Posted On:
12 NOV 2020 6:05PM by PIB Delhi
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत भारत सरकार की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिये 12 प्रमुख उपायों की घोषणा की है। इसके तहत 2.65 लाख करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की गई। एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए, निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अब तक कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा हुई है। यह जीडीपी का 15 फीसदी है।' इसमें से 9 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद का प्रोत्साहन सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।
आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 12 मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
1) आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना :
कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना शुरू की गई है। योजना के तहत अगर ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान ऐसे नए कर्मचारियों को लेते हैं जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे या जो नौकरी खो चुके हैं, तो यह योजना उनके कर्मचारियों को लाभ देगी।
इस योजना के तहत लाभार्थी / नए कर्मचारी होंगे:
· 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पर ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान में रोजगार पाने वाला कोई भी नया कर्मचारी।
· 15,000 रुपये से कम का मासिक वेतन पाने वाले ईपीएफ सदस्य जिन्होंने 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान रोजगार गंवाया और 01.10.2020 से या उसके बाद कार्यरत है।
केंद्र सरकार निम्नलिखित पैमाने पर 01.10.2020 या उसके बाद लगे नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में दो साल के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी:
· 1000 कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठान: कर्मचारी का योगदान (वेतन का 12%) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12%) कुल वेतन का 24%
· 1000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले प्रतिष्ठान: केवल कर्मचारी के ईपीएफ का अंशदान (वेतन का 12%)
यह योजना 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी होगी और 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी। साथ ही कुछ अन्य पात्रता मानदंडों को भी इसमें पूरा करना होगा, और केंद्र सरकार नए योग्य कर्मचारियों के संबंध में दो साल के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी।
2) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों, व्यवसायों, मुद्रा ऋणकर्ताओं और व्यक्तिगत ऋणों (व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऋण) के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना का 31 मार्च, 2021 तक विस्तार किया गया है।
कोविड-19 के कारण हेल्थकेयर सेक्टर और 26 संकटग्रस्त सेक्टरों के लिए क्रेडिट गारंटी सहायता योजना शुरू की जा रही है जिनका क्रेडिट बकाया 29 फरवरी, 2020 को 50 से 500 करोड़ रुपये तक दर्ज किया गया। इन एंटिटीज को बकाए का 20 फीसदी तक अतिरिक्त क्रेडिट के तौर पर दिया जाएगा। इस अतिरिक्त क्रेडिट को चुकाने की अवधि 5 साल होगी, जिसमें प्रिंसिपल रिपेमेंट पर 1 साल का मोरेटोरियम शामिल होगा। यह योजना 31 मार्च, 2021 तक लागू है। संस्थाओं को बकाया ऋण का 20% तक अतिरिक्त ऋण मिलेगा, पुनर्भुगतान पांच साल के समय में किया जा सकता है।
3) 10 चैंपियन सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना की घोषणा की गई।
घरेलू विनिर्माण में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के तहत 10 और चैंपियन सेक्टर को कवर किया जाएगा। इससे अर्थव्यवस्था, निवेश, निर्यात और रोजगार सृजन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। लगभग 1.5 लाख करोड़ की राशि अगले पांच वर्षों के लिए इन सेक्टरों में लगाई गई है। दस सेक्टर हैं – एडवांस सेल केमिस्ट्री बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक / टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल्स एंड ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स, टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, व्हाइट गुड्स (एसीएस एंड एलईडी) और स्पेशलिटी स्टील।
4) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लिए अतिरिक्त 18,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 18000 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। यह राशि इस साल दिए जा चुके 8,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी। इस फैसले से 12 लाख मकानों का काम शुरू करने के साथ ही 18 लाख मकानों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे 78 लाख नए रोजगार के मौके पैदा होंगे और स्टील तथा सीमेंट की उत्पादन और मांग भी बढ़ेगी। जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव होंगे।
5) कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के लिए राहत का ऐलान – सरकारी निविदा के लिए अग्रिम जमा रकम और परफॉर्मेंस सिक्योरिटी पर छूट
व्यापार सुगमता और सरकारी ठेके से जुड़ी निर्माण और ढांचागत कंपनियों के लिए राहत का ऐलान किया गया है। परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को 5-10% से घटाकर 3 फीसदी किया गया है। इससे उन ठेकेदारों को राहत मिलेगी जिनका पैसा अन्यथा फंसा रहता है। जारी अनुबंधों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को भी बढ़ाएगा। निविदाओं के लिये अग्रिम जमा रकम को बिड सिक्योरिटी डिक्लेरेशन द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। यह छूट 31 दिसंबर 2021 तक के लिए होगी।
6) घर खरीदने वालों और डेवलपर्स को आयकर में छूट
आईटी एक्ट की धारा 43 सीए के तहत रियल एस्टेट इनकम टैक्स में सर्किल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू के बीच अंतर 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। यह 2 करोड़ रुपये (इस योजना की घोषणा की तारीख से 30 जून 2021 तक) तक की आवासीय इकाइयों की प्राथमिक बिक्री के लिए है। धारा 56(2)(x) के तहत इन इकाइयों के खरीदारों को उक्त अवधि के लिए आईटी अधिनियम के तहत 20% तक की छूट भी दी जाएगी। इस आयकर राहत से मध्यम वर्ग को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगाता है।
7) इंफ्रा डेट फाइनेंसिंग के लिए प्लेटफॉर्म का ऐलान
सरकार राष्ट्रीय अवसंरचना निवेश कोष (एनआईआईएफ) के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपये इक्विटी के रूप में निवेश करेगी। य़ह एनआईआईएफ को 2025 तक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 1.1 लाख करोड़ का ऋण प्रदान करने में मदद करेगा।
8) कृषि को समर्थन देने के लिए 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी देने की घोषणा
उर्वरक की खपत तेजी से बढ़ रही है। किसानों को आगामी फसल सत्र के दौरान उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 65,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये जा रहा है।
9) ग्रामीण रोजगार को गति:
ग्रामीण रोजगार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान का एलान किया है। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
10) निर्यात परियोजना को बढ़ावा:
भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना के तहत कर्ज सहायता के जरिए निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्जिम बैंक को 3,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यह एक्जिम बैंक को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट को सुविधाजनक बनाने और भारत से निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
11) कैपिटल और इंडस्ट्रियल व्यय:
कैपिटल और इंडस्ट्रियल व्यय के लिए 10,200 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय आवंटन का एलान किया गया है। यह घरेलू डिफेंस इक्विपमेंट, इंडस्ट्रियल इंसेंटिव, इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी के लिए कैपिटल एवं इंडस्ट्रियल व्यय होगा।
12) कोविड वैक्सीन के लिए अनुसंधान एवं विकास अनुदान
भारतीय कोविड वैक्सीन के शोध और विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये अनुदान देने की घोषणा की गइ है।
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