प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम को संबोधित किया
पीएम ने कहा कि 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' (सुधार, निष्पादन और परिवर्तन) हमारा मंत्र रहा है।
पिछले दशक में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और एक नव-मध्यम वर्ग का निर्माण हुआ है
भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना हर भारतीय की आकांक्षा है
आधारभूत संरचना हमारे नागरिकों की सुविधा और जीवन की सुगमता में सुधार करने का एक साधन है
21वीं सदी का यह तीसरा दशक भारत के लिए एक उत्थान दशक की तरह है
हम अतीत के आधार पर नहीं बल्कि भविष्य पर नजर रखते हुए अपनी नीतियों को बना रहे हैं
उन्होंने कहा कि आज का भारत अवसरों की भूमि है। आज का भारत धन सृजन करने वालों का सम्मान करता है।
समृद्ध भारत वैश्विक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकता है
Posted On:
31 AUG 2024 10:13PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में आयोजित इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम को संबोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में देश के उज्ज्वल भविष्य को लेकर अद्भुत चर्चा हुई होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कि ये चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया को भारत पर भरोसा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज सफलता की नई कहानी लिख रहा है। सुधारों का प्रभाव अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के माध्यम से देखा जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने कई बार उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 90 प्रतिशत बढ़ी है जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में केवल 35 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसका श्रेय उन्होंने निरंतर वृद्धि हासिल करने को दिया और आश्वासन दिया कि यह भविष्य में भी जारी रहेगा।
पिछले वर्षों में लोगों की भलाई के लिए सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों ने करोड़ों नागरिकों के जीवन को प्रभावित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को सुशासन देना सरकार का संकल्प है।
पीएम ने कहा कि 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' (सुधार, निष्पादन और परिवर्तन) हमारा मंत्र रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों ने पिछले 10 वर्षों में सरकार की सेवा भावना और देश की उपलब्धियों को देखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए भारत के लोग नए विश्वास से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास खुद पर, विश्वास देश की प्रगति, विश्वास सरकार की नीतियों पर, फैसलों पर और विश्वास नीयत पर भी है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हो रहे चुनावों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने ज्यादातर जगहों पर बदलाव के लिए मतदान किया है, जबकि कई देशों की सरकारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसके उलट भारतीय मतदाताओं ने 60 साल बाद पहली बार किसी सरकार को तीसरी बार सत्ता सौंपी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के महत्वाकांक्षी युवाओं और महिलाओं ने निरंतरता, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए मतदान किया है। उन्होंने उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने इस बात का खास उल्लेख किया कि भारत की प्रगति वैश्विक सुर्खियों का हिस्सा बन रही है। हालांकि आंकड़ों का अपना महत्व है। श्री मोदी ने टिप्पणी की कि यह देखना भी उतना ही जरूरी है कि आखिर कितने लोगों का जीवन बदला है। उन्होंने कहा कि इसी में भारत के भविष्य का राज छिपा है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पिछले दशक में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और एक नव-मध्यम वर्ग का निर्माण किया है। उन्होंने आगे कहा कि इसकी गति और पैमाना ऐतिहासिक है और दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक समाज में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। श्री मोदी ने बताया कि यह परिवर्तन गरीबों के प्रति सरकार के दृष्टिकोण में बदलाव के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि आकांक्षाओं और संघर्ष की भावना के बावजूद गरीबों को बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबों की बाधाओं को दूर करके और उनका सहयोग करके उनके सशक्तिकरण का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन और गारंटी-मुक्त ऋण जैसे लाभों के साथ गरीबों के जीवन में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि आज आर्थिक रूप से कमजोर लोग उद्यमी बन रहे हैं और कनेक्टिविटी और उपकरणों की मदद से वे अब 'बेहतर जानकार नागरिक' बन रहे हैं। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग गरीबी से बाहर निकल रहे हैं उनमें प्रगति की तीव्र इच्छा है और उनकी आकांक्षाओं के कारण नए बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां उनकी रचनात्मकता नवाचार के नए रास्ते बना रही थी, वहीं उनका कौशल (कार्य कुशलता)उद्योग की दिशा तय कर रहा था। उनकी जरूरतें बाजार की दिशा तय कर रही थीं और उनकी आय वृद्धि बाजार में मांग को बढ़ा रही थी। श्री मोदी ने इस बात की सराहना की कि भारत का नव-मध्यम वर्ग देश की प्रगति के लिए सबसे बड़ी ताकत साबित हो रहा है।
चुनाव परिणामों के उस दिन को याद करते हुए जब प्रधानमंत्री ने सरकार के तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से काम करने की बात कही थी, उन्होंने आश्वासन दिया कि इरादे आज और भी मजबूत हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिकों की तरह ही सरकार नए विश्वास और आशा से भरी हुई है। यह देखते हुए कि सरकार के तीसरे कार्यकाल को अभी 100 दिन पूरे होने हैं पीएम मोदी ने भौतिक अवसंरचना के आधुनिकीकरण, सामाजिक बुनियादी ढांचे के विस्तार और सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 3 महीनों में सरकार ने गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं।
