उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री 10 सितंबर को अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) परीक्षण सुविधा का उद्घाटन करेंगे
घरेलू विनिर्माण को समर्थन देने वाला सशक्त ईवी परीक्षण बुनियादी ढांचा
विश्व स्तरीय परीक्षण और प्रमाणन के माध्यम से ईवी विश्वास को बढ़ावा देना
Posted On:
09 SEP 2025 12:31PM by PIB Delhi
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी सतत गतिशीलता को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के भारत के मिशन के अनुरूप 10 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कोलकाता की अलीपुर क्षेत्रीय प्रयोगशाला में अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) परीक्षण सुविधा का उद्घाटन करेंगे।
उन्नत बुनियादी ढांचे से सुसज्जित, यह प्रयोगशाला ईवी बैटरियों और उनके पुर्जों पर महत्वपूर्ण परीक्षण करेगी, जिनमें विद्युत सुरक्षा, एफसीसी/आईएसईडी अनुपालन, कार्यात्मक सुरक्षा, स्थायित्व, जलवायु परीक्षण (आईपी, यूवी, संक्षारण), और यांत्रिक एवं भौतिक सुरक्षा (ज्वलनशीलता, ग्लो वायर, आदि) शामिल हैं। यह सुविधा विशेष रूप से पूर्वी भारत में ईवी बैटरी निर्माताओं को विश्वसनीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त परीक्षण और प्रमाणन प्रदान करेगी, जिससे उत्पाद सुरक्षा, प्रदर्शन और नियामक अनुपालन सुनिश्चित होगा।
यह सुविधा इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय मानक के रूप में कार्य करेगी, जिससे निर्माताओं को शीघ्र त्रुटि पहचान, उत्पाद विश्वसनीयता में वृद्धि और कड़े सुरक्षा एवं प्रदर्शन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ताओं में आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और भारत की हरित गतिशीलता की यात्रा में तेज़ी आएगी।
इस सुविधा की स्थापना एक सशक्त ईवी इकोसिस्टम बनाने, आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू निर्माताओं को किफ़ायती परीक्षण सेवाओं के साथ दृढ़ बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस विकास के साथ, एनटीएच भारत के सतत परिवहन में एक प्रमुख प्रवर्तक और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में अपनी भूमिका को और मज़बूत करता है।
इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण-अनुकूल गतिशीलता समाधानों की ओर वैश्विक बदलाव में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ उत्सर्जन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भारत ने 2030 तक 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच (30@30) हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इलेक्ट्रिक वाहन और उनके घटक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कठोर परीक्षण, सत्यापन और प्रमाणन से तैयार हो।
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