Posted On:
03 JUN 2021 10:23AM by PIB Delhi
नीति आयोग द्वारा आज एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21 का तीसरा संस्करण जारी किया गया। वर्ष 2018 में अपने उद्घाटन के बाद से, यह सूचकांक व्यापक रूप से सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति का दस्तावेजीकरण और उनकी रैंकिंग निर्धारित कर रहा है। अब अपने तीसरे वर्ष में, यह सूचकांक देश में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी)से जुड़ी प्रगति की निगरानी का प्राथमिक उपकरण बन गया है और साथ ही साथ इसने राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने डॉ. विनोद पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, श्री अमिताभ कांत, सीईओ,नीति आयोगऔर सुश्री संयुक्ता समाद्दार, सलाहकार (एसडीजी), नीति आयोगकी उपस्थिति में ‘एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21: पार्टनरशिप्स इन द डिकेड ऑफ एक्शन’ शीर्षक रिपोर्ट जारी की। नीति आयोग द्वारा परिकल्पित और विकसित, इस सूचकांक को प्राथमिक हितधारकों- राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों; भारत में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों; सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई)और अन्य प्रमुख केन्द्रीय मंत्रालयों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है।
इस रिपोर्ट को जारी करने के अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि “एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड के माध्यम से एसडीजी की निगरानी के हमारे प्रयास पर दुनिया भर में व्यापक रूप से गौर किया और सराहा जा रहा है। एसडीजी पर एक समग्र सूचकांक की गणना करके हमारे राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों को वर्गीकृत करने का यह एक दुर्लभ डेटा-संचालित पहल है। हमें विश्वास है कि यह प्रेरणा और अनुकरण का विषय बना रहेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निगरानी के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।”
अब जबकि 2030 एजेंडा को प्राप्त करने की दिशा में हमने एक तिहाई यात्रा पूरी कर ली है और इसके आगे की यात्रा अभी बाकी है, इस सूचकांक रिपोर्ट का यह संस्करण एक विषय के रूप में साझेदारी के महत्व पर केन्द्रित है। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा कि “यह रिपोर्ट एसडीजी प्रयासों के दौरान हमारे द्वारा बनाई और मजबूत की गई साझेदारी को दर्शाती है। इसमें वर्णित विवरण इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे सहयोग से जुड़े पहलों के परिणाम बेहतर और अधिक प्रभावी हो सकते हैं।”
साझेदारी के विषय पर, जोकि लक्ष्य 17 काकेन्द्रीय तत्व है, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल ने कहा कि “यह साफ है कि साथ मिलकर काम करके हम एक अधिक लचीला और टिकाऊ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं, जहां कोई भी पीछे नहीं छूटेगा।”
सुश्री संयुक्ता समाद्दार, सलाहकार (एसडीजी), नीति आयोग ने कहा कि “2018 में इस रिपोर्ट के पहले संस्करण में 62 संकेतकों के साथ 13 लक्ष्यों को कवर करने से लेकर इसके तीसरे संस्करण में लक्ष्य 17 के बारे में गुणात्मक मूल्यांकन के साथ इस महत्वपूर्ण उपकरण को परिष्कृत करने की दिशा में किए गए हमारे निरंतर प्रयासों को दर्शाते हुए115 मात्रात्मक संकेतकों पर 16 लक्ष्यों को शामिल किया गया है।”
नीति आयोग के पास देश में एसडीजी को अपनाने एवं उसके पर्यवेक्षण पर निगरानी करने और राज्यों एवं केन्द्र- शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का दोहरा अधिकार है। यह सूचकांक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े होने के साथ–साथ 2030 एजेंडा के तहत वैश्विक लक्ष्यों की व्यापक प्रकृति की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इस सूचकांक की मॉड्यूलर प्रकृति स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग, आर्थिक विकास, संस्थानों, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण सहित निर्धारित लक्ष्यों की विस्तृत प्रकृति पर राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों की प्रगति का आकलन करने का एक नीतिगत उपकरण और एक तैयार कसौटी बन गया है।