हाल की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के मकान, एकीकृत पेंशन योजना, कृषि बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए 1 लाख करोड़ का फंड, किसानों के लिए कई बीजों के बेहतर गुणवत्ता वाले संस्करणों की शुरुआत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2 लाख करोड़ रुपये का पीएम पैकेज, जिसका सीधा फायदा 4 करोड़ से ज्यादा युवाओं को मिलेगा। साथ ही उन्होंने ग्रामीण पृष्ठभूमि से 11 लाख नई लखपति दीदियों का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने लखपति दीदी कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि इसने महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले वधावन बंदरगाह की आधारशिला रखने के लिए कल महाराष्ट्र के पालघर जाने का जिक्र किया। उन्होंने तीन दिन पहले 30,000 करोड़ रुपये के निवेश से 12 नए औद्योगिक शहर विकसित करने, 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के 9 हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण और 30,000 करोड़ रुपये से पुणे, ठाणे और बेंगलुरु मेट्रो के विस्तार के फैसले के बारे में भी लोगों को बताया। उन्होंने बताया कि दुनिया की सबसे ऊंची सुरंगों में से एक का निर्माण लद्दाख में शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री ने आज तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना करके भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होने का उल्लेख किया। सरकार के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लिए, बुनियादी ढांचे का मतलब केवल लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ाना नहीं है। यह भारत के नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाने का एक साधन है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे के विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ट्रेन के डिब्बों का निर्माण पहले भी होता था, लेकिन हम वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन लेकर आए हैं, जो गति और आराम दोनों प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि इन नई ट्रेनों का शुभारंभ देश के परिवहन बुनियादी ढांचे में क्रांति लाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो तेजी से आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहे राष्ट्र की जरूरतों के अनुरूप है।
देश की कनेक्टिविटी को उन्नत करने की सरकार की प्रतिबद्धता का विस्तार करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश में सड़कें पहले भी बनाई गई थीं, लेकिन हम पूरे भारत में आधुनिक एक्सप्रेसवे का एक नेटवर्क बिछा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से छोटे शहरों में हवाई संपर्क बढ़ाने के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि हवाई अड्डे पहले भी थे, लेकिन हमारी सरकार टियर-2 और टियर-3 शहरों को हवाई संपर्क के साथ जोड़ रही है। सरकार का प्रयास है कि आधुनिक परिवहन का लाभ भारत के सभी हिस्सों तक पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के बारे में भी बात की, जिसका उद्देश्य सरकारी विभागों में अलग-अलग काम करने के तरीके को खत्म करना और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एकीकृत, समन्वित दृष्टिकोण बनाना है। उन्होंने सरकार की पहल के व्यापक आर्थिक लाभों को रेखांकित करते हुए कहा कि ये प्रयास रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर सृजित कर रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था और उद्योग पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
श्री मोदी ने घोषणा की कि 21वीं सदी का तीसरा दशक भारत के लिए एक उत्थान दशक की तरह है। उन्होंने इस गति को आगे बढ़ाने में सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विकास का लाभ देश भर के सभी लोगों तक पहुंचे। भारत की अर्थव्यवस्था और निजी क्षेत्र के हितधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने उन स्तंभों पर जोर दिया जो एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि ये स्तंभ न केवल भारत की समृद्धि की नींव हैं बल्कि वैश्विक समृद्धि के पिलर भी हैं। जैसा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों में प्रगति देखी जा रही है, प्रधानमंत्री ने देश की दीर्घकालिक दृष्टि में योगदान देने वाली सभी पहलों के लिए सरकार के समर्थन और सहयोग की पुष्टि की। उन्होंने बड़ी छलांग लगाने की जरूरत बताई और कहा कि सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर काम कर रही है।
श्री मोदी ने इस बात का खास उल्लेख किया कि भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना हर भारतीय की आकांक्षा है। उन्होंने कहा कि दुनिया की भारत से यही अपेक्षा भी थी और आज देश में इस दिशा में एक क्रांति का माहौल है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज एमएसएमई को पहले की तुलना में देश में बहुत आवश्यक सहयोग मिल रहा है। सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रयासों को सूचीबद्ध करते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क और आर्थिक गलियारों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, महत्वपूर्ण खनिजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में पीएलआई योजनाओं ने जो सफलता हासिल की है वह अपने आप में अभूतपूर्व है।
