जल शक्ति मंत्रालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी गांव के सरपंचों और ग्राम प्रधानों से अपील की कि वे गांवों में जल जीवन मिशन को प्रभावी रूप से कार्यान्वयित करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखें, जिससे प्रत्येक घर को विशेष रूप से गरीब समुदायों को नल का जल प्राप्त हो सके
Posted On:
01 OCT 2020 5:21PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 सितंबर, 2020 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) के प्रभावशाली कार्यान्वयन के लिए देश के सभी सरपंचों/ग्राम प्रधानों को पत्र के माध्यम से अपनी बात कही। इस मिशन के लक्ष्य- ‘हर घर जल’’ को सभी सरपंच/प्रधान/ग्राम समुदाय के नेताओं की सहायता से पूर्ण रूप से साकार किया जा सकता है क्योंकि वे इसके कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि किस प्रकार से इस मिशन की सफलता में लोगों द्वारा किए गए योगदान ने इतिहास रच दिया है। इस मिशन के माध्यम से जलापूर्ति के मुद्दे को न केवल समाप्त किया जाएगा, बल्कि जल जनित रोगों जैसे हैजा, पेचिश, दस्त, इंसेफेलाइटिस, टाइफाइड आदि से निपटने में भी सहायता मिलेगी। इसके अलावा, जब पशुओं को सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल प्रदान किया जाता है, तो इससे न केवल उनके स्वास्थ्य में सुधार आता है बल्कि वह उनकी उत्पादकता में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इस प्रकार से परिवारों की आय में भी सुधार होता है। प्रधानमंत्री ने लोगों और ग्राम पंचायतों से जल जीवन मिशन को एक जन आंदोलन बनाने की अपील की।
इस पत्र का समय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि देश पूरी क्षमता के साथ कोरोना महामारी से लड़ रहा है और साथ ही आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रहा है बल्कि सही मायने में 'आत्मनिर्भर भारत' बन चुका है। पत्र में सड़क, आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली, बैंक खाता और सभी लोगों को पेंशन प्रदान करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा पिछले छह वर्षों में किए गए प्रयासों का उल्लेख किया गया है। एक अत्यंत आवश्यकता के रूप में सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल के महत्व पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से जेजेएम अपने आप में एक कार्यक्रम के रूप में उभरा है जिसमें योजना, कार्यान्वयन, संचालन और रख-रखाव की भूमिका गांव के समुदायों में निहित है जिसके द्वारा प्रत्येक घर तक पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
अपने पत्र में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार से पानी की कमी से महिलाओं और बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आग्रह किया गया है कि महिलाएं जल प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाएं क्योंकि इसको महिलाओं द्वारा सर्वोत्तम रूप से किया जा सकता है, केंद्र और राज्य सरकारें केवल एक सुविधा प्रदाता की भूमिका निभा सकती है जबकि महिलाएं ग्रामीण स्तर पर पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम में शीर्ष स्तर पर हैं। जल जीवन मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न करने का एक साधन भी है। कोरोना वायरस महामारी के कारण स्वदेश वापस लौटे प्रवासी कामगारों के लिए गरीब कल्याण रोजगार योजना के अंतर्गत इस मिशन को प्राथमिकता प्रदान की गई है।
प्रधानमंत्री ने देश के सरपंचों/ग्राम प्रधानों से अपील की है कि वे इस जीवन परिवर्तन मिशन के अंतर्गत गांव के प्रत्येक घर, विशेष रूप से गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों को नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में अपने प्रयास को जारी रखें। सरपंचों और प्रधानों से अपने और सरकार दोनों के लिए सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। श्री मोदी ने आशा व्यक्त की कि गांव के सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत के प्रत्येक सदस्य को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए छह फीट की दूरी का पालन करने और मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करते हुए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा की कामना की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जीवन परिवर्तन वाले, जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत/ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों/पानी समितियों द्वारा गांवों के प्रत्येक घर को सुनिश्चित पानी की आपूर्ति प्रदान करने के लिए 'मार्गदर्शिका' का भी विमोचन किया (मार्गदर्शिका देखने के लिए यहां क्लिक करें)। जल जीवन मिशन के 'लोगो' का भी अनावरण किया गया। जल जीवन मिशन को राज्यों के साथ साझेदारी के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने का जल उपलब्ध कराना है। पिछले एक वर्ष में, पूरे देश में 2.30 करोड़ से ज्यादा घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। वर्तमान में, 5.50 करोड़ घरों को उनके घरों में सुनिश्चित रूप से सुरक्षित नल का पानी प्राप्त हो रहा है, यानी कुल ग्रामीण परिवारों का लगभग 30 प्रतिशत।
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