दाएं से बाएं: डॉ विनोद पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य); डॉ राजीव कुमार, उपाध्यक्ष; श्री अमिताभ कांत, सीईओ; और सुश्री संयुक्ता समाद्दार, सलाहकार (एसडीजी), नीति आयोग
एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21: तीसरे संस्करण का एक परिचय
भारत में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विकसित एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21सभी राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों की प्रगति को उन 115 संकेतकों पर आंकता है जो सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई)के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) से जुड़े हैं। प्रत्येक संस्करण के साथ इस महत्वपूर्ण उपकरण को परिष्कृत और बेहतर बनाने की पहल निरंतर बेंचमार्क प्रदर्शन एवं प्रगति को मापने और राज्यों एवंकेन्द्र - शासित प्रदेशों से जुड़े नवीनतम एसडीजी-संबंधित डेटा की उपलब्धता के हिसाब से की गई है। इन 115 संकेतकों के चयन की प्रक्रिया में केन्द्रीय मंत्रालयों के साथ किए गए कई दौर के परामर्श शामिल थे। सभी राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी और उन्होंने स्थानीयकरण के इस उपकरण के एक आवश्यक हितधारक और दर्शक के रूप मेंअपनी स्थानीय अंतर्दृष्टि और जमीनी अनुभवों से राय लेने की इस प्रक्रिया को समृद्ध करके सूचकांक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) केसाथ अपेक्षाकृत अधिक साम्य रखते हुए लक्ष्यों और संकेतकों के व्यापक कवरेज की वजह से पिछले संस्करणों की तुलना में अधिक मजबूत है। कुल 115 संकेतक लक्ष्य -17 के बारे में गुणात्मक मूल्यांकन के साथ कुल 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में से 16 को शामिल करते हैंऔर 70 एसडीजी से जुड़े प्रयोजनों को कवर करते हैं। यह इस सूचकांक के 2018-19 और 2019–20 के संस्करणों, जिनमें क्रमशः 39 प्रयोजनों एवं 13 लक्ष्यों पर 62 संकेतकों और 54 प्रयोजनों एवं 16 लक्ष्यों पर 100 संकेतकों का उपयोग किया गया था, की तुलना में एक सुधार है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स प्रत्येक राज्य और केन्द्र - शासित प्रदेश के लिए 16 एसडीजी पर लक्ष्य-वार स्कोर की गणना करता है। कुल मिलाकर राज्य और केन्द्र - शासित प्रदेश के स्कोर 16 एसडीजी पर उनके प्रदर्शन के आधार पर उप-राष्ट्रीय इकाई के समग्र प्रदर्शन को मापने के लिए गणना किये गये लक्ष्य-वार स्कोर में से निकाले जाते हैं। ये स्कोर 0-100 के बीच होते हैं, और अगर कोई राज्य/केन्द्र- शासित प्रदेश 100 का स्कोर प्राप्त करता है, तो यह इस तथ्य को दर्शाता है कि उस राज्य/केन्द्र - शासित प्रदेश ने 2030 के लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। किसी राज्य/केन्द्र - शासित प्रदेश का स्कोर जितना अधिक होगा, उतनी ही अधिक दूरी तक उसने लक्ष्य हासिल कर लिया होगा।
राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों को उनके एसडीजी इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर निम्नलिखित तरीके से वर्गीकृत किया जाता है:
· प्रतियोगी (एस्पीरेंट): 0–49
· प्रदर्शन करने वाला (परफ़ॉर्मर): 50–64
· सबसे आगे चलने वाला (फ्रंट - रनर): 65–99
· लक्ष्य पाने वाला (एचीवर): 100
समग्र परिणाम और निष्कर्ष
देश के समग्र एसडीजी स्कोर में 6 अंकों का सुधार हुआ है - 2019 में 60 से बढ़कर 2020-21 में 66 पहुंचा। लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में यह सकारात्मक कदम बड़े पैमाने पर लक्ष्य -6 (साफ पानी और स्वच्छता) और लक्ष्य - 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) के बारे में अनुकरणीय देशव्यापी प्रदर्शन से प्रेरित है, जिसमें समग्र लक्ष्य स्कोर क्रमशः 83 और 92 हैं।
