पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
जहाजरानी मंत्रालय ने सार्वजनिक परामर्श के लिए नौवहन सहायता विधेयक 2020 का मसौदा जारी किया
विधेयक का उद्देश्य 90 वर्ष से अधिक पुराने लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को प्रतिस्थापित करना है
Posted On:
10 JUL 2020 12:01PM by PIB Delhi
शासन में लोगों की भागीदारी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरुप जहाजरानी मंत्रालय ने हितधारकों और आम जनता से सुझाव आंमत्रित करने के लिए नौवहन सहायता विधेयक-2020 का मसौदा जारी किया है।
विधेयक का यह मसौदा लगभग नौ दशक पुराने लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को बदलने के लिए लाया गया, ताकि इसमें सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं, तकनीकी विकास और समुद्री नौवहन के क्षेत्र में भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को समाहित किया जा सके।
केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह पहल उनके मंत्रालय द्वारा पुरातन औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त करने और उसके स्थान पर समुद्री परिवहन क्षेत्र की आधुनिक और समकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप नई व्यवस्था करने के सक्रिय दृष्टिकोण का हिस्सा है। श्री मंडाविया ने कहा कि जनता और हितधारकों के सुझाव कानून के प्रावधानों को मजबूत करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य समुद्री नौवहन की अत्याधुनिक तकनीकों को विनियमित करना है जो पहले लाइटहाउस एक्ट, 1927 के वैधानिक प्रावधानों में उलझी हुई थी।
मसौदा विधेयक पोत परिवहन सेवाओं, रेक फ़्लैगिंग, प्रशिक्षण और प्रमाणनतथा उन अंतर्राष्ट्रीय संधियों जिन पर भारत हस्ताक्षर कर चुका है के तहत अन्य दायित्वों के निर्वहन के लिए प्रकाशस्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशालय को अतिरिक्त अधिकार और शक्तियां प्रदान करता है। इसमें प्राचीन धरोहरों के रूप में मौजूद प्रकाश स्तंभों की पहचान करने और उनका विकास करने की भी व्यवस्था है।
मसौदा विधेयक में नौवहन में बाधा डालने और किसी तरह का नुकसान पहुंचाने तथा केंद्र सरकार और अन्य निकायों द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं किये जाने पर दंडात्मक व्यवस्थाओं औरऐसे कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखने के लिए एक नई सूची बनाई गई है।
समुद्री नौवहन के लिए उन्नत आधुनिक तकनीकी से लैस सहायक उपकरणों के आ जाने से समुद्री नौवहन को विनियमित करने और संचालित करने वाले अधिकारियों की भूमिका भी काफी बदल गई है। इसलिए प्रस्तावित नए कानून में प्रकाश स्तंभ के स्थान पर नौवहन के लिए आधुनिक सहायक सामग्रियों के इस्तेमाल पर बल दिया गया है।
विधेयक का मसौदा प्रकाशस्तंभ और प्रकाशपोत महानिदेशालय की वेबसाइट http://www.dgll.nic.in/Content/926_3_dgll.gov.in.aspx पर अपलोड किया गया है, जहां आम नागरिक विधेयक के मसौदे के बारे में अपने सुझाव और राय ई मेल पते atonbill2020[at]gmail[dot]com पर 24.07.2020 तक भेज सकते हैं।
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