विद्युत मंत्रालय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विद्युत मंत्रालय के तहत एक मिनी रत्‍न विद्युत सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीपको लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया

Posted On: 19 NOV 2022 12:59PM by PIB Delhi

 

  • अरुणाचल प्रदेश में 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन भारत सरकार के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को पूरा करने की दिशा में एक प्रमुख कदम होगा।
  • यह परियोजना वर्ष 2030 तक 30,000 मेगावाट की अनुमानित जलविद्युत क्षमता का एक हिस्सा होगी।
  • यह परियोजना लगभग 8200 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैली हुई है।
  • यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश को बिजली सरप्‍लस राज्‍य बना देगी जिससे राष्ट्रीय ग्रिड को ग्रिड स्थिरता तथा ग्रिड में सौर और पवन ऊर्जा संसाधनों के एकीकरण और संतुलन के मामले में भारी लाभ होगा।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया, जो विद्युत मंत्रालय के अधीन मिनी रत्न विद्यत सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीपको लिमिटेड द्वारा लागू की गई सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।

 

 

कामेंग डैम और हाइड्रो पावर स्टेशन, अरुणाचल प्रदेश के हवाई दृश्य

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्रीय विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के.सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए इस परियोजना की नियमित रूप से निगरानी की है कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद कामेंग जलविद्युत परियोजना शुरू हो और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन तथा अरुणाचल प्रदेश में समृद्धि लाने के लिए राष्ट्र को समर्पित हो। उन्‍होंने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास और ऊर्जा बदलाव तथा ग्रिड स्थिरता के लिए जल विद्युत के विकास को उच्च प्राथमिकता दी है।

 

उत्तर पूर्व में छठे जल विद्युत संयंत्र यानी अरुणाचल प्रदेश में 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन की स्‍थापना पेरिस समझौता 2015 के तहत भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) की शपथ को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। यह परियोजना वर्ष 2030 तक 30,000 मेगावाट की अनुमानित जल विद्युत  क्षमता का एक हिस्‍सा बनेगी।

 

यह परियोजना लगभग 8200 करोड़ रुपये की लागत से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली हुई है।

 

इस परियोजना में 3353 मिलियन यूनिट विद्युत पैदा करने के लिए 150 मेगावाट की चार यूनिट वाले दो बांध तथा एक बिजलीघर शामिल हैं। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 3353 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन अरुणाचल प्रदेश को ग्रिड स्थिरता और ग्रिड में सौर तथा पवन ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण और संतुलन के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को भारी लाभ पहुंचाने के साथ एक सरप्‍लस विद्युत वाला राज्य भी बना देगा।

 

पूरी दुनिया में अधिकांश बुनियादी ढांचा परियोजनाएं कोविड-19 महामारी द्वारा पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं। लेकिन इस बड़ी परियोजना को नीपको लिमिटेड (यह भारत सरकार का उद्यम और महारत्न, एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है) द्वारा सभी बाधाओं के बावजूद जून, 2020  से फरवरी, 2021 तक उत्‍तरोतर रूप से चालू किया गया था।

 

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री चोवना मीन तथा सांसद श्री नबाम रेबिया इस समारोह में शामिल हुए।

 

नीपको लिमिटेड, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन अनुसूची-ए वाला मिनी रत्न उद्यम है जो एक प्रमुख विद्युत उत्‍पादन उद्यम है जिसकी कुल परिचालन क्षमता 2057 मेगावाट है जिसमें हाइड्रो, प्राकृतिक गैस आधारित/थर्मल पावर स्टेशनों के साथ-साथ सौर संयंत्र भी शामिल है। इसने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में विद्युत  परिदृश्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह कंपनी अब सौर के साथ-साथ बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लिए जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर रही है।

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“कामेंग डैम और हाइड्रो पावर स्टेशन, अरुणाचल प्रदेश के हवाई दृश्य

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