिया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से पूरा विश्व आज भारत की योग परंपरा को अंगीकार कर रहा है।
माननीय सदस्यगण,
प्रगति की भव्य इमारत को नई बुलंदियों तक ले जाने के लिए मजबूत स्तंभों की जरूरत होती है। भारत के विकास के लिए मेरी सरकार ने Reform, Perform और Transform के ऐसे ही तीन मजबूत स्तंभ बनाए हैं। आज ये शब्द पूरी दुनिया में भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का पर्याय बन गए हैं।
सरकार ने संविधान के लागू होने से पहले बने कानूनों की विस्तृत समीक्षा की है। कई कानूनों को निरस्त या संशोधित किया जा रहा है ताकि पूरा तंत्र वर्तमान सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सके।
सरकार अब तक पंद्रह सौ से अधिक पुराने अनावश्यक कानूनों को निरस्त कर चुकी है। गुलामी के कानूनों को हटाकर दंड संहिता के स्थान पर न्याय संहिता लागू की गई है।
‘जन-विश्वास’ और ‘जन-भागीदारी’ के साथ मेरी सरकार जनता का जीवन सुगम बनाने पर कार्य कर रही है। विवादों को निपटाने के लिए ‘विवाद से विश्वास’ की पहल की गई है।
इसी भावना के साथ सरकार ने चालीस हज़ार से अधिक नियमों को कम या सरल किया है और पैंतीस सौ प्रावधानों को अपराधमुक्त किया है।
मेरी सरकार ने देश के अत्यन्त पिछड़े इलाकों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम प्रारम्भ कर सुशासन का एक अनूठा प्रयोग किया है। इस कार्यक्रम से इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, सामाजिक विकास और शिक्षा जैसे विभिन्न मापदंडों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यूएनडीपी की एक रिपोर्ट में इस पहल की बहुत सराहना की गई है। इस सफलता से प्रेरित होकर अब देश के पांच सौ आकांक्षी ब्लॉक में भी समग्र विकास हेतु अभियान प्रारम्भ किया गया है।
सुशासन पर ध्यान केंद्रित करते हुए i-GOT कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया है जिससे सरकारी कर्मियों को अपनी दक्षता बढ़ाकर कर्मयोगी बनने का प्रोत्साहन मिल रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर सत्रह सौ पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं और अब तक दो करोड़ से अधिक प्रशिक्षण पूर्ण किए गए हैं।
माननीय सदस्यगण,
इस वर्ष देश सरदार वल्लभभाई पटेल की एक सौ पचासवीं जयंती मना रहा है। उनकी प्रेरणा से मेरी सरकार ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को लेकर आगे बढ़ रही है।
देश की सीमाओं की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
विशेषकर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता में हमें बहुत उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।
हम ‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की ओर बढ़े हैं। इससे देश में रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं।
कुछ दिन पहले एक ऐतिहासिक पल में देश में बने दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया है।
देश में डिफेन्स इंडस्ट्रिअल कॉरीडोर की स्थापना और डिफेन्स स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देकर हम आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को मजबूती दे रहे हैं।
सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ देश के सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास भी हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है। सीमा क्षेत्र की सड़कें और अटल टनल, सेला टनल, सोनमर्ग टनल जैसे आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से रक्षा और पर्यटन को बढ़ावा मिला है। सीमा पर स्थित देश के प्रथम गांवों में “वाइब्रेंट विलेज” कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के अंतिम चरण की भी शुरुआत हो चुकी है। सरकार के प्रयासों से वामपंथी-उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या एक सौ छब्बीस से घटकर अब अड़तीस तक आ गई है।
माननीय सदस्यगण,
वैश्विक अस्थिरता के वातावरण में भारत आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्थिरता का स्तम्भ बनकर विश्व के सामने आदर्श प्रस्तुत कर रहा है। चाहे जी7 समिट हो, क्वाड, ब्रिक्स, एससीओ हो या जी20, भारत के सामर्थ्य, नीति और नीयत पर पूरे विश्व ने भरोसा जताया है।
आज बड़े से बड़े वैश्विक मंच पर भी भारत अपने हितों को मजबूती के साथ आगे रखता है। जी20 का सफल आयोजन और दिल्ली डिक्लेरेशन इसका उदाहरण है। तीसरी ग्लोबल साउथ समिट, भारत आसियान समिट और भारत कैरीकॉम समिट में हमने ग्लोबल साउथ से जुड़े विषयों को अभिव्यक्ति दी है। हमने समिट ऑफ द फ्यूचर में भारत का “विजन फॉर फ्यूचर” रखा है।
इसी माह मेरी सरकार द्वारा भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया।
प्रवासी भाई-बहनों की सुविधा-सहूलियत हमारी प्राथमिकता है, इसलिए छह नए दूतावास और चार नए वाणिज्यिक दूतावास खोलने का निर्णय लिया गया है।
विश्व बंधु की छवि मजबूत करते हुए विश्व में कई आपदाग्रस्त इलाकों में भारत ने तुरंत सहायता भरा हाथ बढ़ाया है।
भारत ने कई देशों के साथ अपना डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर साझा किया है और जन औषधि केंद्र स्थापित किए हैं।
माननीय सदस्यगण,
मेरी सरकार वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए भी निर्णय ले रही है। हम देश को ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स की तरफ ले जा रहे हैं।
2030 तक पांच सौ गीगावॉट नॉन फॉसिल फ़्यूल एनर्जी क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बीते छह महीनों में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत पचहत्तर हज़ार करोड़ रुपये की लागत से रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं। अभी तक साढ़े सात लाख घरों में रूफटॉप सोलर की स्थापना की जा चुकी है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
“राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन” के तहत आठ लाख करोड़ रुपए का निवेश और छह लाख से अधिक रोजगार का सृजन होगा।
हम परमाणु ऊर्जा का विस्तार करने पर भी तेजी से काम कर रहे हैं।
मेरी सरकार, वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी लायी है, ताकि पुराने वाहनों का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा हो और इससे भी रोजगार के नए अवसर सृजित हों।
इसी क्रम में विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान प्रारम्भ किया गया। इस पहल में करोड़ों देशवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। इस अभियान की पूरे विश्व ने सराहना की है।
माननीय सदस्यगण,
हमारा भारत 140 करोड़ आबादी वाला देश है। हमारे यहां भिन्न-भिन्न राज्य, भिन्न-भिन्न क्षेत्र, भिन्न-भिन्न भाषाएँ हैं, परंतु एक राष्ट्र के रूप में हमारी एक ही पहचान है - भारत।
और हमारा एक ही संकल्प है, एक ही लक्ष्य है - विकसित भारत!
आने वाले वर्षों में देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी दृढ़ संकल्पित हैं। इस संकल्प में देश के शहीदों की प्रेरणाएं हैं, पूज्य बापू के मानवीय आदर्श हैं, और सरदार पटेल जैसी मां भारती की संतानों द्वारा हमें दिलाई गई एकता की शपथ है। हमें इन प्रेरणाओं को आगे रखते हुये एकता के इस सामर्थ्य से विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करना है।
आइए, हम एक बार फिर एकता के संकल्प को दोहराएं, और भारत के सपनों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध हों!
जब हम साथ मिलकर बढ़ेंगे तो हमारी भावी पीढ़ियाँ 2047 में अवश्य विकसित, सशक्त, समर्थ और समृद्ध भारत देखेंगी।
आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
धन्यवाद,
जय हिन्द,
जय भारत!
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MJPS/SR/SKS
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