लक्ष्य-वार भारत का परिणाम, 2019 - 20 और 2020 - 21:
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 में सबसे ऊपर– पांच और सबसे नीचे– पांच राज्य :
एसडीजी 2020-21 के मामले में राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों का प्रदर्शन और रैंकिंग, पिछले साल के स्कोर में अंतर सहित:
2019 के स्कोर में सुधार के मामले में मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड 2020-21 में क्रमशः 12, 10 और 8 अंकों की वृद्धि के साथ शीर्ष पर हैं।
तेजी से आगे बढ़ने वाले शीर्ष राज्य (स्कोर-वार):
जहां 2019 में, दस राज्य/केन्द्र- शासित प्रदेश फ्रंट-रनर की श्रेणी में थे (स्कोर 65-99 की सीमा में, दोनों को मिलाकर), वहीं 2020-21 में बारह और राज्य/केन्द्र- शासित प्रदेश इस श्रेणी में पहुंच गये हैं। उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मिजोरम, पंजाब, हरियाणा, त्रिपुरा, दिल्ली, लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख फ्रंट-रनर (65 और 99 के बीच स्कोर, दोनों को मिलाकर) की श्रेणी में पहुंच गए हैं।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट का एक खंड देश के सभी 36 राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों को समर्पित है। सभी लक्ष्यों में 115 संकेतकों पर प्रदर्शन का विश्लेषण करने की दृष्टि से ये राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश नीति निर्माताओं, विद्वानों और आम जनता के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।
इस रिपोर्ट से एक राज्य/केन्द्र- शासित प्रदेश के प्रोफ़ाइल का नमूना:
इसके बाद राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों में एसडीजी के स्थानीयकरण की प्रगति पर एक अनूठा खंड है। यह खंड संस्थागत संरचनाओं, एसडीजी की परिकल्पना से संबंधित दस्तावेजों, राज्य और जिला स्तर के संकेतक ढांचे और राज्य एवं केन्द्र- शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा की गई अन्य पहलों के बारे में एक अद्यतन जानकारी प्रदान करता है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 एक ऑनलाइन डैशबोर्ड पर भी लाइव है, जिसकी प्रासंगिकता नीति, नागरिक समाज, व्यवसाय और शिक्षा के क्षेत्र में है। इस सूचकांक को विकास कार्यों के माध्यम से केंद्रित नीतिगत संवाद, निर्माण और कार्यान्वयन के एक उपकरण के रूप में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसका आकलन एसडीजी ढांचे के विश्व स्तर पर पहचाने जाने योग्य मीट्रिक के लिए किया गया है। यह सूचकांक और डैशबोर्ड एसडीजी पर नज़र रखने से संबंधित महत्वपूर्ण अंतरालों की पहचान करने और भारत को राज्य/केन्द्र - शासित प्रदेशों के स्तर पर अपनी सांख्यिकीय प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता की पहचान करने में भी सहायता प्रदान करेगा। एसडीजी के स्थानीयकरण की ओर देश की यात्रा में एक और मील के पत्थर के रूप में, इस सूचकांक को वर्तमान में नीति आयोग द्वारा आगे आने वालेपूर्वोत्तर क्षेत्र के जिला स्तर के एसडीजी सूचकांक के लिए जिलों के खुरदरे स्तर पर अनुकूलित और विकसित किया जा रहा है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020–21 डैशबोर्ड का एक फोटो:
नीति आयोग को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर एसडीजी को अपनाने और उसकी निगरानी में समन्वय स्थापित करने का अधिकार है। एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों को अपनी प्रगति को चिन्हित करने, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने और अच्छी प्रथाओं को साझा करने के लिए साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करने की दिशा में नीति आयोग के प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है।
संपूर्ण एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है: https://wgz.short.gy/SDGIndiaIndex
इंटरैक्टिव डैशबोर्ड को यहां देखा जा सकता है: http://sdgindiaindex.niti.gov.in/
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एमजी/एएम/आर/एसएस