वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने “रिकवर टूगेदर, रिकवर स्ट्रांगर” विषय पर आयोजित जी-20सेमिनार में भाग लिया
Posted On:
09 DEC 2021 2:29PM by PIB Delhi
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जी20अध्यक्ष,इंडोनेशिया द्वारा बाली में आयोजित जी20 अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में नई दिल्ली से वर्चुअल रूप में भाग लिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी20अध्यक्ष, इंडोनेशियाद्वारा बाली में आयोजित जी20 अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को नई दिल्ली से वर्चुअल रूप में संबोधित करती हुईं
इस वर्ष के लिए जी20 की थीम, “रिकवर टूगेदर, रिकवर स्ट्रांगर” पर अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की मजबूत, स्थायी, संतुलित और समावेशी की स्थिति को फिर से प्राप्त करने के लिएसभी देशों की सामूहिक प्रगति सुनिश्चित करना अनिवार्य है।उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बहुपक्षवाद और सामूहिक कार्य की भूमिका महत्वपूर्ण है। श्रीमती सीतारमण ने वैश्विक स्तर पर फिर से पहले की बेहतर स्थिति को प्राप्त करने में समावेश, निवेश, नवाचार और संस्थानों के महत्व को भी रेखांकित किया।
वित्त मंत्री ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फिर से पहले की स्थिति प्राप्त करने में असमानताओं को समाप्त करने के साथ टीकों औरदवाओं को किफायती बनाने तथा इन तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया। इस संदर्भ में श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अब तक भारत टीकों की 1.25 बिलियन से अधिक खुराकें दे चुका है और 90 से अधिक देशों को 72 मिलियन से अधिक वैक्सीन खुराकों की आपूर्ति की है, जिनमें अनुदान के रूप में दिए गए टीके भी शामिल हैं।यह वैश्विक स्तर पर समन्वित होकर कार्य करने के सन्दर्भ में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वित्त मंत्री ने विकास पथ पर त्वरित और स्थिर वापसी को सक्षम बनाने के लिए अवसंरचना के निवेश में वृद्धि के महत्व पर जोर दिया।
श्रीमती सीतारमण ने इस बात पर भी जोर दिया कि पर्यावरण-अनुकूल निवेश, सरकारों के पुनर्निर्माण के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने जी20 से इस बात पर विचार-विमर्श करने का आह्वान किया कि विकासशील देशों को जलवायु वित्त और पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियां कैसे उपलब्ध कराई जा सकती हैं, ताकि पर्यावरण-अनुकूल विकास की दिशा में उनके प्रयासों को प्रोत्साहन दिया जा सके और इनमें तेजी लाई जा सके।
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