प्रधानमंत्री कार्यालय
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18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री का वक्तव्य

Posted On: 07 SEP 2023 1:28PM by PIB Delhi

Your Excellency राष्ट्रपति विडोडो,
Your Majesty, 
Excellencies,
नमस्कार 


"East Asia Summit” में एक बार फिर से भाग लेना मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है।मैं राष्ट्रपति विडोडो को उनके उत्कृष्ट संचालन के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। मैं इस बैठक में Observer के रूप में तिमोर लेस्ते के प्रधानमंत्री His Excellency "सेनाना गुज़माओ” का भी स्वागत करता हूं।East Asia Summit एक बहुत महत्वपूर्ण मंच है। इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में strategic issues पर बातचीत और सहयोग के लिए ये एकमात्र Leaders led mechanism है। ये एशिया का प्रमुख confidence building mechanism भी है। और इसकी सफलता का मूल आसियान centrality है। 

Your Majesty, Excellencies,

भारत "आसियान outlook on Indo-Pacific” का पूर्ण समर्थन करता है। इंडो-पेसिफिक के लिए भारत और आसियान के Vision में सामंजस्य है। और इसीलिए ‘East Asia Summit’ "Indo-Pacific Oceans Initiative” को implement करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।QUAD के vision का केंद्रबिंदु आसियान है।QUAD का सकारात्मक अजेंडा आसियान के विभिन्न mechanisms को complement करता है। 

Your Majesty, Excellencies,

वर्तमान वैश्विक परिदृश्य कठिन परिस्तिथियों और अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है । आतंकवाद, उग्रवाद, और geo-political conflicts हम सभी के लिए बड़ी चुनौतियाँ है। इनका सामना करने के लिए multilateralism, और rules based international order अहम हैं।अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पूरी तरह पालन होना आवश्यक है। और सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुदृढ़ करने के लिए सबकी प्रतिबद्धता और साझा प्रयास भी आवश्यक हैं। जैसा मैंने पहले भी कहा है – आज का युग युद्ध का नहीं है। Dialogue और diplomacy ही समाधान का रास्ता है।

Your Majesty, Excellencies,

म्यांमार में भारत की नीति, आसियान के views को ध्यान में रखती है। साथ ही, एक पड़ोसी देश के तौर पर सीमाओं पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना;और भारत- आसियान कनेक्टिविटी को बढ़ाना भी हमारा फ़ोकस है।

इंडो-पेसिफिक में शांति, सुरक्षा और समृद्धि में ही हम सबका हित है। Need of the hour है एक ऐसा इंडो-पैसिफिक - जहां UNCLOS सहित अंतरराष्ट्रीय कानून सभी देशों के लिए समान रूप से लागू हों; जहां navigation और overflight की स्वतंत्रता हो ; और जहां सभी के फ़ायदे के लिए unimpeded lawful commerce हो।भारत का मानना है की South China Sea के लिए Code of Conduct प्रभावकारी हो; UNCLOS के अनुरूप हो; और इसमें उन देशों के हितों का भी ध्यान रखा जाए जो चर्चाओं का हिस्सा नहीं हैं। 

Your Majesty, Excellencies,

Climate change, cyber security, food, health और energy सम्बन्धी चुनौतीयों का ग्लोबल साउथ पर विशेष प्रभाव पड़ रहा है।अपनी G20 अध्यक्षता में हम ग्लोबल साउथ से जुड़े इन अहम मुद्दों पर फ़ोकस कर रहें हैं। 

Your Majesty, Excellencies,

मैं एक बार पुनः East Asia Summit process के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता हूँ। मैं आगामी Chair लाओ पी. डी. आर. को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ ।और उनकी अध्यक्षता को भारत के पूर्ण समर्थन का विश्वास दिलाता हूँ। 

धन्यवाद।

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DS/ST


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