श्रम और रोजगार मंत्रालय
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प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च की गई


बेहतर पहुंच के लिए चौदह प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं ई-श्रम के साथ समेकित की गईं

Posted On: 21 AUG 2025 3:16PM by PIB Delhi

सरकार ने 01.07.2025 को प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना के नाम से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को स्वीकृति दी। इसका उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए सभी सैक्टरों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

यह योजना श्रम-प्रधान मंत्रालयों, ट्रेड यूनियनों, उद्योग संघों और विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई है। श्रम-प्रधान मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधियों वाली एक संचालन समिति का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त, योजना के प्रभावी कार्यान्वयन, गहन निगरानी और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यकारी समिति का भी गठन किया गया है।

इस योजना की पंजीकरण अवधि 01.08.2025 से 31.07.2027 तक दो वर्षों की है और वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2031-32 की अवधि के लिए इसका बजटीय परिव्यय 99,446 करोड़ रुपए है। इस योजना के दो भाग हैं, अर्थात् भाग क और भाग ख, और यह कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहनों के माध्यम से सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। इस योजना के भाग क के अंतर्गत 1.92 करोड़ नए पात्र कर्मचारियों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। योजना के भाग ख के अंतर्गत नियोक्ताओं को लगभग 2.59 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु ई-श्रम को वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में विकसित करने के बजट घोषणा 2024-25 के विजन को ध्यान में रखते हुए, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2024 को ई-श्रम- "वन-स्टॉप-सॉल्यूशन" की शुरुआत की। ई-श्रम- "वन-स्टॉप-सॉल्यूशन" विभिन्न सामाजिक सुरक्षा/कल्याणकारी योजनाओं को एक ही पोर्टल पर एकीकृत करता है। यह ई-श्रम पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने और ई-श्रम के माध्यम से अब तक प्राप्त लाभों को देखने में सक्षम बनाता है।

अब तक, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएमएसवीएनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (पीएमएवाई-यू), प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (पीएम-केएमवाई), वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) सहित ई-श्रम कार्डधारकों को सामाजिक सुरक्षा, बीमा या कौशल विकास कार्यक्रमों तक लाभ और पहुंच प्रदान करने के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों की चौदह (14) योजनाओं को पहले से ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मानचित्रित कर दिया गया है।

उपरोक्त योजनाओं के अलावा, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम), राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस), स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच), न्यू-एज गवर्नेंस के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (उमंग), डिजिटल लॉकर (डिजिलॉकर), माईस्कीम और ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म (ओजीडी) के साथ भी एकीकृत किया गया है।

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए ई-श्रम और इससे संबंधित सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच को और बढ़ाने के लिए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 24 फरवरी 2025 को आधिकारिक तौर पर ई-श्रम मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया। यह एप्लिकेशन ई-श्रम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत कल्याणकारी योजनाओं तक वास्तविक समय तक पहुंच की सुविधा प्रदान करता है, जिससे पहुंच और उपयोगकर्ता सुविधा दोनों को अत्यधिक मजबूती मिलती है।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपनी बजट घोषणा में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (प्लेटफॉर्म श्रमिकों) के गिग श्रमिकों के कल्याण के लिए कई प्रमुख उपायों जैसे ई-श्रम पोर्टल पर उनका पंजीकरण, पहचान पत्र जारी करना और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल लाभ के विस्तार की घोषणा की है।

श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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