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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शतरंज ओलंपियाड विजेताओं से बातचीत की

Posted On: 26 SEP 2024 4:30PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने आवास पर शतरंज ओलंपियाड के विजेताओं से बातचीत की।

मिशन प्रमुख दिब्येंदु बरुआ ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाया कि भारत ने पहली बार इन प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि पहली बार लड़कों की टीम ने 22 अंकों में से 21 अंक हासिल किए, लड़कियों की टीम ने 22 अंकों में से 19 अंक हासिल किए और दोनों टीमों ने मिलकर कुल 44 अंकों में से 40 अंक हासिल किए।

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से खेल के दौरान स्थिति के बारे में पूछा। शतरंज खिलाड़ी हरिका द्रोणावल्ली ने भारतीय टीम की जीत पर खुशी जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि उनके प्रतिद्वंद्वियों ने भी जीत के जश्न में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विदित गुजराती ने भारत में शतरंज के खेल की लगातार बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी टीम को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। तानिया सचदेव ने प्रधानमंत्री को बताया कि इस प्रतियोगिता में 180 देशों ने हिस्सा लिया। उन्होंने चेन्नई में आयोजित शतरंज ओलंपियाड के पिछले संस्करण को याद किया, जहां दोनों भारतीय टीमों ने कांस्य पदक जीता था और अमेरिका से हार के बाद महिला टीम के हाथ से स्वर्ण पदक फिसल गया था। उन्होंने उल्लेख किया कि इस संस्करण में उन्होंने फिर से अधिक प्रेरणा के साथ खेला और अंततः स्वर्ण पदक जीता भले ही मैच बहुत करीबी रहा था और ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

प्रधानमंत्री ने इन प्रतियोगिताओं में सफल होने के दृढ़ संकल्प के लिए खिलाड़ियों की प्रशंसा की और उनकी विजयी मानसिकता को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने शतरंज प्रतियोगिता में लड़कों की टीम को 21 अंक और लड़कियों की टीम को 19 अंक मिलने पर आयोजकों की प्रतिक्रिया पूछी। तानिया ने कहा कि उनकी टीम ने संतोषजनक परिणाम हासिल किया, खासकर ओपन टीम में जहां प्रतिद्वंद्वी उनके करीब भी नहीं आ सके। पहले सात मैचों की सफलता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बीच में छोटी असफलता का सामना करने के बावजूद हमने दोगुने उत्साह के साथ वापसी की। गुकेश डोम्माराजू ने सफलता का श्रेय शानदार टीम प्रयास को दिया, जहां प्रत्येक खिलाड़ी उत्कृष्ट फॉर्म में था। भाग लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी ने उत्कृष्ट प्रतिभा दिखाई और टीम भावना के साथ खेला। उन्होंने कहा कि एथलीटों ने 2022 ओलंपियाड में स्वर्ण के मामूली अंतर से मजबूत प्रेरणा ली है। उन्होंने कहा कि टीम के सदस्यों ने टूर्नामेंट की शुरुआत से ही पूरे उत्साह के साथ खेला और पूरी टीम काफी प्रेरित थी।

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से उनके खेल में गलतियों को सुधारने या विरोधी खिलाड़ियों के खेल की प्रकृति को समझने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के बारे में पूछा। इसका जवाब देते हुए रमेशबाबू प्रज्ञाननंद ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ शतरंज के खेल के बारे में बात करते हुए कहा कि नई तकनीकें, बेहतर होते कंप्यूटर, शतरंज में कई नए विचारों को अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि हर समय विकसित हो रही नई तकनीक से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। विदित गुजराती ने आगे कहा कि प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जा रहा है और यह सभी के लिए उपलब्ध है।

