विद्युत मंत्रालय

केन्द्रीय विद्युत मंत्री ने बिजली क्षेत्र के लिए प्रमुख राहत उपायों को स्वीकृति दी


विद्युत मंत्रालय लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा

भुगतान सुरक्षा को 50 प्रतिशत तक कम किया जाएगा

जेनकॉस और पारेषण लाइसेंसधारकों को भुगतान करने के लिए डिस्कॉम को 3 महीने की मोहलत

Posted On: 28 MAR 2020 10:40AM by PIB Delhi

कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद, सभी घरों और प्रतिष्ठानों को रोशन रखने के लिए बिजली क्षेत्र का पूरा कार्यबल- निर्माण, पारेषण, वितरण और सिस्टम संचालन चौबीस घंटे काम कर रहा है। केन्द्रीय विद्युत मंत्री श्री आर.के.सिंह ने कहा कि इस संकट के समय में, विद्युत मंत्रालय सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

लगभग 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से होता है। घरेलू कोयला कंपनियों द्वारा कोयले की आपूर्ति की निरंतरता और रेलवे द्वारा परिवहन को बनाए रखने के लिए विद्युत मंत्रालय, रेलवे और कोयला मंत्रालयों के संपर्क में है।

लॉकडाउन के कारण, उपभोक्ता वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को अपना बकाया भुगतान करने में असमर्थ हैं। इससे डिस्कॉम की लिक्विडिटी की स्थिति प्रभावित हुई है जिससे उत्पादन और पारेषण कंपनियों को भुगतान करने की उनकी क्षमता में भी कमी आई है। इस संदर्भ में, केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर.के.सिंह ने बिजली क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण राहत उपायों को स्वीकृति दी है। डिस्कॉम की लिक्विडिटी समस्याओं को कम करने के लिए निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं-

  1. सीपीएसयू निर्माण/पारेषण कंपनियां डिस्कॉम पर भारी बकाया होने की स्थिति में भी बिजली की आपूर्ति/पारेषण जारी रखेंगी। वर्तमान आपातकाल के दौरान किसी भी डिस्कॉम को आपूर्ति की कोई कमी नहीं होगी।
  2. 30 जून 2020 तक, बिजली के पारेषण के लिए उत्पादक कंपनियों के साथ वितरण कंपनियों के द्वारा बनाए रखे जाने वाले भुगतान सुरक्षा तंत्र को पचास प्रतिशत तक कम किया जाएगा।
  3. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि वह उत्पादक कंपनियों और पारेषण लाईसेंसधारकों को भुगतान करने के मामले में डिस्कॉम को तीन महीने की मोहलत प्रदान करे और इस संदर्भ में देरी से भुगतान के मामले में लागू जुर्माना दरें भी नहीं लगाई जाएंगी। राज्य सरकारों से भी राज्य विद्युत नियामक आयोगों को इसी तरह के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया जा रहा है।

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एएम/एसएस



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