प्रधानमंत्री कार्यालय
स्पेन के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान भारत-स्पेन के बीच जारी संयुक्त वक्तव्य (28-29 अक्टूबर, 2024)
Posted On:
28 OCT 2024 6:32PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर स्पेन के राष्ट्रपति श्री पेड्रो सांचेज़ 28-29 अक्टूबर, 2024 को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए। राष्ट्रपति सांचेज़ की यह पहली भारत यात्रा थी और 18 वर्ष बाद स्पेन के किसी राष्ट्रपति ने पहली बार भारत यात्रा की। उनके साथ परिवहन और स्थायी गतिशीलता मंत्री, उद्योग और पर्यटन मंत्री और एक उच्चस्तरीय आधिकारिक और व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भी आया था।
दोनों नेताओं का कहना था कि इस यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में नई जान डालकर इसे ताजा गति प्रदान की है और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बढ़े हुए सहयोग के एक नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की स्पेन यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने अपनी टीमों को द्विपक्षीय एजेंडे को और आगे बढ़ाने और राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा, रक्षा, दोनों देशों के लोगों के बीच चौतरफा आपसी और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
राष्ट्रपति सांचेज़ का सांस्कृतिक स्वागत किया गया तथा उन्होंने वडोदरा में प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। उन्होंने मुंबई का भी दौरा किया, जहां उन्होंने प्रमुख व्यापारिक नेताओं, सांस्कृतिक हस्तियों और भारतीय फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
राष्ट्रपति सांचेज़ और प्रधानमंत्री मोदी ने वडोदरा में एयरबस स्पेन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा सह-निर्मित सी-295 विमान के फाइनल असेंबली लाइन प्लांट का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह प्लांट 2026 में भारत में निर्मित होने वाले कुल 40 विमानों में से पहला ‘मेड इन इंडिया’ सी295 विमान तैयार करेगा। एयरबस स्पेन भारत को ‘फ्लाई-अवे’ स्थिति में 16 विमान भी दे रहा है, जिनमें से 6 पहले ही भारतीय वायुसेना को सौंपे जा चुके हैं।
राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा सहयोग
1. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच मधुर और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि बढ़ती साझेदारी की नींव लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून के शासन, एक निष्पक्ष और न्यायसंगत वैश्विक अर्थव्यवस्था, एक अधिक टिकाऊ और लचीले ग्रह, एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संवर्धित और सुधारित बहुपक्षवाद के प्रति साझा प्रतिबद्धता में निहित है। उन्होंने इस सहयोग के केन्द्र के रूप में दोनों देशों के बीच स्थायी ऐतिहासिक संबंधों और दीर्घकालिक मित्रता पर भी प्रकाश डाला।
2. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि नियमित उच्चस्तरीय बातचीत साझेदारी को गति दे रही है। उन्होंने कहा कि विदेश, अर्थव्यवस्था और वाणिज्य तथा रक्षा मंत्रालयों के बीच चल रहा द्विपक्षीय सहयोग अच्छी तरह से काम कर रहा है, और रक्षा, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, व्यापार और आर्थिक मुद्दों, संस्कृति, पर्यटन, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और विविधता लाने के उद्देश्य से दोनों पक्षों के संबंधित मंत्रालयों/एजेंसियों के बीच नियमित वार्ता आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया।
3. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा औद्योगिक सहयोग के प्रतीक के रूप में सी-295 विमान परियोजना में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। इस बढ़ती साझेदारी के अनुरूप, तथा स्पेनिश रक्षा उद्योग की उन्नत क्षमताओं और प्रतिस्पर्धात्मकता और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लक्ष्यों में इसके योगदान को मान्यता देते हुए, उन्होंने अन्य क्षेत्रों में अपने-अपने रक्षा उद्योगों को भारत में इसी तरह की संयुक्त परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग
4. राष्ट्रपति सांचेज़ और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों में सकारात्मक आर्थिक दृष्टिकोण से प्रेरित होकर द्विपक्षीय व्यापार और निवेश साझेदारी में हाल के सकारात्मक विकास का स्वागत किया और दोनों देशों के व्यवसायों के बीच मजबूत संबंधों का आह्वान किया।
5. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेनिश अर्थव्यवस्था के विकास और लचीलेपन के लिए राष्ट्रपति सांचेज़ को बधाई दी। राष्ट्रपति सांचेज़ ने भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी और व्यापार-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी पहलों की सराहना की। राष्ट्रपति सांचेज़ ने भारत में मौजूद लगभग 230 स्पेनिश कंपनियों के कार्यों के माध्यम से 'मेक इन इंडिया' पहल के प्रति स्पेन की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। दोनों नेताओं ने खुले नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली और दोनों देशों में व्यापार-अनुकूल निवेश परिदृश्य के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया।
6. दोनों नेताओं ने ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और स्मार्ट ग्रिड, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य सेवाएं, ऑटोमोटिव और परिवहन अवसंरचना, जिसमें रेलगाड़ियां, सड़कें, बंदरगाह और परिवहन नेटवर्क प्रबंधन शामिल हैं, स्पेनिश कंपनियों की विशेषज्ञता को मान्यता देते हुए, इन क्षेत्रों में आगे सहयोग का स्वागत किया। राष्ट्रपति सांचेज़ ने सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों जैसे क्षेत्रों में स्पेनिश अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों द्वारा किए जा रहे सकारात्मक योगदान का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारत और स्पेन में आपसी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘फास्ट ट्रैक मैकेनिज्म’ की स्थापना का स्वागत किया।
7. दोनों नेताओं ने 2023 में आयोजित भारत-स्पेन ‘आर्थिक सहयोग के लिए संयुक्त आयोग’ (जेसीईसी) के 12वें सत्र में हुई प्रगति पर गौर किया और 2025 की शुरुआत में स्पेन में जेसीईसी का अगला सत्र आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। इस संदर्भ में, वे आर्थिक संबंधों को गहरा करने और नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और टिकाऊ बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग की खोज के महत्व पर भी सहमत हुए। दोनों नेताओं ने शहरी स्थायी विकास पर समझौता ज्ञापन के जल्द ही संपन्न होने की उम्मीद जाहिर की।
8. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 29 अक्टूबर, 2024 को मुंबई में भारत-स्पेन सीईओ फोरम की दूसरी बैठक के साथ-साथ भारत-स्पेन व्यापार शिखर सम्मेलन का स्वागत किया।
9. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने में नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम के महत्व को पहचाना और आपसी हित के लिए ऐसे सभी अवसरों का पता लगाने का आह्वान किया। उन्होंने दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों को भविष्य में ऐसे किसी भी आदान-प्रदान को गहरा करने के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें राइजिंग अप इन स्पेन और स्टार्टअप इंडिया पहल जैसे ढांचे शामिल हैं।
10. दोनों नेताओं ने रेल परिवहन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन तथा सीमा शुल्क मामले में सहयोग एवं पारस्परिक सहायता के समझौते पर हस्ताक्षर होने पर संतोष व्यक्त किया।
11. दोनों नेताओं ने आर्थिक और व्यावसायिक अवसरों को बढ़ाने तथा दोनों देशों के लोगों के बीच समझ बढ़ाने में पर्यटन की भूमिका को स्वीकार किया और इस बात पर सहमति जताई कि इसे और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने स्पेन और भारत के बीच सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए एयरलाइनों द्वारा दिखाई गई रुचि का स्वागत किया।
वर्ष 2026 भारत-स्पेन संस्कृति, पर्यटन और एआई का वर्ष होगा
12. भारत और स्पेन के बीच गहरे संबंधों और दोनों देशों के लोगों के बीच दीर्घकालिक मैत्री को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ ने 2026 को संस्कृति, पर्यटन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में भारत और स्पेन का वर्ष बनाने पर सहमति व्यक्त की है।
13. वर्ष के दौरान, दोनों पक्ष अपने संग्रहालयों, कला, मेलों, फिल्म, उत्सवों, साहित्य, वास्तुकारों की बैठकों और वाद-विवाद एवं विचार मंडलों में एक-दूसरे की सांस्कृतिक उपस्थिति को बढ़ाने के लिए अधिकतम प्रयास करेंगे।
14. इसी प्रकार, पर्यटकों का प्रवाह बढ़ाने, पारस्परिक निवेश को बढ़ावा देने तथा शहरी और ग्रामीण पर्यटन दोनों में आतिथ्य, वास्तुकला, भोजन, विपणन के कई क्षेत्रों में अनुभवों को साझा करने के तरीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे दोनों देशों के सामंजस्यपूर्ण विकास और सुधार को लाभ होगा।
15. जी-20 नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र के अनुसार, भारत और स्पेन अच्छे उद्देश्यों के लिए एआई के उपयोग और कई क्षेत्रों में इसके सकारात्मक कार्यान्वयन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दोनों देश वर्ष के दौरान एआई के सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उत्पादक अर्थव्यवस्था में एआई के क्षेत्र में नई प्रगति के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए काम करेंगे।
16. इस पहल के महत्व को चिह्नित करने के लिए, दोनों नेताओं ने संबंधित हितधारकों को संबंधित देशों में इस वर्ष को सबसे उपयुक्त तरीके से मनाने का निर्देश दिया।
सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंध
17. दोनों नेताओं ने राष्ट्रों को करीब लाने में सांस्कृतिक संबंधों की भूमिका को स्वीकार किया और भारत और स्पेन की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत की सराहना की। उन्होंने भारत और स्पेन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समृद्धि की सराहना की, विशेष रूप से स्पेनिश इंडोलॉजिस्ट और भारतीय हिस्पैनिस्ट की भूमिका की। उन्होंने संगीत, नृत्य, रंगमंच, साहित्य, संग्रहालयों और त्योहारों में द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर का स्वागत किया।
18. दोनों नेताओं ने दोनों देशों की संस्कृतियों और भाषाओं के अध्ययन में बढ़ती रुचि की सराहना की। भारत में स्पेनिश लोकप्रिय विदेशी भाषाओं में से एक है। उन्होंने भारत-स्पेन सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूत करने तथा नई दिल्ली में इंस्टीट्यूटो सर्वेंट्स और वलाडोलिड में कासा डे ला इंडिया जैसे दोनों देशों के सांस्कृतिक संस्थानों के बीच सहयोग को सुदृढ़ करने में आपसी हित पर जोर दिया।
19. दोनों नेताओं ने वलाडोलिड विश्वविद्यालय में हिंदी और भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर चेयर की स्थापना का स्वागत किया। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव किया जा रहा है। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख स्पेनिश विश्वविद्यालयों को भारतीय संस्थानों के साथ अकादमिक और अनुसंधान साझेदारी को मजबूत करने, संयुक्त/दोहरी डिग्री और जुड़वां प्रबंधों के माध्यम से संस्थागत संबंध बनाने और भारत में शाखा परिसर स्थापित करने की संभावना तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।
20. राष्ट्रपति सांचेज़ मुंबई में स्पेन-भारत परिषद फाउंडेशन और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित चौथे स्पेन-भारत फोरम में मुख्य भाषण भी दे रहे हैं। नेताओं ने इस संस्था के बहुमूल्य योगदान को मान्यता दी, जिसकी भारतीय और स्पेनिश नागरिक समाजों, कंपनियों, थिंक टैंकों, प्रशासनों और विश्वविद्यालयों के बीच संबंधों को मजबूत करने में सरकारों की पूरक भूमिका है, जो अपने सदस्यों और इसकी गतिविधियों के बीच एक मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में मदद करती है और दोनों देशों को उनके आपसी ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक साथ लाती है।
21. दोनों नेताओं ने आईसीसीआर द्वारा स्पेन के लोगों को उपहार स्वरूप दी गई गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा की वलाडोलिड में स्थापना तथा मैड्रिड में इंस्टिट्यूटो सर्वेंट्स के संग्रह में टैगोर की अनूदित कृतियों को रखे जाने का स्वागत किया, जो दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ते सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण है।
22. दोनों पक्षों ने फिल्म और दृश्य-श्रव्य के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें भारत 2023 में एसईएमआईएनसीआई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अतिथि देश होगा और प्रसिद्ध स्पेनिश निर्देशक कार्लोस सौरा को आईएफएफआई सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया जाएगा। भारत और स्पेन में बड़े फिल्म और दृश्य-श्रव्य उद्योगों के प्रति रूचि दिखाते हुए, दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि दृश्य-श्रव्य सह-निर्माण समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा बढ़ाया जा सकता है और दृश्य-श्रव्य क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने और फिल्मों के सह-निर्माण को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने के लिए एक संयुक्त आयोग के गठन का स्वागत किया।
23. दोनों देशों में लोगों के बीच आपसी संबंधों और वाणिज्य दूतावास सेवाओं को बढ़ाने के लिए, दोनों नेताओं ने बार्सिलोना, स्पेन में भारत के पहले महावाणिज्य दूतावास के संचालन और बेंगलुरु में स्पेन के महावाणिज्य दूतावास को खोलने के निर्णय का स्वागत किया।
यूरोपीय संघ और भारत के संबंध
24. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सांचेज़ ने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और व्यापक मुक्त व्यापार समझौते, निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेत समझौते की यूरोपीय संघ-भारत त्रिपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
25. वे यूरोपीय संघ-भारत कनेक्टिविटी साझेदारी के उद्देश्यों को पूरी तरह से साकार करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए, और भारत और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना (आईएमईईसी) की संभावना को स्वीकार किया। उन्होंने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रसद, बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों में क्षेत्रीय देशों के बीच सहयोग के अवसरों की खोज की।