गुलामी से पहले के कालखंड को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्धि का एक बड़ा आधार हमारी ज्ञान प्रणाली थी, जो विकसित भारत का एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार भारत को कौशल, ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए उद्योग और शिक्षा जगत को भागीदार बना रही है। श्री मोदी ने आगे कहा कि इस वर्ष के बजट में इस पर बहुत जोर दिया गया है, जिसका असर 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान कोष के रूप में देखने को मिला है। श्री मोदी ने मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों द्वारा विदेश में पढ़ाई पर भारी मात्रा में पैसा खर्च करने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार लोगों को अत्यधिक खर्च से बचाने के लिए भारत में शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर खोलने जैसे कदम उठा रही है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के बाद पहले 7 दशकों में 80 हजार की तुलना में पिछले दशक में लगभग 1 लाख नई एमबीबीएस-एमडी सीटें बढ़ाई गईं। उन्होंने इस साल के स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान अगले 5 वर्षों में 75 हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाने की घोषणा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह कदम निकट भविष्य में भारत को दुनिया में स्वास्थ्य और कल्याण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'ग्लोबल फूड बास्केट' बनने के लिए देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने सरकार के संकल्प को बताते हुए लक्ष्य पर जोर दिया कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर कम से कम एक खाद्य उत्पाद भारत में बना होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार भारत के डेयरी और सीफूड (समुद्री भोजन) उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दे रही है। भारत की हालिया उपलब्धियों पर विचार करते हुए श्री मोदी ने भारत द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज (बाजरा) वर्ष के वैश्विक उत्सव पर प्रकाश डाला। "दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक कौन है? यह भारत है। उन्होंने प्रकृति और प्रगति दोनों के लिए सुपरफूड के दोहरे लाभों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने शीर्ष वैश्विक खाद्य ब्रांडों के बीच भारत की बढ़ती उपस्थिति पर संतोष व्यक्त किया, जो खाद्य उद्योग में देश की प्रगति को दर्शाता है।
विकसित भारत के एक अन्य महत्वपूर्ण स्तंभ पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने हरित ऊर्जा क्षेत्र के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने जी-20 में भारत की सफलता पर प्रकाश डाला, जहां हरित हाइड्रोजन पहल को सभी देशों से समर्थन मिला और 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की क्षमता विकसित करने के साथ-साथ उसी वर्ष तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीक के साथ-साथ भारत के विकास के एक मजबूत आधार के रूप में पर्यटन की भूमिका को रेखांकित किया, जिसने पहले ही देश की प्रगति को गति दी है। उन्होंने भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को बढ़ाने और छोटे समुद्र तटों को विकसित करने के चल रहे प्रयासों पर जोर देते हुए घोषणा की कि भारत दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए शीर्ष गंतव्य (टॉप डेस्टिनेशन) बनने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने 'देखो अपना देश, लोगों की पसंद' अभियान पर भी प्रकाश डाला, जहां लोग भारत के शीर्ष पर्यटन स्थलों की पहचान करने के लिए मतदान कर रहे हैं। इन्हें बाद में मिशन मोड में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए समावेशी वैश्विक विकास के महत्व पर भी जोर दिया। भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद किया और हमारे अफ्रीकी दोस्तों को सशक्त बनाने में मदद की। उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की, जहां ग्लोबल साउथ में सबसे बड़ी संभावनाएं हों। उसमें भारत वैश्विक भाईचारे की भावना से इन देशों के लिए मुखर रूप से काम कर सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम एक ऐसी विश्व व्यवस्था चाहते हैं जो सभी के लिए विशेषकर ग्लोगबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करे।
दुनिया की गतिशील प्रकृति को पहचानते हुए श्री मोदी ने भारत सरकार की नीतियों और रणनीतियों की अनुकूलन क्षमता पर प्रकाश डाला। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, क्वांटम मिशन, सेमीकंडक्टर मिशन और डीप ओशन मिशन जैसी पहल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान भविष्य पर है। हम आज देश को कल की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा हाल ही में 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि आज का भारत अवसरों की भूमि है, और हमें विश्वास है कि भारत का भविष्य और भी उज्जवल होगा।
अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत के विकसित भारत बनने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने सभी नागरिकों और हितधारकों को इस यात्रा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और भारत में और अधिक कंपनियों को वैश्विक ब्रांड बनते देखने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत दुनिया भर में हर क्षेत्र में नेतृत्व करे। उन्होंने आश्वासन दिया कि हम एक स्थिर नीतिगत व्यवस्था और विकास को सुगम बनाने, सुधार करने और उसे प्रदान करने का भरोसा देते हैं। उन्होंने सभागार में मौजूद लोगों से कहा कि आपको नवाचार करने, बेहतर प्रदर्शन करने, सकारात्मक आलोचना करने और उच्च गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने का वादा करना चाहिए। उन्होंने सभी से बड़ा सोचने और भारत की सफलता की कहानियां लिखने में सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि आज का भारत धन सृजन करने वालों का सम्मान करता है। समृद्ध भारत वैश्विक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने नवाचार, समावेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मंत्रों को याद रखने का आग्रह किया और देश व विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय से अपील की कि आइए इस रास्ते पर एक साथ चलें, क्योंकि भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए यह निष्कर्ष निकाला कि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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एमजी/एआर/आरकेजे
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