दिव्या देशमुख ने कहा कि प्रतियोगिता के अंतिम चरण तक पहुंचने के लिए टीम के सभी सदस्यों का समर्पण और कड़ी मेहनत अद्भुत है। फिर बातचीत खिलाड़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकांश खिलाड़ियों के माता-पिता डॉक्टर हैं। विदित गुजराती ने बताया कि उनकी बहन भी डॉक्टर हैं। तानिया सचदेव ने देश के प्रत्येक खिलाड़ी को दिए गए अद्भुत समर्थन के लिए प्रधानमंत्री को विशेष धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से खेल के साथ उनके जुड़ाव के बारे में पूछा। खेलों पर अपनी राय व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई देश केवल धन, उद्योग और जीडीपी से एक विकसित देश नहीं बन सकता, बल्कि सिनेमा या विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल जैसे हर क्षेत्र में दक्षता की आवश्यकता होती है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने दिनों को याद करते हुए बताया जब वह खेल महाकुंभ का आयोजन करते थे जिसमें लाखों बच्चे भाग लेते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन बच्चों की प्रतिभा सामने आ रही है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि हमारे देश के युवाओं में अपार क्षमता है। श्री मोदी ने न केवल खेल बल्कि सामाजिक जीवन में भी खेल भावना को एक संस्कृति बनाने का आह्वान किया है, ताकि देश के सामाजिक जीवन को बेहतर बनाया जा सके।

ऐसे समय में जब देश में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री ने तनाव से उबरने के बारे में विदित गुजराती और तानिया सचदेव के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि व्यक्ति को शारीरिक रूप से फिट रहना चाहिए और ऐसी आदतें अपनानी चाहिए जिससे प्रदर्शन में सुधार हो। उन्होंने कहा, “अच्छे निर्णय लेने के लिए, आपको बहुत सारी जानकारी की आवश्यकता होती है - सकारात्मक और नकारात्मक दोनों। यह मानव स्वभाव है कि वह केवल वही सुनना चाहता है जो सुखद हो, लेकिन इससे निर्णयों में गलतियाँ हो सकती हैं।” उन्होंने सभी प्रकार की सूचनाओं का विश्लेषण करने, विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने, विशेषज्ञों से परामर्श करने और बिना जल्दबाजी के निर्णय लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “ इससे आपको चुनौतियों से निपटना आसान लगेगा। कुछ चीजें अनुभव के साथ आती हैं और जैसा कि मैंने पहले कहा है कि योग और ध्यान में वास्तविक शक्ति है।" प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कभी भी किसी चीज से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे आत्मसंतुष्टि आने लगती है। उन्होंने कहा, "हमारे अंदर हमेशा कुछ नया करने और अधिक करने की भूख होनी चाहिए।"

दिब्येंदु बरुआ ने प्रधानमंत्री को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और भारत के लिए दो ऐतिहासिक स्वर्ण पदकों की घोषणा पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने बस से वापसी में प्रधानमंत्री का भाषण देखने की जानकारी दी। 1998 में अपने पहले शतरंज ओलंपियाड को याद करते हुए, जहां गैरी कास्परोव और कारपोव जैसे खिलाड़ियों के ऑटोग्राफ का लोग इंतजार करते थे, श्री बरुआ ने कहा कि इस संस्करण में उन्हें गुकेश, ब्रह्मानंद, अर्जुन, दिव्या, हरिका और अन्य खिलाड़ियों द्वारा ऑटोग्राफ देते देखकर खुशी हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता ही नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के आत्मविश्वास का कारण है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वह हर खिलाड़ी को महत्व देते हैं और विश्वास व्यक्त किया कि यह खिलाड़ी अन्य शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत होंगे। उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने शतरंज के बड़े आयोजन किये जिसमें 20 हजार शतरंज खिलाड़ियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी दूसरों की सफलता भी प्रेरणा के रूप में कार्य करती है। शतरंज खिलाड़ी वंतिका अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को उस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति के बारे में बताया और कहा कि उनके प्रोत्साहन ने उन्हें भारत के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उस कार्यक्रम की एक तस्वीर भी प्रस्तुत की जिसमें प्रधानमंत्री उन्हें पुरस्कार देते हुए देखे जा सकते हैं। अंत में प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनके साथ अपना संवाद कार्यक्रम समाप्त किया।

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