वैश्विक मुद्दे
26. दोनों नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध पर गहरी चिंता व्यक्त की और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र के उद्देश्यों और सिद्धांतों के समान एक व्यापक, न्यायसंगत और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों के बीच संवाद और कूटनीति के साथ-साथ गंभीर जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने संघर्ष के बातचीत के जरिए समाधान के उद्देश्य से प्रयासों का समर्थन करने के लिए संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की।
27. उन्होंने पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता हासिल करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की, और पश्चिम एशिया में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ने पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया। उन्होंने आग्रह किया कि सभी मुद्दों को बातचीत और राजनयिक संबंधों के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने 7 अक्टूबर, 2023 को इज़राइल पर हुए आतंकवादी हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की, और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि गाजा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान का नुकसान और मानवीय संकट अस्वीकार्य है और इसे जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, तत्काल युद्धविराम और गाजा में मानवीय सहायता के सुरक्षित, निरंतर प्रवेश का आह्वान किया। उन्होंने नागरिकों के जीवन की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और सभी पक्षों से अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने दो देशों के बीच समाधान के कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे फिलिस्तीन के एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र राज्य की स्थापना हो सके, जो सुरक्षित और पारस्परिक रूप से मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर, इज़राइल के साथ शांति और सुरक्षा के साथ-साथ रह सके और साथ ही संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता के लिए उनका समर्थन हो।
28. दोनों पक्षों ने लेबनान में हिंसा और ब्लू लाइन पर सुरक्षा स्थिति पर अपनी चिंता दोहराई और यूएनएससी संकल्प 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता देशों के रूप में, उन्होंने यूएनआईएफआईएल पर हमलों की निंदा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि शांति सैनिकों की रक्षा और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इसे सभी को सुनिश्चित करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता और उनके आदेश की पवित्रता का सभी को सम्मान करना चाहिए।
29. दोनों पक्षों ने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जो नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता के लिए आपसी सम्मान और प्रभावी क्षेत्रीय संस्थानों द्वारा समर्थित विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर आधारित हो। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) 1982 के अनुपालन में बेरोक वाणिज्य और नौवहन की स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डाला। दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री क्षेत्र के प्रबंधन, संरक्षण, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के उद्देश्य से सहयोगात्मक प्रयासों के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) में भाग लेने के लिए स्पेन को दिए गए भारत के निमंत्रण को स्वीकार किया। उन्होंने भारत के हिंद-प्रशांत विजन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ की रणनीति के बीच पूरकता को भी मान्यता दी।
30. भारत और लैटिन अमेरिकी क्षेत्र के बीच बढ़ते राजनीतिक और वाणिज्यिक संबंधों तथा स्पेन के साथ इसके ऐतिहासिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए, दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में निवेश और विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग की अपार संभावनाओं को पहचाना। स्पेन ने एसोसिएट ऑब्जर्वर के रूप में इबेरो-अमेरिकन सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया, जो लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने 2026 में स्पेन में आयोजित होने वाले इबेरो-अमेरिकन शिखर सम्मेलन द्वारा प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई, ताकि भारत स्पेन के प्रो टेम्पोर सचिवालय की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सके।
अंतर्राष्ट्रीय और बहुपक्षीय सहयोग
31. दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और अन्य बहुपक्षीय मंचों सहित संयुक्त राष्ट्र के भीतर सहयोग और समन्वय बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने वैश्विक शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के महत्व पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई जो वर्तमान वास्तविकताओं को दर्शाता है, जिससे यूएनएससी सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठन अधिक प्रतिनिधियुक्त, प्रभावी, लोकतांत्रिक, जवाबदेह और पारदर्शी बन सकें। भारत ने 2031-32 की अवधि में स्पेन की यूएनएससी उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जबकि स्पेन ने 2028-29 की अवधि के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
32. दोनों नेता 2025 में सेविला (स्पेन) में विकास के लिए वित्तपोषण पर होने वाले चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को स्थायी विकास लक्ष्यों को लागू करने के लिए आवश्यक संसाधन अंतर को पाटने में मदद करने के लिए प्राथमिकता वाले कार्यों की पहचान करने के एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखते हैं।
33. राष्ट्रपति सांचेज़ ने प्रधानमंत्री मोदी को जी-20 की अनुकरणीय अध्यक्षता के लिए बधाई दी, जिसने महत्वपूर्ण और जटिल वैश्विक दक्षिण मुद्दों को सफलतापूर्वक और समावेशी रूप से संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 में स्थायी आमंत्रित के रूप में चर्चाओं में स्पेन द्वारा दिए गए बहुमूल्य योगदान की सराहना की।
34. दोनों नेताओं ने दीर्घकालिक ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहयोग को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने पर सहमति जताई। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाइयों में तेजी लाने की आवश्यकता को पहचाना और बाकू में आगामी जलवायु शिखर सम्मेलन (सीओपी29) के संदर्भ में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्धता जताई, ताकि जलवायु वित्त पर एक नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य सहित एक महत्वाकांक्षी परिणाम प्राप्त किया जा सके जो पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के मद्देनजर देशों की लचीलापन और अनुकूलन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कार्रवाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। दोनों नेताओं ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन के शीघ्र समापन की आशा व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने हरित परिवर्तन के प्रति स्पेन की प्रतिबद्धता की सराहना की और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में स्पेन का स्वागत किया। राष्ट्रपति सांचेज़ ने लक्ष्य वर्ष से बहुत पहले अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत द्वारा की गई प्रगति की सराहना की। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए एक ठोस वैश्विक प्रयास की आवश्यकता होगी। दोनों पक्ष राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में पहले वैश्विक स्टॉकटेक सहित सीओपी28 के परिणामों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।
35. स्पेन ने भारत को आईडीआरए, अंतर्राष्ट्रीय सूखा लचीलापन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जिसे 2022 में शुरू किया गया था, जो तैयारी और अनुकूलन उपायों के माध्यम से देशों, शहरों और समुदायों की सूखे के प्रति संवेदनशीलता को कम करने के लिए ठोस कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए एक मंच है।
36. दोनों नेताओं ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की स्पष्ट रूप से निंदा की, जिसमें आतंकवादियों के छद्मों का उपयोग और सीमा पार आतंकवाद शामिल है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है, और सभी आतंकवादी हमलों के अपराधियों को बिना देरी के न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया। उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि वे अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र को आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने के लिए तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करें, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के दृढ़ कार्यान्वयन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अल कायदा, आईएसआईएस/दाएश, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और उनके छद्म समूहों सहित यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के पीड़ितों के समर्थन और उनके सशक्तीकरण में स्पेन की बहुपक्षीय पहल की सराहना की।
37. राष्ट्रपति सांचेज़ ने यात्रा के दौरान उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया तथा उन्हें निकट भविष्य में स्पेन की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया।
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