इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
जीएसटी की ई-इनवॉइस प्रणाली के तीन महीने पूरे; 37,000 से अधिक कर दाताओं को 1680 लाख से अधिक इनवॉइस रेफरेंस नंबर (आईआरएन) प्राप्त करने में मदद मिली
नवंबर 2020 में 589 लाख ई-इनवॉइस की तुलना में दिसंबर 2020 में 603 लाख ई-इनवॉइस जारी किए गए
Posted On:
02 JAN 2021 1:03PM by PIB Delhi
देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में इलेक्ट्रॉनिक चालान जिसे जीएसटी ई-इनवॉइस के नाम से जाना जाता है, इस प्रणाली ने तीन महीने पूरे कर लिए है। ये जीएसटी प्रणाली में अभूतपूर्व बदलाव लाने में सफल रही है जिससे करदाताओं को इस नई व्यवस्था को अपनाना आसान हुआ है। इसने एनआईसी द्वारा विकसित ई-इनवॉइस प्रणाली के माध्यम से पिछले तीन माह में 37,000 से अधिक करदाताओं को 1680 लाख से अधिक इनवॉइस रेफरेंस नंबर (आईआरएन) प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
अक्टूबर 2020 के दौरान 495 लाख के साथ शुरू इस ई-इनवॉइस प्रणाली ने नवंबर 2020 में 589 लाख और दिसंबर 2020 में 603 लाख ई-इनवॉइस जारी किए। दिलचस्प बात यह है कि एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) द्वारा विकसित ई-वे बिल प्रणाली से ई-वे बिल जारी करने की संख्या सितंबर से दिसंबर के बीच अपने पिछले वर्षों के मुकाबले उच्चतम रही है।
तीन माह की इस यात्रा में इस प्रणाली से आईआरएन उत्पन्न करने की प्रक्रिया आसान रही है। मगर कई मौकों पर समान दस्तावेज़ संख्या पर बार-बार अनुरोध, समान दस्तावेज़ संख्या पर एक साथ अनुरोध, सत्यापन या गणना में त्रुटियों जैसी समस्याएं भी देखी गई हैं। एनआईसी हेल्प डेस्क द्वारा किए गए सक्रिय उपाय, मेल के माध्यम से मुद्दों के बारे में करदाताओं के साथ संचार और फोन करके त्रुटियों को कम करने की सुविधा प्रदान की गई है। एनआईसी ने आईआरएन का अनुरोध करने वाले उपयोगकर्ताओं को दैनिक अपडेट भेजना भी शुरू कर दिया है।
सरकार ने 1 जनवरी 2021 से आईआरएन उत्पन्न करने वालों के लिए कुल कारोबार की सीमा घटाकर 100 करोड़ प्रति वर्ष कर दी है। एनआईसी ने पहले ही इन करदाताओं के लिए एपीआई और ऑफ़लाइन उपकरण आधारित साइटों को सक्षम बना दिया है। एनआईसी ने करदाताओं को 1 जनवरी 2021 से ई-इनवॉइस उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा मुहैया कराने के लिए पहले ही तैयारी कर ली है। एनआईसी पोर्टल उन बड़े करदाताओं को भी सुविधा प्रदान करता है जिनका वार्षिक टर्नओवर 500 करोड़ से अधिक है। उन्हें अपने प्रणाली से अपने सप्लायर्स और ग्राहकों तक सीधे एपीआई पहुंच सुनिश्चित करने में सक्षम किया गया है।
छोटे करदाताओं की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखते हुए एनआईसी ने इनके लिए एनआईसी-जीईपीपी उपकरण के रूप में ऑफ़लाइन एक्सेल-आधारित आईआरएन की तैयारी और प्रिंटिंग टूल को विकसित किया है। यह एप्लिकेशन करदाताओं को अपना ई-चालान विवरण दर्ज करने और एनआईसी आईआरएन पोर्टल पर अपलोड करने के लिए फ़ाइल तैयार करने, आईआरएन को क्यूआर कोड के साथ डाउनलोड करने और ई-इनवॉइस को क्यूआर कोड के साथ प्रिंट करने की अनुमति देगा।
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