गृह मंत्रालय

केन्द्र सरकार ने कोविड​​-19 से प्रभावी तरीके से निपटने और उसे फैलने से रोकने के लिए स्थिति का आकलन करने और राज्य के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए अंतर-मंत्रालयी केन्‍द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया

Posted On: 24 APR 2020 5:10PM by PIB Delhi

देश के कुछ जिलों में, लॉकडाउन उपायों के उल्लंघन के अनेक मामलों की जानकारी मिली है, जिससे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा है और कोविड-19 फैलने की आशंका उत्‍पन्‍न हो गई है, जो जनता के सामान्य हित के खिलाफ है। इन उल्लंघनों में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल करने वाले अग्रिम पंक्ति के पेशेवरों पर हिंसा से लेकर पुलिस कर्मियों पर हमले, बाजार में एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के नियमों का उल्लंघन और क्‍वारंटाइन केन्‍द्रों की स्थापना के विरोध जैसी घटनाएं शामिल हैं।

केन्‍द्र ने अंतर-मंत्रालयी केन्‍द्रीय टीमों (आईएमसीटी) का गठन किया है, जिसमें गुजरात के लिए दो और तेलंगाना, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लिए एक-एक (पहले से गठित मुंबई-पुणे टीम की जिम्‍मेदारी के क्षेत्र का विस्तार किया गया है) टीम शामिल है। ये टीमें मौके पर स्थिति का आकलन करेंगी और निवारण के लिए राज्य प्राधिकरणों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगी तथा अपनी रिपोर्ट आम जनता के हित में केन्द्र सरकार को सौंपेंगी।

स्थिति प्रमुख हॉटस्पॉट जिलों या अहमदाबाद और सूरत (गुजरात) अथवा उभरते हॉटस्पॉट, ठाणे (महाराष्ट्र); हैदराबाद (तेलंगाना); और चेन्नई (तमिलनाडु) में विशेष रूप से गंभीर है। ये टीमें कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने और उसे फैलने से रोकने के लिए केन्‍द्र और राज्य के प्रयासों की विशेषज्ञता का उपयोग करेंगी।

आईएमसीटी आपदा प्रबंधन कानून 2005 के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार लॉकडाउन उपायों का पालन और कार्यान्वयन; आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति; अपने घरों से बाहर निकलने पर लोगों के एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने;  स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की तैयारी, जिले में अस्पताल सुविधाएं और आंकड़ों का प्रतिदर्श; स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा, जांच किट, पीपीई, मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता; और श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए राहत शिविरों की स्थितियों सहित अनेक मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करेगा।

यदि उल्लंघनों की उपरोक्‍त घटनाओं को पाबंदी उपायों के बिना हॉटस्पॉट जिलों / उभरते हुए हॉटस्पॉट्स या यहां तक ​​कि मलिन बस्‍ती जैसे स्थानों पर जहां बड़े पैमाने पर इसका प्रकोप हो सकता है, में जारी रहने की अनुमति दी जाती रही तो इससे देश के लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा।

केन्द्र सरकार ने अन्‍य बातों के अलावा आपदा प्रबंधन कानून 2005 की धारा 35 (1), 35 (2) (ए), 35 (2) (ई) और 35 (2) (i) में दी गई शक्तियों का इस्‍तेमाल करते हुए समितियों का गठन किया है। राज्यों / संघ शासित प्रदेशों की सरकारों को भी सलाह दी गई है कि वे आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के अंतर्गत जारी किए गए एमएचए के दिशा-निर्देशों में अपेक्षित उपायों की तुलना में और कड़े उपाय लागू कर सकते हैं, उन्हें कमजोर नहीं किया जाएगा।

 

इसके अलावा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने दिनांक 31.03.2020 के आदेश में कहा है कि देश की सभी संबंधित राज्य सरकारें, सार्वजनिक प्राधिकरण और नागरिक जनता की सुरक्षा के हित में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों और आदेशों का ईमानदारी से शब्‍दश: पालन करेंगे। न्‍यायालय की यह टिप्‍पणी, जिसे शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के रूप में माना जाना चाहिए, सभी राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों को भी सूचित कर दी गई है।

आईएमसीटी जल्‍द ही अपने दौरे शुरू करेगी।

 

*****

एएम/केपी/डीए
 



(Release ID: 1617913) Visitor Counter : 336